Skip to main content

Hindi Jyotish Website

Hindi astrology services || jyotish website in hindi|| Kundli reading || Birth Chart Calculation || Pitru Dosha Remedies || Love Life Reading || Solution of Health Issues in jyotish || Career Reading || Kalsarp Dosha Analysis and remedies || Grahan Dosha solutions || black magic analysis and solutions || Best Gems Stone Suggestions || Kala Jadu|| Rashifal || Predictions || Best astrologer || vedic jyotish || Online jyotish || Phone jyotish ||Janm Kundli || Dainik Rashifal || Saptahik Rashifal || love rashifal

Laxmi Saadhna Rahasya

लक्ष्मी साधना का रहस्य, किन बातो का ध्यान रखना चाहिए लक्ष्मी साधना के लिए.

धन, सम्पन्नता, प्रभावशाली जीवन जीना सभी का सपना होता है और इसके लिए सभी माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने की कोशिश करते रहते हैं. ऐसे बहुत से लोग है जो की लक्ष्मी साधना में सफलता नहीं मिलने की शिकायत करते हैं, कुछ लोग लम्बे समय से साधना कर रहे हैं पर परिणाम नहीं मिल रहा है. कुछ लोग लक्ष्मी साधना शुरू करना चाहते हैं परन्तु मूल बाते पता नहीं हैं.
लक्ष्मी साधना का रहस्य, किन बातो का ध्यान रखना चाहिए लक्ष्मी साधना के लिए.
Laxmi Saadhna Rahasya

इस लेख में मैं लक्ष्मी साधना से सम्बंधित रहस्यों को बताने जा रहा हूँ. जो लोग इस साधना को करना चाहते हैं, या कर रहे हैं उनके लिए इस साधना से सम्बंधित तिथियों, दिन, महूरत आदि का ज्ञान विशेष सफलता प्रदान कर सकता है.
ऐसा कहा गया है की “भगवान् न तो लकड़ी में है और न ही पत्थर में हैं , भगवान् तो भाव में रहते हैं , सकारात्मक सोच में रहते हैं” और इसी कारण सकारात्मक सोच, अच्छा भाव किसी भी साधना की सफलता के लिए जरुरी होता है.
अतः लक्ष्मी साधना का पहला रहस्य है “विश्वास”, माता लक्ष्मी पर भरोसा होना चाहिए जो की अपने भक्तो को धन, सम्पन्नता देने को हमेशा तैयार रहती है. भक्ति भाव के अभाव में, विश्वास के अभाव में इस साधना में सफलता पाना संभव नहीं होता है.
ऐसा माना जाता है की अगर माता लक्ष्मी प्रसन्न हो जाए तो भक्त को संपन्न जीवन, भव्य जीवन, धन, रत्न, कीमती धातुओं की प्राप्ति करवा देती है आसानी से जिससे की भक्त एक सफल जीवन जी सकता है. इसी कारण से दशको से लोग माता लक्ष्मी की पूजा करते आ रहे हैं अलग अलग तरीको से.
पौराणिक कथाओं के अनुसार माता लक्ष्मी का जन्म समुद्र मंथन के दौरान हुआ था.
अतः लक्ष्मी साधना का दूसरा रहस्य है "लगातार साधना" करना बिना रुके या बिना बाधा के. क्यूंकि उनका जन्म भी बहुत मेहनत से हुआ था, जो की देवताओं और राक्षसों द्वारा किया गया था. अतः लक्ष्मी साधना इतना भी सरल नहीं होता है. अथक प्रयास के द्वारा देवी लक्ष्मी को प्रसन्न किया जा सकता है.
बिना धन के जीवन को सुख पूर्वक जीना संभव नहीं अतः ये जरुरी है की माता की कृपा हमेशा मिलती रहे. हम कितना भी धन दान करना चाहे, अन्न दान करना चाहिए, कपडे दान करना चाहे, ये सब धन के अभाव में नहीं हो सकता है. अतः धन जीवन में बहुत महत्त्व रखता है.
परन्तु एक कड़वा सच ये भी है की लक्ष्मी अति चंचल होती है अतः किसी एक जगह पर जयादा समय तक नहीं रहती है. अतः कुछ ख़ास प्रयत्न करने पड़ते हैं अगर लक्ष्मी कृपा को बनाए रखना है.

आइये जानते हैं कुछ तरीके धन प्राप्ति के :

धन प्राप्ति के २ मुख्य तरीके हैं –
  1. पहला रोज कड़ी मेहनत करना सकारात्मक रूप से समाज में और समाज के लिए जिससे की धन प्राप्त हो सके. ये तरीका सर्वमान्य है.
  2. दूसरा तरीका है अनैतिक कार्यो को करना जैसे, लूटना, धोखा देना, चोरी करना आदि जिससे की धन आ सके परन्तु ये सब गलत तरीके हैं जो की ठीक नहीं होते हैं.

ऐसे भी लोग है जो की बहुत कड़ी मेहनत करते हैं परन्तु वे अपनी राज्मर्रा की जरूरतों को भी पूरा नहीं कर पाते हैं तो दूसरी तरफ कुछ ऐसे लोग भी हैं जो की थोडा काम करते हैं परन्तु जरुरत से ज्यादा धन कम लेते हैं. यही पर किस्मत खेल खेलती है और भाग्य का महत्त्व भी पता चलता है जो की माता लक्ष्मी की कृपा से प्राप्त होता है.
यही पर लक्ष्मी साधना की जरुरत भी महसूस होती है.
लक्ष्मी साधना सिर्फ गरीबो के लिए ही नहीं है अपितु उन लोगो के लिए भी महत्त्व रखती है जो की स्थिर आय चाहते हैं, बढ़ता हुआ जीवन चाहते हैं, संपन्न जीवन चाहते हैं.

आइये अब जानते हैं कौन कौन से तरीके हैं माँ लक्ष्मी को प्रसन्न करने के :

ऐसे ३ प्रकार के तरीके मुख्य हैं जिनका प्रयोग जानकार लोग करते आये हैं लक्ष्मी जी की कृपा को पाने के लिए.
  1. मंत्र जप – मंत्र जप का अपना अलग ही विज्ञान है. ऐसा देखा गया है की जब कोई व्याक्ति विशेष प्रकार से मंत्रो का जप करता है लगातार तो उससे दिव्या उर्जा बनती है और व्यक्ति का आभा मंडल भी बदल जाता है. विभिन्न कार्यो को संपन्न करने के लिए अलग-अलग प्रकार के मंत्रो का उल्लेख मिलता है ग्रंथो में. माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए लक्ष्मी मंत्रो का जप श्रेष्ठ होता है.
  2. यन्त्र पूजा – लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने का दूसरा तरीका है यन्त्र पूजा, यन्त्र मंत्रो का ही भौतिक प्रकटीकरण है. हमारे ग्रंथो में विभिन्न प्रकार के यंत्रो का वर्णन प्राप्त होता है. अगर कोई यन्त्र स्थापित करके लगातार श्रद्धा और भक्ति से पूजन करे तो इसमें कोई शक नहीं की दिव्य शक्तियां उसकी मदद करेंगी . अतः लक्ष्मी जी की कृपा प्राप्त करने के लिए लक्ष्मी यन्त्र की स्थापना ज्योतिष या ज्ञानी के मार्गदर्शन में करना उचित होता है.
  3. तांत्रिक तरीका – तीसरा तरीका होता है तंत्रोक्त जिसमे की मंत्र, यन्त्र और विशेष वस्तुओ का प्रयोग साथ में होता है. इसमें विशेष सामग्रियों को रखके विशेष प्रक्रिया द्वारा उर्जा को बढ़ाया जाता है और मंत्र, यज्ञ अनुष्ठान का प्रयोग होता है, विशेष महूरत में प्रयोग होता है. ऐसा कहा जाता है की तंत्र के द्वारा सफलता जल्दी प्राप्त होती है परन्तु क्रियाओं को सही तरीके से करना जरुरी है.

आइये जानते हैं अब लक्ष्मी साधना से सम्बंधित कुछ विशेष बातो को :

कुछ विशेष दिन होते हैं, विशेष महीने होते हैं, नक्षत्र होते हैं, तिथियाँ होती है, स्थान होते हैं, आसन होते हैं, फूल होते हैं, मंत्र होते हैं, यज्ञ होते हैं जिनको जानकार अगर लक्ष्मी साधना शुरू किया जाए तो सफलता निश्चय ही मिलती है.
  • नवरात्रियो में लक्ष्मी साधना को शुरू किया जा सकता है, साल में ४ नवरात्री आती है, २ तो सभी जानते हैं परन्तु २ गुप्त होती है जिनकी जानकारी पंचांगों से प्राप्त हो जाती है.
  • हिन्दू पंचांग के अनुसार ऐसे १० तिथियाँ है जो की लक्ष्मी साधना के लिए उपयुक्त हैं. ये हैं – द्वितीय, तृतीया, चतुर्थी, पंचमी, षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी, नवमी, दशमी, त्रयोदशी.
  • लक्ष्मी साधना को शुरू करने के लिए मुख्य दिन हैं – सोमवार, बुधवार, गुरुवार और शुक्रवार. इनमे शुर्क्र्वार ज्यादा ख़ास है.
  • हिन्दू पंचांग के अनुसार वैशाख और आश्विन महीने लक्ष्मी साधना शुरू करने के लिए उपयुक्त है.
  • कुछ नक्षत्र भी हैं जो की बहुत शुभ होते हैं जैसे हस्त , पूर्वाफाल्गुनी, पुनर्वसु और पुष्य.
  • जहाँ तक जगह का सवाल है तो घर में मौजूद कोई पवित्र और एकांत जगह शुभ होता है, मंदिर, नदी तट, गुफा, या फिर ऐसी जगह जहाँ किसी संत ने तपास्य की हो. ऐसी जगहों में साधना करने से लाभ जरुर होता है.
  • आसन का प्रयोग जरुरी होता है, लक्ष्मी साधना के लिए लाल या पीले रंग का ऊनी आसन शुभ होता है. कुशासन भी अच्छा माना जाता है.
  • लक्ष्मी साधना में मुंगे की माला का महत्त्व हैं, इसके अलावा चन्दन या रुद्राक्ष की माला भी प्रयोग में लिया जा सकता है.
  • पश्चिम दिशा लक्ष्मी साधना के लिए उपयुक्त है.
ऊपर मैंने कुछ महत्त्वपूर्ण बाते बता दी हैं जो की लक्ष्मी साधना करने के इच्छुक लोगो के लिए सहायक होंगी.



और सम्बंधित लेख पढ़े :
श्री साधना का रहस्य

लक्ष्मी साधना का रहस्य, किन बातो का ध्यान रखना चाहिए लक्ष्मी साधना के लिए.

Comments

Popular posts from this blog

om kleem krishnaay namah mantra ka mahattw

om kleem krishnaya namah benefits in hindi, ॐ क्लीं कृष्णाय नमः मंत्र के लाभ और अर्थ, ॐ क्लीं नमः का जाप कैसे करे, क्लीं बीज का रहस्य वशीकरण मंत्र ॐ क्लीं कृष्णाय नमः का रहस्य.  क्लीं बीज मंत्र काली देवी से संबंधित है और बहुत शक्तिशाली है। इस मंत्र के जाप से एक दिव्य आभा और आकर्षण शक्ति विकसित होती है जो दैवीय ऊर्जाओं के साथ-साथ भौतिक सुखों को आकर्षित करने में मदद करती है।  श्री कृष्ण भगवान विष्णु के अवतार हैं और महान व्यक्तित्व, प्रेम, ज्ञान और बुद्धि के प्रतीक हैं। om kleem krishnaay namah mantra ka mahattw " ॐ क्लीं कृष्णाय नमः " एक अद्भुत मंत्र है जो जप करने वाले को सब कुछ प्रदान करने में सक्षम है और इसलिए भक्तों द्वारा दशकों से इसका उपयोग किया जाता रहा है। यह मंत्र देवी दुर्गा के साथ-साथ कृष्ण की भी शक्ति रखता है और इसलिए यह उन सभी के लिए एक दिव्य मंत्र है जो जीवन में जल्द ही सफलता चाहते हैं। "ॐ क्लीं कृष्णाय नमः" एक शक्तिशाली मंत्र है जो आंतरिक आध्यात्मिक ऊर्जा का आह्वान करता है जिसका लगातार जप किया जाता है इसलिए जो लोग आध्यात्मिक विकास चाहते हैं उनके लिए

Suar Ke Daant Ke Totke

Jyotish Me Suar Ke Daant Ka Prayog , pig teeth locket benefits, Kaise banate hai suar ke daant ka tabij, क्या सूअर के दांत का प्रयोग अंधविश्वास है. सूअर को साधारणतः हीन दृष्टि से देखा जाता है परन्तु यही सूअर पूजनीय भी है क्यूंकि भगवान् विष्णु ने वराह रूप में सूअर के रूप में अवतार लिया था और धरती को पाताल लोक से निकाला था. और वैसे भी किसी जीव से घृणा करना इश्वर का अपमान है , हर कृति इस विश्व में भगवान् की रचना है. Suar Ke Daant Ke Totke सूअर दांत के प्रयोग के बारे में आगे बताने से पहले कुछ महत्त्वपूर्ण बाते जानना चाहिए : इस प्रयोग में सिर्फ जंगली सूअर के दांत का प्रयोग होता है. किसी सूअर को जबरदस्त मार के प्रयोग में लाया गया दांत काम नहीं आता है अतः किसी भी प्रकार के हिंसा से बचे और दुसरो को भी सचेत करे. वैदिक ज्योतिष में सूअर के दांत के प्रयोग के बारे में उल्लेख नहीं मिलता है. इसका सूअर के दांत के प्रयोग को महुरत देख के ही करना चाहिए. कई लोगो का मनना है की सुकर दन्त का प्रयोग अंधविश्वास है परन्तु प्रयोग करके इसे जांचा जा सकता है , ऐसे अनेको लोग है जो अपने बच्चो

84 Mahadev Mandir Ke Naam In Ujjain In Hindi

उज्जैन मंदिरों का शहर है इसिलिये अध्यात्मिक और धार्मिक महत्त्व रखता है विश्व मे. इस महाकाल की नगरी मे ८४ महादेवो के मंदिर भी मौजूद है और विशेष समय जैसे पंचक्रोशी और श्रवण महीने मे भक्तगण इन मंदिरों मे पूजा अर्चना करते हैं अपनी मनोकामना को पूरा करने के लिए. इस लेख मे उज्जैन के ८४ महादेवो के मंदिरों की जानकारी दी जा रही है जो निश्चित ही भक्तो और जिज्ञासुओं के लिए महत्त्व रखती है.  84 Mahadev Mandir Ke Naam In Ujjain In Hindi आइये जानते हैं उज्जैन के ८४ महादेवो के मंदिरों के नाम हिंदी मे : श्री अगस्तेश्वर महादेव मंदिर - संतोषी माता मंदिर के प्रांगण मे. श्री गुहेश्वर महादेव मंदिर- राम घाट मे धर्मराज जी के मंदिर मे के पास. श्री ढून्देश्वर महादेव - राम घाट मे. श्री अनादी कल्पेश्वर महादेव- जूना महाकाल मंदिर के पास श्री दम्रुकेश्वर महादेव -राम सीढ़ियों के पास , रामघाट पे श्री स्वर्ण ज्वालेश्वर मंदिर -धुंधेश्वर महादेव के ऊपर, रामघाट पर. श्री त्रिविश्तेश्वर महादेव - महाकाल सभा मंडप के पास. श्री कपालेश्वर महादेव बड़े पुल के घाटी पर. श्री स्वर्न्द्वार्पलेश्वर मंदिर- गढ़ापुलिया