Shree Parmeshwar Stutih(Devdaruvanasth Krutam) Lyrics, Hindi Meaning of Shree Parmeshwar Stutih, शिव स्तुति. “श्री परमेश्वर स्तुतिः (देवदारुवनस्थ मुनि कृतम्)” एक अत्यंत पवित्र और आध्यात्मिक स्तोत्र है, जिसकी रचना देवदारु वन में तपस्या करने वाले मुनि ने भगवान शिव की आराधना स्वरूप की थी। यह स्तुति भगवान परमेश्वर के साक्षात् स्वरूप की भक्ति, ज्ञान और तप की भावना को प्रकट करती है। इसमें शिव के निराकार और साकार दोनों रूपों की प्रशंसा की गई है, जो यह दर्शाती है कि वे सम्पूर्ण सृष्टि के मूल कारण, पालक और संहारकर्ता हैं। इस स्तुति का पाठ साधक के मन को शुद्ध करता है, अहंकार को दूर कर आत्मज्ञान और मोक्ष की ओर अग्रसर करता है। देवदारु वन, जहाँ यह स्तुति उत्पन्न हुई, केवल एक भौगोलिक स्थान नहीं बल्कि तप, वैराग्य और अंतर्मन की शांति का प्रतीक है। यह स्तुति भारतीय आध्यात्मिक परंपरा और शिवभक्ति की अखंड धारा का प्रतिनिधित्व करती है। “श्री परमेश्वर स्तुतिः” का श्रवण या पाठ मन को शांति, शक्ति और दिव्यता से भर देता है, और भक्त को परमात्मा के साथ एकत्व का अनुभव कराता है। इस प्रकार, यह स्तोत्र...
2025 में Dhanteras kab hai, kiase karen Pooja, जानिए ग्रहों की स्थिति कैसी रेहगी, जानिए पूजा की आसान विधि और लाभ, Dhanteras mantra, what is the best spell for dhan-teras, prosperity mantr for धनतेरस |
Dhanteras 2025: कार्तिक का महिना वैदिक ज्योतिष के हिसाब से बहुत महत्तव रखता है, इस महीने में बहुत से महत्त्वपूर्ण त्यौहार आते हैं और साधना के लिए भी ये उपयुक्त समय होता है. कार्तिक महीने की कृष्ण पक्ष के तेरहवे दिन धन तेरस नाम का त्यौहार भारत में मनाया जाता है. ये पूजा दिवाली के २ दिन पहले होती है.
2025 में तेरस 18 October शनिवार को है, तेरस तिथि 18 तारीख को दोपहर में लगभग 12:20 पे शुरू होगी और 19 october 2025 को दोपहर में लगभग 1:52 तक रहेगी |
धन तेरस के दिन महत्त्वपूर्ण चीजे खरीदने का रिवाज है, सोना- चांदी के जेवर आदि खरीदने का रिवाज है. वास्तव में धन तेरस के दिन से आने वाले पांच दिन बहुत ही महत्त्वपूर्ण होते हैं. इसके ठीक दूसरे दिन नरक चतुर्दशी मनाई जाती है जिस दिन लोग विशेष तौर पर सफाई करके माँ लक्ष्मी को आमंत्रित करते हैं. नरक चतुर्दशी के बाद दिवाली का त्यौहार मनाया जाता है, उसके बाद गोवेर्धन पूजा होती है और उसके बाद भाई दोज मनाया जाता है. अतः धन तेरस के दिन से लोग व्यस्त हो जाते हैं विभिन्न प्रकार के कर्म कांडो में.
धन तेरस के दिन साधारणतः लोग घर में उपयोग में आने वाले बर्तन, सोना चांदी के जेवर, आदि खरीदते हैं. एक और परंपरा के अनुसार इस दिन धन के राजा कुबेर की पूजा होती है, यमराज की पूजा भी होती है महालक्ष्मी जी के साथ.
धनतेरस की शाम को यमराज के नाम से दीप दान किया जाता है. पढ़िए दिवाली पूजा का आसान तरीका.
आइये अब जानते हैं की किस प्रकार से आसानी से हम धन तेरस की पूजा कर सकते हैं ?
Dhanteras Ki Pooja Ka Asan Tarika, धनतेरस पूजा, धनतेरस पूजा आसान विधि, धन तेरस की पूजा से लाभ.- धन तेरस के दिन शुभ महूरत में एक कलश में 5 सुपारी, 1 चांदी का सिक्का, दुर्बा घास , हल्दी का टुकड़ा, 9 रत्न, डाल के रखना चाहिए फिर उस पर एक प्लेट में चावल भर के कलश के ऊपर रखे और उस पर एक श्रीफल रखे.
- इस प्रकार से कलश स्थापना के बाद कलश की पंचोपचार पूजा करे और उसके बाद देवी और देवता से प्रार्थना करे की आपको आशीर्वाद दे.
- दीप दान के बाद भोग या नैवेद्य भी अर्पित करे.
- शाम को यमराज(मृत्यु के देवता) के नाम से 14 दीप दान करे और यम स्त्रोत या फिर कोई भी यम देवता के मंत्र का पाठ करे जैसे "ॐ यमाय नमः ". दीपक में एक चुटकी चावल, हल्दी, चीनी, १ कौड़ी रखे |
- इसी दिन से श्री यन्त्र की पूजा करना भी शुभ होता है, अपने सामर्थ्य के अनुसार आप भोज पत्र, चांदी या सोने में बने श्री यन्त्र की स्थापना कर सकते हैं.
ये भी जरुरी है की हम अपनी पूजा, पूर्ण श्रद्धा और विश्वास से करे और पवित्रता बनाए रखे जिससे की कुबेर, यमराज और माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त हो सके. पढ़िए दिवाली तंत्र के बारे में.
अतः मन से पूजा करे और भगवान् की कृपा प्राप्त करे.
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| dhanteras pooja mantra |
धनतेरस का पर्व कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन लोग चांदी, सोने और रसोई के लिए बर्तन और अन्य सामान खरीदने की परंपरा है। इस दिन भगवान गणेश, महालक्ष्मी के साथ साथ धन्वंतरि देव की पूजा का भी प्रावधान है।
आइए जानते हैं धनतेरस पर क्या करें ?
Yam-deepak : Dhanteras को अकाल मृत्यु से बचने के लिए यमराज के नाम पे घर के बाहर दीपक जलाया जाता है जिसे यम दीपक कहा जाता है |
पौराणिक कथाओं के अनुसार धनतेरस के दिन हई समुद्र मंथन से वैद्य धन्वंतरि हाथ में अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे इसीलिए उनकी भी पूजा की जाती है । Dhanteras 2025
धनतेरस को भगवान कुबेर की पूजा होती है जो की धन के अधिपति हैं। मान्यता है जो भी व्यक्ति पूरे विधि विधान से भगवान कुबेर की पूजा करता है dhanteras को उसके घर में कभी धन संपत्ति की कमी नहीं रहती है। कुबेर देव की पूजा के समय सदैव इस बात का विशेष ध्यान रखें कि उनकी पूजा प्रदोष काल में ही करें।
आइये जानते हैं किन मंत्रो का जाप कर सकते हैं धनतेरस को ?
Dhanteras mantr बहुत शक्तिशाली है। इस दिन मंत्र का जाप करने से जातक को स्वास्थ्य प्राप्त होता है, दीर्घायु प्राप्त होता है, धन सम्बन्धी परेशानियों से छुटकारा मिलता है |
Dhanvantari Gayatri Mantra -
|| ॐ वासुदेवाय विद्महे सुधाहस्ताय धीमहि तन्नो धन्वन्तरिः प्रचोदयात् ||
|| ॐ नमो भगवते महासुदर्शनाय वासुदेवाय धन्वंतराये:
अमृतकलश हस्ताय सर्व भयविनाशाय सर्व रोगनिवारणाय
त्रिलोकपथाय त्रिलोकनाथाय श्री महाविष्णुस्वरूप
श्री धनवंतरी स्वरूप श्री श्री श्री औषधचक्र नारायणाय नमः ||
Dhanwantri ke any mantra:
|| ॐ धन्वंतराय नमः ||
Dhanteras ke liye Kuber Mantra:
|| ऊं ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट-लक्ष्मी मम गृहे धनं पुरय पुरय नमः ||
|| ॐ धनकुबेराय नमः, ऊं वित्तेश्वराय नमः ||
|| ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नमः ||
|| ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये
धनधान्यसमृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा ||
Dhanteras ke liye laxmi mantra :
|| ॐ श्रीं श्रिये नमः ||
2025 में Dhanteras kab hai, kiase karen Pooja, जानिए ग्रहों की स्थिति कैसी रेहगी, जानिए पूजा की आसान विधि और लाभ, Dhanteras mantra, what is the best spell for dhan-teras, prosperity mantr for धनतेरस |


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