RinHarta Ganesh Stotra With Lyrics And Hindi Meaning, ऋणहर्ता गणेश स्तोत्र | तुरंत फल देने वाला ऋण हर्ता गणेश स्त्रोत्रम. RinHarta Ganesh Stotra: यह स्तोत्र भगवान गणेश के उस दिव्य रूप का स्मरण कराता है जो भक्तों के जीवन से ऋण, बाधाएँ, कष्ट और आर्थिक तंगी जैसी समस्याओं को दूर करने वाला माना जाता है। नियमित रूप से श्रद्धा और शुद्ध भाव से इसका पाठ करने से मन में आत्मविश्वास बढ़ता है, नकारात्मकता दूर होती है और जीवन में स्थिरता तथा समृद्धि का मार्ग खुलता है। यह स्तोत्र मानसिक शांति प्रदान करता है और व्यक्ति को अपने कार्यों में सफल होने की प्रेरणा देता है। मान्यता है कि भगवान गणेश की कृपा से असमर्थता दूर होकर जीवन में उन्नति और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। साधक हर प्रकार के ऋण, दुःख और दरिद्रता से मुक्ति पाता है. RinHarta Ganesh Stotra With Lyrics And Hindi Meaning सुनिए YouTube में Lyrics Of RinHarta Ganesh Strotram : विनियोगः ॐ अस्य श्रीऋण-हरण-कर्तृ-गणपति-मन्त्रस्य सदा-शिव ऋषिः, अनुष्टुप छन्दः, श्रीऋण-हर्ता गणपति देवता, ग्लौं बीजं, गं शक्तिः, गों कीलकं, मम सकल...
कुंडली में सूर्य ग्रहण दोष को जानिए, कैसे बनता है सूर्य ग्रहण योग, क्या प्रभाव होता है सूर्य ग्रहण दोष का जीवन पर, क्या करे सूर्य ग्रहण दोष के प्रभाव को कम करने के लिए.
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| kundli me surya grahan yog |
लोग विभिन्न प्रकार के प्रश्न करते हैं सूर्य ग्रहण को लेके जैसे –
- क्या सूर्य ग्रहण व्यक्तिगत जीवन को प्रभावित करता है?
- क्या सूर्य ग्रहण काम काजी जीवन को प्रभावित करता है ?
- क्या सूर्य ग्रहण प्रेम जीवन को प्रभावित करता है ?
- क्या सूर्य ग्रहण वैवाहिक जीवन को प्रभावित करता है ?
- क्या इसके कारण काले जादू से भी ग्रस्त हो सकते हैं ?
- क्या कोई तरीका है जिससे सूर्य ग्रहण के परेशानियों से छुटकारा मिल सके ?
- अतः ऐसे बहुत से प्रश्न हैं जो की लोग पूछते हैं जिनके कुंडली में सूर्य ग्रहण दोष होता है. इस लेख में हम यही जानेंगे की कैसे सूर्य ग्रहण हमारे जीवन को प्रभावित करता है, कैसे जियें सफल जीवन.
आइये जानते हैं सबसे पहले की क्या होता है सूर्य ग्रहण योग?
राहू या केतु की युति जब सूर्य के साथ होती है तो सूर्य ग्रहण योग का निर्माण होता है कुंडली में. ये कोई शुभ योग नहीं है और इसी कारण जातक के जीवन में संघर्ष बढ़ जाता है. समस्या कितनी और कैसी रहेगी, ये इस बात पर निर्भर करेगा की राहू, केतु और सूर्य की स्थिति और अवस्था कुंडली में कैसी है.अगर कुंडली में सूर्य, राहू और केतु शत्रु राशि में बैठे हो तो जातक को ज्यादा परेशानी उठानी पड़ सकती है और अगर ये ग्रह सकारात्मक हो तो बुरे प्रभाव भी कम हो जाते हैं.
आइये जानते हैं कुछ प्रभाव सूर्य ग्रहण योग के जीवन पे :
- इसका प्रभाव जातक के निर्णायक क्षमता पर पड़ता है.
- जातक को बुरी नजर बहुत जल्दी लग जाती है.
- अचानक से व्यापार को नुक्सान हो सकता है ग्रहण के कारण.
- समाज में बदनामी के योग बनते हैं.
- अगर किसी महिला को सूर्य ग्रहण हो तो गर्भपात भी करवा सकता है.
- कुछ लोगो को यात्रा के समय बहुत परेशानी हो सकती है.
- पिता के स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है.
- कुछ लोगो के अपने पिता के साथ सम्बन्ध बिगड़ जाते हैं सूर्य ग्रहण के कारण.
- कुछ लोगो को आर्थिक हानि का सामना करना होता है.
- कुछ लोग अपने पिता के उम्र के लोगो के साथ सही सम्बन्ध स्थापित नहीं कर पाते.
- सूर्य ग्रहण के कारन उच्च अधिकारी वर्ग से भी सम्बन्ध ख़राब होते हैं.
अलग अलग लोगो को अलग अलग परेशानी होती है जो की राहू, केतु और सूर्य की स्थिति और अवस्था पर निर्भर करता है.
यहाँ ये भी ध्यान रखना है की सभी ग्रहण योग से ग्रस्त जातक एक ही उपाय नहीं कर सकते हैं. सबकी कुंडली को देख के ही उपाय बताये जा सकते हैं.
यहाँ ये भी ध्यान रखना है की सभी ग्रहण योग से ग्रस्त जातक एक ही उपाय नहीं कर सकते हैं. सबकी कुंडली को देख के ही उपाय बताये जा सकते हैं.
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आइये अब जानते हैं कुछ घरेलु उपाय सूर्य ग्रहण के प्रभाव को कम करने के लिए :
- अपने पिता का आशीर्वाद रोज ले.
- रोज सूर्य देव को अर्ध्य दे.
- रोज सूर्य मंत्र का जप करे.
- मंदिर में नारियल के साथ कुछ मीठा भी प्रसाद में बांटे.
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