Kundli Ke Pahle Ghar Mai Shani Ka Fal, लग्न में शनि का प्रभाव, कुंडली के पहले भाव में शनि का फल, लग्न में शनि के उपाय, Saturn in 1st house. जन्म कुंडली में पहला घर जिसे की लग्न भी कहा जाता है बहुत महत्त्वपूर्ण होता है क्यूंकि इसका सम्बन्ध हमारे मस्तिष्क से होता है और इसीलिए हमारे निर्णय लेने की क्षमता को प्रभावित करता है, लग्न में मौजूद ग्रह और राशि का बहुत गहरा प्रभाव जातक पर रहता है जीवन भर | Kundli Ke Pahle Ghar Mai Shani Ka Fal Read in English - Saturn in First House Impacts अब आइये जानते हैं शनि ग्रह के बारे में कुछ ख़ास बातें ज्योतिष के अनुसार : हमारे कर्मो के फल को देने वाले ग्रह हैं शनिदेव इसीलिए इन्हें न्याय के साथ जोड़ा जाता है | वैदिक ज्योतिष के अनुसार शनि का सम्बन्ध मेहनत, अनुशाशन, गंभीरता, जिम्मेदारी, स्वाभिमान, दुःख, अहंकार, देरी, भूमि, रोग आदि से होता है | शनि ग्रह मेष राशि में नीच के होते हैं और तुला राशि में उच्च के होते हैं | शनि ग्रह की मित्र राशियाँ हैं – वृषभ, मिथुन और कन्या| शनि ग्रह की शत्रु राशियाँ है – कर्क, सिंह और वृश्चिक| Watch Video Here शनि की दृष्
दीपावली पूजा का समय, कब करे महालक्ष्मी की पूजा, जानिए अच्छे चोघडिये और स्थिर लग्न का समय ज्योतिष के हिसाब से दिवाली पूजन के लिए.
दीपोत्सव बहुत ही ख़ास होता है हर हिन्दू के लिए क्यूंकि इस दिन विशेष रूप से धन की देवी महालक्ष्मी की पूजा होती है जो की अपने भक्तो को प्रसन्न होने पर धन, वैभव प्रदान करती है जिससे व्यक्ति इस भौतिक संसार में ऐशो आराम से जीता है.
Deepawali Ki Pooja Kab Kare? |
दिवाली प्रकाश का उत्सव है और ये कार्तिक महीने की अमावस्या को मनाया जाता है. भारतीय लोग इस उत्सव को बहुत ही हर्ष और उल्लास से मनाते हैं पूरी दुनिया में.
हर व्यक्ति के लिए धन बहुत महत्त्व रखता है और इसी कारण रोज हर कोई धन पाने के लिए संघर्ष करता रहता है. दिवाली पर पूजन करने से माता की कृपा प्राप्त होती है और व्यक्ति के आय के स्त्रोत खुलते हैं.
जानिए कब करे दिवाली पूजन, लक्ष्मी पूजन महुरत कब करे दीपावली की पूजा ?
सबसे महत्त्वपूर्ण प्रश्न ये है की वैदिक ज्योतिष के हिसाब से की कब करना चाहिए लाक्स्मीजी का पूजन जिससे शुभ परिणाम प्राप्त हो और मनोकामना की पूर्ति हो.
अलग अलग लोगो की ईच्छा अलग अलग होती है और उसी के अनुसार अलग अलग महूरत भी होते हैं, जिनको जो चाहिए उस हिसाब से महूरत में पूजन करना चाहिए.
यहाँ आपके सुविधा के लिए विशेष महूरत और स्थिर लग्न का बताया जा रहा है जिसमे पूजन करके हम अपनी दिवाली को सफल कर सकते हैं.
आइये जान लेते हैं 12 november, रविवार को दिवाली के दिन ग्रहों की स्थिति कैसी रहने वाली है ?
- सूर्य अपने नीच राशि तुला में रहेंगे |
- चन्द्रमा अपने सम राशि तुला में रहेंगे |
- मंगल अपने सम राशि तुला में रहेंगे |
- बुध अपने सम राशि वृश्चिक में रहेंगे |
- गुरु अपने मित्र राशि मेष में रहेंगे |
- शुक्र अपने नीच राशि कन्या में रहेंगे |
- शनि स्व राशि कुम्भ में रहेंगे |
- राहू अपने मित्र राशि मीन में रहेंगे |
- केतु अपने मित्र राशि कन्या में रहेंगे |
- गोचर कुंडली में तुला राशि में चन्द्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण योग भी बना रहेगा |
साधना के लिए समय उत्तम रहेगा पर यात्रा करने के लिए दिन शुभ नहीं है, दुर्घटनाये और आगजनी की घटनाओं में बढ़ोतरी होगी | तुला राशि के लोगो को विशेष सावधानी रखना होगी |
आइये जानते हैं दिवाली पूजा का विशेष महूरत :
अमावस्या तिथि 12 नवम्बर रविवार को दोपहर में 2:46 बजे शुरू होगी और 13 नवम्बर सोमवार को दोपहर 2:57 तक रहेगी| दीपावली का पूजन १२ को ही होगा |आइये अब जानते लक्ष्मी पूजन के लिए पूजा का समय :
- शाम को 6 से 7:30 का समय पूजन के लिए शुभ रहेगा |
- इसके अलावा रात्री में 11:39 से 12:32 तक का समय भी काफी अच्छा रहेगा |
और पढ़िए दिवाली पूजा कैसे करे आसानी से
आप सभी को दीपावली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं
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दीपावली पूजा का समय, कब करे महालक्ष्मी की पूजा, जानिए अच्छे चोघडिये और स्थिर लग्न का समय ज्योतिष के हिसाब से दिवाली पूजन के लिए.
दीपावली पूजा का समय, कब करे महालक्ष्मी की पूजा, जानिए अच्छे चोघडिये और स्थिर लग्न का समय ज्योतिष के हिसाब से दिवाली पूजन के लिए.
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