कौन है भैरव जी, काल भैरव की पूजा से क्या फायदे होते हैं, उज्जैन में मौजूद अष्ट-भैरव, भैरव अष्टमी का महत्त्व, उज्जैन में कैसे मनता है काल भैरव अष्टमी, भैरव पूजा से समस्या समाधान, kab hai kalbhairav ashtmi 2022.
हिन्दू पंचाग के अनुसार अगहन महीने की कृष्ण पक्ष की अष्टमी भैरव अष्टमी के रूप में मनाया जाता है. मान्यता के अनुसार इस दिन भैरव जी का जन्म हुआ था. उज्जैन में भैरव अष्टमी बहुत ही हर्षोल्लास से मनता है. इस दिन काल भैरव मंदिर और अष्ट भैरव मंदिरों को खूब सजाया जाता है और विशेष पूजा अर्चना होती है. अर्ध रात्री को बाबा की आरती की जाती है.
कौन है काल भैरव ?
भगवन शिव के रूद्र अवतार के रूप में काल भैरव को पूजा जाता है | ये शिवजी का प्रचंड रूप है और इनकी पूजा से हर प्रकार के डर से जातक को निजात मिलती है |
जो लोग तंत्र में प्रवेश करना चाहते हैं वे भी इनकी पूजा से जल्द से जल्द सफलता प्राप्त करते हैं |
भगवान् शिव ने भैरवजी को सभी शक्तिपीठो की रक्षा का भार दे रखा है इसीलिए हर शक्तिपीठ में भैरव पूजा भी की जाती है | बिना भैरव दर्शन के शक्तिपीठो का दर्शन भी अधुरा माना जाता है |
साल 2022 में 16 November, बुधवार को भैरव अष्टमी मनाया जाएगा.
जो लोग शनि, राहू और केतु की बाधा से ग्रस्त है, उनके लिए सबसे अच्छा समय रहेगा | इस दिन जूते, चप्पल, कम्बल, सरसों के तेल आदि का दान दुःख, दरिद्रता को दूर करने में मदद करेगा |
आइये जानते हैं काल भैरव की पूजा से क्या फायदा होता है ?
- जो लोग राहू या केतु की समस्या से ग्रस्त है, वे लोग भैरव पूजा से लाभ उठा सकते हैं|
- जो लोग शत्रु द्वारा परेशां किये जा रहे हैं, वे भी कालभैरव की पूजा से लाभ उठा सकते हैं |
- जो लोग काले जादू से ग्रस्त है, वे लोग भी बाबा भैरव की कृपा से सुरक्षित हो सकते हैं |
- ग्रह बाधा से बचने के लिए भी हम भैरवपूजा कर सकते हैं |
- किसी भी प्रकार की परेशानी हो, भैरव पूजा से सब दूर हो सकती है |
- बंधन दोष से भी बचा लेते हैं काल भैरव |
उज्जैन में कालभैरव अष्टमी उत्सव:
स्कन्द पुराण के अवंतिका खंड में उज्जैन में मौजूद अष्ट भैरव का उल्लेख मिलता है और ये भी साफ़ साफ़ बताया गया है की अवंतिका नगरी तंत्र साधना के लिए अति विशिष्ट है.
इसी कारण लोग भैरव अष्टमी को भी विशेष तंत्र साधनाएं करते हैं ईच्छा पूर्ति के लिए.
भैरव पूजा से जीवन में मौजूद बहुत सी बाधाएं नष्ट होती है और साथ ही स्वास्थ्य और सम्पन्नता प्राप्त होती है.
चूँकि उज्जैन अष्ट भैरव का स्थान है और यहाँ पर विश्व प्रसिद्द “काल भैरव” मंदिर भी है जहाँ पर बाबा आज भी मदिरा का भोग लगाते हैं. इसी कारण उज्जैन में भैरव अष्टमी बहुत उत्साह से मनाया जाता है.
इस दिन बाबा काल भैरव की यात्रा निकलती है और वो शाम को उज्जैन भ्रमण करते हैं. हजारो लोग बाबा के दर्शनों के लिए दूर दूर से आते हैं.
आइये जानते हैं उज्जैन के अष्ट भैरवो के बारे में:
अष्ट भैरवो के बारे में जानने की उत्सुकता सभी को होती है अतः यहाँ उनकी जानकारी दी जा रही है.
- काल भैरव
- विक्रांत भैरव
- बटुक भैरव
- अताल-पाताल भैरव
- क्षेत्रपाल भैरव
- चक्रपाणी भैरव
- आनंद भैरव
- काला-गोरा भैरव
ये सभी मंदिर कालभैरव अष्टमी को विशेष रूप से सजाये जाते हैं. यहाँ विशेष पूजा अर्चना होती है और ना-ना प्रकार के भोग लगाए जाते हैं.
अतः अगर आप इस दिन उज्जैन आये तो बाबा का आशीर्वाद जरुर ले और अपने जीवन को धन्य करे.
आइये जानते हैं भैरव पूजा कब किया जाता है और कैसे कर सकते हैं आसानी से ?
बाबा भैरव की पूजा सूर्यास्त के बाद और अर्ध रात्री को किया जाता है | भैरव जी के साथ काले कुत्तो को भी पूजा जाता है, उन्हें भी भोग दिया जाता है और खुश किया जाता है |
इनकी पूजा में सरसों का तेल और चमेली के फूल विशेष रूप से प्रयोग करना चाहिए |
भैरव पूजा में चौमुखा दीपक प्रयोग में होता है |
क्या करे भैरव अष्टमी को सफलता के लिए?
आप कहीं भी हो, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. अगर आप बाबा काल भैरव का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं तो आप कुछ आसान तरीके स्तेमाल कर सकते हैं.
किसी भी भैरव मंदिर में जाएँ.
- उनको श्रीफल, पुष्प, फल, भोग और मदिरा अर्पित करे और आशीर्वाद मांगे.
- वहां पर धुप और दीप जलाए.
- भैरव अष्टक का पाठ करे या फिर भैरव जी के 108 नामो का जप करे.
- वहां पर कुछ देर बैठे और प्रार्थना करे.
- कम्बल का दान गरीबो को करे |
- कुत्तो को जलेबी और इमारती खिलाये |
- गाय को गुड़ और जौ खिला सकते हैं |
ॐ काल भैरवाय नमः || जय बाबा काल भैरव
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