जुलाई पूर्णिमा कब है, जुलाई 2025 पूर्णिमा का 12 राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा, ज्योतिष भविष्यवाणियां, July Purnima Ka 12 Rashiyo Par Prabhav, गुरु पूर्णिमा 2025. **जुलाई 2025 में पूर्णिमा** 10 जुलाई 2025 को है जो भावनात्मक स्पष्टता, अनुशासन और कर्म संबंधी रहस्योद्घाटन के शक्तिशाली कंपन लेकर आएगा। वैदिक परंपरा में **गुरु पूर्णिमा** के रूप में जानी जाने वाली इस पूर्णिमा का आध्यात्मिक महत्व और भी बढ़ जाता है क्योंकि यह गुरुओं के ज्ञान का सम्मान करती है। चाहे आप वैदिक या पश्चिमी ज्योतिष का पालन करें, यह पूर्णिमा हमारे जीवन के उन क्षेत्रों को रोशन करेगा, जिनमें परिपक्वता, संरचना और आधार की आवश्यकता होती है। July Purnima Ka 12 Rashiyo Par Prabhav आइए जानें 🌕 जुलाई 2025 पूर्णिमा का 12 राशियों पर प्रभाव : Watch Rashifal on YouTube Jump To: मेष वृषभ मिथुन कर्क सिंह कन्या तुला वृश्चिक धनु मकर कुंभ मीन ♈ मेष राशिफल : मेष राशि के लिए, यह पूर्णिमा **उच्च शिक्षा और विश्वास प्रणालियों** पर प्रकाश डालता है। आध्यात्मिक शिक्षाओं या यात्रा का पता लगाने के लिए यह एक बढ़िया समय है। कानूनी मामले और...
साल के शुरू में शनि अमावस्या ! क्या करे, कैसे बनाए जीवन को सफल, कौन की पूजा करे शनि-अमावस को.
2019 की शुरुआत ज्योतिष की दृष्टि से बहुत अच्छी हो रही है, साल का पहला दिन एकादशी रहेगी अर्थात भगवान् विष्णु की पूजा से हम सभी नए साल का स्वागत कर सकते हैं.
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Saal ke Shuru Mai Shani Amavasya |
वहीँ दूसरी तरफ पहले ही हफ्ते हमे शनि अमावस्या भी मिलेगी जो की पितृ दोष शांति एवं शनि शांति के लिए बहुत ही शुभ दिन होगा.
अमावस्या देखा जाए तो वैसे भी बहुत महत्त्व रखता है क्यूंकि इस दिन तंत्र साधनाए भी होती है, उतारे भी होते हैं, देवी देवताओं, पितरों को प्रसन्न करने के लिए भी पूजा-पाठ होता हैं.
जिनके ऊपर शनि के ढैया या साढ़ेसाती का प्रभाव चल रहा है उनके लिए तो साल के शुरुआत में शनि अमावस्या का पड़ना वरदान से कम नहीं है क्यूंकि शुरुआत में ही आप शनि देव को खुश कर अपने संकटों को कम कर सकते हैं.
पढ़िए नया साल का प्रभाव आपके राशि पर क्या असर होने वाला है >>
अमावस्या देखा जाए तो वैसे भी बहुत महत्त्व रखता है क्यूंकि इस दिन तंत्र साधनाए भी होती है, उतारे भी होते हैं, देवी देवताओं, पितरों को प्रसन्न करने के लिए भी पूजा-पाठ होता हैं.
जिनके ऊपर शनि के ढैया या साढ़ेसाती का प्रभाव चल रहा है उनके लिए तो साल के शुरुआत में शनि अमावस्या का पड़ना वरदान से कम नहीं है क्यूंकि शुरुआत में ही आप शनि देव को खुश कर अपने संकटों को कम कर सकते हैं.
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5 जनवरी २०१९ उन सभी लोगो के लिए ख़ास है जो शनि ग्रह से पीड़ित हैं, जिनको नौकरी नहीं मिल रही है, जिनका विवाह शनि के कारण बिगड़ रहा है, जिनके ऊपर काले जादू का प्रभाव हो, जिनके ऊपर साढ़े साती का प्रभाव हो, ढैया का प्रभाव हो, जिनकी कुंडली में शनि ख़राब हो, जिनके कुंडली में पितृ दोष हो आदि.
क्या करे सुखी जीवन के लिए शनि अमावस को ?
- पितृ दोष मुक्ति व शनि की शांति के लिए इस दिन आप पीपल पेड़ की पूजा कर सकते हैं और उसकी ८ परिक्रमा अवश्य लगाएं, साथ ही कष्टों से मुक्ति के लिए प्रार्थना करे.
- शनि से संबंधित वस्तुओं जैसे काला वस्त्र, काले तिल, उड़द की दाल, सरसों का तेल, लोहे का सामान, छतरी, जूते, कंबल, भैंस, आदि का दान भी आप कर सकते हैं, ध्यान दे की ये दान आप संध्या को करे.
- इस दिन भिक्षुकों को आप चाय पिला सकते हैं.
- शनि मंदिर में ८ दीपक सरसों के तेल का जलाएं और शनि चालीसा का पाठ करे.
- आप गीता का पाठ भी अपने पितरों के शांति के निमित्त कर सकते हैं.
- इस दिन शिवलिंग का रुद्राभिषेक भी बहुत फायदा देगा.
- भगवान् शिव के पंचाक्षरी मंत्रो का जप भी लाभ देता है.
शनि कुंडली में अगर मेष राशि के साथ बैठा हो तो नीच का हो जाता है और अगर तुला राशि के साथ बैठे तो उच्च का हो जाता है, नीच राशि में ये जातक को बहुत तकलीफे देता है वही उच्च राशी में ये बहुत फायदेमंद होता है.
- शनि का मंत्र : ॐ शं शनैश्चराय नमः।।
- शनि का बीज मंत्र : ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनये नमः।।
साल के शुरू में शनि अमावस्या ! क्या करे, कैसे बनाए जीवन को सफल, कौन की पूजा करे शनि-अमावस को.
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