Naye Sal 2026 Ki Shuruat Hogi Chaturgrahi Yog Se, नए साल की शुरुआत होगी धनु राशि में चतुर्ग्रही योग से, सूर्य-मंगल-बुध और शुक्र रहेंगे के साथ, jyotish updates. वैदिक ज्योतिष के अनुसार, ग्रहों के युति-योग अत्यंत शक्तिशाली ब्रह्मांडीय घटनाएँ होते हैं, जो सामूहिक तथा व्यक्तिगत कर्म को सक्रिय करते हैं। वर्ष 2026 के प्रारंभ में सूर्य, मंगल, बुध और शुक्र की एक दुर्लभ युति धनु राशि में बनी रहेगी । धनु राशि के स्वामी गुरु (बृहस्पति) हैं, जो धर्म, ज्ञान, उच्च विद्या, सत्य और धर्मसम्मत कर्म का प्रतिनिधित्व करते हैं। जब अनेक ग्रह इस राशि में एकत्र होते हैं, तो सभी बारह राशियों में आध्यात्मिक जागरण, वैचारिक परिवर्तन और उद्देश्यपूर्ण कर्म की प्रबल धारा प्रवाहित होती है। Naye Sal 2026 Ki Shuruat Hogi Chaturgrahi Yog Se यह योग सूर्य की सत्ता, मंगल की ऊर्जा, बुध की बुद्धि और शुक्र के सौहार्द का समन्वय करता है, जिससे रचनात्मक अवसरों के साथ-साथ कर्मिक परीक्षाएँ भी उत्पन्न होती हैं। इसका प्रभाव मानवता को उच्च सिद्धांतों के साथ पुनः संरेखित होने, चेतना के विस्तार और सत्य के अनुरूप कर्म करने के लिए ...
सिद्ध यन्त्र क्यों इस्तेमाल करे, क्या फायेदे हैं यंत्रो के, कैसे करे यन्त्र साधना, सफलता के साधन,Why To Use Siddha Yantra?.
जैसा की मैंने पहले भी बताया अपने पूर्व के लेखों में की सिद्ध यन्त्र होते है ऊर्जा के स्त्रोत. वैदिक विज्ञान के हिसाब से देखा जाए तो यन्त्र सक्षम होते हैं 5 तत्त्वों के ऊर्जा को देने में. वो 5 तत्त्व हैं- प्रथ्वी , अग्नी, जल, वायु और आकाश.
जैसा की मैंने पहले भी बताया अपने पूर्व के लेखों में की सिद्ध यन्त्र होते है ऊर्जा के स्त्रोत. वैदिक विज्ञान के हिसाब से देखा जाए तो यन्त्र सक्षम होते हैं 5 तत्त्वों के ऊर्जा को देने में. वो 5 तत्त्व हैं- प्रथ्वी , अग्नी, जल, वायु और आकाश.
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| Siddha Yantra Kyu Istemaal Kare |
अगर यंत्रो को सही और सिद्ध मंत्रो द्वारा जागृत कर दिया जाए तो क्या कहना, जो भी उनको स्तेमाल करेगा उनको निश्चित ही लाभ होगा. वैदिक ज्योतिष के हिसाब से विभिन्न प्रकार के देवी देवताओं की साधना में अलग अलग प्रकार के यंत्रों का स्तेमाल किया जाता है. यन्त्र अलग अलग प्रकार के धातुओं से बनाए जाते हैं जैसे- ताम्बा, चांदी, सोना, स्फटिक , हड्डी, भोज पत्र आदि.
यन्त्र साधना से वर्त्तमान और भविष्य दोनों को संवारा जा सकता है. विभिन्न प्रकार क यन्त्र विभिन्न प्रयोजनों को सिद्ध करने हेतु उपलब्ध भी रहते हैं और बनाए जाते है जानकारों द्वारा.
सिद्ध यंत्रो के फायदे :
सिद्ध यन्त्र दिव्या उर्जाओं का स्त्रोत होते हैं, इसी कारण से दशकों से इनका इस्तेमाल उनती और विभिन्न प्रकार की साधनाओ को करने हेतु किया जा रहा है.
धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति यन्त्र साधना स्वर किया जा सकता है. परन्तु ये आवश्यक है की ये सिद्ध मंत्रो द्वारा अभिमंत्रित हो और उचित प्रकार की साधना इनके सामने किया जाए. परन्तु यंत्रो को जागृत करना इतना भी आसान नही होता है.
आइये देखते हैं सिद्ध यंत्रों के फायदे :
- इनके द्वारा नकारात्मक उर्जाओं से बचा जा सकता है.
- सिद्ध यंत्रों द्वारा वास्तु दोषों को दूर किया जाता है.
- काले जादू से बचाव के लिए भी इनका स्तेमाल किया जाता है.
- इनके द्वारा मन की शक्तियों को बदाय जा सकता है.
- यंत्रो द्वारा सफलता के रास्ते खोले जा सकते है
- विवाह समस्याओं का समाधान भी यन्त्र साधना से हो जाता है.
- कालसर्प दोष का समाधान भी यन्त्र साधना से संभव है.
- पितृ दोष का समाधान भी संभव है.
- स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान भी संभव है यंत्रों के स्तेमाल से.
- ऋण से मुक्ति भी संभव है सिद्ध यंत्रो द्वारा.
- अध्यात्मिक साधनाओ को भी किया जाता है सिद्ध यंत्रो के साथ.
- प्रेम संबंधो को प्रगाड़ करने हेतु भी इनका इस्तेमाल किया जाता है.
- वशीकरण और सम्मोहन के लिए भी यन्त्र का प्रयोग किया जाता है.
- व्यापार वृद्धि के लिए भी यंत्रों का प्रयोग किया जाता है.
- नवग्रह बाधा को हटाने के लिए भी यन्त्र एक सशक्त माध्यम है.
अलग अलग कार्यों को करने के लिए वभिन्न प्रकार के यन्त्र बाजार में उपलब्ध है परन्तु ये जरुरी है की किसी योग्य ज्योतिषी से सलाह ले के ही इनका स्तेमाल किया जाए.
- कुछ यंत्रो को पूजा स्थान में रखा जाता है.
- कुछ यंत्रो को तिजोरी में रखा जाता है.
- कुछ यंत्रों को भूमि में दबाया जाता है.
- कुछ यंत्रो को दिवार पे लगाया जाता है.
जिस प्रकार का प्रयोजन होगा वैसा ही उनका इस्तेमाल होता है. अतः सलाह से ही इनका इस्तेमाल करना चाहिए.
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