Surya Ka Mithun Rashi Mai Gochar Ka Prabhav, Surya Mithun Rashi Mai kab jayenge, surya gochar june 2025, मिथुन संक्रांति क्या है, १२ राशियों पर असर | मिथुन संक्रांति का महत्त्व: Surya Ka Mithun Rashi Mai Gochar 2025: जब सूर्य वृषभ राशि से मिथुन में प्रवेश करते हैं तो उसे मिथुन संक्रांति कहते हैं| ज्योतिष के हिसाब से इस दिन के बाद अगले करीब ३१ दिन तक सूर्य मिथुन राशी में रहता है| जब सूर्य मिथुन राशि में रहते हैं तो भारत के गुवाहाटी में कामख्या मंदिर में अम्बुबाची का मेला लगता है जब मंदिर के कपाट कुछ दिनों के लिए बंद किये जाते हैं, ऐसा कहा जाता है की साल में एक बार माता कामख्या रजस्वला होती है अतः इसीलिए कुछ दिनों के लिए मंदिर का पठ बंद रहता है और इन्ही दिनों मंदिर में मेला लगता है | ये सिर्फ साल में एक बार होता है और पुरे विश्व से लोग यहाँ आते है| भारत के बहुत से भागो में इस दिन लोग भगवान् विष्णु की पूजा करते हैं. कई भागो में मानसून आ जाता है और लोग बारिश का भी आनंद लेते हैं| Surya Ka Mithun Rashi Mai Gochar 2025 Surya Ka Mithun Rashi Mai Gochar Ka Pra...
Mahilaao Ka Swasthya Aur Jyotish, ज्योतिष के द्वारा कैसे जान सकते हैं महिलाओं के समस्याओं के कारण को, ज्योतिष द्वारा जाने बीमारियों के कारण और निवारण.
स्वास्थ्य बहुत जरुरी है सभी के लिए पर जब बात आती है महिलाओं की तो ये विषय बहुत ज्यादा महत्तव का हो जाता है, महिकाओ को बहुत ज्यादा सावधानी और स्वस्थ रहने की आवश्यकता है, क्यूंकि वे ही परिवार की नीवं हैं. अगर घर की महिलायें स्वस्थ रहेंगी तो परिवार भी निश्चित स्वस्थ रहेगा.
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Mahilaao Ka Swasthya Aur Jyotish |
चूँकि महिलायें ही साधारणतः परिवार के सदस्यों की देखभाल करती है साथ ही सुबह उठने से रात के सोने तक लगातार कुछ न कुछ कार्य में संलग्न रहती है अतः उनको सबसे ज्यादा उर्जा, और स्वस्थ शारीर की आवश्यकता है, एक औरत किसी की माँ होती है, किसी की बहन, किसी की पत्नी, किसी की दोस्त होती है परन्तु एक गुण जो सभी महिलाओं में देखने को मिलता है वो है सबकी देखभाल करना.
महिलाओं को देखभाल करने का जो गुण मिला है इश्वर द्वारा वो किसी और में देखने को कम ही मिलता है. और अगर घर की औरतों का स्वास्थय ख़राब हो तो परिवार और व्यक्तिगत संबंधो में भी समस्याएं उत्पन्न होने लगती है. अतः एक स्वस्थ शारीर और स्वस्थ दिमाग होना अति आवश्यक है.
एक और कारण भी है जिसके कारण नारी को ज्यादा सावधानी रखना पड़ती है और वो है मासिक धर्म, हर महीने शारीर से न चाहते हुए भी रक्त निकलता है जिससे इनको कमजोरी आती है, ऐसे में भी इनको विशेष सावधानी की जरुरत होती है.
ज्योतिष और नारी स्वास्थ्य :
महिलाओं के साथ जितनी भी समस्याएं उत्पन्न होती है उन सबका सम्बन्ध ज्योतिष से भी सीधे सीधे होता है. क्यूंकि ग्रहों का प्रभाव हर व्यक्ति पर जन्म लेते ही पड़ना शुरू हो जाता है और मरते दम तक सभी ग्रहों के प्रभाव में रहते हैं.ज्योतिष में कुंडली में ग्रहों की स्थिति को देखते हुए ये पता लगाया जाता है की समस्याओं का कारण क्या है. कुछ उदाहरण द्वारा इस बात को समझना बेहतर होगा जिससे कोई संदेह मन में नहीं रहेगा.
- अगर कुंडली में मंगल ख़राब हो और शक्तिशाली हो तो ऐसा हो सकता है की महिला को रक्त सम्बंधित समस्या हो , फोड़े – फुंसियां हो, ऐसा इसीलिए क्यूंकि मंगल जो है ये रक्त से संबध रखता है , उर्जा से सम्बन्ध रखता है, अतः गुस्सा, सरदर्द, मासिक समस्याएं भी आती है.
- महिलाओं में अक्सर खून की कमी भी देखि जाती है , इसका कारण ये है की शारीर में फोलिक एसिड, लोह तत्त्व, विटामिन –बी आदि की कमी हो जाती है जिससे शारीर में लाल कण का निर्माण भी बाधित होता है. ज्योतिष के अनुसार अगर मंगल, सूर्य कुंडली में कमजोर हो तो महिला को रक्त की कमी समस्या से गुजरना पड़ सकता है. इसके अलावा कुंडली में छठे , सातवें और आठवें घर में अगर ख़राब ग्रह बैठे हो तो भी महिला को ऐसी समस्याओं से गुजरना पड़ सकता है.
- कुछ महिलायें गुप्त रोगों से भी ग्रस्त हो जाती है ,इसका कारण सप्तम और अष्टम भाव में ख़राब मंगल और शुक्र का होना भी हो सकता है.
- महिलाओं को अक्सर गठिया रोग से भी ग्रस्त होता देखा जाता है इसका कारण ज्योतिष के अनुसार ख़राब राहू का होना होता है. साथ ही अगर राहू और शनि, राहू और मंगल साथ में बैठे हो तो भी गठिया रोग को जन्म दे सकता है.
- लग्न में अगर ख़राब ग्रह बैठ जाए तो नारी को सौदर्य समस्याओं से गुजरना पद सकता है.
अतः ग्रहों के प्रभाव को हम स्वास्थ्य के पहलु से भी नजर अंदाज नहीं कर सकते हैं. अतः अच्छे ज्योतिष से सलाह जरुर लेते रहना चाहिए जिससे की समय समय पर ये पता चलता जाए की क्या करना चाहिए स्वस्थ जीवन जीने के लिए.
नारी का स्वास्थ्य परिवार और समाज के हित के लिए अति आवश्यक है अतः सभी को नारी का सम्मान करना चाहिए और उनका ख़याल रखना चाहिए.
शास्त्रो के अनुसार “जहाँ नारियो की पूजा होती है वहां पर देवताओं का वास हो जाता है”.
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Mahilaao Ka Swasthya Aur Jyotish, ज्योतिष के द्वारा कैसे जान सकते हैं महिलाओं के समस्याओं के कारण को, ज्योतिष द्वारा जाने बीमारियों के कारण और निवारण.
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