kab hai ganesh utsav2023, ganesh chaturthi ki jaankari in hindi jyotish, Ganesh Puja Dwara Safalta Kaise Paaye In Hindi, गणेश चतुर्थी द्वारा कैसे दूर करे मुश्किलों को, जानिए गणेशजी को प्रसन्न करने के आसान तरीके, 2023 में गणेश चतुर्थी क्यों ख़ास है, क्या करे सफलता के लिए .
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Ganesh Puja Dwara Safalta Kaise Paaye In Hindi |
गणेशजी वो देवता है जिनको किसी भी पूजा में सबसे पहले पूजा जाता है इसीलिए इनको प्रथम पूज्य कहा जाता है सभी देवी देवताओं में. इन्हें विघ्न विनाशक, विघ्नहरता, सर्व प्रदाय आदि नामो से जाना जाता है.
वक्र तुंड महाकाय सूर्यकोटिसमप्रभ |
निर्विघ्नं कुरुमे देव सर्व कार्येशु सर्वदा ||
इसका अर्थ है – गणेशजी आपकी सूंड वक्राकार है और आपका शारीर महाकाय और शक्तिशाली है, कोटि सूर्यो का तेज आपमे हैं, आप हमारे जीवन से परेशानियों को ख़त्म करे, हमारे मार्ग निष्कंटक करे.
ये परार्थना साधारणतः हर गणेश भक्त करते हैं पूजा के दौरान. हर साल गणेशजी के पूजन के लिए विशेष दिन आते हैं जब सभी तरफ सिर्फ गणेश पूजन के बारे में चर्चा होती है और भक्त उनकी कृपा से आनंद लेते हैं.
2023 में 19 september (गणेश चतुर्दशी) से 28september(अनंत चतुर्दशी) 2023 तक गणेश पूजन के लिए विशेष दिन होंगे.
गणेशजी का अधिपत्य है दिमाग पर, रचनात्मकता पर, ज्ञान पर, विज्ञान पर और योग ग्रंथो के अनुसार शारीर के अन्दर मूलाधार चक्र में उनका निवास माना गया है. इसी कारण योगी जन ध्यान करते रहते हैं उनका दर्शन प्राप्त करने के लिए.
गणेश चतुर्थी (गणेश का जन्मदिन) भगवान शिव और देवी पार्वती के पुत्र भगवान की पूजा करने का एक महान और शुभ दिन है।
गणपति की पूजा समृद्ध और सफल जीवन के लिए परम आशीर्वाद लाने में मदद करती है।
गणेश का आह्वान परेशानियों, बाधाओं, कष्टों, नकारात्मकता और बुरे कर्मों को खत्म करने में मदद करता है।
गणेश जी से जुड़ने के कुछ त्वरित तरीके यहां दिए गए हैं:
- पवित्र भजनों का जाप.
- गणेश मंत्रों से हवन करें।
- भगवान गणेश के 108 नामों का जाप करें।
- खेल शास्त्रनाम का पाठ.
- महागणपति तर्पण प्रयोग यानी गणेश जी का जलाभिषेक करें।
गणेश चतुर्थी वह दिन है जब भगवान गणेश का जन्म हुआ था और इसलिए शास्त्रों के अनुसार यह समय बहुत शुभ है।
वह बाधाओं को दूर करने वाले है, जीवन में सौभाग्य, सफलता और समृद्धि लाते है।
गणेश चतुर्थी भाद्रपद शुक्ल पक्ष के चौथे दिन आती है हिंदू पंचांग के अनुसार |
विद्वानों का मानना है कि इस दौरान गणपति की पूजा करने से जीवन में सुख और सम्पन्नता आती है |
भगवान गणेश की पूजा से धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष संभव है। उनमें रणनीति बनाने की उत्कृष्ट शक्ति है और इसलिए वे भक्तों को जीवन में सफलता प्राप्त करने में मदद करते हैं।
गणेश उत्सव के दौरान लोग घरों में, दूकान में, ऑफिस आदि में गणेश प्रतिमा को स्थापित करते हैं और फिर अनंत चतुर्दशी को विसर्जन करते हैं जिससे जल में गन्दगी भी उत्पन्न होती है.
- अगर कोई धन की समस्या से ग्रस्त है तो गणेश पूजन करना चाहिए.
- अगर कोई पारिवारिक समस्या से ग्रस्त है तो उन्हें गणेश पूजन करना चाहिए.
- अगर कोई कुंडली में ख़राब ग्रहों के कारण परेशान हैं तो उन्हें भी गणेश पूजन से लाभ हो सकता है.
- स्वास्थ्य साथ नहीं दे रहा हो तो भी गणेश पूजन लाभदाय होता है.
- शत्रुओं, नकारात्मकता और नवग्रह दोष से सुरक्षा मिलती है गणेश जी की कृपा से |
- दिव्य बुद्धि और ज्ञान की प्राप्ति होती है |
- व्यापार घाटे और कर्ज पर अंकुश लगाने में मदद करता है श्री गणेश ।
- सभी कष्टों, अनिश्चितताओं और समस्याओं को नष्ट कर देने में समर्थ है गणपति |
- खराब स्वास्थ्य से राहत मिलती है |
- आठ प्रकार के ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है |
- विपत्तियों से मुक्ति मिलती है और सौभाग्य बढ़ता है।
- मनचाहा जीवनसाथी ढूंढने में मदद मिलती है |
- बुद्धि तीव्र होती है|
- मानसिक शांति मिलती है
- करियर में सफलता सुनिश्चित होती है |
- असामयिक मृत्यु से बचावो होता है और दुःख दूर होते हैं |
इसी कारण गणेश जी के मंत्र, तंत्र, अनुष्ठान पुरे संसान में बहुत मान्य है.
क्या भेंट करे गणेशजी को प्रसन्न करने के लिए ?
- ऐसी मान्यता है की गणेशजी को दूर्वा घास बहुत पसंद है अतः जो भक्त उनको दूर्वा अर्पित करते हैं उनकी मनोकामना पूरी करते हैं.
- मोतीचूर के लड्डू भी उनको बहुत पसंद है.
- केले भी उनको बहुत पसंद है.
आइये जानते हैं कुछ आसान तरीके गणेश पूजन के ?
- आप चाहे तो रोज गणेशजी के 108 नामो का जप कर सकते हैं सुबह और शाम को. सुनिए दिव्य गणेश मंत्रो को YouTube में
- आप गणेश अथर्वाशिर्ष का पाठ भी कर सकते हैं रोज.
- गणेश जी का अभिषेक दूर्वा से भी कर सकते हैं.
- नारियल भी गणेश जी को अर्पित करना शुभ होता है.
आइये जानते हैं 2023 के गणेश चतुर्थी के दिन ग्रहों की दशाएं और ज्योतिषीय महत्तव :
- सूर्य सम राशि में रहेंगे गोचर कुंडली में |
- चन्द्रमा सम राशि में रहेंगे |
- मंगल अपने शत्रु राशी में रहेंगे |
- बुध अपने मित्र राशि में रहेंगे |
- गुरु अपने मित्र राशि में रहेंगे |
- शुक्र अपने शत्रु राशि में रहेंगे |
- शनि अपने ही राशि कुम्भ में रहेंगे |
- राहू अपने शत्रु राशि में रहेंगे |
- केतु अपने मित्र राशि में रहेंगे |
- गोचर कुंडली में चन्द्र ग्रहण योग बना रहेगा |
- चंडाल योग बना रहेगा |
jyotishsansar.com की तरफ से सभी को शुभकामनाये.
श्री गणेशाय नमः
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