Skip to main content

Latest Astrology Updates in Hindi

Surya tula rashi mai kab pravesh karenge

Surya ka tula rashi me gochar kab hoga, सूर्य तुला राशि में कब प्रवेश करेंगे, क्या असर होगा 12 राशियों पर, जानिए राशिफल हिंदी ज्योतिष में, Jyotish updates. Surya ka gochar Tula Rashi Me October 2025: सूर्य हर महीने राशि परिवर्तन करते हैं जिसका असर देश और दुनिया पर दिखाई देता है साथ ही 12 राशि वालो के जीवन में भी बड़े बदलाव होते हैं | सूर्य ग्रह नेतृत्त्व क्षमता, पिता, अधिकारी वर्ग, यात्रा, नाम, यश आदि का प्रतिनिधित्त्व करता है| 2025 में 17 october को दिन में लगभग 1:35 पे सूर्य कन्या राशि से निकल के तुला राशि में गोचर  करेंगे, यहाँ पर पहले से बुध ग्रह मौजूद है जिसके कारण बुधादित्य राज योग बनेगा | ध्यान रखने वाली बात ये है की तुला राशि में सूर्य नीच के होते हैं | परन्तु ऐसा नहीं है की इसके सिर्फ हानिकारक प्रभाव ही देखने को मिलेंगे कुछ को लाभ होगा और कुछ के जीवन में संघर्ष बढ़ जाएगा | सूर्य के तुला राशि में प्रवेश को तुला संक्रांति/tula sankranti कहते हैं | Surya tula rashi mai kab pravesh karenge आइये जानते हैं सूर्य के tula राशि में गोचर का क्या प्रभाव होगा 12 राशियों पर : ...

Swasthya Se Sambandhit Jyotishiya Yog

अच्छे स्वास्थ्य का महत्त्व, कुछ ज्योतिषीय योग जो की बिमारी का कारण हो सकते हैं, जनेन्द्रिय सम्बंधित रोग और ज्योतिष, अलसर- घाव से सम्बंधित योग, गुप्त रोग और ज्योतिष, मनो रोग के ज्योतिषीय कारण. 
kundli me bimari ke yog in hindi
Swasthya Se Sambandhit Jyotishiya Yog

स्वास्थ्य का जीवन मे सबसे अधिक महत्त्व है, इस क्षणभंगुर जीवन को सफलता पूर्वक जीने के लिए जरुरी है की स्वास्थ्य अच्छा रहे. ज्योतिष के माध्यम से भी हम स्वास्थ्य के बारे मे बहुत कुछ जान सकते हैं. विभिन्न ग्रहों का हमपर अलग अलग असर होता है, ग्रहों की उर्जा हमारे जीवन पर असर डालती है. बीमारी एक ऐसा श्राप है जो होता तो एक को है पर पूरा परिवार प्रभावित होता है. 

ये भी सच है की अगर व्यक्ति खान पान मे समन्वय रखे तो भी बहुत सारी बिमारियों से बचा भी जा सकता है. इसी के साथ अगर कुछ ज्योतिषीय उपाय कर लिए जाए, कुंडली मे मौजूद ख़राब ग्रहों के प्रभावों को कम करने के लिए तो बहुत हद तक परेशानियों को कम किया जा सकता है. 

बीमारी के कारण को जानने के लिए कुंडली के छठे भाव को देखा जाता है, आठवे भाव को देखा जाता है. त्रिक भावों (6, ८, १२ )मे ख़राब ग्रहों की मौजूदगी भी स्वास्थय सम्बंधित परेशानियों की तरफ इशारा करती है. 

आइये जानते है कुछ ज्योतिषीय नियम की कैसे बीमारियों को जाना जाता है :

  • अगर ११वे भाव का स्वामी कमजोर होक छठे भाव मे बैठ जाए तो  जातक बीमार रहता है. 
  • अगर शनि पापी ग्रह के साथ बैठा हो ५वे, ९वे, या १२वे भाव मे तो स्वस्थ्य सम्बंधित परेशानियां देता है. 
  • अगर आठवे भाव का स्वामी किसी भी त्रिक स्थान मे बैठा हो तो भी बीमारी देता है. 
  • अगर लग्न का स्वामी कमजोर हो, शनि और मंगल साथ मे आठवे भाव मे बैठे हो साथ ही सूर्य बारहवे भाव मे बैठ जाए तो भी बीमारियों को आकर्षित करता है. 
  • अगर ग्यारहवे भाव का स्वामी छठे भाव मे बैठ जाए तो भी हेल्थ समस्या देता है. 
आइये अब जानते हैं की घाव / अल्सर आदि से सम्बंधित ज्योतिषीय योग:

  1. अगर छठे भाव का स्वामी चन्द्र के साथ लग्न मे या फिर आठवे भाव मे बैठ जाए तो मूंह मे या फिर तालू मे घाव हो सकता है. 
  2. अगर छठे भाव का स्वामी मंगल, सूर्य, बुध, गुरु, शुक्र, शनि , रहू, केतु के साथ आठवे भाव मे बैठ जाए तो धीरे धीरे गले, माथा, आँखों के आस पास, पेट, पाँव और मूंह पर घाव दे सकता है. 

आइये अब जानते हैं जनेन्द्रिय सम्बंधित बीमारियों के ज्योतिषीय कारण :

  1. अगर सूर्य लग्न मे हो और मंगल सातवे घर मे हो तो जातक मूत्र सम्बंधित रोग या फिर सुगर से ग्रस्त हो सकता है. 
  2. अगर मंगल दसवे घर मे हो, शनि साथ मे हो या फिर मंगल शनि द्वारा दृष्ट हो तो भी जनेन्द्रिय सम्बंधित रोग दे सकता है. 
  3. अगर सूर्य, शुक्र, शनि पांचवे घर मे बैठे तो भी ऐसे रोग हो सकते है. 
  4. अगर शुक्र नीच का हो या फिर शत्रु का हो या फिर पापी ग्रहों के साथ बैठा हो तो वीर्य सम्बंधित रोग हो सकता है. 
  5. अगर चन्द्रमा, मंगल और शनि छठे, आठवे और बारहवे भाव मे बैठे हो तो भी जनेन्द्रिय सम्बंधित रोग हो सकते हैं. 
  6. अगर छठे और सातवे भाव मे बहुत से पापी ग्रह हो तो भी रोग दे सकता है. 
आइये कुछ और योग गुप्त रोग से सम्बंधित देखते हैं:

अच्छे स्वास्थ्य का महत्त्व, कुछ ज्योतिषीय योग जो की बिमारी का कारण हो सकते हैं, जनेन्द्रिय सम्बंधित रोग और ज्योतिष, अलसर- घाव से सम्बंधित योग, गुप्त रोग और ज्योतिष, मनो रोग के ज्योतिषीय कारण. 


  • जब छठे भाव का स्वामी , बुध, मंगल साथ मे बैठे हो कही भी या फिर सातवे भाव मे तो गुप्त रोग दे सकता है. 
  • जब आठवे भाव मे पापी ग्रह बैठ जाए या फिर पापी ग्रह से दृष्ट हो तो भी गुप्त रोग हो सकता है. 
  • अगर लग्न मे वृषभ या कन्या हो और इसका स्वामी बुध के साथ हो और सिंह राशी का मंगल चौथे या बारहवे भाव मे बैठे तो लिंग सम्बंधित समस्या हो सकता है. 
आइये अब जानते है कुछ मनो रोग से सम्बंधित ज्योतिषीय योग:
आज के तनाव भरे जीवन मे मनो रोग भी बहुत तेजी से बढ़ रहे है. ज्योतिष द्वारा मानसिक समस्याओं को भी जाना जा सकता है, मिर्गी, हिस्टीरिया आदि भी मनो रोग मे आते हैं.

  1. जब चन्द्रमा राहू के साथ युति करता है तो भी मनो रोग दे सकता है.
  2. अगर आठवे भाव मे बहुत से पापी ग्रह हो और शुक्र , चन्द्रमा के साथ किसी भी केंद्र स्थान मे तो भी मनोरोग दे सकता है. 
  3. अगर राहू लग्न मे हो, चन्द्रमा छठे भाव मे हो, साथ ही सूर्य, चन्द्रमा, मंगल साथ मे आठवे भाव मे हो तो भी मन सम्बंधित रोग दे सकता है.
  4. जब शनि और मंगल छठे या आठवे भाव मे हो तो भी मनोरोग हो सकता है. 
अगर आप भी किसी रोग से परेशान हो और ज्योतिषीय कारन जानना चाहते हो तो ज्योतिष से संपर्क कर सकते है. 


और सम्बंधित लेख पढ़े:
 अच्छे स्वास्थ्य का महत्त्व, कुछ ज्योतिषीय योग जो की बिमारी का कारण हो सकते हैं, जनेन्द्रिय सम्बंधित रोग और ज्योतिष, अलसर- घाव से सम्बंधित योग, गुप्त रोग और ज्योतिष, मनो रोग के ज्योतिषीय कारण. 

Comments

Popular posts from this blog

Kuldevi Strotram Lyrics

Kuldevi Strotram Lyrics, कुलदेवी स्त्रोत्रम पाठ के फायदे, कुलदेवी का आशीर्वाद कैसे प्राप्त करें, कुलदेवी को प्रसन्न करने का शक्तिशाली उपाय, Hindi Meanings of Lyrics | हिन्दुओं में कुलदेवी या कुलदेवता किसी भी परिवार के मुख्य देवी या देवता के रूप में पूजे जाते हैं और ये उस परिवार के मुख्य रक्षक भी होते हैं | किसी भी विशेष कार्य को करने से पहले कुलदेवी या कुलदेवता को पूजने की मान्यता है |  आज के समय में बहुत से परिवारों को उनके कुलदेवी या कुलदेवता का पता नहीं होता है अतः ऐसे में चिंता की बात नहीं है| कुलदेवी स्त्रोत्रम का पाठ करके और सुनके हम अपने कुलदेवी की कृपा प्राप्त कर सकते हैं |  Kuldevi Strotram Lyrics सुनिए YouTube में कुलदेवी स्त्रोत्रम  Lyrics of Kuldevi Strotram:  ॐ नमस्ते श्री  शिवाय  कुलाराध्या कुलेश्वरी।   कुलसंरक्षणी माता कौलिक ज्ञान प्रकाशीनी।।1   वन्दे श्री कुल पूज्या त्वाम् कुलाम्बा कुलरक्षिणी।   वेदमाता जगन्माता लोक माता हितैषिणी।।2   आदि शक्ति समुद्भूता त्वया ही कुल स्वामिनी।   विश्ववंद्यां महाघोरां त्राहिमाम्...

Mahakal Kawacham || महाकाल कवच

महाकाल कवच के बोल, महाकाल कवचम के क्या फायदे हैं। Mahakal Kavacham || Mahakaal Kavach || महाकाल कवच || इस लेख में अति गोपनीय, दुर्लभ, शक्तिशाली कवच के बारे में बता रहे हैं जिसे की विश्वमंगल कवच भी कहते हैं। कवच शब्द का शाब्दिक अर्थ है सुरक्षा करने वाला | जिस प्रकार एक योद्धा युद्ध में जाने से पहले ढाल या कवच धारण करता है, उसी प्रकार रोज हमारे जीवन में नकारात्मक्क शक्तियों से सुरक्षा के लिए महाकाल कवच ढाल बना देता है | जब भी कवच का पाठ किया जाता है तो देविक शक्ति दिन भर हमारी रक्षा करती है |  कवच के पाठ करने वाले को अनैतिक कार्यो से बचना चाहिए, मांसाहार नहीं करना चाहिए, किसी भी प्रकार की हिंसा नहीं करना चाहिए | Mahakal Kavach का विवरण रुद्रयामल तंत्र में दिया गया है और ये अमोघ रक्षा कवच है | Mahakal Kawacham || महाकाल कवच  किसी भी प्रकार के रोग, शोक, परेशानी आदि से छुटकारा दिला सकता है महाकाल कवच का पाठ | इस शक्तिशाली कवच के पाठ से हम बुरी शक्तीयो से बच सकते हैं, भूत बाधा, प्रेत बाधा आदि से बच सकते हैं | बच्चे, बूढ़े, जवान सभी के लिए ये एक बहुत ही फायदेमंद है | बाबा महाकाल ...

Bank Account kab khole jyotish anusar

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बैंक खाता कब खोलें, बैंक खाता खोलने के लिए सबसे अच्छा दिन चुनकर सौभाग्य कैसे बढ़ाएं,  when to open bank account as per astrology ,  ज्योतिष के अनुसार बैंक खाता खोलने का शुभ दिन, नक्षत्र और समय, ज्योतिष के अनुसार बचत कैसे बढ़ाएं? बैंक खाता खोलने का निर्णय एक बहुत ही महत्वपूर्ण निर्णय है और इसलिए इसे खोलने के लिए सबसे अच्छा दिन, सर्वश्रेष्ठ नक्षत्र, सर्वश्रेष्ठ महुरत चुनना अच्छा होता है । शुभ समय पर खोला गया बैंक खाता व्यक्ति को आसानी से संपन्न बना देता है |  बिना प्रयास के सफलता नहीं मिलती है अतः अगर हमे सफल होना है ,धनाढ्य बनना है, अमीर बनना है तो हमे सभी तरफ से प्रयास करना होगा, हमे स्मार्ट तरीके से काम करना होगा |  प्रत्येक व्यवसाय या कार्य में बैंक खाता आवश्यक है। चाहे आप एक कर्मचारी या उद्यमी हों चाहे आप एक व्यवसायी हों या एक गैर-कामकाजी व्यक्ति, बैंक खाता आमतौर पर हर एक के पास होता है। बैंक खाता हर एक के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि हम इस पर अपनी बचत रखते हैं, यह इसीलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि प्रत्येक लेनदेन बैंक खाते के माध्यम...