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Latest Astrology Updates in Hindi

2026 Ke Raja Aur Mantri Kaun Hai Bharat Aur Vishva Par Prabhav

2026 Ke Raja Aur Mantri Kaun Hai Kaisa Rahega Naya Saal, नए साल के राजा और मंत्री कौन है, वैदिक ज्योतिष के अनुसार भारत और विश्व पर प्रभाव. वैदिक ज्योतिष के अनुसार नए साल 2026 के राजा गुरु/बृहस्पति होंगे और मंत्री मंगल होंगे. संवत्सर रहेगा "रौद्र " जिसके स्वामी चन्द्रमा रहेंगे. 2026 Ke Raja Aur Mantri Kaun Hai Bharat Aur Vishva Par Prabhav आईये जानते हैं की नए साल के राजा कैसे चुने जाते हैं और उनका क्या प्रभाव रहेगा पूरे वर्ष भर ? हिन्दू पंचांग के अनुसार चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा को जो वार होता है उसके वारेश को राजा का पद मिलता है, वर्ष 2026 के राजा बृहस्पति (गुरु) होने से धर्म, शिक्षा, न्याय और नीति से जुड़े क्षेत्रों में सुधार की प्रवृत्ति देखी जा सकती है। समाज में आध्यात्मिकता, संस्कृति और नैतिक मूल्यों की ओर झुकाव बढ़ेगा। भारत में योग, आयुर्वेद, अनुसंधान और सांस्कृतिक पुनर्जागरण का उभार होने की संभावना है। वहीं विश्व स्तर पर नैतिक नेतृत्व और ज्ञान आधारित नीतियों की चर्चा अधिक रहेगी। लेकिन धार्मिक मतभेद और वैचारिक टकराव भी समय-समय पर उभर सकते हैं। अध्या...

RinHarta Ganesh Stotra With Lyrics And Hindi Meaning

RinHarta Ganesh Stotra With Lyrics And Hindi Meaning, ऋणहर्ता गणेश स्तोत्र | तुरंत फल देने वाला ऋण हर्ता गणेश स्त्रोत्रम.  RinHarta Ganesh Stotra:  यह स्तोत्र भगवान गणेश के उस दिव्य रूप का स्मरण कराता है जो भक्तों के जीवन से ऋण, बाधाएँ, कष्ट और आर्थिक तंगी जैसी समस्याओं को दूर करने वाला माना जाता है। नियमित रूप से श्रद्धा और शुद्ध भाव से इसका पाठ करने से मन में आत्मविश्वास बढ़ता है, नकारात्मकता दूर होती है और जीवन में स्थिरता तथा समृद्धि का मार्ग खुलता है। यह स्तोत्र मानसिक शांति प्रदान करता है और व्यक्ति को अपने कार्यों में सफल होने की प्रेरणा देता है। मान्यता है कि भगवान गणेश की कृपा से असमर्थता दूर होकर जीवन में उन्नति और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। साधक हर प्रकार के ऋण, दुःख और दरिद्रता से मुक्ति पाता है. RinHarta Ganesh Stotra With Lyrics And Hindi Meaning सुनिए YouTube में  Lyrics Of RinHarta Ganesh Strotram : विनियोगः ॐ अस्य श्रीऋण-हरण-कर्तृ-गणपति-मन्त्रस्य सदा-शिव ऋषिः, अनुष्टुप छन्दः, श्रीऋण-हर्ता गणपति देवता, ग्लौं बीजं, गं शक्तिः, गों कीलकं, मम सकल...

Surya ka Vrischik Rashi Mai Gochar ka rashifal

Surya ka Vrischik Rashi mai gochar ka Fal, सूर्य वृश्चिक राशि में कब जायेगा 2025, आइये जानते है वृश्चिक संक्रांति का महत्त्व, राशिफल, Sun transit in Scorpio , surya gochar | सन 2025 में 16 नवम्बर रविवार को दिन में लगभग 1:25 पे सूर्य अपने नीच राशि तुला को छोड़कर अपने मित्र राशि वृश्चिक में गोचर करेंगे जिसके कारण विभिन्न राशि के लोगो को अलग अलग प्रकार के लाभ होंगे | यहाँ पर पहले से ही बुध विराजमान हैं जिसके कारण गोचर कुंडली में बुधादित्य योग भी बना रहेगा वृश्चिक राशि में | वैदिक ज्योतिष अनुसार सूर्य ग्रह साल में 12 बार राशि बदलते हैं, सूर्य के राशि परवर्तन को संक्रांति कहते हैं | इस लेख में हम जानेंगे की सूर्य जब वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे तो 12 राशियों के ऊपर क्या असर होगा | वैदिक ज्योतिष के अनुसार सूर्य ग्रह पिता, सरकारी नौकरी, यात्रा, नाम, प्रसिद्धि, नेतृत्व क्षमता आदि से संबंधित है। जन्म कुंडली में सूर्य की शुभ स्थिति सफल जीवन जीने में मदद करती है, जबकि अशुभ सूर्य जातक को मजबूर करता है। एक असंतुष्ट जीवन व्यतीत करना। सूर्य के वृश्चिक राशि में गोचर को वृश्चिक-संक्रांति कहते...

Subh Shukra Ke Kya Sanket Hote Hai

“कौन से संकेत बताते हैं कि जीवन में शुक्र ग्रह हमारा सहयोग कर रहा है?” 🌸 प्रस्तावना वैदिक ज्योतिष में शुक्र (Venus) को सौंदर्य, प्रेम, वैभव, भोग-विलास, कला, संगीत, आकर्षण और सुख-सुविधाओं का कारक ग्रह माना गया है। यदि शुक्र ग्रह कुंडली में शुभ स्थिति में हो, तो यह जीवन को आनंदमय, सम्पन्न और आकर्षक बना देता है। इसके विपरीत, अशुभ या कमजोर शुक्र व्यक्ति के जीवन में वैवाहिक असंतोष, सौंदर्य या आर्थिक सुख की कमी ला सकता है। Subh Shukra Ke Kya Sanket Hote Hai Watch Video On YouTube तो आइए जानते हैं — वे कौन से संकेत हैं जो बताते हैं कि शुक्र जीवन में सहयोग दे रहा है। 🌟 1. व्यक्तित्व में आकर्षण और सौंदर्य का आभास जिस व्यक्ति के जीवन में शुक्र मजबूत होता है, उसके व्यक्तित्व में एक प्राकृतिक आकर्षण होता है। चेहरा तेज़ और दमकता हुआ दिखता है। बाल मुलायम, त्वचा साफ़ और रंग गोरा या गुलाबी आभा वाला होता है। दूसरों को सहज ही अपनी ओर खींच लेने की क्षमता होती...

Bhariav Ashtmi Ka Mahattw

Bhariav Ashtmi Kab hai, Kaalbhairav ashtmi ki tarikh 2025, कौन है भैरव जी, काल भैरव की पूजा से क्या फायदे होते हैं, उज्जैन में मौजूद अष्ट-भैरव, भैरव अष्टमी का महत्त्व, उज्जैन में कैसे मनता है काल भैरव अष्टमी, भैरव पूजा से समस्या समाधान, kab hai kalbhairav ashtm i 2025. साल 2025 में 12 November, Budhwar को भैरव अष्टमी मनाई जाएगी | अष्टमी तिथि 11 तारीख को Ratri में लगभग 11:10  बजे से शुरू होगी और 12 तारीख को Ratri को लगभग 10:59 तक रहेगी | Bhariav Ashtmi  2025: हिन्दू पंचाग के अनुसार अगहन महीने की कृष्ण पक्ष की अष्टमी भैरव अष्टमी के रूप में मनाया जाता है. मान्यता के अनुसार इस दिन भैरव जी का जन्म हुआ था. उज्जैन में भैरव अष्टमी बहुत ही हर्षोल्लास से मनता है. इस दिन काल भैरव मंदिर और अष्ट भैरव मंदिरों को खूब सजाया जाता है और विशेष पूजा अर्चना होती है. अर्ध रात्री को बाबा की आरती की जाती है.  कौन है काल भैरव ? भगवन शिव के रूद्र अवतार के रूप में काल भैरव को पूजा जाता है | ये शिवजी का प्रचंड रूप है  और इनकी पूजा से हर प्रकार के डर से जातक को निजात मिलती है |  जो लोग त...

kaalbhairav ashtkam ke fayde

कालभैरव अष्टकम संस्कृत में, कालभैरव अष्टकम के क्या लाभ हैं, काल भैरव अष्टकम का हिंदी अर्थ, kaalbhairav ashtkam with hindi meaning। kaalbhairav ashtkam: आदि शंकराचार्यजी द्वारा रचित श्री कालभैरव अष्टकम एक बहुत शक्तिशाली पाठ है जिसके द्वारा शिव के उग्र रूप को प्रसन्न किया जा सकता है। अष्टकम में आठ श्लोक हैं। ये भजन बहुत शक्तिशाली हैं और दैवीय शक्तियों का आह्वान करते हैं। भगवान भैरव काले रंग के हैं और खोपड़ी की माला पहनते हैं। सर्प उनके आभूषण हैं; अनिष्ट शक्तियों को नष्ट करने के लिए उनके पास 3 नेत्र और अस्त्र हैं । ज्योतिषी जीवन की विभिन्न समस्याओं को दूर करने के लिए इस दिव्य मंत्र का जाप करने की सलाह देते हैं। kaalbhairav ashtkam ke fayde भगवान कालभैरव से संबंधित महत्वपूर्ण बिंदु:  kaalbhairav ashtkam कुत्ता बाबा कालभैरव का वाहक है। वह भगवान शिव का उग्र रूप है वह मृत्यु और समय को नियंत्रित करता है। कलयुग में भगवान भैरव की पूजा का बहुत ही शीघ्र फल मिलता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान कालभैरव भारत में काशी के स्वामी हैं। योगी आज्ञा चक्र पर कालभैरव का ध्यान करते हैं। ...

Heera Kinko Pahanna Chahiye

💎 कौन पहन सकता है हीरा (Diamond) | वैदिक ज्योतिष के अनुसार हीरा किसे शुभ होता है? 🌟 परिचय हीरा केवल सुंदरता और वैभव का प्रतीक नहीं है — वैदिक ज्योतिष में यह एक शक्तिशाली रत्न माना गया है जो शुक्र ग्रह (Venus) से संबंधित है। अगर सही व्यक्ति इसे पहनता है, तो यह जीवन में प्रेम, सौंदर्य, समृद्धि और सफलता लाता है। लेकिन अगर गलत व्यक्ति पहन ले, तो यह विपरीत परिणाम भी दे सकता है। तो आइए जानते हैं — वैदिक ज्योतिष के अनुसार हीरा किसे पहनना चाहिए और यह किन लोगों के लिए लाभदायक होता है। Heera Kinko Pahanna Chahiye Watch Details Of Diamond In Hindi On Youtube 💫 हीरा और शुक्र ग्रह का संबंध हीरा (Diamond) शुक्र ग्रह का प्रतिनिधि रत्न है। शुक्र को प्रेम, सौंदर्य, कला, भोग, विलासिता और संबंधों का कारक माना जाता है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में शुक्र बलवान हो, तो वह व्यक्ति आकर्षक, रचनात्मक, धनवान और सौम्य स्वभाव का होता है। वहीं, यदि शुक्र अशुभ या कमजोर हो, तो जीवन में प्रेम, वैवाहिक सुख या आर्थिक स्थिरता में कठिनाइयाँ आ सकती हैं। हीरा पहनने से शुक्र की ऊर्जा बढ़ती है ...

Utpanna Ekadashi Ka Mahattwa

Utpanna ekadashi kab hai 2025, उत्पन्ना एकादशी का महत्व, भगवान विष्णु के 10 अवतार, कैसे आसानी से करे एकादशी की पूजा | उत्पन्ना एकादशी सबसे शुभ दिनों में से एक है जब भगवान विष्णु के भक्त जीवन को बाधाओं से मुक्त करने और मोक्ष पाने के लिए विशेष अनुष्ठान करते हैं। भारतीय शास्त्र कहते हैं कि एकादशी का व्रत और प्रार्थना लोगों को पापों से मुक्त करता है और भगवान विष्णु के आशीर्वाद को आकर्षित करने में सक्षम है। भारत में विभिन्न मंदिर हैं जहां भक्त अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिए अलग-अलग तरीकों से भगवान विष्णु के अवतार की पूजा करते हैं। utpanna ekadashi ka mahattw in hindi भगवान वासुदेव के 10 अवतारों की पूजा लोगों को स्वास्थ्य, धन, भौतिक लाभ और मोक्ष प्राप्त करने में मदद करती है। इसलिए समृद्ध जीवन जीने के लिए, एकादशी के दिन पूजा करना अच्छा होता है।  हम इस लेख में वासुदेव के 10 अवतारों के बारे में भी जानेंगे। 2025 में, उत्पन्ना एकादशी 15 November शनिवार को है। एकादशी तिथि शुरू होगी १५ नवम्बर को 12:51 AM. एकादशी तिथि समाप्त होगी १६ नवम्बर रात्री में 2:37 AM पारण कर सकते हैं १६ तारीख को ...