Skip to main content

Latest Astrology Updates in Hindi

Naye Sal 2026 Ki Shuruat Hogi Chaturgrahi Yog Se

Naye Sal 2026 Ki Shuruat Hogi Chaturgrahi Yog Se, नए साल की शुरुआत होगी धनु राशि में चतुर्ग्रही योग से, सूर्य-मंगल-बुध और शुक्र रहेंगे के साथ, jyotish updates. वैदिक ज्योतिष के अनुसार, ग्रहों के युति-योग अत्यंत शक्तिशाली ब्रह्मांडीय घटनाएँ होते हैं, जो सामूहिक तथा व्यक्तिगत कर्म को सक्रिय करते हैं। वर्ष 2026 के प्रारंभ में सूर्य, मंगल, बुध और शुक्र की एक दुर्लभ युति धनु राशि में बनी रहेगी । धनु राशि के स्वामी गुरु (बृहस्पति) हैं, जो धर्म, ज्ञान, उच्च विद्या, सत्य और धर्मसम्मत कर्म का प्रतिनिधित्व करते हैं। जब अनेक ग्रह इस राशि में एकत्र होते हैं, तो सभी बारह राशियों में आध्यात्मिक जागरण, वैचारिक परिवर्तन और उद्देश्यपूर्ण कर्म की प्रबल धारा प्रवाहित होती है। Naye Sal 2026 Ki Shuruat Hogi Chaturgrahi Yog Se यह योग सूर्य की सत्ता, मंगल की ऊर्जा, बुध की बुद्धि और शुक्र के सौहार्द का समन्वय करता है, जिससे रचनात्मक अवसरों के साथ-साथ कर्मिक परीक्षाएँ भी उत्पन्न होती हैं। इसका प्रभाव मानवता को उच्च सिद्धांतों के साथ पुनः संरेखित होने, चेतना के विस्तार और सत्य के अनुरूप कर्म करने के लिए ...

Naye Sal 2026 Ki Shuruat Hogi Chaturgrahi Yog Se

Naye Sal 2026 Ki Shuruat Hogi Chaturgrahi Yog Se, नए साल की शुरुआत होगी धनु राशि में चतुर्ग्रही योग से, सूर्य-मंगल-बुध और शुक्र रहेंगे के साथ, jyotish updates.

वैदिक ज्योतिष के अनुसार, ग्रहों के युति-योग अत्यंत शक्तिशाली ब्रह्मांडीय घटनाएँ होते हैं, जो सामूहिक तथा व्यक्तिगत कर्म को सक्रिय करते हैं। वर्ष 2026 के प्रारंभ में सूर्य, मंगल, बुध और शुक्र की एक दुर्लभ युति धनु राशि में बनी रहेगी । धनु राशि के स्वामी गुरु (बृहस्पति) हैं, जो धर्म, ज्ञान, उच्च विद्या, सत्य और धर्मसम्मत कर्म का प्रतिनिधित्व करते हैं। जब अनेक ग्रह इस राशि में एकत्र होते हैं, तो सभी बारह राशियों में आध्यात्मिक जागरण, वैचारिक परिवर्तन और उद्देश्यपूर्ण कर्म की प्रबल धारा प्रवाहित होती है।

Naye Sal 2026 Ki Shuruat Hogi Chaturgrahi Yog Se, नए साल की शुरुआत होगी धनु राशि में चतुर्ग्रही योग से, सूर्य-मंगल-बुध और शुक्र, jyotish updates
Naye Sal 2026 Ki Shuruat Hogi Chaturgrahi Yog Se

यह योग सूर्य की सत्ता, मंगल की ऊर्जा, बुध की बुद्धि और शुक्र के सौहार्द का समन्वय करता है, जिससे रचनात्मक अवसरों के साथ-साथ कर्मिक परीक्षाएँ भी उत्पन्न होती हैं। इसका प्रभाव मानवता को उच्च सिद्धांतों के साथ पुनः संरेखित होने, चेतना के विस्तार और सत्य के अनुरूप कर्म करने के लिए प्रेरित करता है, साथ ही अहंकार, संघर्ष या भ्रम की अति से बचने हेतु आत्मसंयम, नैतिक आचरण और आंतरिक संतुलन की माँग करता है।

नववर्ष 2026 में 12 राशियों पर चतुर्ग्रही योग का प्रभाव

मेष (Aries)

मेष राशि के लिए यह युति नवम भाव में होगा, जो धर्म, भाग्य, उच्च शिक्षा और तीर्थ से संबंधित है। इससे भाग्य और आध्यात्मिक झुकाव प्रबल होता है। गुरुजनों, शिक्षकों या पिता-समान व्यक्तियों का सहयोग शिक्षा, विदेश यात्रा या धर्मिक कार्यों में प्रगति दिला सकता है। किंतु मंगल के प्रभाव से वैचारिक कठोरता या गुरुओं से मतभेद संभव हैं।

सावधानी: विनम्रता रखें, परंपरा का सम्मान करें और अहंकारपूर्ण वाद-विवाद से बचें। गुरुओं के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करें और दान-पुण्य करें।

वृषभ (Taurus)

यह युति अष्टम भाव को प्रभावित करेगी, जिससे अचानक परिवर्तन, कर्मिक शुद्धि और गहन रूपांतरण के अवसर मिलते हैं। विरासत, बीमा या जीवनसाथी के माध्यम से धनलाभ संभव है तथा गूढ़ विद्या या उपचार विज्ञान में रुचि बढ़ सकती है। साथ ही भावनात्मक उतार-चढ़ाव या स्वास्थ्य संवेदनशीलता भी आ सकती है।

सावधानी: वित्तीय मामलों में गोपनीयता रखें, जोखिम भरे निवेश से बचें और मंत्र-जप या ध्यान से मानसिक अनुशासन बढ़ाएँ।

मिथुन (Gemini)

मिथुन राशि के लिए यह युति सप्तम भाव में होगी, जो विवाह, साझेदारी और सार्वजनिक संबंधों का भाव है। नए गठबंधन, व्यापारिक अनुबंध या विवाह प्रस्ताव मिल सकते हैं। परंतु वाद-विवाद, प्रभुत्व की भावना या गलतफहमियाँ भी हो सकती हैं।

सावधानी: सचेत संवाद करें, कटु वाणी से बचें और बुध से संबंधित उपायों द्वारा स्पष्टता व कूटनीति बढ़ाएँ।

कर्क (Cancer)

यह योग षष्ठ भाव को सक्रिय करेगा जो सेवा, प्रतिस्पर्धा, ऋण और स्वास्थ्य से जुड़ा है। शत्रुओं पर विजय, कानूनी मामलों में सफलता और अनुशासित कार्य से उन्नति संभव है। किंतु तनावजनित रोग या कार्यस्थल पर टकराव बढ़ सकता है।

सावधानी: सात्त्विक जीवनशैली अपनाएँ, नियमित दिनचर्या रखें और कार्यस्थल पर भावनात्मक प्रतिक्रिया से बचें।

सिंह (Leo)

सिंह राशि के लिए यह युति पंचम भाव में होगी,  जो बुद्धि, सृजनशीलता, संतान और पूर्व पुण्य का भाव है। शिक्षा, रचनात्मकता और प्रेम संबंधों में उन्नति संभव है। फिर भी अहंकार, सट्टे में हानि या संतान संबंधी चिंता हो सकती है।

सावधानी: अभिमान से बचें, जोखिम भरे निवेश न करें और मान-सम्मान से अधिक ज्ञान को महत्व दें।

कन्या (Virgo)

यह योग चतुर्थ भाव में होगा, जो गृह, माता, मानसिक शांति और संपत्ति से संबंधित है। संपत्ति, वाहन या घरेलू स्थिरता के अवसर मिल सकते हैं। परंतु पारिवारिक असंतुलन या मानसिक अशांति भी संभव है।

सावधानी: भावनात्मक स्थिरता बनाए रखें, बड़ों की सेवा करें और घर में धैर्य व समझ से काम लें।

तुला (Libra)

तुला राशि के लिए यह युति तृतीय भाव को प्रभावित करेगी, जिससे साहस, संचार और स्वप्रयास बढ़ता है। लेखन, मीडिया, व्यापार या उद्यमिता में सफलता मिल सकती है। नकारात्मक रूप से अधीरता या कटु वाणी समस्या पैदा कर सकती है।

सावधानी: संवाद में संयम रखें, टकराव से बचें और ऊर्जा को कौशल-विकास में लगाएँ।

वृश्चिक (Scorpio)

यह युति द्वितीय भाव में होगी,  जो धन, वाणी और पारिवारिक मूल्यों से जुड़ा है। आर्थिक स्थिरता बढ़ सकती है, किंतु कठोर वाणी या आवेगपूर्ण खर्च बाधा बन सकता है।

सावधानी: वाणी पर नियंत्रण रखें, सट्टे से बचें और परिवार में उदारता बनाए रखें।

धनु (Sagittarius)

धनु राशि के लिए यह दुर्लभ युति लग्न भाव में घटित होगी । व्यक्तित्व, आत्मविश्वास और जीवन-दिशा पर इसका गहरा प्रभाव पड़ता है। नए आरंभ और आत्म-परिवर्तन संभव हैं। परंतु अधीरता या अहंकार बढ़ सकता है।

सावधानी: संयम रखें, दूसरों की मान्यताओं का सम्मान करें और कर्म को उच्च नैतिक सिद्धांतों से जोड़ें।

मकर (Capricorn)

यह योग द्वादश भाव को प्रभावित करेगा , जो त्याग, आध्यात्मिकता, विदेश और व्यय का भाव है। दान, ध्यान या एकांत कार्यों से आध्यात्मिक लाभ मिल सकता है। परंतु अनावश्यक खर्च या एकाकीपन बढ़ सकता है।

सावधानी: खर्चों पर नियंत्रण रखें और नियमित आध्यात्मिक अभ्यास करें।

कुंभ (Aquarius)

कुंभ राशि के लिए यह युति एकादश भाव में होगी,  जिससे आय, इच्छापूर्ति और सामाजिक समर्थन बढ़ता है। प्रभावशाली लोगों से सहयोग मिल सकता है। फिर भी समूहों में मतभेद या अवास्तविक अपेक्षाएँ निराशा दे सकती हैं।

सावधानी: यथार्थवादी लक्ष्य रखें और सही संगति चुनें।

मीन (Pisces)

यह योग दशम भाव को प्रभावित करेगा , जो कर्म, करियर और प्रतिष्ठा का भाव है। पेशेवर उन्नति, नेतृत्व और मान-सम्मान के योग प्रबल हैं। परंतु अधिकार से टकराव या नैतिक दुविधा संभव है।

सावधानी: ईमानदारी बनाए रखें, करुणा से सेवा करें और शॉर्टकट से बचें—धर्म के अनुरूप कर्म ही स्थायी सफलता देगा।

पढ़िए 

वार्षिक राशिफल 2026 12 राशियों का  

नए साल के राजा और मंत्री कौन हैं ?

2026 का अंक ज्योतिष भविष्यवाणी 


निष्कर्ष:

वर्ष 2026 के आरंभ में बनने वाला यह चतुर्ग्रही योग केवल व्यक्तिगत जीवन ही नहीं, बल्कि सामूहिक चेतना पर भी गहरा प्रभाव डालने वाला है। सूर्य, मंगल, बुध और शुक्र की धनु राशि में युति मानवता को सत्य, धर्म, ज्ञान और नैतिक कर्म की ओर उन्मुख करती है। यह समय आत्ममंथन, वैचारिक परिष्कार और जीवन के उच्च उद्देश्यों के साथ स्वयं को पुनः जोड़ने का अवसर प्रदान करता है। यद्यपि इस योग से उन्नति, नए अवसर और आध्यात्मिक जागरण संभव हैं, फिर भी अहंकार, अधीरता और असंतुलन से बचना आवश्यक होगा। जो व्यक्ति संयम, विवेक और धर्मसम्मत कर्म को अपनाएगा, उसके लिए यह योग स्थायी सफलता, आंतरिक शांति और जीवन में सकारात्मक परिवर्तन का माध्यम बन सकता है।

Naye Sal 2026 Ki Shuruat Hogi Chaturgrahi Yog Se, नए साल की शुरुआत होगी धनु राशि में चतुर्ग्रही योग से, सूर्य-मंगल-बुध और शुक्र रहेंगे के साथ, jyotish updates.

Comments

Popular posts from this blog

Kuldevi Strotram Lyrics

Kuldevi Strotram Lyrics, कुलदेवी स्त्रोत्रम पाठ के फायदे, कुलदेवी का आशीर्वाद कैसे प्राप्त करें, कुलदेवी को प्रसन्न करने का शक्तिशाली उपाय, Hindi Meanings of Lyrics | हिन्दुओं में कुलदेवी या कुलदेवता किसी भी परिवार के मुख्य देवी या देवता के रूप में पूजे जाते हैं और ये उस परिवार के मुख्य रक्षक भी होते हैं | किसी भी विशेष कार्य को करने से पहले कुलदेवी या कुलदेवता को पूजने की मान्यता है |  आज के समय में बहुत से परिवारों को उनके कुलदेवी या कुलदेवता का पता नहीं होता है अतः ऐसे में चिंता की बात नहीं है| कुलदेवी स्त्रोत्रम का पाठ करके और सुनके हम अपने कुलदेवी की कृपा प्राप्त कर सकते हैं |  Kuldevi Strotram Lyrics सुनिए YouTube में कुलदेवी स्त्रोत्रम  Lyrics of Kuldevi Strotram:  ॐ नमस्ते श्री  शिवाय  कुलाराध्या कुलेश्वरी।   कुलसंरक्षणी माता कौलिक ज्ञान प्रकाशीनी।।1   वन्दे श्री कुल पूज्या त्वाम् कुलाम्बा कुलरक्षिणी।   वेदमाता जगन्माता लोक माता हितैषिणी।।2   आदि शक्ति समुद्भूता त्वया ही कुल स्वामिनी।   विश्ववंद्यां महाघोरां त्राहिमाम्...

Mahakal Kawacham || महाकाल कवच

महाकाल कवच के बोल, महाकाल कवचम के क्या फायदे हैं। Mahakal Kavacham || Mahakaal Kavach || महाकाल कवच || इस लेख में अति गोपनीय, दुर्लभ, शक्तिशाली कवच के बारे में बता रहे हैं जिसे की विश्वमंगल कवच भी कहते हैं। कवच शब्द का शाब्दिक अर्थ है सुरक्षा करने वाला | जिस प्रकार एक योद्धा युद्ध में जाने से पहले ढाल या कवच धारण करता है, उसी प्रकार रोज हमारे जीवन में नकारात्मक्क शक्तियों से सुरक्षा के लिए महाकाल कवच ढाल बना देता है | जब भी कवच का पाठ किया जाता है तो देविक शक्ति दिन भर हमारी रक्षा करती है |  कवच के पाठ करने वाले को अनैतिक कार्यो से बचना चाहिए, मांसाहार नहीं करना चाहिए, किसी भी प्रकार की हिंसा नहीं करना चाहिए | Mahakal Kavach का विवरण रुद्रयामल तंत्र में दिया गया है और ये अमोघ रक्षा कवच है | Mahakal Kawacham || महाकाल कवच  किसी भी प्रकार के रोग, शोक, परेशानी आदि से छुटकारा दिला सकता है महाकाल कवच का पाठ | इस शक्तिशाली कवच के पाठ से हम बुरी शक्तीयो से बच सकते हैं, भूत बाधा, प्रेत बाधा आदि से बच सकते हैं | बच्चे, बूढ़े, जवान सभी के लिए ये एक बहुत ही फायदेमंद है | बाबा महाकाल ...

Bank Account kab khole jyotish anusar

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बैंक खाता कब खोलें, बैंक खाता खोलने के लिए सबसे अच्छा दिन चुनकर सौभाग्य कैसे बढ़ाएं,  when to open bank account as per astrology ,  ज्योतिष के अनुसार बैंक खाता खोलने का शुभ दिन, नक्षत्र और समय, ज्योतिष के अनुसार बचत कैसे बढ़ाएं? बैंक खाता खोलने का निर्णय एक बहुत ही महत्वपूर्ण निर्णय है और इसलिए इसे खोलने के लिए सबसे अच्छा दिन, सर्वश्रेष्ठ नक्षत्र, सर्वश्रेष्ठ महुरत चुनना अच्छा होता है । शुभ समय पर खोला गया बैंक खाता व्यक्ति को आसानी से संपन्न बना देता है |  बिना प्रयास के सफलता नहीं मिलती है अतः अगर हमे सफल होना है ,धनाढ्य बनना है, अमीर बनना है तो हमे सभी तरफ से प्रयास करना होगा, हमे स्मार्ट तरीके से काम करना होगा |  प्रत्येक व्यवसाय या कार्य में बैंक खाता आवश्यक है। चाहे आप एक कर्मचारी या उद्यमी हों चाहे आप एक व्यवसायी हों या एक गैर-कामकाजी व्यक्ति, बैंक खाता आमतौर पर हर एक के पास होता है। बैंक खाता हर एक के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि हम इस पर अपनी बचत रखते हैं, यह इसीलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि प्रत्येक लेनदेन बैंक खाते के माध्यम...