Skip to main content

Hindi Jyotish Website

Hindi astrology services || jyotish website in hindi|| Kundli reading || Birth Chart Calculation || Pitru Dosha Remedies || Love Life Reading || Solution of Health Issues in jyotish || Career Reading || Kalsarp Dosha Analysis and remedies || Grahan Dosha solutions || black magic analysis and solutions || Best Gems Stone Suggestions || Kala Jadu|| Rashifal || Predictions || Best astrologer || vedic jyotish || Online jyotish || Phone jyotish ||Janm Kundli || Dainik Rashifal || Saptahik Rashifal || love rashifal

Kin Logo Ko Bimari Ka adhik Khatra Hai

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार किन लोगों को बीमारी होने का बड़ा खतरा होता है ?, खुद को गंभीर बीमारी से बचाने के लिए क्या सावधानियां रखे ।

इन दिनों में पूरी दुनिया एक महामारी से गुजर रही है और हम आकाशीय पिंडों के प्रभाव को नजरअंदाज नहीं कर सकते क्योंकि ज्योतिष के अनुसार ग्रह जीवन को प्रभावित करते ही हैं।

Kin Logo Ko Bimari Ka adhik Khatra Hai
Kin Logo Ko Bimari Ka adhik Khatra Hai

लेकिन इस लेख में हम इस दुनिया में कोरोना वायरस के कारणों के बारे में बात नहीं कर रहे हैं, इस लेख में हम देखेंगे कि कौन से लोगों को ज्योतिष के अनुसार बीमारियों का बहुत खतरा है और महामारी से बचाने के लिए कौन सी सावधानियां आवश्यक हैं।

इसमें कोई शक नहीं की कुंडली में अधिक ख़राब ग्रहों से जीवन में बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। वैदिक ज्योतिष में चिकित्सा ज्योतिष के बारे में काफी विवरण मिलता है और स्पष्ट करता है कि कोई व्यक्ति स्वास्थ्य कैसे खोता है और ज्योतिष शास्त्र से हम कैसे इसे समझ सकते हैं और क्या उपाय कर सकते हैं?

एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि स्वास्थ्य हानि गोचर में ग्रहों के परिवर्तन पर भी निर्भर करता है। यदि ख़राब ग्रह गोचर में आ जाते हैं तो उस व्यक्ति के जीवन में रोग की संभावना बढ़ जाती है |

जन्म कुंडली के अध्ययन से ये पता चलता है की गोचर में जब ख़राब या नीच ग्रह आते हैं तो जातक बिमारी से ग्रस्त हो जाता है और उनके निकल जाने से स्वास्थ्य ठीक होने लगता है अतः कोई भी जीवन पर आकाशीय पिंडों के प्रभाव को नजरअंदाज नहीं कर सकता है।

ज्योतिषियों द्वारा हमेशा यह सुझाव दिया जाता है कि यदि कोई बीमारी से गुजरता है तो चिकित्सा परामर्श के साथ, सर्वश्रेष्ठ ज्योतिषी से परामर्श करें, जल्दी ठीक होने के लिए । यह भी देखा जाता है कि कभी-कभी दवाएं काम नहीं करती हैं और कारण अज्ञात होते हैं। इस मामले में ज्योतिषी रोगी की मदद करते हैं। तो यह ज्योतिष पर विश्वास करना अंधविश्वास नहीं है। दशकों से विद्वान इस विषय का उपयोग बेहतर जीवन के लिए करते आये हैं।

कुंडली के अनुसार रोग:

वैदिक ज्योतिष के अनुसार, यदि कोई किसी भी प्रकार की बीमारी से पीड़ित है तो इसमें कोई संदेह नहीं है कि व्यक्ति की कुंडली में गोचर में बुरे ग्रह आ चुके हैं |
ज्योतिषी आसानी से व्यक्ति के जन्म चार्ट का अध्ययन करके बीमारी के कारणों की भविष्यवाणी कर सकते है। गोचर में ग्रहों की स्थिति में परिवर्तन भी बीमारियों को उत्पन्न करता है जिसे गोचर कुंडली का अध्ययन करके जाना जा सकता है।



आगे बढ़ने से पहले, आइए 9 ग्रहों से संबंधित अंगों और रोगों को देखें:
  1. ज्योतिष के अनुसार, हृदय, आँखें, रीढ़ की हड्डी, पाचन तंत्र सूर्य से संबंधित हैं। यदि सूर्य जन्म कुंडली में कमजोर है तो बहुत संभव है कि व्यक्ति आंखों की रोशनी की समस्या, माइग्रेन की समस्या, कमजोर हृदय के कारण अस्थिर रक्त परिसंचरण, शरीर के असामान्य तापमान, कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली आदि से पीड़ित हो सकता है, इसलिए इस मामले में अच्छा है की ज्योतिषी से परामर्श करके सूर्य की शांति पूजा और कुंडली में सूर्य की स्थिति के अनुसार अन्य उपाय भी किये जाएँ ।
  2. किडनी, पेट, गर्भाशय, मन, आंख, श्वसन अंग चंद्रमा से संबंधित हैं। यदि कुंडली में चंद्रमा ख़राब या दुर्बल हो जाता है तो यह व्यक्ति की नींद, मानसिक स्थिति को प्रभावित करता है। यह पाचन तंत्र को भी प्रभावित करता है और खांसी और सर्दी की समस्या भी पैदा करता है। महिलाओं को मासिक धर्म विकार का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि चंद्रमा शरीर में तरल पदार्थों से संबंधित है। कुछ को आंखों की समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है। यह भी देखा जाता है कि चन्द्र से संबंधित रोग प्रतिदिन आकाश में चंद्रमा की स्थिति के अनुसार बढ़ता और घटता है। उदाहरण के लिए, अमावस्या की रात को चंद्रमा पूरी तरह से कमजोर होता है और इसलिए कुंडली में कमजोर चंद्रमा वाले व्यक्ति पूर्णिमा के दिन की तुलना में मन और शरीर में बहुत अधिक कमजोरी का सामना करते हैं अमावस्या को ।
  3. माथे, नाक, मांसपेशियों, जलने और कटने का संबंध मंगल ग्रह से है। यह ग्रह मन और शरीर में ऊर्जा के साथ जुड़ा हुआ है, इसलिए व्यक्ति को शरीर में अस्थिर ऊर्जा का सामना करना पड़ता है। इसके साथ ही सूजन, फ्रैक्चर, रक्त से संबंधित समस्याएं, बुखार, ट्यूमर, दुर्घटना, बवासीर आदि होने की भी संभावना होती है। ज्योतिषी से सलाह लेकर उचित समाधान करना आवश्यक है।
  4. फेफड़े, जीभ, मुंह, हाथ, पाचन तंत्र, तंत्रिकाओं का संबंध बुध ग्रह से होता है। यह ग्रह निर्णय लेने की शक्ति, निति युक्त बात करने के तरीके, सेक्स पावर, मेमोरी, आंत की बीमारी, तंत्रिका तंत्र में समस्या आदि को प्रभावित करता है।
  5. जिगर, रक्त वाहिकाओं, दाहिने कान, जांघ, नितंब, मोटापा का संबंध बृहस्पति से है। कुंडली में समस्याग्रस्त बृहस्पति के कारण, व्यक्ति अस्थमा, मधुमेह, एनीमिया, पीलिया, कमजोर जिगर, पाचन आदि से पीड़ित हो सकता है। यह बहुत महत्वपूर्ण ग्रह है इसलिए जल्द से जल्द उपचारात्मक उपाय करना आवश्यक है क्योंकि यह जीवन के अनेक क्षेत्रो को प्रभावित करता है ।
  6. गाल, त्वचा, गर्दन प्रजनन अंग शुक्र से संबंधित हैं। ख़राब शुक्र ग्रह के कारण, व्यक्ति यौन रोगों, कमजोर प्रजनन अंगों, कमजोर वीर्य, विपरीत लिंग को आकर्षित करने में कमजोर, नपुंसकता आदि से पीड़ित होता है। व्यक्तिगत जीवन और भौतिकतावादी जीवन को सफल बनाने के लिए, आवश्यक है कि ज्योतिष परामर्श द्वारा अपने समाधानों को अपनाया जाए ।
  7. दांत, हड्डियां, जोड़, अस्थमा, फेफड़े शनि ग्रह से संबंधित हैं। दांतों की सड़न, कमजोर हड्डियां, अस्थमा, नपुंसकता, कड़वा स्वभाव, संबंध बनाने में असमर्थता आदि का कारण ख़राब शनि भी हो सकता है | यह ग्रह बहुत कठोर है और व्यक्ति के जीवन को विभिन्न प्रकार से बुरी तरह प्रभावित करता है, साढ़े साती के दौरान, व्यक्ति को बहुत अधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है और इसलिए ज्योतिषी से सलाह लेकर उपायों को अपनाना आवश्यक है।
  8. ज़हरीली बीमारियाँ, साँप के काटने, मतिभ्रम, मनोवैज्ञानिक विकार, व्यसनों, अनिद्रा, का संबंध राहु से है।
  9. हृदय संबंधी विकार, एलर्जी, अज्ञात रोग केतु से संबंधित हैं |

स्वास्थ्य के मुद्दों के बारे में भविष्यवाणियां देने से पहले कुछ बुनियादी नियम ध्यान में रखें:

  1. जन्मकुंडली में 6 वें और 8 वें घर की स्थिति, 12वें भाव, दूसरा भाव और लग्न की स्थिति का विचार करना जरुरी रहता है बारीकी से ।
  2. जन्म कुंडली में ग्रहों के वर्तमान गोचर के साथ-साथ गोचर कुंडली में ग्रहों की चाल का अध्ययन करना चाहिए।
  3. शरीर के विशिष्ट भाग में समस्या के कारणों को समझने के लिए अंग से सम्बंधित ग्रहों का अध्ययन भी आवश्यक है।

ऐसे कई महत्वपूर्ण सवाल हैं जो लोगों के मन में उठते हैं जैसे-

कौन सा ग्रह बीमारियों के लिए जिम्मेदार है?
मुख्य रूप से , 6 और 8 वें घर से संबंधित ग्रह रोगों के लिए जिम्मेदार हैं और इसके बाद कुंडली में मौजूद ख़राब और दुर्बल ग्रह भी स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं, इसलिए स्वास्थ्य के बारे में पूर्वानुमान देने से पहले उचित अध्ययन आवश्यक है।

कौन से ग्रह विचित्र बीमारी या लाइलाज बीमारियों के लिए जिम्मेदार हैं?
इसके लिए राहु, केतु और शनि मुख्य रूप से जिम्मेदार हैं लेकिन इसके साथ ग्रहों के संयोजन भी जिम्मेदार हैं। केवल एक अनुभवी ज्योतिषी ही गंभीर रोगों के सटीक कारण जान सकते हैं।

कुंडली का कौन सा घर मृत्यु से संबंधित है?
जन्म कुंडली का 8 वां घर जीवन में मृत्यु और स्वास्थ्य के मुद्दों से संबंधित है।

मृत्यु के लिए कौन सा ग्रह जिम्मेदार है?
इस प्रश्न का कोई विशिष्ट उत्तर नहीं है। लेकिन कुंडली में सबसे अधिक खराब ग्रह का अध्ययन या कुंडली के 8 वें घर से संबंधित ग्रह इस रहस्य को प्रकट कर सकते हैं।

क्या ज्योतिष स्वास्थ्य समस्याओं की भविष्यवाणी कर सकता है?
हां, ज्योतिष स्वास्थ्य के मुद्दों और स्वास्थ्य समस्याओं के समय के बारे में भविष्यवाणी कर सकता है और इसलिए जीवन के महत्वपूर्ण निर्णय लेने के लिए दशकों से इस विद्या का उपयोग किया जा रहा है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार किन लोगों को बीमारी का बड़ा खतरा होता है?

  1. जो लोग शनि साढ़े साती से गुजर रहे हैं और साथ ही उनकी कुंडली में ख़राब या दुर्बल शनि हैं, उनमें बीमारी होने का बहुत अधिक खतरा है। इसलिए ध्यान रखें और घर के मंदिर में नियमित रूप से सरसों के तेल का दीपक जलाएं,शनि चालीसा का पाठ करें और सुख-समृद्धि की प्रार्थना करें। वृषभ, मिथुन, वृश्चिक, धनु, मकर राशि के लोगों को इस साल में सबसे ज्यादा ध्यान रखना चाहिए।
  2. कुंडली के छठे और आठवें घर के स्वामी अगर शत्रु राशि में हो तो जातक को बीमारियों से गुजरने का काफी जोखिम होता हैं।
  3. यदि कुंडली के दुसरे घर में कोई भी खराब या दुर्बल ग्रह मौजूद है तो काम करते समय सावधानी बरतें क्योंकि इससे जीवन में बीमारी का खतरा बढ़ जाएगा।
  4. यदि कोई भी बुरा ग्रह गोचर में चल रहा है तो यह यथासंभव सावधानी बरतने का समय है क्योंकि शत्रु ग्रह या दुर्बल ग्रह के पारगमन के दौरान जीवन में बीमारियों का खतरा अधिक होता है।
  5. यदि आपका गण राक्षस है और आप 6, 8 और 12 घरों के साथ केंद्र घरों में अधिक ख़राब ग्रह हैं तो सावधानी बरतें। 

जीवन में बीमारियों से बचने के ज्योतिष उपाय क्या हैं?

यदि आप जानते हैं कि आपका बुरा समय चल रहा है, तो ज्योतिष के सर्वोत्तम उपाय करें और यदि आप अपनी कुंडली में बुरे समय और हानिकारक ग्रहों के बारे में नहीं जानते हैं, तो पढ़ने के लिए ज्योतिषी से परामर्श करें और उसके बाद आप निम्नलिखित उपायों का पालन कर सकते हैं:
  • जातक स्वयं ग्रह शांति करे या फिर ज्योतिष से करवाएं साथ ही रोग निवारण मंत्र का जप भी फायदेमंद होता है।
  • व्यक्ति समस्याओं को कम करने के लिए ज्योतिष द्वारा सुझाए गए कवच का पाठ कर सकता है।
  • जातक आशीर्वाद लेने के लिए चालीसा का पाठ कर सकते हैं।
  • ग्रहों के दोषों को कम करने के लिए व्यक्ति विशेष ग्रह से संबंधित चीजों का दान भी कर सकता है।
  • भगवान के आशीर्वाद को आकर्षित करने के लिए सिद्ध यंत्र स्थापित करके नियमित रूप से पूजा कर सकता है हैं।
  • सही रत्न पत्थर भी हमारे जीवन को बचाने का एक अच्छा तरीका है।

तो हमारे जीवन को रोगमुक्त बनाने और ज्योतिष शास्त्र का उपयोग करके स्वस्थ जीवन जीने के कई तरीके हैं। यहां मुख्य बात यह है कि सर्वश्रेष्ठ चिकित्सा ज्योतिषी द्वारा दिए गए मार्गदर्शन का पालन करे |



ज्योतिष शास्त्र के अनुसार किन लोगों को बीमारी होने का बड़ा खतरा होता है ?, which people are at greater risk of disease as per astrology, खुद को गंभीर बीमारी से बचाने के लिए क्या सावधानियां रखे ।

Comments

Popular posts from this blog

84 Mahadev Mandir Ke Naam In Ujjain In Hindi

उज्जैन मंदिरों का शहर है इसिलिये अध्यात्मिक और धार्मिक महत्त्व रखता है विश्व मे. इस महाकाल की नगरी मे ८४ महादेवो के मंदिर भी मौजूद है और विशेष समय जैसे पंचक्रोशी और श्रवण महीने मे भक्तगण इन मंदिरों मे पूजा अर्चना करते हैं अपनी मनोकामना को पूरा करने के लिए. इस लेख मे उज्जैन के ८४ महादेवो के मंदिरों की जानकारी दी जा रही है जो निश्चित ही भक्तो और जिज्ञासुओं के लिए महत्त्व रखती है.  84 Mahadev Mandir Ke Naam In Ujjain In Hindi आइये जानते हैं उज्जैन के ८४ महादेवो के मंदिरों के नाम हिंदी मे : श्री अगस्तेश्वर महादेव मंदिर - संतोषी माता मंदिर के प्रांगण मे. श्री गुहेश्वर महादेव मंदिर- राम घाट मे धर्मराज जी के मंदिर मे के पास. श्री ढून्देश्वर महादेव - राम घाट मे. श्री अनादी कल्पेश्वर महादेव- जूना महाकाल मंदिर के पास श्री दम्रुकेश्वर महादेव -राम सीढ़ियों के पास , रामघाट पे श्री स्वर्ण ज्वालेश्वर मंदिर -धुंधेश्वर महादेव के ऊपर, रामघाट पर. श्री त्रिविश्तेश्वर महादेव - महाकाल सभा मंडप के पास. श्री कपालेश्वर महादेव बड़े पुल के घाटी पर. श्री स्वर्न्द्वार्पलेश्वर मंदिर- गढ़ापुलिया

om kleem krishnaay namah mantra ka mahattw

om kleem krishnaya namah benefits in hindi, ॐ क्लीं कृष्णाय नमः मंत्र के लाभ और अर्थ, ॐ क्लीं नमः का जाप कैसे करे, क्लीं बीज का रहस्य वशीकरण मंत्र ॐ क्लीं कृष्णाय नमः का रहस्य.  क्लीं बीज मंत्र काली देवी से संबंधित है और बहुत शक्तिशाली है। इस मंत्र के जाप से एक दिव्य आभा और आकर्षण शक्ति विकसित होती है जो दैवीय ऊर्जाओं के साथ-साथ भौतिक सुखों को आकर्षित करने में मदद करती है।  श्री कृष्ण भगवान विष्णु के अवतार हैं और महान व्यक्तित्व, प्रेम, ज्ञान और बुद्धि के प्रतीक हैं। om kleem krishnaay namah mantra ka mahattw " ॐ क्लीं कृष्णाय नमः " एक अद्भुत मंत्र है जो जप करने वाले को सब कुछ प्रदान करने में सक्षम है और इसलिए भक्तों द्वारा दशकों से इसका उपयोग किया जाता रहा है। यह मंत्र देवी दुर्गा के साथ-साथ कृष्ण की भी शक्ति रखता है और इसलिए यह उन सभी के लिए एक दिव्य मंत्र है जो जीवन में जल्द ही सफलता चाहते हैं। "ॐ क्लीं कृष्णाय नमः" एक शक्तिशाली मंत्र है जो आंतरिक आध्यात्मिक ऊर्जा का आह्वान करता है जिसका लगातार जप किया जाता है इसलिए जो लोग आध्यात्मिक विकास चाहते हैं उनके लिए

Suar Ke Daant Ke Totke

Jyotish Me Suar Ke Daant Ka Prayog , pig teeth locket benefits, Kaise banate hai suar ke daant ka tabij, क्या सूअर के दांत का प्रयोग अंधविश्वास है. सूअर को साधारणतः हीन दृष्टि से देखा जाता है परन्तु यही सूअर पूजनीय भी है क्यूंकि भगवान् विष्णु ने वराह रूप में सूअर के रूप में अवतार लिया था और धरती को पाताल लोक से निकाला था. और वैसे भी किसी जीव से घृणा करना इश्वर का अपमान है , हर कृति इस विश्व में भगवान् की रचना है | बहुत से अनुभवी लोगो का मनना है कि सुअर के दांत के कई फायदे होते हैं। ऐसा कहा जाता है कि वे इच्छाशक्ति और दृढ़ संकल्प को बढ़ाते हैं, बाधाओं को दूर करने में मदद करते हैं, वित्तीय समृद्धि लाते हैं, नकारात्मक प्रभावों से बचाते हैं, प्रजनन क्षमता को बढ़ावा देते हैं, यौन शक्ति को बढ़ाते हैं आदि। Suar Ke Daant Ke Totke सूअर दांत के प्रयोग के बारे में आगे बताने से पहले कुछ महत्त्वपूर्ण बाते जानना चाहिए : इस प्रयोग में सिर्फ जंगली सूअर के दांत का प्रयोग होता है. किसी सूअर को जबरदस्त मार के प्रयोग में लाया गया दांत काम नहीं आता है अतः किसी भी प्रकार के हिंसा से ब