2026 न्यूमरोलॉजी रिपोर्ट | मूलांक अनुसार भविष्यफल (1–9) | नववर्ष अंकज्योतिष भविष्यवाणी, Ank Jyotish Predictions 2026 in HIndi. ✨ अंक ज्योतिष के अनुसार वर्ष 2026 की विशेषताएं ✨ अंक ज्योतिष के अनुसार वर्ष 2026 का अधिपति सूर्य होंगे । क्योंकि जब हम सभी अंकों को जोड़ते हैं (2+0+2+6 = 10 → 1), तो अंतिम अंक 1 प्राप्त होता है। चाल्डियन न्यूमरोलॉजी में अंक 1 के स्वामी सूर्य होते हैं। इसलिए नया वर्ष सूर्य के प्रभाव में रहेगा — शक्ति, अधिकार, नेतृत्व, व्यक्तित्व और पहचान को विशेष बल मिलेगा। साथ ही इस वर्ष अंक 2 (चंद्रमा) और अंक 6 (शुक्र) की ऊर्जा भी सक्रिय रहेगी, जो रचनात्मकता, भावनात्मक संतुलन, सौंदर्य, संबंधों और जीवन के भौतिक सुखों को बढ़ावा देगी। Ank Jyotish Predictions 2026 in HIndi ☀️ सूर्य क्या दर्शाता है? सूर्य के प्रमुख गुण: शक्ति और नेतृत्व अधिकार एवं शासन प्रसिद्धि और लोकप्रियता आत्मविश्वास और महत्वाकांक्षा नवाचार और आत्म-पहचान इसी कारण 2026 सभी को स्वतंत्रता, आत्म-विकास और नए आरंभों की ओर आगे बढ़ाएगा। लोग मजबूत निर्णय लेना चाहेंगे, अपनी पहचान व्यक्त कर...
Dev Uthni Gyaras Kab hai 2025, देव उठनी एकादशी महत्तव, क्या करे प्रबोधिनी एकादशी को सफलता के लिए, ekadashi update.
प्रबोधिनी एकादशी को तुलसी विवाह का भी प्रचलन है जो की विवाह के शुरू होने के संकेत है. अलग अलग प्रान्त में अलग अलग तरीके के रीती रिवाज देखने को मिलते हैं. पढ़िए तुलसी पूजा का महत्त्व . Devuthni gyaras 2025
Devuthni gyaras 2025: इस साल देवउठनी ग्यारस २ नवम्बर रविवार को है | एकादशी तिथि 1 नवम्बर को दिन में लगभग 9:13 बजे शुरू होगी और 2 तारीख को प्रातः में लगभग 7:31 बजे तक रहेगी | चूँकि द्वादशी युक्त एकादशी करने का विधान है इसीलिए एकादशी का व्रत 2 तारीख को किया जायेगा. इस व्रत का पारण 3 तारीख को प्रातः लगभग 6:43 के बाद किया जाएगा.
एक ऐसा दिन जिसका हिन्दुओ के लिए बहुत अधिक महत्तव है और वो दिन हैं कार्तिक शुक्ल पक्ष की ग्यारस. इस दिन को प्रबोधिनी एकादशी या फिर देव उठनी ग्यारस भी कहा जाता है. भारत में इस दिन को बहुत ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है.
ऐसा माना जाता है की भगवान् विष्णु आशाद शुक्ल पक्ष की ग्यारस को क्षीर सागर में विश्राम करने चले जाते हैं और 4 महीने बाद कार्तिक शुक्ल पक्ष की ग्यारस को उठते हैं इसी लिए इस दिन को देव उठनी ग्यारस कहा जाता है. जब विष्णुजी सोते है तो उस समय विवाह आदि शुभ कार्य वर्जित हो जाते हैं और देव उठनी ग्यारस से विवाह आदि के महूरत फिर से शुरू हो जाते हैं. Devuthni gyaras 2025
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| dev uthni ekadashi in jyotish |
ऐसा माना जाता है की भगवान् विष्णु आशाद शुक्ल पक्ष की ग्यारस को क्षीर सागर में विश्राम करने चले जाते हैं और 4 महीने बाद कार्तिक शुक्ल पक्ष की ग्यारस को उठते हैं इसी लिए इस दिन को देव उठनी ग्यारस कहा जाता है. जब विष्णुजी सोते है तो उस समय विवाह आदि शुभ कार्य वर्जित हो जाते हैं और देव उठनी ग्यारस से विवाह आदि के महूरत फिर से शुरू हो जाते हैं. Devuthni gyaras 2025
दूसरी तरफ देखे तो इस दिन चातुर्मास भी समाप्त होता है और मौसम में भी तीव्र बदलाव होने लगते हैं अर्थात तेज ठण्ड शुरू होने लगती है |
प्रबोधिनी एकादशी को तुलसी विवाह का भी प्रचलन है जो की विवाह के शुरू होने के संकेत है. अलग अलग प्रान्त में अलग अलग तरीके के रीती रिवाज देखने को मिलते हैं. पढ़िए तुलसी पूजा का महत्त्व . Devuthni gyaras 2025
आइये जानते है किस प्रकार आसानी से देव उठनी ग्यारस को पूजन कर सकते हैं :
- इस दिन जल्दी उठके दैनिक कार्यो से मुक्त हो जाना चाहिए.
- अगर कोई पवित्र नदी के आस पास रहते हैं तो उन्हें पवित्र स्नान करना चाहिए.
- पुरे दिन व्रत रखके भगवान् विष्णु और तुलसी देवी की पूजा आराधना करनी चाहिए.
- भगवान् विष्णु और तुलसी का विवाह करना चाहिए. Devuthni gyaras 2025
- विष्णु सहस्त्रनाम और तुलसी स्त्रोत्रम का पाठ करना भी अति शुभ होता है.
- “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जप साथ ही “ॐ तुलस्यै नमः “ का जप शुभ होता है.
Dev Uthni Gyaras Ka Mahattw, देव उठनी एकादशी महत्तव, क्या करे प्रबोधिनी एकादशी को सफलता के लिए.
- लोग अपने घर, दूकान और व्यापारिक जगह की पूरी सफाई करते हैं, रंगोली बनाते हैं देव और देवी के स्वागत के लिए.
- भक्तगण 11 दीपक घी के लगाते हैं विष्णु जी और लक्ष्मी जी के नाम से.
- विभिन्न प्रकार के भोग और मौसमी फल भगवान् को भेंट करते हैं.
- आरती, भजन, मंत्र जप आदि का आयोजन किया जाता है पुरे दिन और रात. Devuthni gyaras 2025
इस दिन किसी विष्णु मंदिर में जाके दर्शन करके ब्राह्मण और बड़ो का आशीर्वाद लेना चाहिए. जरुरत मंदों की मदद करके उनकी शुभकामनाये लेनी चाहिए, किसी गरीब कन्या के विवाह में दान करना चाहिए.
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय || ॐ तुलस्यै नमः
सभी को देव उठनी ग्यारस प्रबोधिनी एकादशी की शुभकामनाएं
Dev Uthni Gyaras Kab hai 2025, देव उठनी एकादशी महत्तव, क्या करे प्रबोधिनी एकादशी को सफलता के लिए, ekadashi update.

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