Bhoothnath Ashtkam Lyrics With Hindi Meanings, भूतनाथ अष्टकम ke fayde, Shiv pooja Mantra, daily shiva puja mantra. Bhoothnath Ashtkam: भूतनाथ अष्टकम की रचना श्री कृष्ण दास जी ने की है। "Bhootnath Ashtkam" पारंपरिक रूप से शिव के ताण्डव, संहार, करुणा और उनकी भस्म-लेपित, अघोर रूप की उपासना के लिए पढ़ा जाता है। भूतनाथ का अर्थ है––समस्त भूत-प्रेत, गणों तथा सभी प्राणियों के स्वामी। यह अष्टक शिव के अघोर, ताण्डवमय, निर्भय और भस्म-लेपित स्वरूप का गहन वर्णन करता है। इसके पाठ से साधक के भीतर निडरता, आंतरिक शक्ति और मानसिक स्थिरता का विकास होता है। शिव के संहार और नृत्य स्वरूप का ध्यान मन में वैराग्य, अनित्यत्व का बोध और जीवन के गूढ़ तत्त्वों की समझ पैदा करता है। Bhoothnath Ashtkam Lyrics With Hindi Meanings Listen On YouTube Lyrics Of Bhootnath Ashtkam in Sanskrit: शिव शिव शक्तिनाथं संहारं शं स्वरूपम् नव नव नित्यनृत्यं ताण्डवं तं तन्नादम् घन घन घूर्णिमेघं घंघोरं घंन्निनादम् भज भज भस्मलेपं भजामि भूतनाथम् ||1|| कळकळकाळरूपं कल्लोळंकंकराळम् डम डम डमनादं डम्बुरुं डंकनादम् सम सम शक्तग्र...
Ghar Ke Andar Ke Pradushan Ka Prabhav, वास्तु में प्रदुषण, कैसे बनाए एक स्वस्थ वातावरण, फ्री वास्तु सलाह सफलता के लिए.
इसमे कोई शक नहीं की घर के अन्दर के प्रदुषण के कारण सदस्यों को बहुत स्वास्थ्य समस्याओं को भोगना पड़ता है और जो सदस्य लगातार प्रदूषित वातावरण में निवास करते हैं ज्यादा समय तक वो कई गंभीर रोगों से ग्रस्त हो जाते हैं.
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| घर में प्रदुषण का प्रभाव |
सिर्फ झाड़ू लगाना और पोचा लगाना ही पर्याप्त नहीं होता है, इसके साथ ही बहुत सी और बातो का ध्यान रखना जरुरी है जिससे की नकारात्मक उर्जाओं से घर को बचाया जा सके.
ये लेख सभी लोगो के लिए लाभ दायक सिद्द हो सकती है क्यूंकि हम सभी कुछ छोटी छोटी गलतियाँ जरुर करते हैं, हमारी कुछ आदते अनायास ही वास्तु उर्जा को बिगाड़ देती है और हमे इस बात की खबर ही नहीं रहती.
आइये देखते हैं की वास्तु के अन्दर प्रदुषण कैसे उत्पन्न होता है ?
- जब रसोई में खाना बनता है तो कई प्रकार के गैसे उत्पन्न होती है जो की अगर बहार न जा सके तो हानिकारक हो सकती है.
- आज के दौर में लोगो को डीयो और अनेक प्रकार के खुशबू वाले स्प्रे प्रयोग करने की आदत पड़ गई है जो की हानिकारक होती है.
- अगर कोई घर के अन्दर सिगरेट या बीडी आदि पीते हैं तो ये सभी के लिए ख़तरा पैदा कर देते हैं.
- मच्छर मारने या कीड़े मारने की दवा का प्रयोग जायदा करना भी हानिकारक हो सकता है.
- अगर घर में सही खिड़कियाँ नहीं है हवा के आवागमन के लिए तो इससे स्वास्थ्य हानि का खतरा बहुत बढ़ जाता है.
- अगर हम घर में टीवी या म्यूजिक बहुत अधिक आवाज में चलाते हैं तो ये भी ध्वनि प्रदुषण उत्पन्न करता है जो की ठीक नहीं है .
अब आइये देखते हैं की क्या- क्या हानि उठानी पड़ सकती है लोगो को आंतरिक वास्तु प्रदुषण के कारण :
- फेफड़ो में समस्या उत्पन्न हो सकता है, फेफडो के कैंसर का ख़तरा भी बढ़ता है.
- प्रदूषित वायु में रहने से श्वास की समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती है.
- ह्रदय सम्बंधित रोगों के होने का ख़तरा भी बढ़ जाता है.
- पेट खराब रहने लगता है.
- अवसाद और मानसिक अस्थिरता बढ़ सकता है.
- आपसी संबंधो में भी खटास आ जाता है .
आइये देखते हैं कुछ फ्री वास्तु को प्रदुषण से मुक्त रखने के लिए :
Ghar Ke Andar Ke Pradushan Ka Prabhav, वास्तु में प्रदुषण, कैसे बनाए एक स्वस्थ वातावरण, फ्री वास्तु सलाह सफलता के लिए.- घर पर सही खिड़कियाँ होनी चाहिए जिससे की वायु का आवागमन हो सके. ख़राब वायु बाहर जा सके और शुद्ध वायु अन्दर आ सके.
- अपने रसोई घर को इस तरह से बनाए जिससे की गैसेस सही तरीके से बाहर जा सके. प्रदूषित वायु को बहार फेकने वाले पंखो का सही स्तेमाल करे.
- घर के अन्दर सिगरेट, बीड़ी आदि ना पियें.
- डीयो, सेंट आदि स्प्रे का लगातार स्तेमाल न करे.
- टीवी, रेडियो आदि की आवाज को सही रखे जिससे ध्वनि प्रदुषण न हो.
- अपने स्टोर रूम को लगातार साफ़ करते रहे.
- अगर आप सब्जियां बहुत अधिक मात्र में सहज के रखते हैं तो उन्हें हवादार कमरे में रखे और नियमित तौर पर उनकी साफ़ सफाई करते रहे.
अतः अगर स्वस्थ जीवन जीना चाहते हैं तो ये जरुरी है की वास्तु को आन्तरिक प्रदुषण से मुक्त रखा जाए. ये सफल जीवन जीने का सबसे बेहतरीन उपाय है. वास्तु ऊर्जा को बनाये रखे जिससे कोई समस्या न आ सके.
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