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5 Hasth Mudra Swasth Jivan Ke liye

5 Hast Mudras for health benefits, Hast mudra chikitsa, मुद्रा विज्ञान चिकित्सा, पांच प्रमुख हस्त मुद्रा|

मानव शरीर रहस्यों से भरा हुआ है| ध्यान और योग के अभ्यास से हम शरीर के रहस्य को जान सकते हैं, महसूस कर सकते हैं | हमारा शरीर पंच तत्वों से मिलकर बना है जोकि है पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश|

इन तत्वों के असंतुलित होने पर ही शरीर में रोग पैदा होते हैं |यदि हम इनका संतुलन करना सीख जाएं तो हम रोगमुक्त रह सकते हैं और अगर किसी रोग से ग्रस्त हैं तो उससे छुटकारा भी जल्दी ही पा सकते हैं | हस्त मुद्रा चिकित्सा में हम अपने हथेली और उंगलियों का इस्तेमाल करते हैं और विभिन्न प्रकार की मुद्राओं का निर्माण करते हैं जिनके अभ्यास से हमारा शरीर ऊर्जा का संतुलन कर पाता है और रोगमुक्त रह पाता है|

मुद्राओं का योग में बहुत ही ज्यादा महत्व है और यह अनुभूत है कि जब भी मुद्राएं बनाई जाती है तो हजारों नसो एवं नाड़ियो को प्रभावित करती है और उसका प्रभाव हमारे शरीर पर भी पड़ता है | हस्त मुद्राओं का इस्तेमाल जैसे ही किया जाता है उसका प्रभाव हमारे शरीर पर पड़ने लग जाता है तुरंत |

5 Hast Mudras for health benefits, Hast mudra chikitsa, मुद्रा विज्ञान चिकित्सा, पांच प्रमुख हस्त मुद्रा|
5 Hasth Mudra Swasth Jivan Ke liye 


हस्त-मुद्रा योग शरीर को स्वस्थ रखने की एक बहुत ही सरल चिकित्सा पद्धति है, जिसमें व्यक्ति को एकाग्र होकर बैठना होता है और अपने हाथों की उंगलियों की सहायता से अलग-अलग आसन-आकृति बनानी होती है। इसका सबसे बड़ा फायदा तो ये है की बिना किसी खर्चे के हम अपने शरीर को स्वस्थ रख सकते हैं | असाध्य रोगों में इसका प्रयोग होता है | 

इस लेख में हम 5 मुद्राओं को बनाना सीखेंगे और उसके फायदे जानेगे | हम इन मुद्राओं को करने में सावधानी को भी जानेंगे | 

अपने स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए और बीमारियों को दूर करने के लिए हस्तमुद्रा योग हमे रोज करना चाहिए | ये विद्या सभी के लिए सामान रूप से उपयोगी है।

आइये जानतेहैं मुद्राओ को करने से पहले कुछ ख़ास बातें :

  • किसी भी मुद्रा का प्रयोग करने से पहले किसी भी आसन पर जरूर बैठे हैं जैसे कि सुख-आसन, वज्रासन, पद्मासन आदि |
  • किसी भी मुद्रा का अभ्यास हमें रोज करना चाहिए नियम से और निश्चित समय में | 
  • कम से कम 30 मिनट तो Mudra Abhyas जरूर करना चाहिए|
  • किसी भी मुद्रा को करने के समय जिन उंगलियों का इस्तेमाल ना हो उन्हें बिल्कुल सीधी रखें |


अब आइये जानते हैं 5 सरल परन्तु चमत्कारी हस्त मुद्राओं के बारे में :

आकाश मुद्रा/Akash Mudra :

मध्यमा उंगली को अगर अंगूठे के अग्रभाग से मिला दिया जाए और तीनों उंगलियों को सीधी रखें तो आकाश मुद्रा बन जाती है| 
akash mudra in hasth chikitsa
आकाश मुद्रा 


Akaash Mudra ke laabh:
ये मुद्रा कान के रोगों में, ह्रदय रोगों में, हड्डी की कमजोरी में बहुत फायदा करता है | 
इस आकाश मुद्रा का नियमित अभ्यास करने पर कान के रोगों में फायदा होता है जैसे कम सुनाई देना, बहरापन आदि | जिनको हड्डियों की कमजोरी है और जिन को हृदय से संबंधित कोई रोग है तो इस मुद्रा के अभ्यास से बहुत लाभ होता है |

वायु मुद्रा/Vayu मुद्रा :

तर्जनी उंगली को मोड़कर अंगूठे के मूल में लगाकर हल्का दबा दिया जाए और बाकी सभी उंगलियों को सीधी रखा जाए तो बन जाता है वायु मुद्रा |
वायु मुद्रा/Vayu मुद्रा  in hastha chikitsa
वायु मुद्रा 


Vayu Mudra Ke Labh:
जिन लोगो को गैस की समस्या रहती हो उनके लिए रामबाण है ये हस्त मुद्रा | इससे वायु शांत होती है, लकवा साइटिका, गठिया, संधिवात, घुटने के दर्द में लाभ होता है | गर्दन के दर्द, रीड के दर्द में फायदा होता है |

शून्य मुद्रा/Shuny Mudra:

मध्यमा उंगली को मोड़कर अंगूठे के मूल में लगाएं और अंगूठे से दबाए इससे बनता है शून्य मुद्रा |
शून्य मुद्रा/Shuny Mudra in hashta chikitsa
शुन्य मुद्रा 


Sunya Mudra Ke laabh:
इसके नियमित अभ्यास से कान के सभी प्रकार के रोगों में लाभ होता है, बहरापन दूर होता है, शब्द साफ सुनाई देने लगते हैं, मसूड़ों की पकड़ मजबूत होती है तथा गले के रोग एवं थायराइड रोग में इससे बहुत फायदा होता है |

पृथ्वी मुद्रा/Prithvi Mudra:

अगर अनामिका उंगली को अंगूठे के अग्र भाग से लगाकर  रखा जाए तो पृथ्वी मुद्रा का निर्माण होता है | 
पृथ्वी मुद्रा/Prithvi Mudra in hastha chikitsa
Prithvi mudra


Prithvi Mudra Ke laabh:
इससे शरीर में स्फूर्ति, कांति एवं तेजस्विता आती है, शारीरिक कमजोरी दूर होती है, दुर्बल व्यक्ति के लिए बहुत फायदेमंद है ये, यह मुद्रा पाचन क्रिया को ठीक करती है और वजन बढाने में मदद मिलती है, जीवनी शक्ति का विकास होता है, सात्विक गुणों का विकास करती है, दिमाग में शांति लाती है तथा विटामिन की कमी को दूर करती है |

वरुण मुद्रा/Varun MUDRA:

कनिष्ठिका उंगली और अंगूठे के अग्र भाग को मिला के रखें तो बनता है वरुण मुद्रा | 
वरुण मुद्रा/Varun MUDRA in hastha chikitsa
Varun Mudra


Varun Mudra Ke laabh: 
ये हस्त मुद्रा जल तत्त्व से सम्बंधित रोगों में बहुत लाभदायक है, चरम रोगों में फायदेमंद है, यह मुद्रा शरीर में रूखापन नष्ट करके चिकनाई बढ़ाती है, इसके अभ्यास से  चमड़ी चमकीली तथा मुलायम बनती है, रक्त विकार दूर होते हैं, जल तत्व की कमी से उत्पन्न व्याधियां दूर होती हैं, मुहांसों को नष्ट करती है और चेहरे को सुंदर बनाती है | इसमें इस बात का ध्यान रखें कफ प्रकृति वाले इसका ज्यादा स्तेमाल न करें | 

तो इस प्रकार हमने मुद्रा चिकित्सा के अंतर्गत अभी सबसे पहले 5 मुद्राओं को जाना है और इन मुद्राओं का अगर आप नियमित अभ्यास करें तो इसमें कोई शक नहीं कि एक स्वस्थ जीवन हम जी सकते हैं | अगर आप इस लेख को पढ़ रहे हैं और इनमें से किसी भी मुद्रा का अभ्यास आप करते आए हैं तो कमेंट बॉक्स में जरूर अपने अनुभवों को शेयर करें इसी प्रकार के उपयोगी लेखो के लिए जुड़े रहिये हमसे | आप हमारे facebook page ko bhi follow kar sakte hain |

5 Hast Mudras for health benefits, Hast mudra chikitsa, मुद्रा विज्ञान चिकित्सा, पांच प्रमुख हस्त मुद्रा|

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