Bhoothnath Ashtkam Lyrics With Hindi Meanings, भूतनाथ अष्टकम ke fayde, Shiv pooja Mantra, daily shiva puja mantra. Bhoothnath Ashtkam: भूतनाथ अष्टकम की रचना श्री कृष्ण दास जी ने की है। "Bhootnath Ashtkam" पारंपरिक रूप से शिव के ताण्डव, संहार, करुणा और उनकी भस्म-लेपित, अघोर रूप की उपासना के लिए पढ़ा जाता है। भूतनाथ का अर्थ है––समस्त भूत-प्रेत, गणों तथा सभी प्राणियों के स्वामी। यह अष्टक शिव के अघोर, ताण्डवमय, निर्भय और भस्म-लेपित स्वरूप का गहन वर्णन करता है। इसके पाठ से साधक के भीतर निडरता, आंतरिक शक्ति और मानसिक स्थिरता का विकास होता है। शिव के संहार और नृत्य स्वरूप का ध्यान मन में वैराग्य, अनित्यत्व का बोध और जीवन के गूढ़ तत्त्वों की समझ पैदा करता है। Bhoothnath Ashtkam Lyrics With Hindi Meanings Listen On YouTube Lyrics Of Bhootnath Ashtkam in Sanskrit: शिव शिव शक्तिनाथं संहारं शं स्वरूपम् नव नव नित्यनृत्यं ताण्डवं तं तन्नादम् घन घन घूर्णिमेघं घंघोरं घंन्निनादम् भज भज भस्मलेपं भजामि भूतनाथम् ||1|| कळकळकाळरूपं कल्लोळंकंकराळम् डम डम डमनादं डम्बुरुं डंकनादम् सम सम शक्तग्र...
Pet ke rog door karne ke asaan upaay, tips for healthy stomach, पेट रोग दूर करने के आसान उपाय
पेट के रोग आज के इस युग में एक साधारण समस्या बन चुकी है , अधिकतर लोग पेट के रोग की शिकायत करते रहते हैं. जैसे किसी को कब्ज रहती है, किसी को गैस की समस्या है, किसी को भूख नहीं लगती है, किसी को अजीर्ण रहती है आदि . यहाँ पर आपको वो आसान तरीके बताये जा रहे है जो की हमने अपने बुजुर्गों से सुना है और जिनका असर शत प्रतिशत सही होता है. ये नुस्खे आसान भी होते है और इनमे कोई ज्यादा खर्चा भी नहीं अत है.
पेट के रोग आज के इस युग में एक साधारण समस्या बन चुकी है , अधिकतर लोग पेट के रोग की शिकायत करते रहते हैं. जैसे किसी को कब्ज रहती है, किसी को गैस की समस्या है, किसी को भूख नहीं लगती है, किसी को अजीर्ण रहती है आदि . यहाँ पर आपको वो आसान तरीके बताये जा रहे है जो की हमने अपने बुजुर्गों से सुना है और जिनका असर शत प्रतिशत सही होता है. ये नुस्खे आसान भी होते है और इनमे कोई ज्यादा खर्चा भी नहीं अत है.
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| Pet ke rog door karne ke asaan upaay |
अगर कब्ज पीछा नही छोड़ रहा है तो क्या करे-
समाधान:
- खाने को खूब चबा चबा कर खाए, जल्दी न करे और खाने के ४५ मिनट बाद ही जल पिए.
- रात का खाना सूर्यास्त से पहले खा ले और खाने के बाद थोडा टहला करे.
- सुबह उठने के बाद कुल्ला करके 1 गिलास ठंडा पानी पिए फिर 1 ग्लास गुनगुने पानी में निम्बू निचोड़कर पिए फिर शौच के लिए जाए. कुछ ही दिनों में आपका पेट अच्छा हो जायेगा और आप तरोताजा महसूस करेंगे.
- सोने से पहले 2 चम्मच इसबगोल की भूसी 1 गिलास पानी के साथ पिया करे , इससे भी बहुत लाभ होगा.
- भोजन के बाद 1 छोटी हरड़ को करीब घंटे भर तक चूसे , इससे खाना अच्छा पचेगा.
- फ़ास्ट फ़ूड का सेवन रात को न करे और हो सके तो इस प्रकार के भोजन को कभी कभार ही ले तो अच्छा है.
तो हो गया न कब्ज दूर , अब लीजिये भोजन का मजा और जिन्दगी का भी.
अगर भूख नहीं लग रही है तो क्या करे ?
समाधान:
- कुछ मुनक्का ले और उसमे से बीज निकाल ले, अब उनको तवे पर सके और काली मिर्च और कला नमक लगा के उनको धीरे धीरे चूसते रहे 1 -1 करके , इससे आपको भूख भी लगेगी और अगर किसी बिमारी के बाद दवाइयों के कारण मूह का स्वाद बिगड़ा है तो वो भी ठीक होगा.
- आधा चम्मच शहद और अदरक का रस मिला कर दोनों समय खाने के बाद ले, फिर देखे कितना आराम मिलता है.
- 1 चम्मच जीरा, 1 चुटकी हींग , 1 चोथाई चम्मच अजवाइन लेकर आधा ग्लास पानी में मिला कर दिन में दो बार ले.
नाभी खिसकने से परेशान हैं क्या करें-
समाधान:
- बीस ग्राम सौंफ के साथ २० ग्राम गुड मिलाये और सुबह हाली पेट सेवन करे. इससे लाभ होगा.
- अगर आप बार बार नाभी खिसकने से परेशान है तो नाभि को बिठाने के बाद पैरों के दोनों अंगूठे में काला धागा बाँध दे या फिर ताम्बे का छल्ला बनवा के दोनों अंगूठे में दाल ले . आपकी नाभि खिसकना बंद हो जाएगी.
विशेष टोटका खाना पचाने के लिए:
खाना खाने के बाद पेट पे हाथ फेरते हुए अगर भीम या कुम्भकरण जी का ध्यान किया जाए तो भी खाना पचाने में बहुत मदद मिलती है.
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