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Latest Astrology Updates in Hindi

Nirjala Ekadashi kab hai jyotish anusar

कब है निर्जला एकादशी 2025, date of nirjala ekadashi, निर्जला एकादशी व्रत में क्या करें?, nirjal ekadashi ke upay, When is nirjala ekadashi?. हिंदू परंपरा के अनुसार सबसे शुभ उपवासों में से एक निर्जला एकादशी का दिन है यानी बिना पानी पिए उपवास करने का दिन। निर्जला एकादशी को पांडव या भीमसेनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। यह हिंदू कैलेंडर के अनुसार ज्येष्ठ महीने में शुक्ल पक्ष में 11 वें दिन आता है। साल में 24 एकादशी आती है परन्तु nirjal ekadashi  सबसे शक्तिशाली एकादशी व्रत माना जाता है अनुष्ठान करके पुण्य प्राप्त करने के लिए | 2025 में 6 और 7 June को है निर्जला एकादशी व्रत | एकादशी तिथि शुरू होगी 6 तारीख को तड़के लगभग 2:17 बजे और   एकादशी तिथि समाप्त होगी 7 जून को तड़के लगभग 4:48 बजे | Nirjala Ekadashi kab hai jyotish anusar 6 june को गृहस्थ इस व्रत को रखेंगे और वैष्णव लोग 7 तारीख को रखेंगे.  ऐसा माना जाता है कि निर्जला एकादशी का व्रत सभी 24 एकादशी का फल दे सकता है इसलिए यह बहुत ही पवित्र और शक्तिशाली है। भीम अर्थात पांडव पुत्रों में से एक ने निर्जला एकादशी का व्रत...

Harinam Mala Strotram Lyrics with Hindi Meaning

Harinam Mala Strotram Lyrics with Hindi Meaning, daily mantra, hari mantra, morning mantra, sufferings removal mantra,  हरिनाममालास्तोत्रम् का महत्व . हरिनाममालास्तोत्र भगवान विष्णु के विभिन्न नामों और रूपों का गौरवगान करता है, जिससे भक्तों का मन पवित्र होता है, पापों का नाश होता है, और आध्यात्मिक उन्नति होती है। इसका नियमित पाठ जीवन में सुख, शांति, और सुरक्षा प्रदान करता है। इसलिए इसे विशेष श्रद्धा और भक्ति के साथ पढ़ना या सुनना अत्यंत फलदायक माना जाता है। Harinam Mala Strotram Lyrics with Hindi Meaning हरिनाममालास्तोत्रम् का महत्व: 1. भगवान विष्णु और उनके विभिन्न रूपों की स्तुति:    यह स्तोत्र भगवान विष्णु के अनेक रूपों और नामों का सुंदर और गहन वर्णन करता है। हर नाम में उनकी विशिष्ट शक्तियाँ, गुण और दिव्यता प्रकट होती है, जिससे भक्ति और श्रद्धा का भाव प्रबल होता है। 2. पापों का नाशक:    स्तोत्र के अन्त में उल्लेख है कि यह हरिनामों से बनी माला पवित्र और पाप नाशिनी है। इसका नियमित जाप या पाठ करने से व्यक्ति के पाप नष्ट होते हैं और मन शुद्ध होता है। 3. शांति...

May Amavasya Ka 12 Rashiyo Par Prabhav

May Amavasya Ka 12 Rashiyo Par Prabhav, Kya fayda hoga amavasya ka 12 rashiyo ko, Rashifal, jyotish sansar. इस महीने मई में काफी बड़े बदलाव हुए हैं गोचर कुंडली में. 7 मई को बुध मेष राशि में प्रवेश कर चुके हैं, 14 मई को सूर्य वृषभ राशि में प्रवेश कर गए हैं, 15 मई को गुरु मिथुन राशि में गोचर कर गए हैं, 18 तारीख को राहु और केतु का राशि परिवर्तन हो गया है और 31 मई को शुक्र का गोचर मेष राशि में होगा.  अतः ये महिना काफी उथल पुथल वाला रहा है. May Amavasya Ka 12 Rashiyo Par Prabhav मई २०२५ में अमावस्या  हमे वित्तीय और पारिवारिक स्थिरता की और बढ़ने में हमारी मदद करेगा, जो लोग एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में हैं, ब्यूटी इंडस्ट्री में हैं, उन्हें विशेष लाभ नजर आयेंगे. प्रेमियों के लिए भी समय कुछ ख़ास लाएगा. हम सभी ग्रहों की शक्ति से शांति, आनंद और समृद्धि की और जीवन को बढ़ाने में सक्षम होंगे.  Watch Rashifal On YouTube आइये अब जानते हैं की मई २०२५ की अमावस्या पर ग्रहों की स्थिति का क्या फायदा मिलेगा सभी १२ राशियों को : मेष (♈︎) राशिफल : मई २०२५ का अमावस्या  मेष राशि के लोगो की र...

Shani Jayanti Ka Mahattw In Hindi

शनि जयंती कब है और क्या महत्त्व है, Shani janmotsav 2025  क्या करे शनि जयंती को सफलता के लिए,  Shani Jayanti Ka Mahattw In Hindi,  शनि पूजा का आसान तरीका. Shani Jayanti 2025 : शनि देव का सम्बन्ध न्याय से है इसी कारण लोग साधारणतः शनि से डरते हैं. शनि जयंती एक विशेष दिन है जब लोग शनि की विशेष पूजा पाठ करते हैं ताकि शनि की कृपा प्राप्त किया जा सके. ये दिन विशेष महत्त्व रखता है इसिलिये भक्त शनि स्त्रोत, शनि मंत्र, शनि का अभिषेक करते हैं, हवन करते हैं , जरूरतमंदों की मदद करते हैं. शाश्त्रो के अनुसार ज्येष्ठ महीने के अमावस्या को हुआ था शनि देव का जन्म,  इनके माता पिता है सूर्य देव और छाया देवी ,  यमराज  और यमुना इनके भाई बहन हैं | इस साल 26 May सोमवार को मनेगी शनि जयंती शनि देव का जन्मोत्सव | अमावस्या तिथि २६ तारीख को दोपहर में लगभग १२:१३ बजे शुरू होगी और 27 तारीख को प्रातः लगभग ८:३३ बजे समाप्त होगी. Shani Jayanti Ka Mahattw In Hindi वैदिक ज्योतिष शास्त्र में शनिदेव को न्याय और कर्म का देवता माना गया है। शनिदेव व्यक्ति को अच्छे और बुरे कर्मों के अनुसार ...

Nautapa Kab Se Shuru Hoga

Nautapa Kab Se Shuru Hoga 2025, नौतपा कब से लगेगा, नौतपा क्या होता है,  9 tapa 2025 me kaise rakhen dhyan | Nautapa 2025:  हर वर्ष Nautapa का समय आता है जब गर्मी अपने चरम पर होती है पर ऐसा क्यों होता है, क्या महत्त्व है नौतपा का ज्योतिष अनुसार | ये सब जानकारी आज हम देखेंगे इस लेख में | नौतपा क्या होता है/Nautapa Kya Hota Hai? जैसा की इसके नाम से पता चलता है की 9 दिन तपने वाला समय| ये समय गर्मी के मौसम में आता है और इस समय सूर्य एक विशेष नक्षत्र में रहते हैं |  पढ़िए मई 2025 में कौन से ग्रह बदलेंगे राशि ? नौतपा कब से शुरू होता है?  Nautapa 2025 जब सूर्य रोहिणी नक्षत्र में गोचर करते हैं तब उसी दिन से नौतपा शुरू हो जाता है । Rohini Nakshatr में सूर्य लगभग 15 दिन रहते हैं परन्तु जो शुरू के 9 दिन होते हैं वो विशेषकर सबसे ज्यादा गर्म होते हैं इसीलिए इस समय को 9tapa/Nautapa/नौतपा  के नाम से जानते हैं |   Nautapa Kab Se Shuru Hoga Nautapa Kab Se Shuru Hoga आइये जानते हैं की 2025 में नौतपा कब से लगेगा ? इस वर्ष nautapa 25 मई 2025 दिन रविवार ...

Purna Brahma Stotram Lyrics and Meaning

Purna Brahma Stotram Lyrics and Meaning, भगवान् जगन्नाथ को प्रसन्न करने का उपाय, पूर्ण ब्रह्म स्त्रोत्रम हिंदी अर्थ सहित.  Purna Brahma Stotram:  ‘पूर्णब्रह्म स्तोत्र’ एक अत्यंत दिव्य और गूढ़ स्तोत्र है, जिसकी रचना कृष्णदास जी ने की है। इसमें भगवान जगन्नाथ की महिमा का गान किया गया है। यह स्तोत्र ध्यान, आत्मचिंतन और आत्मबोध के लिए अत्यंत उपयोगी है। इसमें कहा गया है की भगवान् सृजन, पालन और विनाश में सक्षम है, आप यज्ञ, तप, वेद और ज्ञान से परे हैं. आप विश्व के प्रकाश हैं, सभी दुःखों-कष्टों के निवारक हैं। इसका पाठ करने से व्यक्ति को आत्मा और ब्रह्म की एकता का अनुभव होता है। Purna Brahma Stotram Lyrics and Meaning ‘पूर्णब्रह्म स्तोत्र’ में यह बार-बार दर्शाया गया है कि ब्रह्म न तो किसी से भिन्न है, न ही किसी से संयुक्त। वही सब कुछ है— कर्ता, द्रष्टा, भोक्ता, और साक्षी। यह स्तोत्र सर्वत्र व्याप्त ब्रह्म की वंदना है. Listen On YouTube Lyrics of PoornBrahm Strotram: पूर्णचन्द्रमुखं नीलेन्दुरूपं उद्भाषितं देवं दिव्यंस्वरूपं पूर्णं त्वं स्वर्णं त्वं वर्णं त्वं देवं पिता माता बन्धु त्...

Ketu Ka Rashi Parivartan 2025 Ka 12 Rashiyo Par Prabhav

केतु गोचर 2025, Ketu gochar 2025, केतु  के राशि परिवर्तन का क्या असर होगा १२ राशियों पर,  किन राशि वालो को मिलेगा फायदा, किनकी मुसीबतें बढेंगी. क्या सावधानी रखना होगा?. Ketu Gochar 2025 -  केतु को छाया ग्रह माना जाता है और वैदिक ज्योतिष में इसका बहुत अधिक महत्त्व है. 18 मई 2025 को शाम में लगभग 05:08 बजे यह सिंह राशि में प्रवेश करेंगे जिसके स्वामी सूर्य हैं. सिंह राशि में केतु शत्रु के माने जाते हैं.  वृश्चिक राशि में केतु उच्च के माने जाते हैं और वृषभ राशि में नीच के माने जाते हैं.  Ketu Ka Rashi Parivartan 2025 राहु की तरह केतु भी एक रहस्यमयी ग्रह है और यह जीवन के रहस्यों से अवगत करवाता है, पराविज्ञान से अवगत करवाता है. केतु मोक्ष का कारक ग्रह भी माना जाता है.  केतु का सम्बन्ध अनेक विषयो से होता है जैसे अध्यात्म, मोक्ष, वैराग्य, ध्यान, साधना, तंत्र-मंत्र, गूढ़ ज्ञान, ज्योतिष, पराविज्ञान, कुंडलिनी जागरण, अलौकिक शक्तियों की ओर झुकाव, पूर्व जन्म, त्याग, भ्रम, त्वचा संबंधी रोग, मानसिक तनाव, असाध्य रोग, अप्रत्याशित घटनाएं आदि । Watch Rashifal On YouTube In...

Rahu Ka Rashi Parivartan 2025 Ka 12 Rashiyo Par Prabhav

Rahu gochar 2025, राहु के राशि परिवर्तन का क्या असर होगा १२ राशियों पर,  किन राशि वालो को मिलेगा फायदा, किनकी मुसीबतें बढेंगी. क्या सावधानी रखना होगा? Rahu gochar 2025:  राहु एक छाया ग्रह है जो लगभग 18 महीने में राशि बदलते हैं. ये क्रूर और पापी ग्रह की श्रेणी में आते हैं. राहु क्या और कब करेंगे इसे समझना आसान नहीं होता है. इनके राशि बदलने पर कुछ लोगो के वारे न्यारे हो जाते हैं तो वहीँ कुछ लोगो के जीवन में संघर्ष बढ़ जाता है.  राहु को छाया ग्रह कहा जाता है जो भ्रम, छल, अचानक बदलाव, रहस्य, राजनीति, तकनीक, तामसिक विचार, अनैतिक कार्य, आलस्यता, नशा आदि का प्रतीक है। Rahu Ka Rashi Parivartan 2025 2025 में कब और किस समय होगा राहु का गोचर? 2025 में राहु 18 मई 2025, रविवार की शाम को लगभग 05 बजकर 08 मिनट पर कुंभ राशि में गोचर करेंगे और अगले 18 महीने इसी में रहेंगे. कुम्भ राशि में राहु मित्र के होते हैं जो की बहुत अच्छी बात है.  राहु एक ऐसा ग्रह है जो किसी भी जातक की किस्मत को अचानक से बदल सकते हैं, राजा को रंक और रंक को राजा बना सकते हैं. अतः इनकी चाल  पर ज्योतिष प्रे...