Sudarshan Kavach, सुदर्शन कवच, Sudarshan Kavach Lyrics Aur Fayde. सुदर्शन चक्र को भगवान् विष्णु के सबसे शक्तिशाली अस्त्र के रूप में जाना जाता है और सुदर्शन कवच पाठ के अनेक आध्यात्मिक, मानसिक और दैहिक लाभ माने गए हैं। यह कवच भगवान विष्णु के सुदर्शन चक्र की शक्ति से युक्त माना जाता है, जो नकारात्मक शक्तियों, दुष्ट विचारों और अशुभ प्रभावों से साधक की रक्षा करता है। सुदर्शन कवच का नियमित रूप से पाठ करने से आत्मबल और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है, साथ ही भय, असुरक्षा और मानसिक तनाव से मुक्ति मिलती है। यह साधक के चारों ओर एक दिव्य सुरक्षा कवच का निर्माण करता है, जो उसे अदृश्य दुष्प्रभावों, दृष्टिदोष और ग्रह-पीड़ा से बचाता है। धार्मिक दृष्टि से, इस कवच का स्मरण और पाठ भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने का माध्यम माना जाता है, जिससे जीवन में शांति, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। नियमित रूप से सच्चे भाव से इसका जप करने पर मन एकाग्र होता है, नकारात्मक विचार दूर होते हैं, और साधक का आध्यात्मिक विकास तीव्र गति से होता है। Sudarshan Kavach Lyrics Aur Fayde सुनिए सुदर्शन क...
शट्तिला एकादशी का ज्योतिष महत्त्व, kya kare sattila ekadashi ko safalta ke liye, शट्तिला एकादशी vrat kaise kare.
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Shattila Ekadashi Ka Jyotish Mahattw |
हर वर्ष हिन्दू पंचांग के हिसाब से जब माग महिना आता है तो उसके कृष्ण पक्ष के ग्यारस को “शट्तिला एकादशी” की पूजा की जाती है. ये अत्यंत ही महत्त्वपूर्ण दिन होता है भगवान् की कृपा प्रपात करने के लिए.
2018 में १२ जनवरी शुक्रवार को षट्तिला एकादशी आ रही है.
एकादशी पर विशेष कर भगवान् विष्णु की पूजा होती है और शट्तिला एकादशी वासुदेव को प्रसन्न करने का विशेष दिन है.
Shat tila Ekadashi Ka Mahattw:
- इस एकादशी को तिल के तेलों से शारीर की मालिश करने से शारीर निरोगी होता है.
- शट्तिला एकादशी को तिल के उबटन लगाकर धोने से सुन्दरता बढ़ती है.
- इस दिन काले तिलों का दान करने से विशेष लाभ होता है. इससे पापो से मुक्ति मिलती है.
- तिल से बने पदार्थो को खाने का भी विशेष लाभ होता है.
- इस दिन तिल से हवन करने से भी विशेष लाभ होता है.
- इस दिन भगवान् विष्णु को विभिन्न प्रकार के तिलों से बने भोग अर्पित करने चाहिए और भक्तो में बांटना भी चाहिए.
- शट्तिला एकादशी को भगवान् विष्णु की भक्ति करने और दीप दान करने से अनंत कोटि लाभ होता है. विभिन्न प्रकार के दोषों का परिहार होता है और सुखो की प्राप्ति होती है.
- शास्त्रों में षट्तिला एकादशी के महत्त्व को बताते हुए कहा गया है की इस दिन एकादशी का व्रत करने वाले भक्त को दरिद्रता और कष्टों से मुक्ति मिलती है और बैकुंठ की प्राप्ति होती है।
अगर दरिद्रता परेशान कर रही है तो षट्तिला एकादशी को निम्न प्रयोग करके जीवन को सफल बनाया जा सकता है:
- प्रातः काल ब्रह्म महूरत में उठके तिल के तेल से मालिश करके तिल मिश्रित जल से स्नान करे.
- भगवान् विष्णु की पूजा करके उन्हें तिल से बने पकवान का भोग लगाएं.
- तिलों से हवन करे भगवान् विष्णु के मंत्रो के साथ.
- तिल से बने पकवान ग्रहण करे और तिल के पानी का सेवन करे.
- तिल का दान
- इसी के साथ पीपल के पेड़ के नीचे तिल के तेल का दीपक लगा के तिल का भोग लगा के उसकी परिक्रमा करे और अपने सफल जीवन के लिए प्रार्थना करे.
- षट्तिला एकादशी को पुरे दिन रात भगवान् विष्णु के मंत्र का जप करना बहुत शुभ फल देता है “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय”.
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Read in english about Shattila Ekadashi Significance
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