शुक्र का गोचर मीन राशि में कब होगा 2025 में, मीन राशि में शुक्र आने पर 12 राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा?, jyotish sansar rashifal| Shukra Gochar 2025: प्रेम, रोमांस, ग्लेमर, सौन्दर्य, चकाचौंध से जुड़ा ग्रह शुक्र 28 January 2025 को राशि परिवर्तन करेंगे और अपने उच्च राशि मीन में जायेंगे | इसका असर सभी के जीवन में नजर आएगा | कुछ लोगो को अपार धन की प्राप्ति होगी, कुछ के प्रेम जीवन में खुशियाँ छा जायेंगी, कुछ को अपना मन पसंद जीवन साथी मिलेगा, कुछ को अपने काम काज में अपार सफलता मिलेगी | jyotishsansar.com के इस लेख में हम जानेगे की शुक्र के राशि बदलने के समय और 12 राशियों पर प्रभाव के बारे में | Time of Shukra Gochar in Pisces : 28 January मंगलवार को प्रातः लगभग 6:41 बजे शुक्र अपने उच्च राशि मीन में पवेश करेंगे और अनेक लोगो के जीवन में खुशियाँ आएँगी | Shukra ka Meen Rashi Mai Gochar ka Rashifal Watch Video On YouTube आइये जानते हैं राशिफल: मेष राशिफल : 28 जनवरी 2025 को शुक्र के मीन राशि में गोचर से मेष राशि के लोगो के नए लोगो से संपर्क बढ़ेंगे जिससे व्यस्तता बढ़ेगी ...
Rudrabhishek Pooja Ka Mahattw In Hindi, रुद्राभिषेक पूजा का महत्तव, क्यों करे रुद्राभिषेक, सावन में रुद्राभिषेक पूजा का महत्तव.
पूजन के दौरान भगवान् का अभिषेक करना हिन्दुओ के अन्दर बहुत ही महत्त्व का माना जाता है और पूरी दिनिया में लोग अभिषेक करते है स्वास्थय और सम्पन्नता के लिए.
Rudrabhishek Pooja Ka Mahattw In Hindi |
क्या होता है अभिषेक ?
अभिषेक का मतलब होता है भगवान् के मूर्ति पर दूध, शहद, घी, जल आदि डालना मंत्रो के साथ. ऐसा माना जाता है की ये भगवान् को खुश करने का सबसे अच्छा तरीका है.
भगवान् शिव को रूद्र भी कहा जाता है और उनका अभिषेक जब विशेष स्त्रोत पाठ के द्वारा किया जाता है या विशेष मंत्रो के साथ किया जाता है तो उसे “रुद्राभिषेक” कहा जाता है.
शिवलिंग का अभिषेक करने के लिए साधारणतया रूद्र सूक्त या रुद्रम का पाठ किया जाता है, इसी को रुद्राभिषेक कहा जाता है. पाठ करते हुए शिवलिंग पर विभिन्न पवित्र सामग्रियां डाली जाती है.
रुद्राभिषेक में प्रयोग होने वाली वस्तुएं :
इस पूजा में पवित्र वस्तुओ का प्रयोग होता है और इन वस्तुओ को स्वास्थ्यवर्धक भी कहा जाता है. जैसे की गाय का दूध, गाय के दूध का घी और दही, शहद, गन्ने का रस, विभिन्न प्रकार के अनाज, विभिन्न स्त्रोत से एकत्रित किये गए जल, कला तिल , जौ , विभिन्न प्रकार के तेल, बेल पत्र, आक के फूल, धतुरा आदि.
रुद्राभिषेक का महत्तव:
ये भगवान् शिव को प्रसन्न करने का सबसे अच्छा माध्यम माना जाता है और ऐसा माना जाता है की इससे सभी प्रकार की मनोकामना को पूरा किया जा सकता है. जीवन के समस्याओं को दूर करने का एक सशक्त तरीका है रुद्राभिषेक.
- इससे नकारात्मक उर्जाओं से सुरक्षा होती है.
- ये पापो का क्षय करता है.
- रुद्राभिषेक से जीवन में शांति और समपन्नता आती है.
- ये बीमारियों को दूर करने में मदद करता है.
- जो लोग नौकरी ढूँढ रहे हैं उनके लिए नए मार्ग खुलते हैं.
- जो लोग जीवनसाथी की तलाश कर रहे हैं उनके लिए रास्ते खुलते हैं.
- कुंडली के दोषों को दूर करने का भी ये एक अच्छा तरीका है.
- वास्तु दोषों को भी दूर किया जा सकता है इस प्रयोग के द्वारा.
- अगर कोई कानूनी समस्याओं से जूझ रहा हो तो भी रुद्राभिषेक इसमे बहुत मदद कर सकता है.
- जहा भी रुद्राभिषेक होता है वह से नाकारात्मक ऊर्जा पलायन कर जाती है.
- इसके अध्यात्मिक और भौतिक, दोनों लाभ होते हैं.
- अगर आप भगवान् शिव के उपासक है तो रूद्र पूजा करना चाहिए.
- अगर आप अपने व्यक्तिगत और कामकाजी जीवन में परेशानी का सामना कर रहे हैं तो भी आपको रूद्र पूजा करना चाहिए.
अगर आप जीवन के परेशानियों को दूर करना चाहते हैं तो मंत्रो द्वारा रूद्र पूजा करना चाहिए. आप निश्चित ही लाभान्वित होंगे.
अपने आसपास सकारात्मक वातावरण का निर्माण करने के लिए भी ये पूजा आपके लिए बहुत अच्छी है.
ज्योतिष भी इस पूजा के लिए सलाह देते है. समय समय पर रूद्र पूजा करना चाहिए.
रुद्राभिषेक के लिए कौन सा समय शुभ है?
एक सच ये है की सभी समय शुभ है क्यूंकि शिव हर समय पर हर जगह मौजूद रहते हैं, ये पूरा विश्व शिवमय है परन्तु फिर भी कुछ विशेष परिस्थितियों में विशेष समय पर पूजन करना शुभ होता है जैसे –
- सावन के महीने में सभी दिन रुद्राभिषेक के लिए शुभ होते है.
- विशेषतौर पर सोमवार का दिन उन लोगो के लिए शुभ है जिनके कुंडली में चन्द्रमा समस्या उत्पन्न कर रहा है.
- अगर किसी के कुंडली में पितृ दोष है तो उसे चौदस या अमावस्या को ये पूजा करनी चाहिए.
- अगर किसी को मंगल दोष है तो मंगलवार के दिन रुद्राभिषेक करना चाहिए.
अपने जीवन को सफल बनाए रुद्राभिषेक द्वारा, प्राप्त करे शिव कृपा, दूर करे नकारात्मकता जीवन से.
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