Guru purnima kab hai 2025, Guru Poornima Importance In Hindi, गुरु पूर्णिमा का महत्तव हिन्दी में, क्या करे गुरु पूर्णिमा को. Guru Purnima 2025: गुरु पूर्णिमा एक हिंदू त्योहार है और इस दिन हम शिक्षक और आध्यात्मिक गुरुओं का सम्मान करते हैं | यह हिंदू कैलेंडर के अनुसार आषाढ़ महीने की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। "गुरु" शब्द संस्कृत के शब्द "गु" से आया है जिसका अर्थ है "अंधकार" और "रु" का अर्थ है "दूर करना।" इसलिए गुरु वह होता है जो अज्ञानता के अंधकार को दूर करते है और हमें सत्य का प्रकाश देखने में मदद करते है। हिंदू धर्म में, गुरु पूर्णिमा हमारे सभी जीवित और ब्र्हम्लीन गुरुओं का सम्मान करने का समय है। हम उनके मार्गदर्शन और शिक्षाओं के लिए अपना आभार व्यक्त करते हैं, और उनके निरंतर आशीर्वाद के लिए प्रार्थना करते हैं। गुरु पूर्णिमा पर, लोग आमतौर पर अपने गुरुओं से मिलते हैं, उनका पूजन करते हैं, उन्हें उपहार देते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं | यह उन लोगों को याद करने का दिन है जिन्होंने हमें बढ़ने और सीखने में मदद की है,...
कुंडली में सूर्य ग्रहण दोष को जानिए, कैसे बनता है सूर्य ग्रहण योग, क्या प्रभाव होता है सूर्य ग्रहण दोष का जीवन पर, क्या करे सूर्य ग्रहण दोष के प्रभाव को कम करने के लिए.
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kundli me surya grahan yog |
लोग विभिन्न प्रकार के प्रश्न करते हैं सूर्य ग्रहण को लेके जैसे –
- क्या सूर्य ग्रहण व्यक्तिगत जीवन को प्रभावित करता है?
- क्या सूर्य ग्रहण काम काजी जीवन को प्रभावित करता है ?
- क्या सूर्य ग्रहण प्रेम जीवन को प्रभावित करता है ?
- क्या सूर्य ग्रहण वैवाहिक जीवन को प्रभावित करता है ?
- क्या इसके कारण काले जादू से भी ग्रस्त हो सकते हैं ?
- क्या कोई तरीका है जिससे सूर्य ग्रहण के परेशानियों से छुटकारा मिल सके ?
- अतः ऐसे बहुत से प्रश्न हैं जो की लोग पूछते हैं जिनके कुंडली में सूर्य ग्रहण दोष होता है. इस लेख में हम यही जानेंगे की कैसे सूर्य ग्रहण हमारे जीवन को प्रभावित करता है, कैसे जियें सफल जीवन.
आइये जानते हैं सबसे पहले की क्या होता है सूर्य ग्रहण योग?
राहू या केतु की युति जब सूर्य के साथ होती है तो सूर्य ग्रहण योग का निर्माण होता है कुंडली में. ये कोई शुभ योग नहीं है और इसी कारण जातक के जीवन में संघर्ष बढ़ जाता है. समस्या कितनी और कैसी रहेगी, ये इस बात पर निर्भर करेगा की राहू, केतु और सूर्य की स्थिति और अवस्था कुंडली में कैसी है.अगर कुंडली में सूर्य, राहू और केतु शत्रु राशि में बैठे हो तो जातक को ज्यादा परेशानी उठानी पड़ सकती है और अगर ये ग्रह सकारात्मक हो तो बुरे प्रभाव भी कम हो जाते हैं.
आइये जानते हैं कुछ प्रभाव सूर्य ग्रहण योग के जीवन पे :
- इसका प्रभाव जातक के निर्णायक क्षमता पर पड़ता है.
- जातक को बुरी नजर बहुत जल्दी लग जाती है.
- अचानक से व्यापार को नुक्सान हो सकता है ग्रहण के कारण.
- समाज में बदनामी के योग बनते हैं.
- अगर किसी महिला को सूर्य ग्रहण हो तो गर्भपात भी करवा सकता है.
- कुछ लोगो को यात्रा के समय बहुत परेशानी हो सकती है.
- पिता के स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है.
- कुछ लोगो के अपने पिता के साथ सम्बन्ध बिगड़ जाते हैं सूर्य ग्रहण के कारण.
- कुछ लोगो को आर्थिक हानि का सामना करना होता है.
- कुछ लोग अपने पिता के उम्र के लोगो के साथ सही सम्बन्ध स्थापित नहीं कर पाते.
- सूर्य ग्रहण के कारन उच्च अधिकारी वर्ग से भी सम्बन्ध ख़राब होते हैं.
अलग अलग लोगो को अलग अलग परेशानी होती है जो की राहू, केतु और सूर्य की स्थिति और अवस्था पर निर्भर करता है.
यहाँ ये भी ध्यान रखना है की सभी ग्रहण योग से ग्रस्त जातक एक ही उपाय नहीं कर सकते हैं. सबकी कुंडली को देख के ही उपाय बताये जा सकते हैं.
यहाँ ये भी ध्यान रखना है की सभी ग्रहण योग से ग्रस्त जातक एक ही उपाय नहीं कर सकते हैं. सबकी कुंडली को देख के ही उपाय बताये जा सकते हैं.
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आइये अब जानते हैं कुछ घरेलु उपाय सूर्य ग्रहण के प्रभाव को कम करने के लिए :
- अपने पिता का आशीर्वाद रोज ले.
- रोज सूर्य देव को अर्ध्य दे.
- रोज सूर्य मंत्र का जप करे.
- मंदिर में नारियल के साथ कुछ मीठा भी प्रसाद में बांटे.
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