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Guru Poornima Importance In Hindi

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Paksh Aur Tithiyo Ko Janiye Jyotish Me In Hindi

पक्ष और तिथियां क्या है ज्योतिष में, ज्योतिष सीखे, तिथियों के स्वामी कौन हैं जानिए हिंदी में.

ज्योतिष जानने वालो के लिए पक्ष और तिथियों की जानकारी अती महत्त्वपूर्ण है क्यूंकि महत्त्वपूर्ण कार्यो को करने के लिए महुरत निकालने में इनका उपयोग होता है.
paksh aur tithi kya hote hai jyotish me
paksh aur tithi

आइये जानते हैं पक्ष और तिथियों के बारे में :

भारतीय ज्योतिष के हिसाब से कोई भी महिना २ पक्षों में विभाजित रहता है और हर पक्ष में १५ दिन होते हैं और हर पक्ष में १५ तिथियाँ भी होती हैं.
२ पक्ष निम्न हैं :
  • शुक्ल पक्ष – अमावस्या के दुसरे दिन से पूर्णिमा तक के दिन शुक्ल पक्ष में आते हैं.
  • कृष्ण पक्ष – पूर्णिमा के दुसरे दिन से अमावस्या तक के दिन कृष्ण पक्ष में आते हैं.

आइये अब जानते हैं तिथियों के बारे में:

  1. प्रतिपदा, ये किसी भी पक्ष का पहला दिन होता है जिसे एकम भी कहते हैं.
  2. द्वितीय, ये किसी भी पक्ष का दूसरा दिन होता है जिसे दूज भी कहते हैं.
  3. तृतीया, ये किसी भी पक्ष का तीसरा दिन होता है जिसे तीज भी कहते हैं.
  4. चतुर्थी, ये किसी भी पक्ष का चौथा दिन होता है जिसे चौथ भी कहते हैं.
  5. पंचमी, ये किसी भी पक्ष का पांचवा दिन होता है
  6. षष्ठी, ये किसी भी पक्ष का छठा दिन होता है जिसे छठ भी कहते हैं.
  7. सप्तमी, ये किसी भी पक्ष का सातवां
  8. अष्टमी, ये किसी भी पक्ष का आठवां दिन होता है
  9. नवमी, ये किसी भी पक्ष का नौवां दिन होता है
  10. दशमी, नवमी, ये किसी भी पक्ष का दसवां दिन होता है
  11. एकादशी, ये किसी भी पक्ष का ग्यारहवां दिन होता है
  12. द्वादशी, ये किसी भी पक्ष का बारहवां दिन होता है जिसे बारस भी कहते हैं.
  13. त्रयोदशी, ये किसी भी पक्ष का तेरहवां दिन होता है जिसे तेरस भी कहते हैं.
  14. चतुर्दशी, ये किसी भी पक्ष का चौदहवां दिन होता है.
  15. फिर अमावस्या या पूर्णिमा आती है.

आइये अब जानते हैं तिथियों के स्वामी कौन हैं ?

हर तिथि अपने स्वामी द्वारा नियंत्रित होते हैं वैदिक ज्योतिष के अनुसार और ये जरुरी है की कोई भी निर्णय से पहले इनका भी ध्यान रखा जाए. ज्योतिष प्रेमियों के लिए यहाँ पर हर तिथि के स्वामी की जानकारी दी जा रही है.
  1. प्रतिपदा के स्वामी है अग्नि.
  2. द्वितीया के स्वामी है ब्रह्मा.
  3. तृतीया के स्वामी हैं गौरी.
  4. चतुर्थी के स्वामी हैं गणेश जी.
  5. पंचमी के स्वामी है शेष नाग.
  6. षष्ठी के स्वामी हैं कार्तिकेय
  7. सप्तमी के स्वामी हैं सूर्य.
  8. अष्टमी के स्वामी हैं शिवजी.
  9. नवमी के स्वामी हैं दुर्गाजी.
  10. दशमी के स्वामी हैं काल.
  11. एकादशी के स्वामी हैं विश्वदेव.
  12. द्वादशी के स्वामी हैं विष्णुजी.
  13. त्रयोदशी के स्वामी हैं काम देव.
  14. चतुर्दशी के स्वामी हैं शिव.
  15. पूर्णिमा के स्वामी हैं चन्द्रमा.
  16. अमावस्या के स्वामी हैं पितृ



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