Surya ka gochar kumbh me, सूर्य का कुम्भ राशि में गोचर कब होगा 2025 में, क्या असर होगा 12 राशियों पर, जानिए राशिफल, surya kumbh raashi mai kab pravesh karenge. Surya ka gochar kumbh me: सौर मंडल के राजा सूर्य 12 फ़रवरी, बुधवार को रात्रि में लगभग 9:39 बजे कुम्भ राशि में प्रवेश करेंगे और अगले 1 महीने इसी राशि में रहेंगे | यहाँ पर पहले से ही बुध और शनि ग्रह बैठे हुए हैं जिसके कारण सूर्य, शनि और बुध की युति होगी | अतः लोगो के जीवन में और वातावरण में बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे | सूर्य कुम्भ राशि में 14 मार्च २०25 तक रहेंगे और फिर मीन राशि में प्रवेश करेंगे | इस लेख में हम जानेंगे की सूर्य के कुम्भ राशि में गोचर का क्या असर होगा 12 राशियों पर | Surya ka Kumbh Rashi Mai gochar ka Rashifal वैदिक ज्योतिष के अनुसार सूर्य का सम्बन्ध पिता से है, मान-सम्मान से है, उच्च अधिकारियों, आत्मशक्ति, यात्रा आदि से है| कुंडली में मौजूद शुभ और शक्तिशाली सूर्य जातक को राजा बना देता है अर्थात जिस भी क्षेत्र में वो रहता है उसमे एक अलग ही पहचान बनाता है | सूर्य के कारण जातक को नेतृत्त्व...
Tarpan kya hota hai, जानिए हिंदी में तर्पण के बारे में, कैसे मुक्ति पायें पितृ दोष से, कैसे पायें सफलता जीवन में, कैसे पायें पितरो से आशीर्वाद.
ऐसा देखा जाता है की कुंडली में पितृ दोष होने के कारण लोग बहुत परेशान रहते हैं, जीवन में हर कदम पर परेशानी आती रहती है. व्यक्तिगत जीवन और काम-काजी जीवन में हद से जयादा परेशानी आती है. और कितनी भी कोशिश करे , परेशानी ख़त्म नहीं हो पाती है. पितृ दोष को अगर सही तरीके से समझ जाएँ तो इससे मुक्ति पाई जा सकती है, इस लेख में पितृ दोष से मुक्ति के लिए एक विशेष प्रयोग की जानकारी दी जा रही है जिसे तर्पण कहते हैं.
![]() |
Tarpan Kya Hota Hai |
जब भी कोई व्यक्ति शारीर का त्याग करता है तो उसकी मुक्ति के लिए कुछ विशेष पूजाओ का जिक्र हमारे ग्रंथो में किया गया है , इन क्रियाओं को करने से आत्मा क्षण भंगुर संसार के मोह को त्याग कर मुक्ति हो जाती है और इसका पुण्य क्रिया करने वाले को मिलता है.
ऐसी मान्यता है की अगर मृत्यु के पश्चात कर्मो को ठीक ढंग से नहीं किया जाता है तो आत्मा मुक्त नहीं होती है और इधर उधर भटकती रहती है. इससे पितृ दोष, प्रेत दोष आदि की उत्पत्ति होती है और ज्योतिष में इसे कुंडली को पढके जाना जाता है.
अतः आत्माओं की मुक्ति हेतु कुछ न कुछ क्रियाये करती रहनी चाहिए. इससे न केवल दिवंगत आत्मा मुक्त होती साथ ही हमारा जीवन भी निष्कंटक हो सकता है.
ऐसी बहुत सी पूजाए होती है परन्तु इस लेख में हम सिर्फ “तर्पण प्रयोग” को समझेंगे.
क्या होता है तर्पण?
भारत विश्व का अध्यात्मिक गुरु रहा है और यहाँ के ऋषि मुनियों ने ये बता दिया था की पूर्वजो का असर भी हमारे जीवन में पूरा होता है. उन्ही के कारण हम हैं अतः ये हमारी जिम्मेदारी है की हम उनके लिए भी कुछ करे जिससे वो मुक्त हो सके, उनकी गति उच्च हो सके और हमे आशीर्वाद दे.तर्पण वास्तव में एक कर्म काण्ड है जिसके प्रभाव से आत्मा को शांति मिलती है. चूँकि वो सूक्ष्म शारीर में मौजूद होते हैं, हम उन्हें प्रत्यक्ष नहीं देख सकते हैं अतः कोई प्रत्यक्ष वास्तु उनको सुखी नहीं कर सकता है.
परन्तु एक अच्छा और पवित्र वातावरण , उर्जित वातावरण उन्हें मुक्त कर सकता है , उन्हें शांति दे सकता है, उन्हें उच्च गति दे सकता है.
तर्पण के अंतर्गत मंत्रो के साथ पवित्र जल का प्रयोग छोड़ा जाता है जिससे की वातावरण भी पवित्र और उर्जित होता है. इसके द्वारा आत्माओं को ख़ुशी मिलती है और वो शांत होती है. वे तर्पण करने वाले को आशीर्वाद देते हैं और बाधाओं को भी हर लेते हैं और व्यक्ति जीवन में सफलता प्राप्त करता है.
तर्पण के अंतर्गत मंत्रो के साथ पवित्र जल का प्रयोग छोड़ा जाता है जिससे की वातावरण भी पवित्र और उर्जित होता है. इसके द्वारा आत्माओं को ख़ुशी मिलती है और वो शांत होती है. वे तर्पण करने वाले को आशीर्वाद देते हैं और बाधाओं को भी हर लेते हैं और व्यक्ति जीवन में सफलता प्राप्त करता है.
आइये अब जानते हैं की तर्पण का प्रयोग किनके लिए किया जा सकता है?
- हम तर्पण कर सकते हैं अपने पूर्वजो की मुक्ति और उच्च गति के लिए.
- हम तर्पण कर सकते हैं उनके लिए जो हमारे बहुत करीब थे और शारीर छोड़ चुके हैं.
- हम तर्पण कर सकते हैं रिश्तेदारों के लिए जो अब नहीं हैं.
- हम तर्पण कर सकते हैं उनके लिए भी जो प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से हमसे जुड़े थे.
- हम तर्पण कर सकते हैं उनके लिए जो अपने बुरे कर्मो के कारण भी मुक्त नहीं हो पा रहे हैं.
- हम तर्पण कर सकते हैं गुरुओ के लिए जिन्होंने हमे ज्ञान दिया.
तर्पण द्वारा आत्माओं से आशीर्वाद प्राप्त करके जीवन को सुखी किया जा सकता है.
आइये अब जानते हैं तर्पण के लिए पात्रता :
तर्पण कोई भी कर सकता है परन्तु अगर कुछ नियमो का सख्ती से पालन किया जाए तो सफलता जरुर मिलती है.- तर्पण प्रयोग काल में शाकाहार होना चाहिए.
- किसी भी प्रकार के शराब या नशे का प्रयोग नहीं करना चाहिए.
- ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए.
- मंत्रो का सही उच्चारण करना चाहिए.
आइये अब जानते हैं की तर्पण में किन चीजो का स्तेमाल होता है?
साधारणतः जल, गंगाजल, दूध, जऊ, चन्दन, कुशा , काले तिल, पुष्प आदि का प्रयोग होता है. प्रयोग की विविधता के आधार पर वस्तुओ में अंतर हो सकता है.आइये जानते हैं तर्पण कितने प्रकार के हो सकते हैं?
तर्पण को ६ भागो में बांटा जा सकता है -- देव तर्पण
- ऋषि तर्पण
- दिव्य मानव तर्पण
- दिव्य पितृ तर्पण
- यम तर्पण
- मनुष्य पितृ तर्पण
अगर इन ६ प्रकार के तर्पनो को सही तरीके से किया जाए तो निश्चित ही आत्माओं से आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है.
अगर आप खुद नहीं कर पाते हैं तो किसी पंडित के मार्गदर्शन में करे.
अगर आप खुद नहीं कर पाते हैं तो किसी पंडित के मार्गदर्शन में करे.
आइये अब जानते हैं की तर्पण के लिए उपयुक्त समय कौन सा होता है?
तर्पण का प्रयोग हम पितरो से आशीर्वाद पाने के लिए करते हैं अतः हर महीने की चौदस और अमावस्या को इसका प्रयोग करना शुभ होता है.
इसके अलावा महालय या पितृ पक्ष का समय जो साल में १६ दिनों के लिए आता है बहुत उपयुक्त है. इन १६ दिनों में रोज हम तर्पण प्रयोग कर सकते हैं.
तो तर्पण करे और पाइए पितृ दोष से मुक्ति.
तो तर्पण करे और पाइए पितृ दोष से मुक्ति.
जानिए कैसे करे तर्पण?
किसी भी प्रकार के ज्योतिष परामर्श के लिए आप संपर्क कर सकते हैं –
Tarpan kya hota hai, जानिए हिंदी में तर्पण के बारे में, कैसे मुक्ति पायें पितृ दोष से,What is tarpanam? कैसे पायें सफलता जीवन में, कैसे पायें पितरो से
आशीर्वाद.
Comments
Post a Comment