Surya Ka Mithun Rashi Mai Gochar Ka Prabhav, Surya Mithun Rashi Mai kab jayenge, surya gochar june 2025, मिथुन संक्रांति क्या है, १२ राशियों पर असर | मिथुन संक्रांति का महत्त्व: Surya Ka Mithun Rashi Mai Gochar 2025: जब सूर्य वृषभ राशि से मिथुन में प्रवेश करते हैं तो उसे मिथुन संक्रांति कहते हैं| ज्योतिष के हिसाब से इस दिन के बाद अगले करीब ३१ दिन तक सूर्य मिथुन राशी में रहता है| जब सूर्य मिथुन राशि में रहते हैं तो भारत के गुवाहाटी में कामख्या मंदिर में अम्बुबाची का मेला लगता है जब मंदिर के कपाट कुछ दिनों के लिए बंद किये जाते हैं, ऐसा कहा जाता है की साल में एक बार माता कामख्या रजस्वला होती है अतः इसीलिए कुछ दिनों के लिए मंदिर का पठ बंद रहता है और इन्ही दिनों मंदिर में मेला लगता है | ये सिर्फ साल में एक बार होता है और पुरे विश्व से लोग यहाँ आते है| भारत के बहुत से भागो में इस दिन लोग भगवान् विष्णु की पूजा करते हैं. कई भागो में मानसून आ जाता है और लोग बारिश का भी आनंद लेते हैं| Surya Ka Mithun Rashi Mai Gochar 2025 Surya Ka Mithun Rashi Mai Gochar Ka Pra...
Bansant panchmi 2025, भारत में बसंत पंचमी का त्यौहार, जानिए क्या महत्त्व है बसंत पंचमी का, क्या करे सफलता के लिए.
हिंदी पंचांग के हिसाब से माघ महीने के शुक्ल पक्ष में पांचवे दिन बसंत पंचमी का त्यौहार मनाया जाता है. ये बहुत ही आनंद का दिन होता है क्यूंकि ये दिन बहुत ही शानदार मौसम का संकेत होता है.
2025 में बसंत पंचमी 02 फरवरी, रविवार को मनाया जाएगा | पंचमी तिथि 2 फ़रवरी को सुबह लगभग 9:16 बजे शुरू होगी और ३ तारीख को सुबह लगभग 6:54 तक रहेगी |
इस दिन माता सरस्वती की पूजा की जाती है मुख्यतः, माँ सरस्वती विद्या की देवी है इसी कारण विद्यार्थियों के लिए बहुत महत्त्व रखती है. ऐसा माना जाता है की माँ सरस्वती का जन्म इसी दिन हुआ था इसी कारण माता के जन्म दिवस के रूप में भी ये दिन मनाया जाता है.
बसंत के मौसम में खेत पीले रंग से आच्छादित हो जाता है क्यूंकि सरसों के फूल खिल जाते हैं. इस दृश्य का लोग खूब आनंद लेते हैं.
आइये जानते हैं बसंत पंचमी सम्बंधित महत्त्वपूर्ण बातें :Bansant panchmi 2025
- मान्यता के अनुसार हिन्दू माघ महीने में गुप्त नवरात्री को पंचमी तिथि में देवी सरस्वती प्रकट हुई थी जिनके हाथ में पुस्तक, कमंडल,वीणा, पुष्प और माला थी | इसी कारण हर साल माघ मास में माँ सरस्वती का प्राकट्य उत्सव मनाया जाता है |
- बसंत पंचमी से ही बसंत राग गाया जाता है हरिशयनी एकादशी तक |
- Basant Panchmi को श्री पंचमी और वागीश्वरी जयंती के नाम से भी जाना जाता है |
- बसंत पंचमी के पूजन से ज्ञान, कला, सुख-शांति, सौभाग्य की वृद्धि होती है |
आइये जानते हैं की लोग इस दिन क्या करते हैं:
- लोग पीले कपड़े पहनते हैं.
- भक्तगण पीले फूल माता को अर्पित करते हैं.
- भोग में पिला भोजन बनाया जाता है जैसे खिचड़ी.
- पीले मीठे चावल बनाने का भी रिवाज है इस दिन जिसमे केसर भी डाला जाता है.
- पाठशालाओं में विद्यार्थि और गुरुजन मिलके माँ सरस्वती की विशेष पूजा अर्चना करते हैं. Bansant panchmi 2025
पिला रंग अध्यात्म, ज्ञान, रचनात्मकता का प्रतिक है इसीलिए इस दिन सब तरफ पीला ही पीला दीखता है.
बसंत ऋतु सभी मौसमो में सबसे बेहतर माना जाता है जब लोग पुरे दिन मौज, मस्ती कर सकते हैं, ऐसे में न तो ज्यादा ठण्ड होती है और न गर्मी, इस मौसम में पेड़ पौधों में भी नई कोपले आती है, नए फूल खिलते हैं, नए फल लगते हैं जिससे सब तरफ तरो-ताजा वातावरण बन जाता है. हर तरफ लोग ख़ुशी मनाते नजर आते हैं.
आज कल बच्चो को इन त्योहारों के बारे में कुछ पता नहीं होता है जो की ठीक नहीं है. हमे बच्चो को तीज त्योहारों के पीछे के विज्ञान को बताना चाहिए जिससे वे इनके महत्त्व को समझ सके. Bansant panchmi 2025
आइये जानते हैं 2 फ़रवरी को ग्रहों की स्थिति कैसी रहेगी ?
- सूर्य अपने शत्रु राशि मकर में रहेंगे |
- चन्द्रमा अपने सम राशि मीन में रहेंगे |
- मंगल अपने शत्रु राशि मिथुन में रहेंगे |
- बुध अपने सम राशि मकर में रहेंगे |
- गुरु अपने शत्रु राशि वृषभ में रहेंगे |
- शुक्र अपने उच्च राशि में रहेंगे |
- शनि अपने ही राशि कुम्भ में रहेंगे |
- राहु अपने मित्र राशि मीन में रहेंगे |
- केतु अपने मित्र राशि कन्या में रहेंगे |
देखा जाए तो इस दिन 2 राजयोग रहेगा बसंत पंचमी 2025 को - एक बुधादित्य योग और दूसरा कलात्मक योग जिसके कारण ये दिन बहुत शुभ रहेगा सभी के लिए, इस दिन से विद्यार्थी कुछ नया सीखना शुरू कर सकते हैं, नई किताबे खरीद सकते हैं, कुछ नया काम शुरू कर सकते हैं | Bansant panchmi 2025
कैसे करे बसंत पंचमी को पूजा आसान तरीके से?
- प्रातः काल जल्दी उठके नियमित कार्यो से फ्री हो जाए.
- पीले वस्त्र पहने और पीले आसन पर बैठे.
- माँ सरस्वती की पूजा करे विधिवत.
- माता को पीले भोजन का भोग लगाए.
- पिली मिठाई अर्पित करे.
- माँ सरस्वती का कोई भी मंत्र कुछ देर पढ़े या बीज मंत्र ॐ ऐं (aim ) का जप भी कर सकते हैं.
- माता से प्रार्थना करे की आपको विद्या और सफलता प्रदान करे.
- इसके बाद बड़ो और गुरुजनों का आशीर्वाद जरुर ले.
बसंत पंचमी की शुभकामनाये
भारत में बसंत पंचमी का त्यौहार, Basant panchmi ka mahattw in hindi, जानिए क्या महत्त्व है बसंत पंचमी का, क्या करे सफलता के लिए, Bansant panchmi 2025.
Comments
Post a Comment