surya grahan Date and time, 21 september 2025 surya grahan, कहाँ कहाँ दिखेगा सूर्य ग्रहण, जानिए ज्योतिषीय प्रभाव,surya grahan ke upay. Surya Grahan September 2025: इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण 21 सितंबर को लगेगा इस दिन सर्वपितृ अमावस्या भी है । यह आंशिक सूर्यग्रहण कुछ खास देशों में ही दिखाई देगा। भारत में ये सूर्य ग्रहण दिखाई नहीं देगा इसीलिए यहाँ सूतक मान्य नहीं होगा. 21 सितंबर के सूर्य ग्रहण के दौरान चंद्रमा सूर्य को आंशिक रूप से ढक लेगा। ज्योतिष के अनुसार सूर्य ग्रहण का समय किसी भी प्रकार की साधना के लिए सबसे श्रेष्ठ समय होता है अतः जो लोग मंत्र साधना, तंत्र साधना, कुंडलिनी साधना करते हैं उनके लिए सिद्धि प्राप्त करने का सुनहरा अवसर होगा | कब लगता है सूर्य ग्रहण ? जब पृथ्वी और सूर्य के बीच में चंद्रमा आ जाता है तब सूर्य का प्रकाश कुछ समय के लिए पृथ्वी पर नहीं पंहुच पाता है धरती पर अँधेरा छा जाता है | इसी को कहते हैं सूर्य ग्रहण | Surya Grahan 2025 Suraya grahan Mai Kya kare Jyotish Anusar क्या 21 September का सूर्य ग्रहण भा...
Bansant panchmi 2025, भारत में बसंत पंचमी का त्यौहार, जानिए क्या महत्त्व है बसंत पंचमी का, क्या करे सफलता के लिए.
हिंदी पंचांग के हिसाब से माघ महीने के शुक्ल पक्ष में पांचवे दिन बसंत पंचमी का त्यौहार मनाया जाता है. ये बहुत ही आनंद का दिन होता है क्यूंकि ये दिन बहुत ही शानदार मौसम का संकेत होता है.
2025 में बसंत पंचमी 02 फरवरी, रविवार को मनाया जाएगा | पंचमी तिथि 2 फ़रवरी को सुबह लगभग 9:16 बजे शुरू होगी और ३ तारीख को सुबह लगभग 6:54 तक रहेगी |
इस दिन माता सरस्वती की पूजा की जाती है मुख्यतः, माँ सरस्वती विद्या की देवी है इसी कारण विद्यार्थियों के लिए बहुत महत्त्व रखती है. ऐसा माना जाता है की माँ सरस्वती का जन्म इसी दिन हुआ था इसी कारण माता के जन्म दिवस के रूप में भी ये दिन मनाया जाता है.
बसंत के मौसम में खेत पीले रंग से आच्छादित हो जाता है क्यूंकि सरसों के फूल खिल जाते हैं. इस दृश्य का लोग खूब आनंद लेते हैं.
आइये जानते हैं बसंत पंचमी सम्बंधित महत्त्वपूर्ण बातें :Bansant panchmi 2025
- मान्यता के अनुसार हिन्दू माघ महीने में गुप्त नवरात्री को पंचमी तिथि में देवी सरस्वती प्रकट हुई थी जिनके हाथ में पुस्तक, कमंडल,वीणा, पुष्प और माला थी | इसी कारण हर साल माघ मास में माँ सरस्वती का प्राकट्य उत्सव मनाया जाता है |
- बसंत पंचमी से ही बसंत राग गाया जाता है हरिशयनी एकादशी तक |
- Basant Panchmi को श्री पंचमी और वागीश्वरी जयंती के नाम से भी जाना जाता है |
- बसंत पंचमी के पूजन से ज्ञान, कला, सुख-शांति, सौभाग्य की वृद्धि होती है |
आइये जानते हैं की लोग इस दिन क्या करते हैं:
- लोग पीले कपड़े पहनते हैं.
- भक्तगण पीले फूल माता को अर्पित करते हैं.
- भोग में पिला भोजन बनाया जाता है जैसे खिचड़ी.
- पीले मीठे चावल बनाने का भी रिवाज है इस दिन जिसमे केसर भी डाला जाता है.
- पाठशालाओं में विद्यार्थि और गुरुजन मिलके माँ सरस्वती की विशेष पूजा अर्चना करते हैं. Bansant panchmi 2025
पिला रंग अध्यात्म, ज्ञान, रचनात्मकता का प्रतिक है इसीलिए इस दिन सब तरफ पीला ही पीला दीखता है.
बसंत ऋतु सभी मौसमो में सबसे बेहतर माना जाता है जब लोग पुरे दिन मौज, मस्ती कर सकते हैं, ऐसे में न तो ज्यादा ठण्ड होती है और न गर्मी, इस मौसम में पेड़ पौधों में भी नई कोपले आती है, नए फूल खिलते हैं, नए फल लगते हैं जिससे सब तरफ तरो-ताजा वातावरण बन जाता है. हर तरफ लोग ख़ुशी मनाते नजर आते हैं.
आज कल बच्चो को इन त्योहारों के बारे में कुछ पता नहीं होता है जो की ठीक नहीं है. हमे बच्चो को तीज त्योहारों के पीछे के विज्ञान को बताना चाहिए जिससे वे इनके महत्त्व को समझ सके. Bansant panchmi 2025
आइये जानते हैं 2 फ़रवरी को ग्रहों की स्थिति कैसी रहेगी ?
- सूर्य अपने शत्रु राशि मकर में रहेंगे |
- चन्द्रमा अपने सम राशि मीन में रहेंगे |
- मंगल अपने शत्रु राशि मिथुन में रहेंगे |
- बुध अपने सम राशि मकर में रहेंगे |
- गुरु अपने शत्रु राशि वृषभ में रहेंगे |
- शुक्र अपने उच्च राशि में रहेंगे |
- शनि अपने ही राशि कुम्भ में रहेंगे |
- राहु अपने मित्र राशि मीन में रहेंगे |
- केतु अपने मित्र राशि कन्या में रहेंगे |
देखा जाए तो इस दिन 2 राजयोग रहेगा बसंत पंचमी 2025 को - एक बुधादित्य योग और दूसरा कलात्मक योग जिसके कारण ये दिन बहुत शुभ रहेगा सभी के लिए, इस दिन से विद्यार्थी कुछ नया सीखना शुरू कर सकते हैं, नई किताबे खरीद सकते हैं, कुछ नया काम शुरू कर सकते हैं | Bansant panchmi 2025
कैसे करे बसंत पंचमी को पूजा आसान तरीके से?
- प्रातः काल जल्दी उठके नियमित कार्यो से फ्री हो जाए.
- पीले वस्त्र पहने और पीले आसन पर बैठे.
- माँ सरस्वती की पूजा करे विधिवत.
- माता को पीले भोजन का भोग लगाए.
- पिली मिठाई अर्पित करे.
- माँ सरस्वती का कोई भी मंत्र कुछ देर पढ़े या बीज मंत्र ॐ ऐं (aim ) का जप भी कर सकते हैं.
- माता से प्रार्थना करे की आपको विद्या और सफलता प्रदान करे.
- इसके बाद बड़ो और गुरुजनों का आशीर्वाद जरुर ले.
बसंत पंचमी की शुभकामनाये
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