Sri Venugopalashtkam Lyrics with Meaning in Hindi, श्री वेणुगोपालाष्टकम्, क्या फायदे हैं वेनुगोपक अष्टकम पाठ के.
"श्री वेणुगोपालाष्टकम् (Śrī Vēṇugōpālāṣṭakam)" में भगवान श्रीकृष्ण के वेणुगोपाल रूप की स्तुति की गई है । यह स्तोत्र उनकी दिव्य लीलाओं, सौंदर्य और करुणा का वर्णन करता है और भक्तों को उनके चरणों में समर्पित होने की प्रेरणा देता है।।
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Sri Venugopalashtkam Lyrics with Meaning in Hindi |
Śrī Vēṇugōpālāṣṭakam पाठ के लाभ :
श्रीवेणुगोपालाष्टकम् का पाठ करने से आध्यात्मिक, भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक लाभ मिलते हैं।
- इसके नियमित पाठ से भगवान कृष्ण की कृपा प्राप्त होती है.
- पापों से मुक्ति मिलती है आंतरिक शुद्धता आती है।
- ऐसा माना जाता है कि यह भक्त को अटूट भक्ति विकसित करके **मुक्ति (मोक्ष)** की ओर बढ़ने में सहायता करता है।
- इसके पाठ से भगवान श्री कृष्ण की कृपा से नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा होती है.
- शांति और स्थिरता बढती है.
- इसका पाठ भगवान कृष्ण के साथ भावनात्मक जुड़ाव को गहरा करता है, बिना शर्त प्यार, समर्पण और विनम्रता को बढ़ावा देता है।
- जीवन में खुशी और सकारात्मकता बढ़ने लगती है.
- साधक का ध्यान बढ़ने लगता है.
- दुःख और दरिद्रता का नाश होता है.
Lyrics of Śrī Vēṇugōpālāṣṭakam in Sanskrit:
कलितकनकचेलं खण्डितापत्कुचेलं
गलधृतवनमालं गर्वितारातिकालम् ।
कलिमलहरशीलं कान्तिधूतेन्द्रनीलं
विनमदवनशीलं वेणुगोपालमीडे ॥ 1 ॥
व्रजयुवतिविलोलं वन्दनानन्दलोलं
करधृतगुरुशैलं कञ्जगर्भादिपालम् ।
अभिमतफलदानं श्रीजितामर्त्यसालं
विनमदवनशीलं वेणुगोपालमीडे ॥ 2 ॥
घनतरकरुणाश्रीकल्पवल्ल्यालवालं
कलशजलधिकन्यामोदकश्रीकपोलम् ।
प्लुषितविनतलोकानन्तदुष्कर्मतूलं
विनमदवनशीलं वेणुगोपालमीडे ॥ 3 ॥
शुभदसुगुणजालं सूरिलोकानुकूलं
दितिजततिकरालं दिव्यदारायितेलम् ।
मृदुमधुरवचःश्री दूरितश्रीरसालं
विनमदवनशीलं वेणुगोपालमीडे ॥ 4 ॥
मृगमदतिलकश्रीमेदुरस्वीयफालं
जगदुदयलयस्थित्यात्मकात्मीयखेलम् ।
सकलमुनिजनालीमानसान्तर्मरालं
विनमदवनशीलं वेणुगोपालमीडे ॥ 5 ॥
असुरहरणखेलनं नन्दकोत्क्षेपलीलं
विलसितशरकालं विश्वपूर्णान्तरालम् ।
शुचिरुचिरयशश्श्रीधिक्कृत श्रीमृणालं
विनमदवनशीलं वेणुगोपालमीडे ॥ 6 ॥
स्वपरिचरणलब्ध श्रीधराशाधिपालं
स्वमहिमलवलीलाजातविध्यण्डगोलम् ।
गुरुतरभवदुःखानीक वाःपूरकूलं
विनमदवनशीलं वेणुगोपालमीडे ॥ 7 ॥
चरणकमलशोभापालित श्रीप्रवालं
सकलसुकृतिरक्षादक्षकारुण्य हेलम् ।
रुचिविजिततमालं रुक्मिणीपुण्यमूलं
विनमदवनशीलं वेणुगोपालमीडे ॥ 8 ॥
श्रीवेणुगोपाल कृपालवालां
श्रीरुक्मिणीलोलसुवर्णचेलाम् ।
कृतिं मम त्वं कृपया गृहीत्वा
स्रजं यथा मां कुरु दुःखदूरम् ॥ 9 ॥ (फलश्रुति)
। इति श्री वेणुगोपालाष्टकम् ।
Om Kleem Krishnay Namah Mantra Ke Fayde
Meaning of "श्री वेणुगोपालाष्टकम् (Śrī Vēṇugōpālāṣṭakam)" in Hindi:
- मैं उस वेणुगोपाल की स्तुति करता हूँ, जिन्होंने सुनहरे वस्त्र धारण किए हैं, जिनकी वक्षस्थल पर वनमाला है, जो अहंकारी शत्रुओं का नाश करते हैं, कलियुग के पापों को हरते हैं, और जिनकी कान्ति इन्द्रनील मणि के समान है।
- मैं उस वेणुगोपाल की स्तुति करता हूँ, जो व्रज की युवतियों को मोहित करते हैं, जिनके चरणों में वन्दना करने से आनंद मिलता है, जिन्होंने अपने हाथों से गोवर्धन पर्वत उठाया, और जो भक्तों की इच्छाओं को पूर्ण करते हैं।
- मैं उस वेणुगोपाल की स्तुति करता हूँ, जिनकी करुणा घनघोर है, जो कल्पवृक्ष के समान हैं, जिनके कपोल चंद्रमा के समान मनोहर हैं, और जो संसार के पापों को नष्ट करते हैं।
- मैं उस वेणुगोपाल की स्तुति करता हूँ, जो शुभ गुणों के भंडार हैं, देवताओं के प्रिय हैं, असुरों के लिए भयावह हैं, मधुर वाणी वाले हैं, और सभी दुखों को दूर करने वाले हैं।
- मैं उस वेणुगोपाल की स्तुति करता हूँ, जिनके मस्तक पर मृगमद का तिलक है, जो सृष्टि, पालन और संहार के कर्ता हैं, और जो मुनियों के हृदय में वास करते हैं।
- मैं उस वेणुगोपाल की स्तुति करता हूँ, जो असुरों का नाश करते हैं, नन्द के पुत्र हैं, जिनकी कीर्ति पवित्र और सुंदर है, और जो सम्पूर्ण ब्रह्मांड में व्याप्त हैं।
- मैं उस वेणुगोपाल की स्तुति करता हूँ, जो अपने चरणों की सेवा से प्राप्त होते हैं, जिनकी महिमा से ब्रह्मांड की रचना हुई, और जो जन्म-मरण के दुःखों को दूर करते हैं।
- मैं उस वेणुगोपाल की स्तुति करता हूँ, जिनके चरण कमलों की शोभा अद्वितीय है, जो सभी पुण्य आत्माओं की रक्षा करते हैं, जिनकी कान्ति तमाल वृक्ष को भी मात देती है, और जो रुक्मिणी के पुण्य का मूल हैं।
- हे श्री वेणुगोपाल! कृपया मेरी इस रचना को स्वीकार करें और मुझे अपने आभूषण की भांति अपनाकर मेरे सभी दुःखों को दूर करें।
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