surya grahan Date and time, 21 september 2025 surya grahan, कहाँ कहाँ दिखेगा सूर्य ग्रहण, जानिए ज्योतिषीय प्रभाव,surya grahan ke upay. Surya Grahan September 2025: इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण 21 सितंबर को लगेगा इस दिन सर्वपितृ अमावस्या भी है । यह आंशिक सूर्यग्रहण कुछ खास देशों में ही दिखाई देगा। भारत में ये सूर्य ग्रहण दिखाई नहीं देगा इसीलिए यहाँ सूतक मान्य नहीं होगा. 21 सितंबर के सूर्य ग्रहण के दौरान चंद्रमा सूर्य को आंशिक रूप से ढक लेगा। ज्योतिष के अनुसार सूर्य ग्रहण का समय किसी भी प्रकार की साधना के लिए सबसे श्रेष्ठ समय होता है अतः जो लोग मंत्र साधना, तंत्र साधना, कुंडलिनी साधना करते हैं उनके लिए सिद्धि प्राप्त करने का सुनहरा अवसर होगा | कब लगता है सूर्य ग्रहण ? जब पृथ्वी और सूर्य के बीच में चंद्रमा आ जाता है तब सूर्य का प्रकाश कुछ समय के लिए पृथ्वी पर नहीं पंहुच पाता है धरती पर अँधेरा छा जाता है | इसी को कहते हैं सूर्य ग्रहण | Surya Grahan 2025 Suraya grahan Mai Kya kare Jyotish Anusar क्या 21 September का सूर्य ग्रहण भा...
Kaise Kare Bimariyo Se Bachaaw, Bimari ka mukhya karan, kya ho saktaa hai khane main asaawdhani se, kaise kare bimari se bachaao, janiye kuch khaas upaay sharir ko chust aur furtila rakhne ke.
शारीर को स्वस्थ रखना हमारी बुनियादी जिम्मेदारी बनती है क्यूंकि एक स्वस्थ शारीर की जरुरत सबसे ज्यादा होती है एक अच्छे जीवन जीने के लिए.
क्या आप जानते हैं की खाना का हमारे जीवन से सबसे गहरा नाता है, एक कहावत है की “जैसा अन्न वैसा मन और जैसा मन वैसा तन ” अर्थात हमारे भोजन का हमारे शारीर पर पूरा प्रभाव पड़ता है इसी कारण योग और आयुर्वेद में भोजन शुद्धि पर विशेष ध्यान दिया जाता है.
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Kaise Kare Bimariyo Se Bachaaw |
आज के इस तेज रफ़्तार जिन्दगी में हम जिस चीज से सबसे ज्यादा दूर हुए हैं वो है शुद्ध और पौष्टिक भोजन. इसका कारण है सब काम जल्दी करना और इसी से फ़ास्ट फ़ूड का प्रचलन बड़ा है जो की हमे सबसे ज्यादा नुक्सान पहुंचा रहा है.
टीवी , पेपर, मग्ज़िनो में सब तरफ ये बताया जा रहा है की फ़ास्ट फ़ूड घातक है परन्तु फिर भी इसका प्रचलन और तेज होता जा रहा है. ये एक नशे की तरह लोगो के साथ चिपका हुआ है.
इस लेख आपको यही जानकारी देगा की किस प्रकार हम अपने सेहत पर ध्यान रख सकते हैं भोजन पर ध्यान केन्द्रित करके.
आइये देखते हैं की हम किस प्रकार अपने सेहत के साथ खिलवाड़ करते हैं:
1. प्यास लगने पर कोल्ड ड्रिंक का सेवन करना –
एक कहावत है की “जल ही जीवन है” परन्तु आज की पीढ़ी ये भूलती जा रही है आज हम जल की जगह सोडा को जगह देते जा रहे है जो की हमारे पेट के लिए सबसे ज्यादा हानिकारक है. इसके अन्दर carbondioxide की मात्रा बहुत ज्यादा होती है जिससे धीरे धीरे व्यक्ति के अन्दर अलास्यता, जड़ता, मंद्बुद्धिता बदती जाती है. परन्तु हम इससे बेखबर इनका इस्तेमाल करते रहते हैं और बच्चों को भी निर्भीक होक इसे पीने देते हैं. जिससे उनका भी पूर्ण विकास सही समय पर नहीं हो पाता है.
2. चाय और कॉफ़ी का अत्यधिक इस्तेमाल करना –
ये बात सही है की चाय या कॉफ़ी जैसे पैय हमे ऊर्जा का अहसास देते हैं परन्तु ये एक अप्राकृतिक तरीका है तरोताजा महसूस करने का. जिससे लम्बे समय में शारीर कमजोर और बलहीन होता है. इन सब के इस्तेमाल का एक नकारात्मक पहलु ये है की अगर व्यक्ति को समय पर चाय या कॉफ़ी न मिले तो वो चिडचिडा हो जाता है, काम में मन नहीं लगता है, घबराहट होती है आदि.
3. Fast Food का जमके इस्तेमाल –
जितने भी फ़ास्ट फ़ूड हैं इनमे preservatives डाले जाते हैं और अन्य प्रकार के chemicals भी डाले जाते हैं इन्हें स्वादिस्ट बनाने के लिए जो की शारीर के लिए अत्यंत हानिकारक है. इनके लगातार सेवन से भी व्यक्ति इनके आदत का शिकार हो जाता है और फिर धीरे धीरे समस्याए बदती जाती है.
4. व्यायाम के लिए समय न निकलना –
व्यायाम हमारे दिमाग और शारीर दोनों के लिए जरुरी है परन्तु आज के भाग्दोड़ की जिन्दगी में हम इसे पूरी तरह से भूल चुके हैं. हमे इनकी याद तब आती है जब डॉक्टर बोलता है की ये जरुरी है आपके लिए, या पेट बड़ा हो जाता है, ह्रदय की क्षमता कम होने लगती है आदि.
अतः जितनी जल्दी हम ये समाज जायेंगे उतनी जल्दी हम अपने जीवन को अच्छा बना पायेंगे.
5. ध्यान न करना –
ध्यान हमारे अंतर बल को बदता है और मन के कचरे को भी साफ़ करने का एक सशक्त साधन है. परन्तु ये भी एक फैशन शो जैसा हो गया है . हम ध्यान केंद्र तो जाते हैं पर वहां भी दुनियादारी को नहीं छोड़ते हैं. कुछ तो जाते ही इसीलिए है की और परिचाल बढाया जाए और स्वार्थ साधा जाए.
6. नशे को न छोड़ना –
नशा न छोड़ना भी एक खतरनाक आदत है हमारे जीवन का. सिगरेट, दारु, तम्बाखू आदि का नशा कुछ लोग छोड़ना ही नहीं चाहते हैं. ये भी दिमाग को और शारीर को धीरे धीरे ख़त्म करता जाता है. अतः इसको जितनी जल्दी छोड़ेंगे उतनी जल्दी अच्छे जीवन की राह पकड़ पाएंगे.
7. खाने में रेशा न खाना भी एक बहुत गलत बात है –
रेशा युक्त भोजन हमारे पाचन क्रिया के लिए अत्यधिक जरुरी हैं , ये विषाक्त तत्त्व को शारीर से निकालने में सबसे ज्यादा सहायक होते हैं परन्तु हम इन्ही को नहीं लेते हैं.
जिससे पाचन सम्बंधित समस्याओं से हम ग्रस्त हो जाते हैं. आज के युग में कब्ज , एसिडिटी तो एक आम समस्या बन चुकी है.
ऊपर कुछ ऐसे कारणों का उल्लेख किया है जिससे हमारा जीवन रोग ग्रस्त होता जा रहा है अगर हम इनपे ध्यान नहीं देंगे तो निश्चित ही हमे हमारे धन का एक हिस्सा सिर्फ डॉक्टर को देने के लिए ही रखना होगा.
अतः हमे आज ही सही उपाय करके अपने जीवन को स्वस्थ और उर्जावान बनाना चाहिए.
एक अच्छी दिनचर्या हमे बहुत लाभ दे सकती है जैसे –
- प्रातः काल जल्दी उठ के प्राणायाम करना, ध्यान करना जिससे मन और नसे मजबूत हो सके.
- चाय और कॉफ़ी आदि को सिमित मात्र में ही लेना.
- खाने में रेशा युक्त भोजन करना.
- रोज कसरत के लिए समय निकलना जिससे की शारीर स्वस्थ हो सके.
- फ़ास्ट फ़ूड को भी सिमित मात्रा में ही खाए जिससे की शारीर स्वस्थ रह सके.
- इसी के साथ घर में गूगल या लोबान या फिर जड़ीबूटियों की धुप देना भी बहुत जरुरी है जिससे की बिमारी के कितानुओ को जगह न मिले. इसी कारण हमारे शास्त्रों में में घर में समय समय पर हवन करने का प्रावधान है.
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