भाग्य सूक्तम क्या हैं, भाग्य सूक्तम के लाभ, भाग्य सूक्तम के बोल, Bhagya Suktam , durbhagya dur karne ka shaktishaali upaay||
यदि भाग्य साथ नहीं दे रहा है, यदि जीवन में समस्याएं बनी हुई हैं तो भाग्य सूक्तम का पाठ बहुत उपयोगी है।
यह पुरुषों, महिलाओं और बच्चों के लिए समान रूप से फायदेमंद है। आप चाहे व्यापारी हों या नौकरीपेशा यदि आप अपना भाग्य बढ़ाना चाहते हैं तो भाग्य सूक्तम का पाठ प्रतिदिन अवश्य करें।
इस भाग्य सूक्तं में वैदिक स्तोत्र हैं जिनमें हम भगवान भाग से प्रार्थना करते हैं कि वे जीवन को सब कुछ प्रदान करें। ये दिव्य मंत्र ऋग्वेद में दिए गए हैं।
इस भाग्य सूक्तम का नित्य श्रवण व पाठ करने से सौभाग्य, परिवार में सुख, परिवार में सुख-शांति की प्राप्ति होती है। यह आरामदायक जीवन जीने के लिए सभी विलासिता भी लाता है।
Bhagya Suktam Ke path se dur hota hai durbhagya |
Lyrics of Bhagya Suktam /भाग्य सूक्तम् :
ऊँ प्रा॒तर॒ग्निं प्रा॒तरिन्द्रग्ं॑ हवामहे प्रा॒तर्मि॒त्रा वरु॑णा प्रा॒तर॒श्विन॑। |
प्रा॒तर्भगं॑ पू॒षणं॒ ब्रह्म॑ण॒स्पतिं॑ प्रा॒तः सोम॑मु॒त रु॒द्रग्ं हु॑वेम ॥ १ ॥
प्रा॒त॒र्जितं॒ भ॑गमु॒ग्रग्ं हु॑वेम व॒यं पु॒त्र-मदि॑ते॒र्यो वि॑ध॒र्ता ।
आ॒द्ध्रश्चि॒द्यं मन्य॑मानस्तु॒रश्चि॒द्राजा॑ चि॒द्यं भगं॑ भ॒क्षीत्याह॑ ॥ २ ॥
भग॒ प्रणे॑त॒-र्भग॒ सत्य॑राधो॒ भगे॒मां धिय॒मुद॑व॒दद॑न्नः ।
भग॒प्रणो॑ जनय॒ गोभि॒-रश्वै॒र्भग॒प्रनृभि॑-र्नृ॒वन्त॑स्स्याम ॥ ३ ॥
उ॒तेदानीं॒ भग॑वन्तस्स्यामो॒त प्रपि॒त्व उ॒त मध्ये॒ अन्हाम् ।।
उ॒तोदि॑ता मघव॒न्_थ्सूर्य॑स्य व॒यं दे॒वानाग्ं॑ सुम॒तौ स्या॑म ॥ ४ ॥
भग॑ ए॒व भग॑वाग्ं अस्तु देवा॒स्तेन॑ व॒यं भग॑वन्तस्स्याम ।
तं त्वा॑ भग॒ सर्व॒ इज्जो॑हवीमि॒ सनो॑ भग पुर ए॒ता भ॑वेह ॥ ५ ॥
सम॑ध्व॒रायो॒षसो॑ऽनमन्त दधि॒क्रावे॑व॒ शुचये॑ प॒दाय॑ ।
अ॒र्वा॒ची॒नं व॑सु॒विदं॒ भग॑न्नो॒ रथ॑मि॒वाऽश्वा॑वा॒जिन॒ आव॑हन्तु ॥ ६ ॥
अश्वा॑वती॒-र्गोम॑ती-र्न उ॒षासो॑ वी॒रव॑ती॒स्सद॑-मुच्छन्तु भ॒द्राः ।
घृ॒तं दुहा॑ना वि॒श्वत॒: प्रपी॑ना यू॒यं पा॑त स्व॒स्तिभि॒स्सदा॑ नः ॥ ७ ॥
यो माऽग्ने भा॒गिनग्ं॑ स॒न्तमथा॑भा॒गं चिकी॑ऋषति ।
अभा॒गम॑ग्ने॒ तं कु॑रु॒ माम॑ग्ने भा॒गिनं॑ कुरु ॥ ८ ॥
|| ॐ शान्ति॒: शान्ति॒: शान्ति॑: ॥
|| इति श्री भाग्य सूक्तम् ||