Naye Sal 2026 Ki Shuruat Hogi Chaturgrahi Yog Se, नए साल की शुरुआत होगी धनु राशि में चतुर्ग्रही योग से, सूर्य-मंगल-बुध और शुक्र रहेंगे के साथ, jyotish updates. वैदिक ज्योतिष के अनुसार, ग्रहों के युति-योग अत्यंत शक्तिशाली ब्रह्मांडीय घटनाएँ होते हैं, जो सामूहिक तथा व्यक्तिगत कर्म को सक्रिय करते हैं। वर्ष 2026 के प्रारंभ में सूर्य, मंगल, बुध और शुक्र की एक दुर्लभ युति धनु राशि में बनी रहेगी । धनु राशि के स्वामी गुरु (बृहस्पति) हैं, जो धर्म, ज्ञान, उच्च विद्या, सत्य और धर्मसम्मत कर्म का प्रतिनिधित्व करते हैं। जब अनेक ग्रह इस राशि में एकत्र होते हैं, तो सभी बारह राशियों में आध्यात्मिक जागरण, वैचारिक परिवर्तन और उद्देश्यपूर्ण कर्म की प्रबल धारा प्रवाहित होती है। Naye Sal 2026 Ki Shuruat Hogi Chaturgrahi Yog Se यह योग सूर्य की सत्ता, मंगल की ऊर्जा, बुध की बुद्धि और शुक्र के सौहार्द का समन्वय करता है, जिससे रचनात्मक अवसरों के साथ-साथ कर्मिक परीक्षाएँ भी उत्पन्न होती हैं। इसका प्रभाव मानवता को उच्च सिद्धांतों के साथ पुनः संरेखित होने, चेतना के विस्तार और सत्य के अनुरूप कर्म करने के लिए प...
शमी के पेड़ का महत्त्व, शनि और शमी में सम्बन्ध, जानिए क्यों पूजते हैं शमी के पेड़ को.
दशको से शमी पेड़ की पूजा विद्वानों, ब्राह्मणों, तांत्रिको, ज्योतिशो द्वारा किया जाता रहा हैं. अब प्रश्न ये है की क्यों शमी वृक्ष की पूजा की जाती है , क्या महत्त्व है इसका. इस लेख में हम शमी के पेड़ के बारे में ही जानेंगे.
शमी को अलग अलग नामो से जाना जाता है कुछ लोग इसे सांगरी में कहते हैं और कुछ इसे खेजरी भी कहते हैं. अंग्रेजी में इसे "प्रोसोपिस सिनेरेरिया " कहते हैं.
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| shami ka ped aur jyotish |
ज्योतिष के हिसाब से शमी का सम्बन्ध शनि ग्रह से है अतः शनि ग्रह की कृपा प्राप्त करने के लिए शमी की पूजा की जाती है, शनि साढ़े साती से बचने के लिए भी शमी की पूजा की प्रथा है.
दूसरी तरफ शमी भूमि के लिए भी बहुत अच्छा माना जाता है. इसको लगाने से भूमि की उपजाऊ क्षमता बढती है क्यूंकि इससे भूमि को नाइट्रोजन मिलता है प्राकृत तौर पर और ये बहुत कम पानी में भी फलता फूलता है. शमी का प्रयोग दवाइयों को बनाने में भी किया जाता है जैसे मानसिक रोग और शक्ति की औषधियों में.
दूसरी तरफ शमी भूमि के लिए भी बहुत अच्छा माना जाता है. इसको लगाने से भूमि की उपजाऊ क्षमता बढती है क्यूंकि इससे भूमि को नाइट्रोजन मिलता है प्राकृत तौर पर और ये बहुत कम पानी में भी फलता फूलता है. शमी का प्रयोग दवाइयों को बनाने में भी किया जाता है जैसे मानसिक रोग और शक्ति की औषधियों में.
मान्यता के अनुसार महाभारत काल में पांडवो ने शमी वृक्ष के निचे अपने शश्त्रो को रखके पूजा था युद्ध में जीत के लिए . अतः युद्ध में जाने से पहले लोग भी ऐसा करने लगे. पढ़िए दशहेरे के लिए टोटके हिंदी में .
आइये जानते हैं शमी वृक्ष के कुछ ज्योतिषीय लाभ:
- अगर शनि ग्रह के कारण जीवन में परेशानी आ रही है तो शमी के पेड़ के निचे दीपक जलाना चाहिए.
- अगर शनि साड़े साती चल रही हो तो भी शमी के पेड़ की पूजा से लाभ होता है.
- भूमि सम्बन्धी किसी समस्या को दूर करने के लिए भी शमी की पूजा से लाभ होता है.
- भारत के कुछ प्रान्तों में शमी की पत्तो को भाग्योदय के लिए एक दुसरे को दिए जाने की परंपरा है दशहरे में.
- शमी की लकडियो की समिधा का प्रयोग शनि के हवन में किया जाता है.
- अगर कोई जातक शनिवार के दिन ही सिर्फ शमी की पूजा करे तो इसमें कोई शक नहीं की शनि देव की कृपा उसे प्राप्त होती है.
- अगर कुंडली में शनि शुभ है तो शमी के पेड़ को पश्चिम दिशा में लगाने से लाभ होता है.
अतः शमी की पेड़ से लाभ ले , इसकी पूजा से लाभ उठाये और जीवन को सफल बनाए.
शमी के पेड़ का महत्त्व, शनि और शमी में सम्बन्ध, जानिए क्यों पूजते हैं शमी के पेड़ को.

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