🙏 इंदिरा एकादशी / पितृ पक्ष एकादशी का महत्व 🙏, Indira Ekadashi kab hai 2025, Pitru Paksh ekadashi Ki Katha aur Mahattw. हिंदू धर्म में वर्षभर 24 एकादशी व्रत आते हैं, जिनमें से प्रत्येक का अपना अलग महत्व है। आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को इंदिरा एकादशी कहा जाता है। यह तिथि विशेष रूप से पितृ पक्ष के दौरान आती है, इसलिए इसे पितृ पक्ष एकादशी भी कहा जाता है। इस व्रत को करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है। 2025 में 17 सितम्बर बुधवार को रखा जायेगा इंदिरा एकादशी का व्रत और इसी दिन होगा ग्यारस का श्राद्ध, एकादशी तिथि शुरू होगी 17 तारीख को तडके लगभग 12:24 AM पे और समाप्त होगी 17 तारीख को रात्री में लगभग 11:40 PM पर. Indira Ekadashi | Pitru Paksh Ekadashi Ki Tarikh Katha aur Mahattw Watch Pitru Paksh Ekadashi Details in Hindi On YouTube 📖 इंदिरा एकादशी की पौराणिक कथा धर्मराज युधिष्ठिर ने भगवान श्रीकृष्ण से निवेदन किया – "हे प्रभु! कृपा करके बताइए कि आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की एका...
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ujjain kaise pahuche |
अगर आप उज्जैन आना चाहते हैं और यहाँ के दिव्य वातावरण का लाभ लेना चाहते हैं, अगर आप सिंहस्थ मे यहाँ आना चाहते हैं और यहाँ के कार्यक्रमों मे भाग लेना चाहते है तो ये लेख आपकी मदद करेगा. इन जानकारियों से आप अपनी यात्रा को सुगम बना सकते हैं.
- अगर आप वायु मार्ग से उज्जैन आना चाहते हैं तो आपको सबसे पहले इंदौर आना होगा जो की मात्र 60 किलोमीटर की दूरी पर है उज्जैन से. वहा से आप टैक्सी लेके आसानी से उज्जैन आ सकते हैं.
- अगर आप ट्रेन की यात्रा का आनंद लेना चाहते हैं तो आपके लिए बहुत आसान है क्यूंकि उज्जैन एक जंक्शन है और हर बड़े शहर से यहाँ सीधे ट्रेने आती है. जैसे की मुंबई, दिल्ली, जबलपुर, चेन्नई, जम्मू, गोरखपुर, अहमदाबाद, बरोदा, पुणे, बिलासपुर, हरिद्वार, देहरादून आदि. और समय समय पर हॉलिडे एक्सप्रेस भी चलाई जाती है.
- सिंहस्थ पर तो विशेष ट्रेने चलती है जिससे की लोग आसानी से यहाँ आ सके.
- अगर आप अपने खुद के वाहन से उज्जैन आना चाहते हैं तो कोई दिक्कत की बात नहीं है, सड़के अच्छी है, हाइवेज भी एक दुसरे से जुड़े है जिससे की आप अपनी यात्रा सुगमता से कर सकते हैं.
- आप विडिओ कोच बस द्वारा आना चाहते हैं तो सभी बड़े बड़े शहरो से सीधे बस आती है उज्जैन |
- एक नानाखेडा मे है और
- दूसरा देवास गेट है
उज्जैन मे कहा रहे ?
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रहने की यहाँ कोई परेशानी नहीं है, इस समय उज्जैन मे अनेक नई होटल , धर्मशालाए, लोज आदि बन गए है. आपके बजट के हिसाब से आप यहाँ पर रह सकते हैं.
- अगर आप महाकाल मंदिर के आस पास रहना चाहते हैं तो भी आप आसानी से रह सकते हैं, अनेको होटल और लोज यहाँ आस पास है जिनको आप खुद ही ढून्ढ सकते हैं.
- उज्जैन के बहार भी अनेक होटल बन गए है जो की सर्वसुविधा युक्त है. इंदौर रोड, चिंतामन रोड, अगर रोड मे आपको होटल मिल जायेंगे.
- सिंहस्थ मे तो हर समाज के अपने आश्रम बन रहे है जहा पर भक्तगण आकर ठहर भी सकते हैं और भोजन , भजन आदि कर सकते हैं.
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