Shani Margi Kab honge 2025, मार्गी शनि का 12 राशियों पर क्या असर होगा?, नवंबर 2025 में शनि मार्गी होने से कौन सी राशियां प्रभावित होंगी?, शनि के मार्गी होने पर 12 राशियों का राशिफल| Shani Margi 2025: 9 ग्रहों में शनि को सबसे क्रूर और प्रभावशाली माना जाता है, इनका सम्बन्ध न्याय से है इसीलिए जब भी शनि ग्रह गोचर कुंडली में अपनी स्थिति या गति को बदलते हैं तो उसका असर सभी तरफ देखने को मिलता है | 28 नवंबर 2025 शुक्रवार को सुबह लगभग 7:20 पर शनि ग्रह मीन राशि में मार्गी होंगे अर्थात सीधी चाल चलने लगेंगे जो की बहुत बड़ी घटना होगी और काफी ज्यादा प्रभाव हमे सब तरफ देखने को मिलेगा | जब शनि मार्गी होता है, तो वक्री अवस्था के धीमे, कर्म संबंधी सबक आगे बढ़ने लगते हैं। ज़िम्मेदारियाँ बढ़ जाती हैं, और कर्म के परिणाम तेज़ हो जाते हैं। चूँकि शनि मीन राशि में है - जो आध्यात्मिकता, अंतर्ज्ञान, करुणा और विलीनता का प्रतीक है - यह परिवर्तन भावनात्मक सीमाओं, अनुशासन, रचनात्मकता और आध्यात्मिक विकास को प्रभावित करता है। Shani Margi Kab honge Kya Prabhav Hoga 12 Rashiyo Par ...
धनु संक्रांति का महत्त्व, क्या करे जब सूर्य धनु राशी में रहे, धनु राशी में सूर्य की शक्ति को जानिए.
जब सूर्य धनु राशी में प्रवेश करता है तो उस काल को धनु संक्रांति काल कहते हैं. ये काल बहुत ही महत्त्व रखता है भारतीय ज्योतिष के अनुसार, ऐसी मान्यता है की जब भी सूर्य गुरु के किसी राशी में प्रवेश करेगा तो मल मॉस या खर मास शुरू हो जाता है.
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| Dhanu Sankranti Ka Mahattw |
हर साल में २ महीने खर मास या मल मास होता है क्यूंकि सूर्य धनु या फिर मीन राशि में प्रवेश करता है हर साल, अतः देखा जाए तो साल में ६० दिन मल मास के होते हैं.
जब सूर्य धनु राशि में प्रवेश करता है तो उस मास को धनुर्मास भी कहते हैं, मल मास भी कहते हैं, खर मास भी कहते हैं.
आइये जानते हैं की धनुर्मास में क्या – क्या काम वर्जित है ?
धनु संक्रांति के बाद एक महीने तक अनेक शुभ कार्य वर्जित माने जाते हैं जैसे-- इस समय विवाह वर्जित होता है.
- धनुर्मास में यज्ञोपवित वर्जित है.
- मुंडन कार्य भी वर्जित होता है
- गृह आरंभ और गृह प्रवेश भी वर्जित होता है.
- देवी देवता के प्राण प्रतिष्ठा के कार्य भी वर्जित माना जाता है.
आइये अब जानते हैं की धनु संक्रांति में क्या करना चाहिये सफलता के लिए :
धनुर्मास में बहुत से शुभ कार्य वर्जित है परन्तु फिर भी ये महिना बहुत ही महत्त्व रखता है क्यूंकि इस समय हम जीवन को निष्कंटक बनाने के लिए बहुत से कार्य कर सकते हैं.
- सूर्य देव की आराधना के लिए उत्तम समय होता है धनुर्मास
- अगर कोई अपना मानसिक और शारीरिक बल बढ़ाना चाहता है तो धनुर्मास में साधना करना चाहिए.
- नेत्र ज्योति बढ़ने के लिए सूर्य को नियमित अर्ध्य देना चाहिए.
- अध्यात्मिक ज्ञान के इच्छुक लोगो को भी इस महीने में साधना करना चाहिए.
- किसी भी प्रकार के सांसारिक सुख की अभिलाषा रखने वालो को भी इस महीने में पूजा अनुष्टान करना चाहिए.
- अपनी क्षमता अनुसार अन्न दान, वस्त्र दान, धन दान, विद्या दान आदि करना चाहिए और पुण्य अर्जित करना चाहिए.
अतः धनु संक्रांति का बहुत अधिक महत्त्व है , अगर इस समय का सदुपयोग किया जाए तो निश्चित ही जीवन में सफलता का प्रवेश होता है.
- करिए साधना अवसाद से मुक्ति के लिए
- करिए अनुष्ठान अपनी आत्मशक्ति को बढाने के लिए धनु के सूर्य में.
- करिए साधना अध्यात्मिक उन्नति के लिए मल मास में
- करिए पूजा पाठ वंशवृद्धि के लिए धनु संक्रांति काल में.
- करिए प्रार्थना जीवन को हर दृष्टि से सफल बनाने के लिए धनुर्मास में
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| ज्योतिष |
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