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Badkismati Se Kaise Chutkaara Paaye

बदकिस्मती कैसे आती है कपड़ो से, सोच से, क्या करे भाग्योदय के लिए ज्योतिष के हिसाब से?. बदकिस्मती से जो परेशान है उनकी तकलीफ को बयान करना ना मुमकिन है. ऐसे बहुत से लोग है इस दुनिया में जो जिस काम में हाथ डालते हैं उसी में घाटा हो जाता है, किसी का भला करने जाते हैं तो बुरा हो जाता है, किसी को राय देते हैं तो सामने वाले को नुक्सान हो जाता है,कितना भी कम ले पर कर्जा ख़त्म नहीं होता है अर्थात कुछ भी करते हैं बुरा हो ही जाता है. Badkismati Se Kaise Chutkaara Paaye बदकिस्मती २ प्रकार से किसी के जीवन मे आता है : एक तो भाग्य के कारण जो की कुंडली में मौजूद श्राप होता है, कुंडली में मौजूद खराब ग्रहों के कारण जातक को ऐसा कष्ट झेलना होता है. परन्तु एक दूसरा कारण भी है और वो है हमारी कुछ ख़ास आदते और हमे इनका पता ही नहीं होता की अनजाने में हम कैसे बदकिस्मती को अपने जीवन में प्रवेश देते रहते हैं. बदकिस्मती को अपने से दूर रखने के लिए हमे ये जानना आवश्यक है की कौन कौन से ऐसे काम है या आदते हैं जो की जीवन को संकतो से भर देते हैं. संपर्क करे ज्योतिष से मार्गदर्शन के लिए >> कपड़

Kaise Paaye Prayaaso Main Safaltaa Jyotish Dwara

Kaise paaye prayaaso mai safaltaa jyotish ke dwara,  kya kare kya na kare, kin upaayo dwara hum apne jivan ko sukhmay bana sakte hai, कैसे पाये प्रयासों में सफलता, टोटके सफलता के लिए.  सफलता शब्द ही मधुर है , हर किसी के मन में सफलता प्राप्त करने की ललक होती है, सफलता हमे सुकून देती है, एक सफल जीवन जीना हम सब का हक़ है परन्तु फिर भी ये सबके लिए संभव नहीं हो पाता है. असफलता के बहुत से कारण हो सकते है. सफलता के मापदंड सबके लिए अलग अलग है , यहाँ महत्त्वपूर्ण ये है की जिसने जो सोचा है अगर वो वैसा प्राप्त कर लेता है तो वो सफल है, सुखी है संतुष्ट है परन्तु सोच को पूरा न करने पर दुःख होता है. safalta ke liye kuch upay ज्योतिष के अन्दर ये देखा जाता है की कुंडली में ग्रहों की स्थिति कैसी है की सफलता हाथ नहीं आ रही है, कुंडली से ये भी जाना जाता है की प्रयास कब करे की सफलता हाथ लगे. ज्योतिष के द्वारा ये भी पता लगाया जाता है की क्या करे की सफलता हाथ लगे. दशको से राजा-महाराजा और विद्वान् लोग इस विद्या का प्रयोग आरके जीवन को निरोगी, स्वस्थ और संपन्न बना रहे है. ज्योतिष के द्वारा सफलत

Haldi Ke Totke Safalta Ke Liye

हल्दी के टोटके, ग्रह दोषों से मुक्ति के लिए हल्दी के टोटके, वास्तु दोषों से मुक्ति के लिए हल्दी के टोटके, सुख और सम्पन्नता के लिए हल्दी के टोटके, janiye kaise haldi badal sakta hai kismet ko. haldi ke totke safalta ke liye हमारे आस पास रोजमर्रा में उपयोग में आने वाली बहुत सी चीजो को बहुत आसानी से प्रयोग किया जा सकता है स्वस्थ एवं संपन्न जीवन जीने के लिए. जरुरत है सिर्फ जानकारी होना की कैसे किस वास्तु का प्रयोग किया जाए. ऐसी ही एक वास्तु है हल्दी जो की हर घर में पाई जाती है और आश्चर्य की बात ये है की हल्दी के प्रयोग से ग्रह दोषों से मुक्ति मिल सकती है हल्दी के प्रयोग से वास्तु दोष से मुक्ति मिल सकती है हल्दी के प्रयोग से नकारात्मक उर्जा से मुक्ति मिल सकती है हल्दी के प्रयोग से धन की समस्या से निजत पाई जा सकती है हल्दी के प्रयोग से रोगों से मुक्ति पाई जा सकती है हल्दी में औषधि गुण होने के साथ साथ कुछ अन्य शक्तियां भी मौजूद है इसी कारण हिन्दू धर्म में इसका प्रयोग पूजा-पाठ में भी किया जाता है. आइये जानते हैं हल्दी के कुछ विशेष टोटके: ज्योतिष के अनुसार पिली हल्दी का

Dhan Prapti Ke Liye Totke In Hindi, धन प्राप्ति टोटके

Dhan Prapti Ke Liye Totke In Hindi, धन प्राप्ति टोटके, वित्तीय तौर पर अपने आपको मजबूत करने के लिए ज्योतिषीय टोटके जानिए. धन की जरुरत सबको है, किसी भी भौतिक इच्छा को पूरी करने के लिए धन का होना आवश्यक है, जीवन का आनंद लेने के लिए , सुख – सुविधाओं का लाभ उठाने के लिए धन का होना जरुरी होता है. कुछ लोग तो बहुत धनी है तो कुछ लोगो को जरुरत का सामान भी खरीदने में परेशानियों का सामना करना होता है. कुछ लोग ऋण से छुटकारा नहीं पाते हैं. ऐसे में धनाकर्षण टोटको का प्रयोग लाभदायक होता है. dhan prapti ke liye totke धन प्राप्ति के टोटको का ये मतलब न समझे की इनका प्रयोग करते हैं धन की बरसात होने लग जायेगा , धन प्राप्ति के टोटको का प्रयोग करने से ग्रह दोषों का शमन होता है और आय के स्त्रोत खुलते हैं. इनका प्रयोग पूर्ण विश्वास और नियमित रूप से करना चाहिए. आगे बढ़ने से पहले जानते हैं धन और सम्पन्नता से सम्बंधित एक ख़ास बात. वैदिक धर्म ग्रंथो के अनुसार माता लक्ष्मी धन की देवी मानी जाती है और धन राज कुबेर खजाने को रखते हैं इसी कारण लोग साधारणतः लक्ष्मी जी और कुबेर जी को प्रसन्न करने में लगे रह

What is Vashikaran ? | Vashikaran Kya hai?

वशीकरण क्या है, जानिए प्रकार और फायदें,वशीकरण साधना में किन चीजों की जरुरत होती है? ये एक एक ख़ास प्रकार की विद्या है जिसके अंतर्गत मन्त्र शक्ति, ध्यान शक्ति, तंत्र शक्ति द्वारा किसी विशेष नारी या पुरुष के अन्दर अपने प्रति अच्छी भावनाए पैदा करने के लिए प्रयोग किया जाता है. What is Vashikaran in hindi वशीकरण के प्रकार: यहाँ में अलग अलग मंत्रो से जोड़कर वशीकरण के प्रकार बता रहा हूँ: इसका स्तेमाल प्रेम संबंधों को फिर से सुधारने के लिए भी किया जाता है. इस साधना के द्वारा अपने पसंद के व्यक्ति से विवाह किया जाता है. वशीकरण साधना के द्वारा व्यापार को बढ़ाया जा सकता है. वशीकरण के द्वारा समाज में एक अलग जगह बनाई जा सकती है. इस विद्या के द्वारा शत्रु को मित्र बनाया जा सकता है. वशीकरण के द्वारा मनचाही सफलता प्राप्त की जा सकती है. वशीकरण को सम्मोहन के नाम से भी जाना जाता है जिसका आसान मतलब होता है किसी को अपने कंट्रोल में करना अर्थात किसी के दिमाग पे अधिकार करना.  वशीकरण साधना में सावधानियां: इस साधना में अक्सर लोग काले जादू का स्तेमाल करते हैं जो की जीवन के लिए घातक सिद्ध

Paksh Aur Tithiyo Ko Janiye Jyotish Me In Hindi

पक्ष और तिथियां क्या है ज्योतिष में, ज्योतिष सीखे, तिथियों के स्वामी कौन हैं जानिए हिंदी में. ज्योतिष जानने वालो के लिए पक्ष और तिथियों की जानकारी अती महत्त्वपूर्ण है क्यूंकि महत्त्वपूर्ण कार्यो को करने के लिए महुरत निकालने में इनका उपयोग होता है. paksh aur tithi आइये जानते हैं पक्ष और तिथियों के बारे में : भारतीय ज्योतिष के हिसाब से कोई भी महिना २ पक्षों में विभाजित रहता है और हर पक्ष में १५ दिन होते हैं और हर पक्ष में १५ तिथियाँ भी होती हैं. २ पक्ष निम्न हैं : शुक्ल पक्ष – अमावस्या के दुसरे दिन से पूर्णिमा तक के दिन शुक्ल पक्ष में आते हैं. कृष्ण पक्ष – पूर्णिमा के दुसरे दिन से अमावस्या तक के दिन कृष्ण पक्ष में आते हैं. आइये अब जानते हैं तिथियों के बारे में: प्रतिपदा, ये किसी भी पक्ष का पहला दिन होता है जिसे एकम भी कहते हैं. द्वितीय, ये किसी भी पक्ष का दूसरा दिन होता है जिसे दूज भी कहते हैं. तृतीया, ये किसी भी पक्ष का तीसरा दिन होता है जिसे तीज भी कहते हैं. चतुर्थी, ये किसी भी पक्ष का चौथा दिन होता है जिसे चौथ भी कहते हैं. पंचमी, ये किसी भी पक्ष का पांचवा दिन हो

Tanaav Ke Upaay Jyotish Me

तनाव के उपाय ज्योतिष के हिसाब से, आइये जानते हैं तनाव के प्रभाव, क्या करे टेंशन से बाहर आने के लिए. तनाव एक बहुत ही आम बात है लोगो में परन्तु जब तनाव रोज रहने लगे तो ये स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है और जीवन के हर पहलु को प्रभावित करता है. अतः ये जरुरी है की इसे कम करने के लिए कदम उठाया जाए. Tanaav Ke Upaay Jyotish Me तनाव कई कारणों से उत्पन्न हो सकते हैं जैसे कोई गलत कार्य करना, किसी ख़ास विषय की चिंता होना, नकारात्मक विचार होना, किसी कार्य में निराशा हाथ लग्न, संबंधो में तनाव उत्पन्न होना, वित्तीय समस्या, रोजगार की समस्या, प्रेम से समस्या आदि. ज्योतिष के द्वारा जीवन के बहुत से पहलुओं के बारे में जाना जा सकता है परन्तु इसके लिए कुंडली को पढ़ना जरुरी होता है. इस लेख में हम जानेंगे तनाव के ज्योतिषीय कारण और उपाय. आइये जानते हैं तनाव के कुछ प्रभाव: तनाव के कारण सुन्दरता भी कम होने लगती है. इसके कारण याददाश्त भी कमजोर होती है. संपत्ति का नुकसान भी होता है तनाव के कारण. तनाव के कारण मानसिक शान्ति भी कम होने लगती है. संबंधो में भी तनाव उत्पन्न होने लगता है. व्यक्ति काम

Yogini Dasha Ka Jivan Par Prabhav

Yogini dasha ka jivan par prabhav hindi jyotish aunsaar, जानिए ८ योगिनी दशा के बारे में, क्या फल होगा योगिनी दशा का, कैसे दूर करे दुर्भाग्य को, ज्योतिष समाधान. yogini dasha इस ज्योतिष लेख में हम जानेंगे की- योगिनी दशा क्या है? कुंडली अध्ययन में इसकी क्या महत्ता है? क्या योगिनी दशा दुर्भाग्य लाता है? क्या सभी योगिनी दशाएं ख़राब होती है? कैसे कम करे योगिनी दशा के बुरे प्रभाव को? वैदिक ज्योतिष के अनुसार योगिनी दशा भी जीवन को बहुत प्रभावित करती है और इसके बारे में जानके हम आने वाले समय के बारे में बहुत कुछ जान सकते हैं. अतः कुंडली अध्ययन के समय योगिनी दशाओं का अध्ययन भी बहुत काम देता है.  कुछ दशाएं अच्छी होती है और कुछ ख़राब.  ज्योतिष में योगिनी दशा कितनी होती है? ये ८ प्रकार की होती है और समय समय पर इनके प्रभाव से जातक को गुजरना होता है. कुछ जीवन में सकारात्मक प्रभाव लाती है और कुछ नकारात्मक प्रभाव उत्पन्न करती है.  ये ८ योगिनी दशाएं निम्न है – मंगला, पिंगला, धन्या, भ्रामरी, भद्रिका, उल्का, सिद्ध, संकटा  विद्वानों का मानना है की मंगला, पिंगला, धन्या और सिद्धा

Grah Aur Bimariyo Ka Sambandh

ग्रह और सम्बंधित बीमारियाँ, जानिए कुंडली के भावों और शारीर के भागो का सम्बन्ध, बीमारी और ज्योतिष, बीमारियों का ज्योतिषीय समाधान. संपर्क करे ज्योतिष से मार्गदर्शन के लिए >> इसमें कोई विचित्र बात नहीं होती की कोई ज्योतिष आपको कुंडली देखके बीमारी के बारे में संकेत दे दे क्यूंकि ग्रह का सम्बन्ध सभी चीजो से होता है. किसी भी बीमारी का समाधान निकालना कोई असंभव बात नहीं होती है. ज्योतिष के अनुसार कुंडली के हर भाव का सम्बन्ध किसी न किसी शारीर के अंग से होता है. अतः कुंडली में ग्रहों और भावो के अध्ययन से हम बीमारी के कारण और समाधान को जान सकते हैं. पढ़िए स्वास्थ्य से सम्बंधित ज्योतिष योग . Grah Aur Bimariyo Ka Sambandh आइये जानते हैं शारीर के कौन से हिस्से से कौन सा ग्रह सम्बन्ध रखता है और जानिए बीमारियों के बारे में : सूर्य ग्रह का सम्बन्ध हमारे दायें आँख, खून के बहाव, रीड की हड्डी, आदि से होता है. कुछ बीमारियाँ जो की सूर्य के ख़राब होने से हो सकती है वो है ह्रदय से सम्बंधित रोग, रीड में समस्या, दाई आँख में समस्या, आदि. चन्द्रमा का सम्बन्ध बाई आँख, गर्भाशय, पेट, किडनी, आदि

Importance Of Vastu || वास्तु का महत्तव

Vastu ka mahaatwa, वास्तु का महत्व क्या है, क्यों जरुरी हैं वास्तु ?,क्यों स्तेमाल करे वास्तु शाश्त्र के नियमो का वास्तु उर्जा के समन्वय का विज्ञान है, इसके सिद्धांतो का ध्यान अगर भवन निर्माण करते हुए रखा जाए तो निश्चित ही स्वस्थ्य और सम्पन्नता उस जगह पर निवास करती है. प्राचीन समय से ही वास्तु कला का स्तेमाल राजा-महाराजा, विद्वान् वर्ग करते आये हैं, प्राचीन काल में ये विद्या सिर्फ कुछ ही लोग जानते थे पर आज के समय में इसका स्तेमाल बहुत किया जा रहा है और साधारण वर्ग भी इसका लाभ ले रहे हैं. Importance Of Vastu || वास्तु का महत्तव स्थापत्य वेद में इस विषय से सम्बंधित अच्छा विवरण प्राप्त होता है, रिग वेद में भी वास्तु देवता को पूजने का वर्णन प्राप्त होता है. वास्तु शाश्त्र 5 तत्त्वों पर आधारित हैं जिन्हें हम धरती, आकाश, अग्नि, वायु और जल के नाम से जानते हैं. मुख्यतः 8 दिशाएँ होती है जिनमे की विभिन्न शक्तियों का वास माना जाता है , भवन निर्माण में इन शक्तियों का भी ध्यान रखा जाता है. उदाहरण के लिए नैरित्य कोण में पितृ शक्ति का वास माना जाता है, उत्तर में कुबेर का वास माना जाता है

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