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Surya ka Vrischik Rashi Mai Gochar ka rashifal

Surya ka Vrischik Rashi mai gochar ka Fal, सूर्य वृश्चिक राशि में कब जायेगा 2025, आइये जानते है वृश्चिक संक्रांति का महत्त्व, राशिफल, Sun transit in Scorpio , surya gochar | सन 2025 में 16 नवम्बर रविवार को दिन में लगभग 1:25 पे सूर्य अपने नीच राशि तुला को छोड़कर अपने मित्र राशि वृश्चिक में गोचर करेंगे जिसके कारण विभिन्न राशि के लोगो को अलग अलग प्रकार के लाभ होंगे | यहाँ पर पहले से ही बुध विराजमान हैं जिसके कारण गोचर कुंडली में बुधादित्य योग भी बना रहेगा वृश्चिक राशि में | वैदिक ज्योतिष अनुसार सूर्य ग्रह साल में 12 बार राशि बदलते हैं, सूर्य के राशि परवर्तन को संक्रांति कहते हैं | इस लेख में हम जानेंगे की सूर्य जब वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे तो 12 राशियों के ऊपर क्या असर होगा | वैदिक ज्योतिष के अनुसार सूर्य ग्रह पिता, सरकारी नौकरी, यात्रा, नाम, प्रसिद्धि, नेतृत्व क्षमता आदि से संबंधित है। जन्म कुंडली में सूर्य की शुभ स्थिति सफल जीवन जीने में मदद करती है, जबकि अशुभ सूर्य जातक को मजबूर करता है। एक असंतुष्ट जीवन व्यतीत करना। सूर्य के वृश्चिक राशि में गोचर को वृश्चिक-संक्रांति कहते...

Ashubh Guru Ke Upaay Jyotish Me


अशुभ गुरु के उपाय, जानिए कुछ आसान उपाय गुरु के दुष्प्रभाव को कम करने के, कैसे पायें गुरु की कृपा.
kharab guru ke liye kya kare jyotish me
Ashubh Guru Ke Upaay Jyotish Me

गुरु के उपाय जानने से पहले आइये जानते हैं की ख़राब गुरु और कमजोर गुरु में क्या अंतर है. अशुभ गुरु मतलब है की गुरु शत्रु राशि में बैठा है परन्तु कमजोर गुरु शुभ और अशुभ दोनों हो सकता है.इस लेख में हम सिर्फ अशुभ गुरु के उपाय ही देखने वाले है. कमजोर और दूषित गुरु के उपाय अलग अलग होते हैं अतः भ्रमित नहीं होना चाहिए.गुरु हमारे जीवन में बहुत महत्त्व रखता है और वैदिक ज्योतिष के हिसाब से गुरु बुद्धिमत्ता, पढ़ाई की शक्ति, धर्म, बैंकिंग, ज्ञान अर्जित करने की शक्ति, दुसरो को प्रभावित करने की शक्ति आदि से सम्बन्ध रखता है.अगर कुंडली में गुरु शुभ है तो जातक को सफल और आनंदायक जीवन की प्राप्ति बहुत ही आसानी से हो जाती है. वही दूषित गुरु अनेको समस्याएं उत्पन्न करता है जीवन में.

आइये जानते हैं की जन्मपत्रिका में गुरु अशुभ कैसे होता है ?

  1. कुंडली में गुरु अगर वृषभ राशि का बैठा हो तो ख़राब प्रभाव उत्पन्न करता है |
  2. मिथुन राशी का गुरु भी शत्रु का होता है और जातक के जीवन में परेशानी उत्पन्न करता है |
  3. तुला राशी का बृहस्पति भी अशुभ प्रभाव उतपन्न करता है |
  4. मकर राशि का बृहस्पति तो नीच का होता है और इससे जातक को और गंभीर परिणाम भुगतना पड़ता है |
  5. इसके अलावा अगर गुरु राहु या केतु के साथ बैठ जाए कुंडली के किसी भी भाव मे तो गुरु ग्रहण योग का निर्माण करता है और जातक को विभिन्न प्रकार के आर्थिक, पारिवारिक और सामाजिक परेशानियाँ देता है |

आइये जानते हैं की किस प्रकार की समस्याएं उत्पन्न हो सकती है ख़राब गुरु के कारण:

  • अशुभ गुरु के कारण जातक को पढ़ाई में परेशानी आ सकती है.
  • अशुभ गुरु जातक को नास्तिक बना सकता है.
  • जातक के सम्बन्ध गुरु जानो से बिगड़ जाते हैं.
  • जातक को धन – संपत्ति इकठ्ठा करने में परेशानी आती है.
  • जातक दुसरो पर प्रभाव नहीं जमा पाता है.
  • जातक का लीवर भी कमजोर हो सकता है.
समस्या कितनी गंभीर और किस प्रकार की होगी, ये इस बात पर निर्भर करेगा की गुरु की स्थिति कुंडली में कैसी है.
अगर गुरु के कारण जीवन समस्या से ग्रस्त हो गया है तो अच्छे ज्योतिष से परामर्श ले के सही उपाय को अपनाना चाहिए.
गुरु पुष्य का महत्त्व

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आइये जानते हैं कुछ आसान उपाय अशुभ गुरु के प्रभाव को कम करने के लिए:

  1. गुरु शांति पूजा एक अच्छा तरीका है गुरु के दुष्प्रभाव को कम करने का.
  2. रोज गुरु के १०८ मंत्रो का कम से कम जप करे और अच्छे जीवन के लिए प्रार्थना करे.
  3. गुरुवार का व्रत करे और गुरु के चीजो का दान करे गुरुवार को.
  4. पुखराज धारण न करे अगर कुंडली में गुरु ख़राब है तो. पढ़िए पिला पुखराज का महत्त्व ज्योतिष में|
  5. किसी मंदिर में रोज जाएँ और ब्राह्मणों का आशीर्वाद ले.
  6. गुरुवार को मंदिर में केले का भोग लगाएं. पढ़िएगुरुवार को सफल बनाने के टोटके|
  7. गुरुवार को केले के पेड़ की पूजा करके दीपक लगाएं.
अतः अगर गुरु शुभ नहीं है कुंडली में तो घबराए न, ज्योतिष से संपर्क करे और सही उपाय प्राप्त करे |



अशुभ गुरु के उपाय, जानिए कुछ आसान उपाय गुरु के दुष्प्रभाव को कम करने के,How to reduce ill effects of Jupiter?,कैसे पायें गुरु की कृपा.

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