Dev Uthni Gyaras Kab hai 2025, देव उठनी एकादशी महत्तव, क्या करे प्रबोधिनी एकादशी को सफलता के लिए, ekadashi update. Devuthni gyaras 2025: इस साल देवउठनी ग्यारस २ नवम्बर रविवार को है | एकादशी तिथि 1 नवम्बर को दिन में लगभग 9:13 बजे शुरू होगी और 2 तारीख को प्रातः में लगभग 7:31 बजे तक रहेगी | चूँकि द्वादशी युक्त एकादशी करने का विधान है इसीलिए एकादशी का व्रत 2 तारीख को किया जायेगा. इस व्रत का पारण 3 तारीख को प्रातः लगभग 6:43 के बाद किया जाएगा. एक ऐसा दिन जिसका हिन्दुओ के लिए बहुत अधिक महत्तव है और वो दिन हैं कार्तिक शुक्ल पक्ष की ग्यारस. इस दिन को प्रबोधिनी एकादशी या फिर देव उठनी ग्यारस भी कहा जाता है. भारत में इस दिन को बहुत ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है. dev uthni ekadashi in jyotish ऐसा माना जाता है की भगवान् विष्णु आशाद शुक्ल पक्ष की ग्यारस को क्षीर सागर में विश्राम करने चले जाते हैं और 4 महीने बाद कार्तिक शुक्ल पक्ष की ग्यारस को उठते हैं इसी लिए इस दिन को देव उठनी ग्यारस कहा जाता है. जब विष्णुजी सोते है तो उस समय विवाह आदि शुभ कार्य वर्जित हो जाते ...
Someshwar Mahadev ujjain का महत्त्व सोमवती अमावस्या को, क्यों होती है सोमेश्वर महादेव में पूजा अर्चना सोमवती अमावस्या को.
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| Someshwar Mahadev Ujjain Ka Mahattw Amavasya Mai |
वैसे तो हर अमावस्या का अपना महत्त्व होता है परन्तु जब ये सोमवार को आये तो बहुत विशेष महत्त्व रखता है. इस बार सोमवती अमावस्या फाल्गुन महीने मे है और साथ ही धनिष्ठा नक्षत्र भी पड़ रहा है जिसके कारण महत्त्व और बढ़ जाता है.
सोमवार को भगवान् शिव की पूजा होती है और साथ ही अमावस्या में पितृ शान्ति के लिए भगवान् शिव की आराधना को उत्तम माना जाता है.
सोमेश्वर महादेव उज्जैन का महत्त्व:
उज्जैन तो महाकाल की नगरी है और साथ ही यहाँ पर ८४ महादेव भी विराजमान है. इनमे सोमेश्वर महादेव की पूजा सोमवती अमावस्या को विशेष रूप से की जाती है. क्यूंकि सोमवार के करक देव चन्द्रमा है. चन्द्रमा मन कारक ग्रह है.
अमावस्या को सोमेश्वर महादेव की पूजा करने से अनेक लाभ होते हैं जैसे-
- कुंडली में चन्द्र ग्रहण योग हो तो इस दिन someshwar mahadev की पूजा से लाभ होता है.
- जिनके कुंडली में चन्द्रमा दूषित हो या कमजोर हो तो भी इस दिन लाभ होता है शिव पूजा से.
- अगर किसी को अत्यधिक मानसिक परेशानी हो तो भी इस दिन सोमेश्वर महादेव की पूजा करने से लाभ होता है.
- अमावस्या के अधिपति पितृ माने गए हैं अतः पितृ शान्ति हेतु भी इस दिन विशेष पूजा अर्चना होती है जिससे पितृ दोष शान्ति होती है.
- उपरी बाधा की शान्ति हेतु भी इस दिन पूजा अर्चना होती है.
- किसी पर काला जादू किया गया हो तो भी इस दिन विशेष पूजा अर्चना या फिर उतारे होते हैं बचाव के लिए.
किन लोगो को विशेष रूप से पूजन करना चाहिए सोमेश्वर महादेव का सोमवती अमावस्या को?
- अगर किसी के कुंडली में चन्द्रमा शत्रु राशि का हो और जीवन में बाधा उत्पन्न हो रही हो तो सोमवती अमावस्या को विशेष पूजा अर्चना करना चाहिए महादेव का.
- अगर कुंडली में पितृ दोष हो तो पितृ शांति हेतु पूजा करना चाहिए.
- अगर कुंडली में ग्रहण दोष हो तो भी सोमवती अमावस्या को शिव पूजा से लाभ उठाना चाहिए.
- अगर किसी के ऊपर कुछ किया कराया गया हो काले जादू से तो भी इस दिन विशेष पूजा करना चाहिए या करवाना चाहिए.
- गंभीर बीमारियों से छुटकारे हेतु भी इस दिन पूजा से लाभ उठाया जा सकता है.
जानिए आसान तरीका पितृ दोष निवारण हेतु सोमवती अमावस्या को:
- इस दिन ब्राहमण भोज करवाये और उनको खीर, सफ़ेद मिष्ठान भोजन में जरुर दे. साथ ही सफ़ेद वस्त्र, दूध, शक्कर, चांदी आदि का दान करे और आशीर्वाद ले.
- अपनी क्षमता अनुसार ब्राह्मण को दान भी किया जा सकता है.
- प्यासों के लिए जल की व्यवस्था करना भी बहुत अच्छा होता है इस दिन.
अतः सोमवती अमावस्या का लाभ उठाये और बनाए अपने जीवन को खुशहाल.
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Someshwar Mahadev ujjain का महत्त्व सोमवती अमावस्या को, क्यों होती है सोमेश्वर महादेव में पूजा अर्चना सोमवती अमावस्या को.

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