Parivartini Ekadashi 2025 Date, परिवर्तिनी एकादशी कब है, जलझुलनी ग्यारस कब है, डोळ ग्यारस को क्या करें, एकादशी कथा, क्या करें, क्या न करें | Parivartini Ekadashi 2025: हिन्दू पंचांग के अनुसार भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी बहुत महत्त्वपूर्ण होती है क्यूंकि इस दिन भगवान विष्णु अपने शैया पर करवट बदलते हैं इसी कारण परिवर्तिनी एकादशी कहते हैं | इस एकादशी के अन्य नाम भी है जैसे डोळ ग्यारास, जलझुलनी एकादशी, वामन एकादशी | इस दिन भगवान विष्णु के वामन अवतार की पूजा का विधान है। इस साल 2025 में परिवर्तनी एकादशी का व्रत 3 सितम्बर बुधवार को रखा जाएगा और इस व्रत का पारायण 4 तारीख को सुबह किया जाएगा | ग्यारस तिथि 3 तारीख को तडके लगभग 3:54 बजे शुरू होगी और 4 को तडके में लगभग 4:23 बजे तक रहेगी | Parivartini Ekadashi Kab Hai Dol gyaras ki tarikh Watch On YouTube आइये जानते हैं की परिवर्तनी एकादशी व्रत के क्या फायदे हैं ? इस विशेष दिन विष्णु पूजा से अनेक लाभ है जैसे - समस्त पापो का नाश होता है | देह छोड़ने के पश्चात मुक्ति की प्राप्ति होती है | इस व्रत के प्रभाव से जातक को अक्षय पुण्य क...
क्या दिवाली में अपने आपको बचाया जा सकता है काले जादू से, क्यों दिवाली की रात्री बहुत शक्तिशाली मानी जाती है, कैसे बचाए अपने आपको नकारात्मक उर्जाओं से दिवाली की रात्री को.
भारत में दिवाली का अपना उल्लास रहता है, बच्चे, बुजुर्ग, जवान सभी इस त्यौहार का आनंद लेते हैं मिलके. ये वो समय होता है जब समृद्धि हेतु कई शक्तिशाली प्रयोग किये जाते हैं, लोग नए वस्त्र, आभूषण खरीदते हैं, बच्चे आतिशबाजी का आनंद लेते है. ये त्यौहार सभी के लिए कुछ न कुछ ख़ुशी लेके आता है.
इसके अलावा दिवाली तंत्र, मंत्र यन्त्र सिद्धी के लिए भी बहुत अच्छा माना जाता है इसी वजह से साधक इस रात्री को साधना में रत रहते हैं. हर विद्या का सही और गलत दोनों पक्ष होते हैं और यही कारण है की जहा दिवाली में शुभता, सम्पन्नता के लिए पूजाए की जाती है वही नकारात्मक विचारों से ग्रस्त लोग नुक्सान पहुचाने के लिए भी कई प्रकार के प्रयोग को अंजाम देते हैं.
अतः ये जरुरी है की हम सावधान रहे और सुरक्षित रूप से इस त्यौहार को मनाये. दिवाली कार्तिक अमावस्या को मनाई जाती है जब चन्द्रमा पूर्ण रूप से क्षीण रहता है. शाश्त्रो के हिसाब से दिवाली की रात्री 4 महारात्रियो में से एक है अतः इसका साधना की दृष्टि से बहुत अधिक महत्व है. जहा तांत्रिक लोग इस रात्री का इन्तेजार पुरे साल करते हैं वही व्यापारी और साधारण व्यक्ति भी इस रात को लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने का इन्तेजार करते हैं. दिवाली की रात्री एक अद्भूत रात्री है जब हर कोई अपनी इच्छा की पूर्ति हेतु अनुष्ठान कर सकता है.
जो लोग नकारात्मक शक्तियों के पुजारी है वो भी इस रात को काली विद्या को सिद्ध करते हैं और दुसरो को नुक्सान पहुचाने का कार्य करते हैं.
दिवाली में लोग हमे उतारे करते हुए नजर आयेंगे, कुछ लोग टोटके करते नजर आयेंगे, कुछ लोग शक्ति प्राप्त करने के लिए अनुष्ठान करते नजर आयेंगे, कुछ सम्मोहन क्रिया करते हैं ,कुछ उचाटन की क्रिया करते हैं , कुछ अन्य हानिकारक क्रियाएं करते हैं. अतः बहुत सतर्कता बरतने की जरुरत है इस रात्री को अन्यथा अज्ञानता से भी नुक्सान होने की संभावनाए बनी रहती है.
जो लोग नकारात्मक शक्तियों के पुजारी है वो भी इस रात को काली विद्या को सिद्ध करते हैं और दुसरो को नुक्सान पहुचाने का कार्य करते हैं.
दिवाली में लोग हमे उतारे करते हुए नजर आयेंगे, कुछ लोग टोटके करते नजर आयेंगे, कुछ लोग शक्ति प्राप्त करने के लिए अनुष्ठान करते नजर आयेंगे, कुछ सम्मोहन क्रिया करते हैं ,कुछ उचाटन की क्रिया करते हैं , कुछ अन्य हानिकारक क्रियाएं करते हैं. अतः बहुत सतर्कता बरतने की जरुरत है इस रात्री को अन्यथा अज्ञानता से भी नुक्सान होने की संभावनाए बनी रहती है.
आइये जानते हैं की क्या क्या फायदे उठा सकते हैं दिवाली की रात्री का :
- अगर कोई काला जादू से परेशान है तो इस रात्री को उपाय किये जा सकते हैं.
- कोई अगर मंत्र अनुष्ठान करता है तो इस रात्री को सिद्धी के लिए अच्छा समय है.
- दिवाली की रात्री को सम्पन्नता के लिए बहुत अच्छे अनुष्ठान किये जा सकते हैं.
- धनाकर्षण के लिए इस दिन पूजा होती है
- ऋण मुक्ति के लिए इस दिन अनुष्ठान किये जा सकते हैं
- बिमारी से बचाव के लिए भी इस दिन क्रियाये की जा सकती है.
- ज्ञान मार्गियो के लिए भी ये रात्री बहुत शुभ है.
अतः सभी दृष्टि से दिवाली की रात्री का महत्व बहुत ज्यादा है. अतः सभी को चाहिए की अपनी क्षमता के अनुसार प्रयोग करे और लाभ उठाये.
दिवाली में काले जादू से बचाव के उपाय :
ये रात्री खतरनाक भी है क्यूंकि इस समय कला जादू का इस्तेमाल करने वाले भी क्रियाओं को अंजाम देते हैं. अतः ये जरुरी है की सुरक्षा के इन्तेजाम रखे जाए.
- इस रात्री को व्यर्थ में कोई यात्रा न करे.
- किसी भी बुरी ये नकरात्मक जगह पर ना जाए.
- दिवाली की रात्री को जुए , दारु, मांस से दूर रहे.
- चौराहे पर राखी किसी चीज को हाथ न लगाए.
- अगर आपके घर, दूकान आदि में कोई भी गलत चीज मिले तो तुरंत उसे जला दे और वह पे पवित्र जल छिडके.
- अगर आपके शत्रु बहुत है तो आपको इस रात को साधना में रत रहना चाहिए जिससे इष्ट कृपा से आप सुरक्षित रहेंगे.
- किसी अच्छे ज्योतिष से सलाह लेके आपको कवच धारण करना चाहिए.
अतः दिवाली के दिन का प्रयोग पूरी तरह से करे सम्पन्नता के लिए, माँ लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए, जीवन को सफल बनाने के लिए.
पढ़िए नवरात्री में काला जादू से सुरक्षा के बारे में.
किसी भी हालत में काले जादू का प्रयोग न करे और कोई परिचित कर रहा हो तो उसे रोके जिससे पूरा जीवन सुख पूर्वक जिया जा सके.
सबके लिए शुभ संकल्प लेने पर इश्वर भी हमारे साथ शुभ ही करेगा.
पढ़िए नवरात्री में काला जादू से सुरक्षा के बारे में.
किसी भी हालत में काले जादू का प्रयोग न करे और कोई परिचित कर रहा हो तो उसे रोके जिससे पूरा जीवन सुख पूर्वक जिया जा सके.
सबके लिए शुभ संकल्प लेने पर इश्वर भी हमारे साथ शुभ ही करेगा.
क्या दिवाली में अपने आपको बचाया जा सकता है काले जादू से, क्यों दिवाली की रात्री बहुत शक्तिशाली मानी जाती है, कैसे बचाए अपने आपको नकारात्मक उर्जाओं से दिवाली की रात्री को.
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