अषाढ़ महीने की गुप्त नवरात्री की महिमा, क्या करे जीवन को सफल बनाने के लिए, कैसे करे माँ दुर्गा की पूजा गुप्त नवरात्री में, Ashad mahine ki gupt navratri 2025. नवरात्री का अर्थ है 9 विशेष दिन जब कोई भी व्यक्ति साधना कर सकता है अपने अध्यात्मिक लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए या फिर भौतिक लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए | ज्योतिष के हिसाब से और तंत्र के हिसाब से भी नवरात्री बहुत महत्त्वपूर्ण दिन होते हैं जब हम अपने जीवन को निष्कंटक करने के लिए साधना कर सकते हैं, पूजा कर सकते हैं. इस बार 26 June, गुरुवार से 4 जुलाई, शुक्रवार तक अषाढ़ महीने की गुप्त नवरात्री रहेगी , इन दिनों तांत्रिक, सिद्धि हेतु पूजाएँ करते हैं, अध्यात्मिक जिज्ञासु ज्ञान हेतु साधनाएं करते हैं और सांसारिक लोग भौतिक इच्छाओं की पूर्ति हेतु साधना करते हैं. Ashadh Mahine Ki Gupt Navratri Ka Mahattw अनुक्रमणिका : क्या करे गुप्त नवरात्री में जीवन को सफल बनाने के लिए? क्या ना करे गुप्त नवरात्री में दुर्भाग्य को दूर रखने के लिए: आइये जानते हैं की ग्रहों की स्थिति कैसी रहेगी 2025 के गुप्त नवरात्रि में ? कौ...
Mangla Gauri Puja Kya Hai, क्यों करे मंगला गौरी पूजा, क्या फायदे हैं मंगला गौरी पूजा के, मंगला गौरी व्रत महिमा.
श्रवण महीने के हर मंगलवार को एक विशेष पूजा का दिन होता है जब कुंवारी कन्याये अपनी मनोकामनाए पूर्ण करने के लिए पूजन कर सकती है. ये दिन होता है माँ मंगला गौरी को पूजने का जो की वास्तव में माँ पार्वती ही हैं.
शिवजी के महीने में हर मंगलवार माँ पार्वती की पूजा के लिए होता है और जिन कन्याओं को विवाह में समस्या आ रही है या जो अच्छा वर चाहती है वो श्रवण मंगलवार को मंगला गौरी की पूजन करती है.
माँ पार्वती शिवजी की अर्धांगिनी है और अपने भक्तो की मनोकामना को पूरा करने के लिए सदेव तत्पर रहती है इसी कारण प्राचीनकाल से कन्याये माँ गौरी की पूजा करती आ रही है.
कैसे किया जाता है माँ मंगला गौरी की पूजा :
इस पवित्र और शक्तिशाली दिन को कन्याये जल्दी उठकर अपने दैनिक क्रियाओं से निवृत्त होके माँ गौरी की मूर्थी या फोटो के आगे संकल्प लेती है की वो किस मनोकामना के लिए ये पूजा या व्रत कर रही है.
माँ गौरी की पंचोपचार पूजन किया जाता है और उनको फूल, फल, दीप, नैवेद्य, आदि भेंट किया जाता है. देश के कुछ भागो में महिलाए भी इस व्रत को अपने विवाहित जीवन के समस्याओं को दूर करने के लिए करती है. इस पूजन से जीवन में सम्पन्नता भी आती है.
Mangla Gauri Puja Kya Hai, क्यों करे मंगला गौरी पूजा, क्या फायदे हैं मंगला गौरी पूजा के, मंगला गौरी व्रत महिमा.
श्रवण महीने के हर मंगलवार को एक विशेष पूजा का दिन होता है जब कुंवारी कन्याये अपनी मनोकामनाए पूर्ण करने के लिए पूजन कर सकती है. ये दिन होता है माँ मंगला गौरी को पूजने का जो की वास्तव में माँ पार्वती ही हैं.
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Mangla Gauri Puja Kya Hai |
शिवजी के महीने में हर मंगलवार माँ पार्वती की पूजा के लिए होता है और जिन कन्याओं को विवाह में समस्या आ रही है या जो अच्छा वर चाहती है वो श्रवण मंगलवार को मंगला गौरी की पूजन करती है.
माँ पार्वती शिवजी की अर्धांगिनी है और अपने भक्तो की मनोकामना को पूरा करने के लिए सदेव तत्पर रहती है इसी कारण प्राचीनकाल से कन्याये माँ गौरी की पूजा करती आ रही है.
कैसे किया जाता है माँ मंगला गौरी की पूजा :
इस पवित्र और शक्तिशाली दिन को कन्याये जल्दी उठकर अपने दैनिक क्रियाओं से निवृत्त होके माँ गौरी की मूर्थी या फोटो के आगे संकल्प लेती है की वो किस मनोकामना के लिए ये पूजा या व्रत कर रही है.
माँ गौरी की पंचोपचार पूजन किया जाता है और उनको फूल, फल, दीप, नैवेद्य, आदि भेंट किया जाता है. देश के कुछ भागो में महिलाए भी इस व्रत को अपने विवाहित जीवन के समस्याओं को दूर करने के लिए करती है. इस पूजन से जीवन में सम्पन्नता भी आती है.
इस साल 2018 में मंगला गौरी व्रत के दिन निम्न है –
31 july, 7 august, 14 अगस्त 2018, 21 अगस्त
क्या फायदे हैं मंगला गौरी पूजन के ?
Mangla Gauri Puja Kya Hai, क्यों करे मंगला गौरी पूजा, क्या फायदे हैं मंगला गौरी पूजा के, मंगला गौरी व्रत महिमा.
- कन्याएं विवाह में आने वाले बाधाओं को दूर कर सकती हैं.
- इस पूजन से विवाहित जीवन के परेशानियों को भी दूर किया जा सकता है.
- इस पूजन से अच्छा स्वस्थ्य प्राप्त होता है.
- सफलता के रास्ते खुलते हैं.
- मांगलिक दोष का समाधान भी संभव है माँ गौरी की कृपा से.
अतः सावन के शुभ महीने का पूरा लाभ उठाये और मन से करिये माँ मंगला गौरी की पूजा और पाए मनपसंद जीवन साथी.
सुखी और संपन्न जीवन जी लीजिये माँ की कृपा से.
Mangla Gauri Puja Kya Hai, क्यों करे मंगला गौरी पूजा, क्या फायदे हैं मंगला गौरी पूजा के, मंगला गौरी व्रत महिमा.
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