Skip to main content

Hindi Jyotish Website

Hindi astrology services || jyotish website in hindi|| Kundli reading || Birth Chart Calculation || Pitru Dosha Remedies || Love Life Reading || Solution of Health Issues in jyotish || Career Reading || Kalsarp Dosha Analysis and remedies || Grahan Dosha solutions || black magic analysis and solutions || Best Gems Stone Suggestions || Kala Jadu|| Rashifal || Predictions || Best astrologer || vedic jyotish || Online jyotish || Phone jyotish ||Janm Kundli || Dainik Rashifal || Saptahik Rashifal || love rashifal

Tarpan Kya Hota Hai

Tarpan kya hota hai, जानिए हिंदी में तर्पण के बारे में, कैसे मुक्ति पायें पितृ दोष से, कैसे पायें सफलता जीवन में, कैसे पायें पितरो से आशीर्वाद.

ऐसा देखा जाता है की कुंडली में पितृ दोष होने के कारण लोग बहुत परेशान रहते हैं, जीवन में हर कदम पर परेशानी आती रहती है. व्यक्तिगत जीवन और काम-काजी जीवन में हद से जयादा परेशानी आती है. और कितनी भी कोशिश करे , परेशानी ख़त्म नहीं हो पाती है. पितृ दोष को अगर सही तरीके से समझ जाएँ तो इससे मुक्ति पाई जा सकती है, इस लेख में पितृ दोष से मुक्ति के लिए एक विशेष प्रयोग की जानकारी दी जा रही है जिसे तर्पण कहते हैं.
tarpan kya hai aur kyu karte hain in hindi
Tarpan Kya Hota Hai

जब भी कोई व्यक्ति शारीर का त्याग करता है तो उसकी मुक्ति के लिए कुछ विशेष पूजाओ का जिक्र हमारे ग्रंथो में किया गया है , इन क्रियाओं को करने से आत्मा क्षण भंगुर संसार के मोह को त्याग कर मुक्ति हो जाती है और इसका पुण्य क्रिया करने वाले को मिलता है.

ऐसी मान्यता है की अगर मृत्यु के पश्चात कर्मो को ठीक ढंग से नहीं किया जाता है तो आत्मा मुक्त नहीं होती है और इधर उधर भटकती रहती है. इससे पितृ दोष, प्रेत दोष आदि की उत्पत्ति होती है और ज्योतिष में इसे कुंडली को पढके जाना जाता है.

अतः आत्माओं की मुक्ति हेतु कुछ न कुछ क्रियाये करती रहनी चाहिए. इससे न केवल दिवंगत आत्मा मुक्त होती साथ ही हमारा जीवन भी निष्कंटक हो सकता है.
ऐसी बहुत सी पूजाए होती है परन्तु इस लेख में हम सिर्फ “तर्पण प्रयोग” को समझेंगे.

क्या होता है तर्पण?

भारत विश्व का अध्यात्मिक गुरु रहा है और यहाँ के ऋषि मुनियों ने ये बता दिया था की पूर्वजो का असर भी हमारे जीवन में पूरा होता है. उन्ही के कारण हम हैं अतः ये हमारी जिम्मेदारी है की हम उनके लिए भी कुछ करे जिससे वो मुक्त हो सके, उनकी गति उच्च हो सके और हमे आशीर्वाद दे.

तर्पण वास्तव में एक कर्म काण्ड है जिसके प्रभाव से आत्मा को शांति मिलती है. चूँकि वो सूक्ष्म शारीर में मौजूद होते हैं, हम उन्हें प्रत्यक्ष नहीं देख सकते हैं अतः कोई प्रत्यक्ष वास्तु उनको सुखी नहीं कर सकता है.

परन्तु एक अच्छा और पवित्र वातावरण , उर्जित वातावरण उन्हें मुक्त कर सकता है , उन्हें शांति दे सकता है, उन्हें उच्च गति दे सकता है.
तर्पण के अंतर्गत मंत्रो के साथ पवित्र जल का प्रयोग छोड़ा जाता है जिससे की वातावरण भी पवित्र और उर्जित होता है. इसके द्वारा आत्माओं को ख़ुशी मिलती है और वो शांत होती है. वे तर्पण करने वाले को आशीर्वाद देते हैं और बाधाओं को भी हर लेते हैं और व्यक्ति जीवन में सफलता प्राप्त करता है.

आइये अब जानते हैं की तर्पण का प्रयोग किनके लिए किया जा सकता है?

  • हम तर्पण कर सकते हैं अपने पूर्वजो की मुक्ति और उच्च गति के लिए.
  • हम तर्पण कर सकते हैं उनके लिए जो हमारे बहुत करीब थे और शारीर छोड़ चुके हैं.
  • हम तर्पण कर सकते हैं रिश्तेदारों के लिए जो अब नहीं हैं.
  • हम तर्पण कर सकते हैं उनके लिए भी जो प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से हमसे जुड़े थे.
  • हम तर्पण कर सकते हैं उनके लिए जो अपने बुरे कर्मो के कारण भी मुक्त नहीं हो पा रहे हैं.
  • हम तर्पण कर सकते हैं गुरुओ के लिए जिन्होंने हमे ज्ञान दिया.

तर्पण द्वारा आत्माओं से आशीर्वाद प्राप्त करके जीवन को सुखी किया जा सकता है.

आइये अब जानते हैं तर्पण के लिए पात्रता :

तर्पण कोई भी कर सकता है परन्तु अगर कुछ नियमो का सख्ती से पालन किया जाए तो सफलता जरुर मिलती है.
  1. तर्पण प्रयोग काल में शाकाहार होना चाहिए.
  2. किसी भी प्रकार के शराब या नशे का प्रयोग नहीं करना चाहिए.
  3. ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए.
  4. मंत्रो का सही उच्चारण करना चाहिए.

आइये अब जानते हैं की तर्पण में किन चीजो का स्तेमाल होता है?

साधारणतः जल, गंगाजल, दूध, जऊ, चन्दन, कुशा , काले तिल, पुष्प  आदि का प्रयोग होता है. प्रयोग की विविधता के आधार पर वस्तुओ में अंतर हो सकता है. 

आइये जानते हैं तर्पण कितने प्रकार के हो सकते हैं?

तर्पण को ६ भागो में बांटा जा सकता है -
  1. देव तर्पण
  2. ऋषि तर्पण 
  3. दिव्य मानव तर्पण
  4. दिव्य पितृ तर्पण
  5. यम तर्पण
  6. मनुष्य पितृ तर्पण
अगर इन ६ प्रकार के तर्पनो को सही तरीके से किया जाए तो निश्चित ही आत्माओं से आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है.
अगर आप खुद नहीं कर पाते हैं तो किसी पंडित के मार्गदर्शन में करे.

आइये अब जानते हैं की तर्पण के लिए उपयुक्त समय कौन सा होता है?


तर्पण का प्रयोग हम पितरो से आशीर्वाद पाने के लिए करते हैं अतः हर महीने की चौदस और अमावस्या को इसका प्रयोग करना शुभ होता है.
इसके अलावा महालय या पितृ पक्ष का समय जो साल में १६ दिनों के लिए आता है बहुत उपयुक्त है. इन १६ दिनों में रोज हम तर्पण प्रयोग कर सकते हैं.
तो तर्पण करे और पाइए पितृ दोष से मुक्ति.

किसी भी प्रकार के ज्योतिष परामर्श के लिए आप संपर्क कर सकते हैं –



Tarpan kya hota hai, जानिए हिंदी में तर्पण के बारे में, कैसे मुक्ति पायें पितृ दोष से,What is tarpanam? कैसे पायें सफलता जीवन में, कैसे पायें पितरो से आशीर्वाद.

Comments

Popular posts from this blog

om kleem krishnaay namah mantra ka mahattw

om kleem krishnaya namah benefits in hindi, ॐ क्लीं कृष्णाय नमः मंत्र के लाभ और अर्थ, ॐ क्लीं नमः का जाप कैसे करे, क्लीं बीज का रहस्य वशीकरण मंत्र ॐ क्लीं कृष्णाय नमः का रहस्य.  क्लीं बीज मंत्र काली देवी से संबंधित है और बहुत शक्तिशाली है। इस मंत्र के जाप से एक दिव्य आभा और आकर्षण शक्ति विकसित होती है जो दैवीय ऊर्जाओं के साथ-साथ भौतिक सुखों को आकर्षित करने में मदद करती है।  श्री कृष्ण भगवान विष्णु के अवतार हैं और महान व्यक्तित्व, प्रेम, ज्ञान और बुद्धि के प्रतीक हैं। om kleem krishnaay namah mantra ka mahattw " ॐ क्लीं कृष्णाय नमः " एक अद्भुत मंत्र है जो जप करने वाले को सब कुछ प्रदान करने में सक्षम है और इसलिए भक्तों द्वारा दशकों से इसका उपयोग किया जाता रहा है। यह मंत्र देवी दुर्गा के साथ-साथ कृष्ण की भी शक्ति रखता है और इसलिए यह उन सभी के लिए एक दिव्य मंत्र है जो जीवन में जल्द ही सफलता चाहते हैं। "ॐ क्लीं कृष्णाय नमः" एक शक्तिशाली मंत्र है जो आंतरिक आध्यात्मिक ऊर्जा का आह्वान करता है जिसका लगातार जप किया जाता है इसलिए जो लोग आध्यात्मिक विकास चाहते हैं उनके लिए

Suar Ke Daant Ke Totke

Jyotish Me Suar Ke Daant Ka Prayog , pig teeth locket benefits, Kaise banate hai suar ke daant ka tabij, क्या सूअर के दांत का प्रयोग अंधविश्वास है. सूअर को साधारणतः हीन दृष्टि से देखा जाता है परन्तु यही सूअर पूजनीय भी है क्यूंकि भगवान् विष्णु ने वराह रूप में सूअर के रूप में अवतार लिया था और धरती को पाताल लोक से निकाला था. और वैसे भी किसी जीव से घृणा करना इश्वर का अपमान है , हर कृति इस विश्व में भगवान् की रचना है. Suar Ke Daant Ke Totke सूअर दांत के प्रयोग के बारे में आगे बताने से पहले कुछ महत्त्वपूर्ण बाते जानना चाहिए : इस प्रयोग में सिर्फ जंगली सूअर के दांत का प्रयोग होता है. किसी सूअर को जबरदस्त मार के प्रयोग में लाया गया दांत काम नहीं आता है अतः किसी भी प्रकार के हिंसा से बचे और दुसरो को भी सचेत करे. वैदिक ज्योतिष में सूअर के दांत के प्रयोग के बारे में उल्लेख नहीं मिलता है. इसका सूअर के दांत के प्रयोग को महुरत देख के ही करना चाहिए. कई लोगो का मनना है की सुकर दन्त का प्रयोग अंधविश्वास है परन्तु प्रयोग करके इसे जांचा जा सकता है , ऐसे अनेको लोग है जो अपने बच्चो

84 Mahadev Mandir Ke Naam In Ujjain In Hindi

उज्जैन मंदिरों का शहर है इसिलिये अध्यात्मिक और धार्मिक महत्त्व रखता है विश्व मे. इस महाकाल की नगरी मे ८४ महादेवो के मंदिर भी मौजूद है और विशेष समय जैसे पंचक्रोशी और श्रवण महीने मे भक्तगण इन मंदिरों मे पूजा अर्चना करते हैं अपनी मनोकामना को पूरा करने के लिए. इस लेख मे उज्जैन के ८४ महादेवो के मंदिरों की जानकारी दी जा रही है जो निश्चित ही भक्तो और जिज्ञासुओं के लिए महत्त्व रखती है.  84 Mahadev Mandir Ke Naam In Ujjain In Hindi आइये जानते हैं उज्जैन के ८४ महादेवो के मंदिरों के नाम हिंदी मे : श्री अगस्तेश्वर महादेव मंदिर - संतोषी माता मंदिर के प्रांगण मे. श्री गुहेश्वर महादेव मंदिर- राम घाट मे धर्मराज जी के मंदिर मे के पास. श्री ढून्देश्वर महादेव - राम घाट मे. श्री अनादी कल्पेश्वर महादेव- जूना महाकाल मंदिर के पास श्री दम्रुकेश्वर महादेव -राम सीढ़ियों के पास , रामघाट पे श्री स्वर्ण ज्वालेश्वर मंदिर -धुंधेश्वर महादेव के ऊपर, रामघाट पर. श्री त्रिविश्तेश्वर महादेव - महाकाल सभा मंडप के पास. श्री कपालेश्वर महादेव बड़े पुल के घाटी पर. श्री स्वर्न्द्वार्पलेश्वर मंदिर- गढ़ापुलिया