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Shri Tulsi Stotram Lyrics With Hindi Meaning

श्री तुलसी स्तोत्रम्‌, shree tulsi stotram lyrics with hindi meaning, Tulsi Strotram Paath Ke Fayde| दरिद्रता और दुर्भाग्य को दूर करती है तुलसी माता | वे सकारात्मक उर्जा का स्त्रोत हैं | हिंदू धर्म में भगवान विष्णु जी की पूजा तुलसी पूजा के बिना अधूरी मानी जाती है | विष्णु भगवान को तुलसी बहुत प्रिय हैं। तुलसी के पौधे में मां लक्ष्मी का वास माना जाता है। मान्यता के अनुसार जिस घर में रोजाना तुलसी की पूजा की जाती है उस घर में हमेशा सुख और समृद्धि बनी रहती है। तुलसी माता की पूजा करके "श्री तुलसी स्तोत्रम्‌" का पाठ किया जाए तो निश्चित ही माता की कृपा प्राप्त होती है|  Shri Tulsi Stotram Lyrics With Hindi Meaning श्री तुलसी स्तोत्रम्‌ पढ़ने के फायदे : जहाँ पर श्री तुलसी स्तोत्रम्‌ का पाठ किया जाता है वहां सकारात्मक उर्जा बढ़ने लगती है | समस्त नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है | आरोग्य और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। देह छोड़ने के बाद विष्णु लोक में स्थान प्राप्त होता है | Watch On YouTube Lyrics Of Tulsi Strotam: जगद्धात्रि नमस्तुभ्यं विष्णोश्च प्रियवल्लभे । यतो ब्रह्मादयो देवा...

2020 Shivratri Aur Jyotish Mahattw

2020 में शिवरात्रि का ज्योतिष महत्त्व, क्या करे भगवन शिव को प्रसन्न करने के लिए, राशि अनुसार शिव पूजा कैसे करे.

शिवरात्री फाल्गुन महीने के चौदस को आता है हर साल, ऐसा माना जाता है की इस रात्री को शिव और पारवती का विवाह हुआ था. इसी कारण भक्तगण इस दिन और रात को व्रत रखते हैं, शिव मंत्र का जप करते हैं , कीर्तन करते हैं.
ज्योतिष के अनुसार राशि अनुसार भी लोग पूजाए कर सकते हैं. साधारणतः पंचामृत और अकड़े के फूल से पूजा आसानी से किया जा सकता है. कुछ लोग काले तिल से स्नान करके भी शिव पूजा करते हैं इस दिन.
2020 में शिवरात्रि का ज्योतिष महत्त्व, क्या करे भगवन शिव को प्रसन्न करने के लिए, राशि अनुसार शिव पूजा कैसे करे.
2020 Shivratri Aur Jyotish Mahattw

2020 में शिवरात्रि का ज्योतिष महत्त्व:

इस साल शिव-रात्रि 21 फ़रवरी शुक्रवार को मनेगी |  
ग्रहों का भी बहुत साथ मिल रहा है इस बार जिसके कारण साधको को मनोकामना पूरी करने में मदद मिलेगी--
  • गुरु अपने शुभ राशि में रहेगा शिवरात्रि को जिसके कारण साधना के लिए उपयुक्त माहोल बनेगा.
  • मंगल भी शुभ का रहेगा.
  • केतु भी शुभ का रहेगा जिससे जिज्ञासुओ को लाभ होगा.
  • शुक्र उच्च का रहेगा जिससे भौतिक साधनों के लिए पूजा करने वालो के लिए भी ये शिव रात्रि शुभ रहेगी.
  • इस के साथ सूर्य और बुध साथ रहने के कारण बुधादित्य योग का निर्माण भी हो रहा है. हालांकि सूर्य शत्रु राशी का है. 
  • शिवरात्रि एक ऐसी रात है जब विद्वान् लोग साधना करते हैं सफलता हेतु. अतः अगर कोई भी जीवन को निष्कंटक करना चाहते हैं तो उन्हें साधना जरुर करना चाहिए.
अपनी क्षमता अनुसार शिव पूजा करना चाहिए. हमारा विश्वास और श्रद्धा ही शिव कृपा को हमारे जीवन मे लाएगी.
पढ़िए विवाह समस्या का समाधान शिवरात्रि में ......

आइये जानते है राशी अनुसार कैसे शिवजी की पूजाए कर सकते हैं :

  1. मेष राशी और शिव पूजा : गुड के जल से शिवजी का अभिषेक करना चाहिए और लाल चन्दन , कनेर के पुष्प से शिव पूजा करना चाहिए. मीठी रोटी का भोग लगा के जरुरतमंदो को शिव समझ कर देना चाहिए.
  2. वृषभ राशी और शिव पूजा : दही से शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए, साथ ही भात पूजा करना भी शुभ होगा, सफ़ेद पुष्प भी अर्पित करे.
  3. मिथुन राशी और शिव पूजा : गन्ने के रस और दूर्वा से शिव पूजा करे, साथ ही कुशा और हरी मूंग का भी प्रयोग कर सकते हैं.
  4. कर्क राशी और शिव पूजा : इनको घी, शंक्पुश्पी, दूध आदि से शिव पूजा करना चाहिए.
  5. सिंह राशी और शिव पूजा : गुड का जल, गुड और चाह्वल के खीर, गेहू, मदार के पुष्प आदि से शिव पूजा करना शिभ होगा.
  6. कन्या राशी और शिव पूजा : गन्ने के रस , भांग, दूब , पान आदि से शिव पूजा करना शुभ होगा.
  7. तुला राशी और शिव पूजा : इस राशी के लोगो को सुगन्धित इतर, दही, फलो के रस, श्रीखंड और सफ़ेद पुष्प से शिवजी की पूजा करना चाहिए.
  8. वृश्चिक राशी और शिव पूजा : पंचामृत और लाल पुष्प से शिव पूजा करना शुभ होगा.
  9. धनु राशी और शिव पूजा : दूध, हल्दी, बेसन की मिठाई , गेंदे के फूल आदि से शिव पूजा करना चाहिए.
  10. मकर राशी और शिव पूजा : नारियल पानी, नीले फूल, उरद की दाल आदि का प्रयोग शिव पूजा मे करना शुभ होगा.
  11. कुम्भ राशी और शिव पूजा : तिल के तेल, शमी पुष्प, उरद की दाल से बनी मिठाई आदि का प्रयोग शिव पूजा मे करना श्रेष्ठ हो सकता है.
  12. मीन राशी और शिव पूजा : केसर और दूध, दही और चावल, पीले सरसों, नागकेसर आदि का प्रयोग शिव पूजा मे करे.
और पढ़िए क्या करे शिव रात्रि को सफलता के लिए.............

नोट: शिवरात्रि पर लगातार मंत्रो का जप, व्रत रखना, शिव का ही ध्यान करना बहुत शुभ होता है.
इस दिन भक्तगण शिव महिमा, शिव कवच, शिवाष्टक, शिव्मानस पूजा आदि का पाठ भी कर सकते हैं. 
ॐ नमः शिवाय


2020 में शिवरात्रि का ज्योतिष महत्त्व, क्या करे भगवन शिव को प्रसन्न करने के लिए, राशि अनुसार शिव पूजा कैसे करे.

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