Skip to main content

Latest Astrology Updates in Hindi

November Grah Gochar in Hindi Jyotish

November 2025 Grah Gochar, कौन से ग्रह बदलेंगे राशि नवम्बर महीने में, किन राशियों को मिलेगा फायदा, November Masik Rashifal, नवम्बर में ग्रह गोचर, planetary transits in November 2025. नवंबर 2025 का महीना बहुत ही महत्वपूर्ण है क्यूंकि इस महीने देव उठनी ग्यारस है, चातुर्मास की समाप्ति होगी, विवाह के महुरत शुरू हो जायेंगे, कार्तिक पूर्णिमा का पर्व मनाया|  Vedic jyotish के अनुसार एक निश्चित समय में हर ग्रह अपना राशि परिवर्तन करते हैं जिसे की गोचर कहा जाता है, ग्रहों के बदलाव के कारण लोगो के जीवन, वातावरण, व्यापार आदि में बड़े बदलाव देखने को मिलते हैं |  November 2025 Grah Gochar: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नवम्बर में बहुत से ग्रह राशी बदलेंगे साथ ही कुछ ग्रहों की चाल भी बदलेगी जिसके कारण जन जीवन में, मौसम में काफी बदलाव देखने को मिलेंगे | ज्योतिष अनुसार नवंबर 2025 की कुछ ख़ास बातें : इस साल नवम्बर का महीना देवउठनी ग्यारस से शुरू होगा  | अंग्रजी केलेंडर के हिसाब से ये 2025 का ग्यारहवां महीना है | गोचर कुंडली में 5 ग्रहों की स्थिति में बड़े बदलाव होंगे जिसका असर हमे सभी तरफ देख...

Grah Aur Bimariyo Ka Sambandh

ग्रह और सम्बंधित बीमारियाँ, जानिए कुंडली के भावों और शारीर के भागो का सम्बन्ध, बीमारी और ज्योतिष, बीमारियों का ज्योतिषीय समाधान.


इसमें कोई विचित्र बात नहीं होती की कोई ज्योतिष आपको कुंडली देखके बीमारी के बारे में संकेत दे दे क्यूंकि ग्रह का सम्बन्ध सभी चीजो से होता है. किसी भी बीमारी का समाधान निकालना कोई असंभव बात नहीं होती है. ज्योतिष के अनुसार कुंडली के हर भाव का सम्बन्ध किसी न किसी शारीर के अंग से होता है. अतः कुंडली में ग्रहों और भावो के अध्ययन से हम बीमारी के कारण और समाधान को जान सकते हैं. पढ़िए स्वास्थ्य से सम्बंधित ज्योतिष योग.
swasthaya samasyaao ka jyotish samadhan
Grah Aur Bimariyo Ka Sambandh

आइये जानते हैं शारीर के कौन से हिस्से से कौन सा ग्रह सम्बन्ध रखता है और जानिए बीमारियों के बारे में :

  1. सूर्य ग्रह का सम्बन्ध हमारे दायें आँख, खून के बहाव, रीड की हड्डी, आदि से होता है. कुछ बीमारियाँ जो की सूर्य के ख़राब होने से हो सकती है वो है ह्रदय से सम्बंधित रोग, रीड में समस्या, दाई आँख में समस्या, आदि.
  2. चन्द्रमा का सम्बन्ध बाई आँख, गर्भाशय, पेट, किडनी, आदि से होता है. अतः सर्दी जुकाम, निमोनिया, दिमागी समस्या, शारीर के आन्तरिक भागो की बिमारिओ के लिए चन्द्रमा का अध्ययन करना होता है.
  3. मंगल ग्रह का सम्बन्ध माथा, मांस पेशियों, खून आदि से होता है अतः पिल्स, रक्त से सम्बंधित बीमारियाँ, रक्त चाप सम्बंधित बीमारियाँ, एलर्जी, जलना काटना, दुर्घटनाएं, आत्मदाह की कोशिश आदि के लिए मंगल ग्रह का अध्ययन करना होता है कुंडली में.
  4. बुध का सम्बन्ध बोलने के अंगो से है, मूंह से है, फेफड़ो से है, जीभ से है, पाचन तंत्र आदि से है. अतः इनसे सम्बंधित बीमारियों के अध्ययन के लिए बुध ग्रह का अध्ययन कुंडली में किया जाता है.
  5. गुरु का सम्बन्ध दायें कान, मोटापा, रक्त वाहिकाएं, भूख, आदि से है अतः इनसे सम्बंधित जानकारियों को जान्ने के लिए गुरु का अध्ययन किया जाता है.
  6. शुक्र ग्रह का सम्बन्ध प्रजनन अंगो से है, नाक से है कंठ से है, त्वचा से है, गले आदि से है अतः गुप्त रोगों के अध्ययन के किये इसका अध्ययन किया जाता है.
  7. शनि ग्रह का सम्बन्ध हड्डी, दांत, घुटनों, जोड़ो, फेफड़ो आदि से होता है अतः अस्थमा, घुटनों के दर्द, हड्डियों से सम्बंधित बीमारियों के बारे में जानने के लिए शनि ग्रह का अध्ययन किया जाता है.
  8. राहू और केतु ग्रह का सम्बन्ध वायु, जहर आदि से होता है अतः सांप का काटना, दाग, कुष्ठ रोग, कैंसर आदि के बारे में जानने के लिए राहू का अध्ययन किया जाता है.

आइये अब जानते हैं कुंडली के भावों और सम्बंधित बीमारियों के बारे में :

कुंडली के भावो या घरो को देख के भी बीमारियों के बारे में पता किया जा सकता है अतः अब हम जानेंगे इस विषय पर.
  1. सर, दिमाग, चेहरा, रंग आदि का सम्बन्ध कुंडली के प्रथम भाव से होता है.
  2. दाई आँख, तंत्रिकाएं, गला, , कंठ आदि का सम्बन्ध कुंडली के दुसरे भाव से होता है.
  3. दायाँ कान, कंधे, सांस, खून, हठ का सम्बन्ध कुंडली के तीसरे घर से होता है.
  4. छाती, पाचन तंत्र, पेट आदि का सम्बन्ध कुंडली के चोथे घर से होता है.
  5. ह्रदय, रीढ़ का सम्बन्ध कुंडली के पांचवे घर से होता है.
  6. अंत, पेट, किडनी, आदि का सम्बन्ध कुंडली के छठे भाव से होता है.
  7. नाभि, कमर, त्वचा आदि का सम्बन्ध कुंडली के सातवे भाव से होता है.
  8. सेक्स से सम्बंधित अंग, मूत्राशय, गुदा, आदि का सम्बन्ध कुंडली के आठवे भाव से होता है.
  9. कुल्हे, जांघ, धमनियां आदि का सम्बन्ध कुंडली के नवे घर से होता है.
  10. हड्डी, जोड़ आदि का सम्बन्ध कुंडली के दसवे भाव से होता है.
  11. पैर, खून का बहाव, बयां कान, का सम्बन्ध कुंडली के ग्यारहवे भाव से होता है.
  12. पैर का पंजा, अंगूठा, बायाँ आंख, लसिका आदि का सम्बन्ध कुंडली के बारहवे भाव से होता है.
अतः ज्योतिष बीमारियों के इलाज में भी बहुत सहायक होता है. किसी प्रकार के बीमारियों के इलाज ज्योतिष में जानने के लिए आप संपर्क कर सकते हैं.



ग्रह और सम्बंधित बीमारियाँ, जानिए कुंडली के भावों और शारीर के भागो का सम्बन्ध, बीमारी और ज्योतिष, बीमारियों का ज्योतिषीय समाधान.

Comments

Popular posts from this blog

Kuldevi Strotram Lyrics

Kuldevi Strotram Lyrics, कुलदेवी स्त्रोत्रम पाठ के फायदे, कुलदेवी का आशीर्वाद कैसे प्राप्त करें, कुलदेवी को प्रसन्न करने का शक्तिशाली उपाय, Hindi Meanings of Lyrics | हिन्दुओं में कुलदेवी या कुलदेवता किसी भी परिवार के मुख्य देवी या देवता के रूप में पूजे जाते हैं और ये उस परिवार के मुख्य रक्षक भी होते हैं | किसी भी विशेष कार्य को करने से पहले कुलदेवी या कुलदेवता को पूजने की मान्यता है |  आज के समय में बहुत से परिवारों को उनके कुलदेवी या कुलदेवता का पता नहीं होता है अतः ऐसे में चिंता की बात नहीं है| कुलदेवी स्त्रोत्रम का पाठ करके और सुनके हम अपने कुलदेवी की कृपा प्राप्त कर सकते हैं |  Kuldevi Strotram Lyrics सुनिए YouTube में कुलदेवी स्त्रोत्रम  Lyrics of Kuldevi Strotram:  ॐ नमस्ते श्री  शिवाय  कुलाराध्या कुलेश्वरी।   कुलसंरक्षणी माता कौलिक ज्ञान प्रकाशीनी।।1   वन्दे श्री कुल पूज्या त्वाम् कुलाम्बा कुलरक्षिणी।   वेदमाता जगन्माता लोक माता हितैषिणी।।2   आदि शक्ति समुद्भूता त्वया ही कुल स्वामिनी।   विश्ववंद्यां महाघोरां त्राहिमाम्...

Mahakal Kawacham || महाकाल कवच

महाकाल कवच के बोल, महाकाल कवचम के क्या फायदे हैं। Mahakal Kavacham || Mahakaal Kavach || महाकाल कवच || इस लेख में अति गोपनीय, दुर्लभ, शक्तिशाली कवच के बारे में बता रहे हैं जिसे की विश्वमंगल कवच भी कहते हैं। कवच शब्द का शाब्दिक अर्थ है सुरक्षा करने वाला | जिस प्रकार एक योद्धा युद्ध में जाने से पहले ढाल या कवच धारण करता है, उसी प्रकार रोज हमारे जीवन में नकारात्मक्क शक्तियों से सुरक्षा के लिए महाकाल कवच ढाल बना देता है | जब भी कवच का पाठ किया जाता है तो देविक शक्ति दिन भर हमारी रक्षा करती है |  कवच के पाठ करने वाले को अनैतिक कार्यो से बचना चाहिए, मांसाहार नहीं करना चाहिए, किसी भी प्रकार की हिंसा नहीं करना चाहिए | Mahakal Kavach का विवरण रुद्रयामल तंत्र में दिया गया है और ये अमोघ रक्षा कवच है | Mahakal Kawacham || महाकाल कवच  किसी भी प्रकार के रोग, शोक, परेशानी आदि से छुटकारा दिला सकता है महाकाल कवच का पाठ | इस शक्तिशाली कवच के पाठ से हम बुरी शक्तीयो से बच सकते हैं, भूत बाधा, प्रेत बाधा आदि से बच सकते हैं | बच्चे, बूढ़े, जवान सभी के लिए ये एक बहुत ही फायदेमंद है | बाबा महाकाल ...

Bank Account kab khole jyotish anusar

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बैंक खाता कब खोलें, बैंक खाता खोलने के लिए सबसे अच्छा दिन चुनकर सौभाग्य कैसे बढ़ाएं,  when to open bank account as per astrology ,  ज्योतिष के अनुसार बैंक खाता खोलने का शुभ दिन, नक्षत्र और समय, ज्योतिष के अनुसार बचत कैसे बढ़ाएं? बैंक खाता खोलने का निर्णय एक बहुत ही महत्वपूर्ण निर्णय है और इसलिए इसे खोलने के लिए सबसे अच्छा दिन, सर्वश्रेष्ठ नक्षत्र, सर्वश्रेष्ठ महुरत चुनना अच्छा होता है । शुभ समय पर खोला गया बैंक खाता व्यक्ति को आसानी से संपन्न बना देता है |  बिना प्रयास के सफलता नहीं मिलती है अतः अगर हमे सफल होना है ,धनाढ्य बनना है, अमीर बनना है तो हमे सभी तरफ से प्रयास करना होगा, हमे स्मार्ट तरीके से काम करना होगा |  प्रत्येक व्यवसाय या कार्य में बैंक खाता आवश्यक है। चाहे आप एक कर्मचारी या उद्यमी हों चाहे आप एक व्यवसायी हों या एक गैर-कामकाजी व्यक्ति, बैंक खाता आमतौर पर हर एक के पास होता है। बैंक खाता हर एक के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि हम इस पर अपनी बचत रखते हैं, यह इसीलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि प्रत्येक लेनदेन बैंक खाते के माध्यम...