Skip to main content

Latest Astrology Updates in Hindi

Shukra ka singh raashi me gochar rashifal

Shukra ka gochar singh Rashi mai kab hoga, शुक्र के सिंह राशि में प्रवेश का राशिफल हिंदी ज्योतिष अनुसार, लव राशिफल,  Venus Transit in Leo 2024. Shukra ka singh raashi me gochar:  शुक्र ग्रह 31 july, बुधवार को दिन में लगभग 2:14 बजे सिंह राशि में प्रवेश करेंगे | इसका असर हमे सब तरफ देखने को मिलेगा परन्तु कुछ लोगो के जीवन में बड़े परिवर्तन होंगे | वैदिक ज्यो|तिष  के अनुसार शुक्र ग्रह भौतिक सुख-सुविधाओं, प्रेम, विलासिता, सौंदर्य, रोमांस, आकर्षण शक्ति का कारक है । सिंह राशि में शुक्र शत्रु राशि के होते हैं जिसके कारण लोगो के प्रेम जीवन, में कमाई में, विलासिता में काफी बदलाव हो सकते हैं | Shukra ka singh raashi me gochar rashifal शुक्र प्रेम, सौंदर्य और धन का ग्रह है। जब यह सिंह राशि में गोचर करता है, तो यह रचनात्मकता, रोमांस और आत्म-अभिव्यक्ति में वृद्धि का समय ला सकता है। सिंह एक अग्नि चिन्ह है, इसलिए यह जुनून, उत्साह और रचनात्मकता से जुड़ा है। सिंह राशि में शुक्र हमें अधिक आत्मविश्वासी और मिलनसार महसूस करा सकता है, और इससे नए रोमांटिक रिश्ते या हमारी रचनात्मकता को व्यक्त करने के अवसर

vipreet rajyoga kaise banta hai

विपरीत राजयोग कैसे बनता है, what is vipreet rajyoga,  क्या फायदे होते हैं विपरीत राजयोग के, क्या सबके कुंडली में राजयोग होता है? |

ज्योतिष प्रेमियों को राजयोग को लेके बहुत उत्सुकता रहती है और लोग अपनी कुंडली में राजयोग को जानना चाहते हैं क्यूंकि इसके कारण जातक को अतुलनीय सफलता प्राप्त होती है, जातक को मान-सम्मान प्राप्त होता है, धन प्राप्त होता है, पारिवारिक जीवन का सुख प्राप्त होता है, ऐशो आराम के साधन प्राप्त होते हैं | 

इस लेख में हम जानने वाले हैं विपरीत राजयोग के बारे में जिसके कारण भी जातक को जीवन में विभिन्न प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं, हम उदाहरण के साथ ये भी जानेंगे की कब ये विपरीत राजयोग फल नहीं देता है, कब इसके शुभ फल जातक को प्राप्त होते हैं |

विपरीत राजयोग कैसे बनता है, what is vipreet rajyoga,  क्या फायदे होते हैं विपरीत राजयोग के, क्या सबके कुंडली में राजयोग होता है? |
vipreet rajyoga kaise banta hai

Read in english about how vipreet rajyoga form in horoscope

आइये सबसे पहले जानते हैं की कुंडली के कौन से भावो का अध्ययन किया जाता है विपरीत राजयोग को जानने के लिए ?

विपरीत राजयोग को जानने के लिए जन्म पत्रिका के त्रिक भावो का अध्ययन किया जाता है अर्थात 6, 8 और 12 भावों का अध्ययन किया जाता है |

कैसे बनता है विपरीत राजयोग ?

अगर कुंडली के 6, 8 और 12 भावो के स्वामी इन्ही में से किसी भाव में बैठ जाए तो ऐसे में जातक की जन्म पत्रिका में विपरीत राजयोग बनता है | 

जातक को कब इसका फल प्राप्त नहीं होता ?

अगर कुंडली में लग्न कमजोर हो तो ऐसे में जन्म पत्रिका में विपरीत राजयोग होने पर भी जातक का जीवन संघर्ष से भरा होता है और ऐसे में कुछ ठोस उपायों को करने की आवश्यकता होती है |

अगर ग्रह कुंडली में कमजोर हो तो भी इसका अपेक्षित फल प्राप्त नहीं होता है | 

पढ़िए कुंडली में मौजूद शुभ और अशुभ योगो के बारे में 

आइये जानते हैं विपरीत राजयोग के बारे में कुछ ख़ास बाते ?

  1. इस योग के होने पर ऐसा नहीं होगा की जातक शुरू से ही सफलता की सीढ़ियाँ चढ़ने लगता है अपितु संघर्ष के बाद आखिर में सफल जरुर होता है |
  2. लग्न के कमजोर होने पर विपरीत राजयोग का फल प्राप्त करने में मुश्किल होती है | 
  3. इस योग के कारण जातक के जीवन में अचानक से बड़े बड़े परिवर्तन देखने को मिलते हैं |
  4. इस योग के होने से जातक को मुसीबत के समय किसी ना किसी का मार्गदर्शन मिलता है और जातक संकटों से बाहर आ जाता है, इसमें कोई शक नहीं | 
  5. अगर कोई कर्जे में हो और उनके कुंडली में विपरीत राजयोग हो तो निश्चित ही आप किसी के सहायता से बाहर आ पायेंगे |
  6. अगर  कोई किसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त हो और कुंडली में विपरीत राज योग बनता है तो आप निश्चित ही उससे बाहर आ पायेंगे |
watch video here:

आइये जानते हैं विपरीत राजयोग के प्रकार :

ग्रहों की स्थिति के अनुसार विपरीत राजयोग 3 प्रकार के होते हैं :

  1. हर्ष विपरीत राजयोग।
  2. सरल विपरीत राजयोग।
  3. विमल विपरीत राजयोग।

नोट: आगे विस्तृत रूप से इन योगों के बारे में जानने से पहले ये जानना आवश्यक है की अगर जन्म पत्रिका में लग्न कमजोर हो तो ऐसे में ये योग अपना फल पूरी तरह से नहीं दे पाते हैं और दूसरी बात ये भी ध्यान रखने की है की अगर ग्रहों की शक्ति कम है तो भी इनका फल पूरा प्राप्त नहीं होता है | 

आइये जानते हैं हर्ष विपरीत राजयोग कैसे बनता है कुंडली में ?

अगर जन्मपत्रिका में छठे भाव का स्वामी त्रिक भावो में से कहीं भी बैठ जाए तो हर्ष योग नाम का विपरीत राजयोग बनता है | इसके कारण जातक  शत्रुओ पर विजय प्राप्त करता है, उसे धन की कमी नहीं रहती है, किसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त होने पर भी वो उस पर विजय प्राप्त करता है |  ऐसा जातक बड़े बड़े निवेश भी कर पाता है |

आइये जानते हैं सरल विपरीत राजयोग कैसे बनता है कुंडली में ?

अगर जन्मपत्रिका में अष्टम भाव का स्वामी त्रिक भावो में से कहीं भी बैठ जाए तो सरल नाम का विपरीत राज योग बनता है |

सरल योग के होने से जातक अनुसन्धान के कार्य में सफल होता है, ऐसे व्यक्ति का तार्किक दिमाग बहुत अच्छा होता है, जीवन में समय समय पर आकस्मिक बड़े लाभ होते हैं और आकस्मिक रूप से बड़े बड़े परिवर्तन होते हैं जो की जीवन को बदल देते हैं | ऐसे जातक अगर अध्यात्म में हो तो बहुत ऊँचा स्थान प्राप्त करते हैं, अगर वैज्ञानिक बन जाए तो बहुत बड़ी खोज कर लेते हैं, नौकरी या व्यापार में हो तो नए नए तरीको से अपने कार्यो को अंजाम देते हैं |

आइये जानते हैं विमल विपरीत राजयोग कैसे बनता है कुंडली में ?

अगर जन्म कुंडली में बारहवें भाव का स्वामी किसी भी त्रिक भाव में बैठ जाए तो विमल नाम का राज योग बनता है | 

इस योग के कारण जातक अपने जन्म स्थली से दूर अपना नाम करता है, ऐशो आराम में खूब धन कर्च करता है, बड़े बड़े निवेश भी करता है और अपने हिसाब से ही काम करना पसंद करता है |


यहाँ फिर से ये बताना चाहेंगे की विपरीत राजयोग होने पे ये मत समझ लीजिये की आप बहुत जल्दी सफल हो जायेंगे, ये योग ये बताता है की काफी संघर्ष के बाद सफलता जरुर मिलेगी अतः सिर्फ भाग्य के भरोसे नहीं बैठ सकते हैं | 

अगर हम विपरीत राजयोग के लोगो के जीवन को देखे तो इनका जीवन कुछ रहस्यमय तरीके से बदलता हुआ नजर आएगा | 

क्या विपरीत राज योग अच्छा होता है ?

हाँ ये अच्छा होता है परन्तु इसके परिणाम शुरू से नजर नहीं आते हैं और साथ ही अगर ग्रह कमजोर हो तो ऐसे में विपरीत राजयोग का परिणाम पूरा नहीं दिख पाता है और जातक को अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिए बहुत अधिक संघर्ष करना पड़ता है |

आइये अब उदाहरण से समझते हैं विपरीत राज योग को ?

  1. सबसे पहले महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर की कुंडली को देखते हैं | इनकी जन्म पत्रिका में आठवे भाव का स्वामी छठे भाव में बैठा है जिसके कारण सरल विपरीत राजयोग बनता है और इनके जीवन को अगर आप देखे तो खूब मेहनत के बाद इन्होने अपना एक अलग मुकाम पाया परन्तु यहाँ गौर करने वाली बात ये भी है की जब भी इन्हें कप्तान बनाया गया तो ये प्रेशर मी आ गए और इनका प्रदर्शन प्रभावित हुआ | इनके जीवन साथी भी इनके जीवन में अचानक से आई और रहस्यमय तरीके से इनका प्रेम जीवन शुरू हुआ | 
    sachin tendulkar kundli with vipreet rajyoga
    kundli of sachin tendulkar

  2. दूसरा उदाहरण देखते हैं सबके प्रिय अमिताभ बच्चन जी | इनकी कुंडली में आठवे भाव का स्वामी आठवें भाव में ही मौजूद है जिसके कारण सरल विपरीत राजयोग बनता है, इनका जीवन बहुत ही रहस्यमय तरीके से बदला जिसके बारे में सभी जानते हैं | इनके जीवन में इतने बड़े परिवर्तन हुए की साधारण व्यक्ति तो जी ही नहीं पाता परन्तु संघर्षो के बाद आज वे अपना अलग ही मुकाम रखते हैं |
    amitabh bachhan kundli with vipreet rajyoga
    kundli of amitabh bachhan

  3. तीसरी कुंडली देखते हैं राज कपूरजी की, इन्होने तो बॉलीवुड को एक नई दिशा दी है | इनकी कुंडली में देखे तो बारहवें भाव का स्वामी छठे  भाव में बैठा है और विमल विपरीत राजयोग का निर्माण करता है | इन्होने भी खूब संघर्ष किया और एक अलग ही मुकाम हासिल किया है इस दुनिया में और इनका जीवन भी बहुत रहस्यमय तरीके से बदलता गया था |
    raj kapoor kundli with vipreet rajyoga
    vipreet rajyoga kaise banta hai

तो देखा जाए तो विपरीत राजयोग सिर्फ सफलता को ही नहीं दिखता है अपितु संघर्ष के बाद सफलता को दर्शाता है | अगर आपके कुंडली में भी ये योग है तो संघर्ष के बाद सफलता के लिए तैयार रहे और ये योग अगर कमजोर है तो उसका फायदा उठाने के लिए अपनी कुंडली जरुर दिखाए |

  • जानिए क्या कहती है आपकी जन्मपत्रिका ?
  • कब होगा विवाह, जीवन साथी कैसा होगा ?
  • प्रेम जीवन कैसा होगा ?
  • कौन सी पूजा करनी चाहिए, कौन सा रत्न धारण करना चाहिए ?
  • कौन से क्षेत्र में करियर बनाना चाहिए आदि |

विपरीत राजयोग कैसे बनता है, what is vipreet rajyoga,  क्या फायदे होते हैं विपरीत राजयोग के, क्या सबके कुंडली में राजयोग होता है? |

Comments

Popular posts from this blog

84 Mahadev Mandir Ke Naam In Ujjain In Hindi

उज्जैन मंदिरों का शहर है इसिलिये अध्यात्मिक और धार्मिक महत्त्व रखता है विश्व मे. इस महाकाल की नगरी मे ८४ महादेवो के मंदिर भी मौजूद है और विशेष समय जैसे पंचक्रोशी और श्रवण महीने मे भक्तगण इन मंदिरों मे पूजा अर्चना करते हैं अपनी मनोकामना को पूरा करने के लिए. इस लेख मे उज्जैन के ८४ महादेवो के मंदिरों की जानकारी दी जा रही है जो निश्चित ही भक्तो और जिज्ञासुओं के लिए महत्त्व रखती है.  84 Mahadev Mandir Ke Naam In Ujjain In Hindi आइये जानते हैं उज्जैन के ८४ महादेवो के मंदिरों के नाम हिंदी मे : श्री अगस्तेश्वर महादेव मंदिर - संतोषी माता मंदिर के प्रांगण मे. श्री गुहेश्वर महादेव मंदिर- राम घाट मे धर्मराज जी के मंदिर मे के पास. श्री ढून्देश्वर महादेव - राम घाट मे. श्री अनादी कल्पेश्वर महादेव- जूना महाकाल मंदिर के पास श्री दम्रुकेश्वर महादेव -राम सीढ़ियों के पास , रामघाट पे श्री स्वर्ण ज्वालेश्वर मंदिर -धुंधेश्वर महादेव के ऊपर, रामघाट पर. श्री त्रिविश्तेश्वर महादेव - महाकाल सभा मंडप के पास. श्री कपालेश्वर महादेव बड़े पुल के घाटी पर. श्री स्वर्न्द्वार्पलेश्वर मंदिर- गढ़ापुलिया

om kleem kaamdevay namah mantra ke fayde in hindi

कामदेव मंत्र ओम क्लीं कामदेवाय नमः के फायदे,  प्रेम और आकर्षण के लिए मंत्र, शक्तिशाली प्रेम मंत्र, प्रेम विवाह के लिए सबसे अच्छा मंत्र, सफल रोमांटिक जीवन के लिए मंत्र, lyrics of kamdev mantra। कामदेव प्रेम, स्नेह, मोहक शक्ति, आकर्षण शक्ति, रोमांस के देवता हैं। उसकी प्रेयसी रति है। उनके पास एक शक्तिशाली प्रेम अस्त्र है जिसे कामदेव अस्त्र के नाम से जाना जाता है जो फूल का तीर है। प्रेम के बिना जीवन बेकार है और इसलिए कामदेव सभी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। उनका आशीर्वाद जीवन को प्यार और रोमांस से भरा बना देता है। om kleem kaamdevay namah mantra ke fayde in hindi कामदेव मंत्र का प्रयोग कौन कर सकता है ? अगर किसी को लगता है कि वह जीवन में प्रेम से वंचित है तो कामदेव का आह्वान करें। यदि कोई एक तरफा प्रेम से गुजर रहा है और दूसरे के हृदय में प्रेम की भावना उत्पन्न करना चाहता है तो इस शक्तिशाली कामदेव मंत्र से कामदेव का आह्वान करें। अगर शादी के कुछ सालों बाद पति-पत्नी के बीच प्यार और रोमांस कम हो रहा है तो इस प्रेम मंत्र का प्रयोग जीवन को फिर से गर्म करने के लिए करें। यदि शारीरिक कमजोरी

Mrityunjay Sanjeevani Mantra Ke Fayde

MRITYUNJAY SANJEEVANI MANTRA , मृत्युंजय संजीवनी मन्त्र, रोग, अकाल मृत्यु से रक्षा करने वाला मन्त्र |  किसी भी प्रकार के रोग और शोक से बचाता है ये शक्तिशाली मंत्र |  रोग, बुढ़ापा, शारीरिक कष्ट से कोई नहीं बचा है परन्तु जो महादेव के भक्त है और जिन्होंने उनके मृत्युंजय मंत्र को जागृत कर लिए है वे सहज में ही जरा, रोग, अकाल मृत्यु से बच जाते हैं |  आइये जानते हैं mrityunjaysanjeevani mantra : ऊं मृत्युंजय महादेव त्राहिमां शरणागतम जन्म मृत्यु जरा व्याधि पीड़ितं कर्म बंधनः।। Om mriyunjay mahadev trahimaam sharnagatam janm mrityu jara vyadhi peeditam karm bandanah || मृत्युंजय संजीवनी मंत्र का हिंदी अर्थ इस प्रकार है : है कि हे मृत्यु को जीतने वाले महादेव मैं आपकी शरण में आया हूं, मेरी रक्षा करें। मुझे मृत्यु, वृद्धावस्था, बीमारियों जैसे दुख देने वाले कर्मों के बंधन से मुक्त करें।  Mrityunjay Sanjeevani Mantra Ke Fayde आइये जानते हैं मृत्युंजय संजीवनी मंत्र के क्या क्या फायदे हैं : भोलेनाथ दयालु है कृपालु है, महाकाल है अर्थात काल को भी नियंत्रित करते हैं इसीलिए शिवजी के भक्तो के लिए कु