Kundli Ke Pahle Ghar Mai Shani Ka Fal, लग्न में शनि का प्रभाव, कुंडली के पहले भाव में शनि का फल, लग्न में शनि के उपाय, Saturn in 1st house. जन्म कुंडली में पहला घर जिसे की लग्न भी कहा जाता है बहुत महत्त्वपूर्ण होता है क्यूंकि इसका सम्बन्ध हमारे मस्तिष्क से होता है और इसीलिए हमारे निर्णय लेने की क्षमता को प्रभावित करता है, लग्न में मौजूद ग्रह और राशि का बहुत गहरा प्रभाव जातक पर रहता है जीवन भर | Kundli Ke Pahle Ghar Mai Shani Ka Fal Read in English - Saturn in First House Impacts अब आइये जानते हैं शनि ग्रह के बारे में कुछ ख़ास बातें ज्योतिष के अनुसार : हमारे कर्मो के फल को देने वाले ग्रह हैं शनिदेव इसीलिए इन्हें न्याय के साथ जोड़ा जाता है | वैदिक ज्योतिष के अनुसार शनि का सम्बन्ध मेहनत, अनुशाशन, गंभीरता, जिम्मेदारी, स्वाभिमान, दुःख, अहंकार, देरी, भूमि, रोग आदि से होता है | शनि ग्रह मेष राशि में नीच के होते हैं और तुला राशि में उच्च के होते हैं | शनि ग्रह की मित्र राशियाँ हैं – वृषभ, मिथुन और कन्या| शनि ग्रह की शत्रु राशियाँ है – कर्क, सिंह और वृश्चिक| Watch Video Here शनि की दृष्
कुंडली में सूर्य ग्रहण दोष को जानिए, कैसे बनता है सूर्य ग्रहण योग, क्या प्रभाव होता है सूर्य ग्रहण दोष का जीवन पर, क्या करे सूर्य ग्रहण दोष के प्रभाव को कम करने के लिए.
kundli me surya grahan yog |
लोग विभिन्न प्रकार के प्रश्न करते हैं सूर्य ग्रहण को लेके जैसे –
- क्या सूर्य ग्रहण व्यक्तिगत जीवन को प्रभावित करता है?
- क्या सूर्य ग्रहण काम काजी जीवन को प्रभावित करता है ?
- क्या सूर्य ग्रहण प्रेम जीवन को प्रभावित करता है ?
- क्या सूर्य ग्रहण वैवाहिक जीवन को प्रभावित करता है ?
- क्या इसके कारण काले जादू से भी ग्रस्त हो सकते हैं ?
- क्या कोई तरीका है जिससे सूर्य ग्रहण के परेशानियों से छुटकारा मिल सके ?
- अतः ऐसे बहुत से प्रश्न हैं जो की लोग पूछते हैं जिनके कुंडली में सूर्य ग्रहण दोष होता है. इस लेख में हम यही जानेंगे की कैसे सूर्य ग्रहण हमारे जीवन को प्रभावित करता है, कैसे जियें सफल जीवन.
आइये जानते हैं सबसे पहले की क्या होता है सूर्य ग्रहण योग?
राहू या केतु की युति जब सूर्य के साथ होती है तो सूर्य ग्रहण योग का निर्माण होता है कुंडली में. ये कोई शुभ योग नहीं है और इसी कारण जातक के जीवन में संघर्ष बढ़ जाता है. समस्या कितनी और कैसी रहेगी, ये इस बात पर निर्भर करेगा की राहू, केतु और सूर्य की स्थिति और अवस्था कुंडली में कैसी है.अगर कुंडली में सूर्य, राहू और केतु शत्रु राशि में बैठे हो तो जातक को ज्यादा परेशानी उठानी पड़ सकती है और अगर ये ग्रह सकारात्मक हो तो बुरे प्रभाव भी कम हो जाते हैं.
आइये जानते हैं कुछ प्रभाव सूर्य ग्रहण योग के जीवन पे :
- इसका प्रभाव जातक के निर्णायक क्षमता पर पड़ता है.
- जातक को बुरी नजर बहुत जल्दी लग जाती है.
- अचानक से व्यापार को नुक्सान हो सकता है ग्रहण के कारण.
- समाज में बदनामी के योग बनते हैं.
- अगर किसी महिला को सूर्य ग्रहण हो तो गर्भपात भी करवा सकता है.
- कुछ लोगो को यात्रा के समय बहुत परेशानी हो सकती है.
- पिता के स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है.
- कुछ लोगो के अपने पिता के साथ सम्बन्ध बिगड़ जाते हैं सूर्य ग्रहण के कारण.
- कुछ लोगो को आर्थिक हानि का सामना करना होता है.
- कुछ लोग अपने पिता के उम्र के लोगो के साथ सही सम्बन्ध स्थापित नहीं कर पाते.
- सूर्य ग्रहण के कारन उच्च अधिकारी वर्ग से भी सम्बन्ध ख़राब होते हैं.
अलग अलग लोगो को अलग अलग परेशानी होती है जो की राहू, केतु और सूर्य की स्थिति और अवस्था पर निर्भर करता है.
यहाँ ये भी ध्यान रखना है की सभी ग्रहण योग से ग्रस्त जातक एक ही उपाय नहीं कर सकते हैं. सबकी कुंडली को देख के ही उपाय बताये जा सकते हैं.
यहाँ ये भी ध्यान रखना है की सभी ग्रहण योग से ग्रस्त जातक एक ही उपाय नहीं कर सकते हैं. सबकी कुंडली को देख के ही उपाय बताये जा सकते हैं.
jyotish |
आइये अब जानते हैं कुछ घरेलु उपाय सूर्य ग्रहण के प्रभाव को कम करने के लिए :
- अपने पिता का आशीर्वाद रोज ले.
- रोज सूर्य देव को अर्ध्य दे.
- रोज सूर्य मंत्र का जप करे.
- मंदिर में नारियल के साथ कुछ मीठा भी प्रसाद में बांटे.
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