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Videsh Yatra yog in Kundli

कुंडली में विदेश यात्रा योग, प्रबल विदेश योग, विदेश जाने के लिए मंत्र, विदेश में नौकरी के योग, विदेश जाने के उपाय |

विदेश यात्रा और ज्योतिष, कैसे पता करें कि कुंडली में विदेश यात्रा योग है या नहीं, विदेश यात्रा की बाधाओं को दूर करने के लिए क्या करें, विदेश यात्रा के लिए जिम्मेदार ग्रह।

Videsh Yatra yog in Kundli by vedic jyotish
Videsh Yatra yog in Kundli

क्या आपका विदेश यात्रा करने का सपना है, क्या आप विदेश में अपना करियर बनाना चाहते हैं, क्या आप पढने के लिए दूसरे देशों की यात्रा करना चाहते हैं और क्या आप जानना चाहते हैं की ज्योतिष के हिसाब से हम कैसे पता करते हैं विदेश यात्रा योग है की नहीं तो ये लेख आपकी मदद करेगा । 

वैदिक ज्योतिष के हिसाब से जीवन में होने वाली हर घटना के पीछे ग्रह जिम्मेदार होते हैं इसलिए कुंडली का अध्ययन करके ये पता लगाया जा सकता है कि विदेश यात्रा का योग है या नहीं, विदेश में निवास करना संभव होगा या नहीं, क्या विदेश में रहके नाम, प्रसिद्धि, धन, शक्ति प्राप्त करना संभव है  आदि ।

आइये जानते हैं ज्योतिष के अनुसार विदेश यात्रा से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण बिंदु:

  1. कुंडली का सातवां, नवमा दसवां, और बारहवां घर विदेश यात्रा से बहुत जुड़ा हुआ है कुछ हद तक, साथ ही चौथा घर का अध्ययन भी महत्त्व रखता है | इसलिए विदेश यात्रा के बारे में अध्ययन करने के लिए इन घरों का विश्लेषण आवश्यक है।
  2. एक सिद्धांत ये है की यदि उपरोक्त भाव में चर राशि हो तो व्यक्ति विदेश यात्रा करता है |
  3. कुंडली में विदेश यात्रा के योग कई प्रकार के होते हैं जैसे कुछ लोग घुमने के लिए तो जा सकते हैं पर वहां पे स्थाई तौर पे सफल नहीं हो पाते हैं | कुछ लोग कुछ समय के लिए ही काम काज के लिए वहां पे जा सकते हैं फिर उन्हें वापस आ ना पड़ता है | 
  4. शोध में ये भी पाया गया है की जिनके कुंडली में कालसर्प योग होता है वे लोग विदेश यात्रा कर पाते हैं ।
  5. चौथे या दसवें स्थान में सूर्य या चंद्रमा यह भी दर्शाता है कि व्यक्ति विदेश में और जल स्त्रोत के पास अपना करियर बना सकता है।
  6. ये भी देखा गया है की शनि की साढ़े साती के दौरान भी कुछ लोगों को विदेश जाने का मौका मिलता है।
  7. जब बृहस्पति नौवें, दसवें या बारहवें भाव में प्रभाव डालता है तो विदेश यात्रा की भी संभावना बढ़ जाती है।
  8. जब नौवें और ग्यारहवें भाव के स्वामी भावों का आदान-प्रदान करते हैं तो बहुत संभव है कि व्यक्ति विदेश में रहके धन कमा सकता है। यदि ग्रहों की शक्ति अच्छी हो तो यह निश्चित है कि व्यक्ति के पास विदेश से भारी लाभ कमाने की अच्छी शक्ति है।
  9. ये भी देखा गया है की यदि कुंडली में राहु अच्छा और मजबूत है और उपरोक्त में से किसी भी घर में मौजूद है तो यह अपनी महादशा या अंतर्दशा के दौरान विदेश के लिए रास्ता खोलता है।

आइए अब विदेश यात्रा ज्योतिष से संबंधित कुछ अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों के उत्तर जानते हैं :

कौन सा ग्रह विदेश यात्रा से सम्बन्ध रखता है ?

अपने अनुभव के अनुसार मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि वास्तव में किसी विशेष ग्रह का विदेश यात्रा से संबंध नहीं है। विदेश यात्रा की गणना और विश्लेषण कुंडली के भावों और वहां मौजूद ग्रहों पर निर्भर करता है।

क्या मेरी कुंडली में विदेश यात्रा है?

चर राशि जैसे मेष, कर्क, तुला और मकर राशि अगर चौथे, नौवें, दसवें और बारहवें भाव में हो तो विदेश यात्रा करने में मदद मिलती है लेकिन यही पर्याप्त नहीं है। ग्रहों की शक्ति, विभिन्न भावों में ग्रहों की युति भी विदेश यात्रा में सहायक होती है, इसी के साथ यदि संबंधित ग्रह की महादशा या अंतर्दशा चल रही हो तो भी जातक को विदेश यात्रा करने में मदद मिलती है।

उदाहरण के लिए मेरे एक जातक ने शुक्र की दशा में विदेश की यात्रा की क्योंकि शुक्र उसके १२वें घर में मौजूद है, एक व्यक्ति ने चंद्रमा की महादशा में विदेश में जॉब पाई क्योंकि चंद्रमा उसके चौथे घर में मौजूद है और अपने दशा के दौरान उसने देश से बाहर जाने के लिए योग बनाया।, एक की कुंडली में बुधादित्य योग है और जब उनके महादशा में सूर्य आया और अन्तर्दशा में बुध आया तो उनका ये योग मजबूत हुआ और उन्हें विदेश में कमाने का मौका मिला | तो कोई निश्चित नियम नहीं है विदेश यात्रा करने का, इसके बारे में जानने के लिए कुंडली का सूक्ष्म अध्ययन जरुरी है |

क्या मुझे कुंडली के अनुसार विदेश जाने का मौका मिलेगा?

हां, कुंडली/जन्म कुंडली का विश्लेषण करके विदेश यात्रा की भविष्यवाणी करना काफी संभव है। इसके लिए कुंडली का सूक्ष्म विश्लेषण आवश्यक है।

कौन सा घर विदेशी में स्थाई तौर पे रहने का प्रतिनिधित्व करता है?

मूल रूप से १२वें घर का अध्ययन विदेश के लिए किया जाता है लेकिन यह पर्याप्त नहीं है, हमें यह पुष्टि करने के लिए चौथे घर, भाग्य भाव, करियर भाव का भी अध्ययन करना होता है तब जाके पता चलता है की व्यक्ति विदेश में बसने में सक्षम है या नहीं। उदाहरण के लिए यदि जातक के पास जन्म स्थान से कमाने के लिए मजबूत योग है और ऐसा जातक विदेश में बसना चाहता है तो अपेक्षित सफलता  नहीं मिलेगी और जातक परेशान होता रहेगा है।

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विदेशों में सफलता कैसे प्राप्त करें, विदेशों में जीवन को बेहतर बनाने के लिए क्या करें, यह जानने के लिए अनुभवी ज्योतिषी से परामर्श करना आवश्यक है ।

विदेश यात्रा में आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए क्या करें?

यह एक और महत्वपूर्ण प्रश्न है जो सम्मानित ब्लॉग पाठकों द्वारा पूछा जाता है, यहाँ मैं यह कहना चाहता हूँ कि सर्वोत्तम उपाय खोजने के लिए कुंडली का विश्लेषण करना आवश्यक है लेकिन यहाँ कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए जा रहे हैं जो आपको विदेश में रास्ता खोलने में मदद करेंगे -

  1. अमावस्या के दिन अपने पूर्वजों की पूजा करें और विदेश जाने का रास्ता खोलने की प्रार्थना करें।
  2. अपनी कुलदेवी या कुलदेवता की भी पूजा करें।
  3. कमजोर ग्रह  से सम्बंधित रत्न धारण करे ज्योतिष से परामर्श लेके |
  4. विदेश यात्रा के लिए सूर्य देव की आराधना लाभकारी होती है।
  5. यदि कोई ग्रह विदेश में बसने में बाधा उत्पन्न कर रहा है तो नियमित रूप से #ज्योतिषी से परामर्श करके गृह शांति पूजा करवाना चाहिए ।

तो ज्योतिष के माध्यम से अपने विदेशी जीवन को सफल बनाएं, ज्योतिष के माध्यम से अपने विदेशी जीवन को शक्तिशाली बनाएं।

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