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August Grah Gochar bhavishyawani in hindi jyotish

August 2025 Grah Gochar, कौन से ग्रह बदलेंगे राशि अगस्त महीने में, किन राशियों को मिलेगा फायदा, August prediction, अगस्त में कब कौन सा ग्रह करेगा गोचर, planetary transits in August  2025. August Grah Gochar 2025: वैदिक ज्योतिष शास्त्र में रोजाना होने वाली घटनाओं को जानने के लिये, साप्ताहिक घटनाओं को जानने के लिए, मासिक घटनाओं को जानने के लिए, गोचर कुंडली का अध्ययन किया जाता है | सभी ग्रह एक नियमित अंतराल पर अपनी राशि परिवर्तन करते हैं और साथ ही अपनी स्थिति भी बदलते हैं जिसका प्रभाव जातकों के जीवन पर पड़ता है। ऐसे में आने वाला अगस्त का महीना काफी महत्वपूर्ण रहने वाला होगा। अगस्त में कई ग्रह अपनी राशि तो बदलेंगे ही साथ ही कुछ ग्रह की चाल में बदलाव भी देखने को मिलेगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रह के परिवर्तन से जातकों के जीवन के साथ देश-दुनिया में भी काफी हलचल देखने को मिल सकती है।  August Grah Gochar 2025 August Grah Gochar bhavishyawani in hindi jyotish Watch Video Here आइये जानते हैं की अगस्त 2025 में कौन से बड़े परिवर्तन देखने को मिलेंगे गोचर कुण्डली में ? अगस्त 2025 म...

Shri Ram Sita Strotram Hanuman Ji Dwara Racha Gaya

Shri Ram Sita Strotram Hanuman Ji Dwara Racha Gaya, श्री राम-सीता स्त्रोत्रम पाठ, Hindi Meanings, divine mantra, मनोकामना पूरी करने वाला मंत्र. 

यह स्तोत्र भगवान **श्रीराम** और **माता सीता** की स्तुति है, जिसमें उनके दिव्य स्वरूप, कुल, गुण, चरित्र और परस्पर प्रेम का अत्यंत सुंदर वर्णन किया गया है। इस स्तोत्र के नियमित पाठ से भक्त को आध्यात्मिक उन्नति, सुख, समृद्धि, शांति और अंततः मोक्ष की प्राप्ति होती है।

हनुमान द्वारा रचित यह स्तोत्र पुण्यदायक और तुरंत मुक्ति देने वाला है; जो इसका नियमित पाठ करते हैं उनकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. 

Shri Ram Sita Strotram Hanuman Ji Dwara Racha Gaya, श्री राम-सीता स्त्रोत्रम पाठ, Hindi Meanings, divine mantra, मनोकामना पूरी करने वाला मंत्र.
Shri Ram Sita Strotram Hanuman Ji Dwara Racha Gaya


**श्री राम-सीता स्त्रोत्रम के पाठ का महत्त्व :**


  1. 🌟 १. भगवान राम और सीता का दिव्य स्मरण: यह स्तोत्र भगवान श्रीराम को **अयोध्या के नेता**, **रघुकुल के आभूषण**, तथा माता सीता को **मिथिला की नायिका**, **वैदेही कुल की शोभा** के रूप में दर्शाता है। इनका स्मरण करने से मन में **पवित्रता**, **धैर्य**, और **धर्म के प्रति आस्था** जाग्रत होती है। 
  2. 🌺 **२. आदर्श दंपत्ति का वर्णन:** श्रीराम और जानकी को इस स्तोत्र में **तीनों लोकों के आदर्श दंपत्ति** कहा गया है। इनका परस्पर प्रेम, आदर और विश्वास हर गृहस्थ को एक उत्तम दांपत्य जीवन की प्रेरणा देता है।
  3. 🌼 **३. भक्ति और मुक्ति का मार्ग:** यह स्तोत्र **तुरंत मुक्ति देने वाला** है। इसका पाठ मन, वाणी और कर्म को शुद्ध करता है और आत्मा को ईश्वर से जोड़ता है। 
  4. 🌸 **४. सभी मनोकामनाओं की पूर्ति:** जो व्यक्ति प्रतिदिन प्रातःकाल इस स्तोत्र का श्रद्धा से पाठ करता है, उसकी **सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं** — चाहे वे भौतिक हों या आध्यात्मिक।
  5. 🙏 **५. श्रीहनुमान द्वारा रचित स्तोत्र:** अंत में कहा गया है कि यह स्तोत्र स्वयं **हनुमान जी** द्वारा रचित है। हनुमान जी, जो स्वयं रामभक्तों के आदर्श हैं, उनके द्वारा रचित स्तोत्र का पाठ करना **राम भक्ति का सर्वोच्च साधन** है।

### 🕉️ **सारांश (निष्कर्ष):**

  •  यह स्तोत्र श्रीराम और माता सीता के स्वरूप व गुणों की दिव्य स्तुति है।
  • इसका पाठ करने से **पुण्य**, **शांति**, **समृद्धि**, और **भक्ति** की प्राप्ति होती है।
  •  यह मनुष्य को **संसार के दुःखों से मुक्त करके ईश्वर के मार्ग पर ले जाता है।**
  • **प्रतिदिन इसका पाठ करने वाला व्यक्ति कृतार्थ हो जाता है।**

Lyrics of श्री राम-सीता स्तोत्र :

अयोध्यापुरनेतारं मिथिलापुरनायिकाम् ।

राघवाणामलंकारं वैदेहानामलंक्रियाम् ॥१॥


रघूणां कुलदीपं च निमीनां कुलदीपिकाम् ।

सूर्यवंशसमुद्भूतं सोमवंशसमुद्भवाम् ॥२॥


पुत्रं दशरथस्याद्यं पुत्रीं जनकभूपतेः ।

वशिष्ठानुमताचारं शतानन्दमतानुगाम् ॥३॥


कौसल्यागर्भसंभूतं वेदिगर्भोदितां स्वयम् ।

पुण्डरीकविशालाक्षं स्फुरदिन्दीवरेक्षणाम् ॥४॥


चन्द्रकान्ताननांभोजं चन्द्रबिंबोपमाननाम् ।

मत्तमातङ्गगमनम् मत्तहंसवधूगताम् ॥५॥


चन्दनार्द्रभुजामध्यं कुंकुमार्द्रकुचस्थलीम्।

चापालंकृतहस्ताब्जं पद्मालंकृतपाणिकाम्॥६॥


शरणागतगोप्तारं प्रणिपादप्रसादिकाम् ।

कालमेघनिभं रामं कार्तस्वरसमप्रभाम् ॥७॥


दिव्यसिंहासनासीनं दिव्यस्रग्वस्त्रभूषणाम् ।

अनुक्षणं कटाक्षाभ्यां अन्योन्येक्षणकांक्षिणौ ॥८॥


अन्योन्यसदृशाकारौ त्रैलोक्यगृहदंपती।

इमौ युवां प्रणम्याहं भजाम्यद्य कृतार्थताम् ॥९॥


अनेन स्तौति यः स्तुत्यं रामं सीतां च भक्तितः ।

तस्य तौ तनुतां पुण्यास्संपदः सकलार्थदाः ॥१०॥


एवं श्रीराचन्द्रस्य जानक्याश्च विशेषतः ।

कृतं हनूमता पुण्यं स्तोत्रं सद्यो विमुक्तिदम् ।

यः पठेत्प्रातरुत्थाय सर्वान् कामानवाप्नुयात् ॥११॥


Hindi Meanings Of This :

  1. अयोध्या के नायक श्रीराम और मिथिला की नायिका सीता, रघुवंश और वैदेहवंश की शोभा हैं।
  2. राम रघुवंश (सूर्यवंश) के दीपक हैं और सीता निमिवंश (चंद्रवंश) की दीपिका हैं।
  3. राम दशरथ के ज्येष्ठ पुत्र और सीता जनक की पुत्री हैं; राम वशिष्ठ की मर्यादा का पालन करते हैं और सीता शतानन्द के उपदेशों को मानती हैं।
  4. राम कौसल्या के गर्भ से जन्मे और सीता यज्ञ वेदी से उत्पन्न हुईं; दोनों के नेत्र कमल जैसे सुंदर हैं।
  5. उनके चेहरे चंद्रकांत मणि और कमल जैसे हैं; राम का चलना मत्त हाथी के समान और सीता का गमन मत्त हंसिनी के समान है।
  6. राम की भुजाएँ चंदन से सुगंधित हैं और सीता का वक्षस्थल कुंकुम से सज्जित है; राम के हाथ में धनुष है और सीता के हाथ में कमल है।
  7. राम शरणागत की रक्षा करते हैं और सीता विनम्र भक्तों को प्रसन्न करती हैं; राम मेघ समान श्याम हैं और सीता सुवर्ण जैसी दमकती हैं।
  8. वे दिव्य सिंहासन पर बैठे हैं, दिव्य वस्त्र और आभूषणों से सुसज्जित हैं; दोनों प्रेमपूर्वक एक-दूसरे को निहारते रहते हैं।
  9. दोनों एक-दूसरे के अनुरूप हैं, त्रिलोक के आदर्श गृहस्थ दंपति हैं; मैं इन दोनों को प्रणाम करके धन्य हो गया।
  10. जो भक्तिभाव से राम और सीता की इस स्तुति को पढ़ता है, उसे पुण्य, समृद्धि और सभी इच्छित फल प्राप्त होते हैं।
  11. हनुमान द्वारा रचित यह स्तोत्र पुण्यदायक और तुरंत मुक्ति देने वाला है; जो इसे सुबह पढ़े, वह सभी कामनाओं को प्राप्त करता है।
Shri Ram Sita Strotram Hanuman Ji Dwara Racha Gaya, श्री राम-सीता स्त्रोत्रम पाठ, Hindi Meanings, divine mantra, मनोकामना पूरी करने वाला मंत्र. 

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