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2026 Rashifal In Hindi Jyotish

2026 Rashifal In Hindi Jyotish, Free Varshfal, कैसा रहेगा नया साल २०२६ सभी 12 राशियों के लिए, नए साल के सितारे, jyotish updates.    ✨ राशिफल 2026: सभी 12 राशियों के लिए भाग्य का नया अध्याय ✨ नया साल अपने साथ नई उम्मीदें, नए अवसर और जीवन में सकारात्मक बदलाव लेकर आता है। वर्ष 2026 ग्रहों की चाल और शुभ योगों के कारण ज्योतिषीय दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण साबित होने वाला है। मंगल, शनि और बृहस्पति जैसे प्रमुख ग्रहों की स्थिति जीवन के हर क्षेत्र — करियर, वित्त, प्रेम, स्वास्थ्य और व्यक्तिगत विकास — में उल्लेखनीय प्रभाव डालेगी। चाहे आप तेज़ तरक्की की उम्मीद कर रहे हों, नए रिश्तों का इंतज़ार कर रहे हों या अपनी किस्मत के नए द्वार खुलते देखना चाहते हों — यह साल हर राशि को कुछ न कुछ खास उपहार देने वाला है। 2026 Rashifal In Hindi Jyotish इस लेख में हम जानेंगे कि मेष से लेकर मीन तक 12 राशियों के लिए वर्ष 2026 क्या बड़े परिवर्तन, शुभ अवसर और जीवन में आने वाली चुनौतियाँ लेकर आएगा। जानिए नए साल 2026 के राजा और मंत्री कौन हैं ? तो आइए, ज्योतिष के इस रोचक सफर की शुरुआत करते हैं और देखते हैं...

Naagpanchmi Ko Rashi Ke Hisab Se Pooja Kaise Kare

नाग पंचमी का महत्त्व ज्योतिष के हिसाब से, जानिए राशी के अनुसार कैसे करे नागपंचमी को पूजा.

नागपंचमी एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण दिन है हिन्दुओ के हिसाब से, इस दिन नागदेवता की पूजा होती है और लोग सांपो के महत्त्व को भी जानते हैं. ज्योतिष के हिसाब से पंचमी तिथि नागो को समर्पित है. सावन महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी को नागपंचमी मनाया जाता है जब पुरे भारतवर्ष में लोग शिव मंदिर में जाके या फिर नाग मंदिरो में जाके नागो की पूजा करते हैं. कुंडली में मौजूद कई दोषों का समाधान सिर्फ नागपंचमी को पूजा करने से हो जाता है.

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Naagpanchmi Ko Rashi Ke Hisab Se Pooja Kaise Kare
  • ऐसी मान्यता है की नागपंचमी को सांपो की पूजा करने से उनकी कृपा से जीवन में स्वास्थ्य, सम्पन्नता, ख़ुशी, संतान सुख आदि की प्राप्ति होती है. इसी कारण हिन्दू लोग नागपंचमी को शिव मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना करते हैं.
  • कुंडली में अगर सर्प दोष हो तो नागपंचमी को पूजा करने से दूर हो सकता है.
  • कुंडली में कालसर्प दोष हो तो उसकी शांति इस दिन हो सकती है.
  • कुंडली में विष दोष का समाधान भी इस दिन पूजा करने से होता है.
  • नागपंचमी को प्रेत दोष निवारण, पितृ दोष निवारण पूजाएँ भी होती है.
  • विवाह में देरी की समस्या को दूर करने के लिए भी इस दिन पूजाएँ होती है.
अतः नाग पंचमी बहुत ही महत्त्वपूर्ण दिन है उन लोगो के लिए जो कठिन समय से गुजर रहे हैं. 

आइये अब जानते हैं की राशि के अनुसार कैसे करे नागपंचमी को पूजा:

  1. हम सभी जानते हैं की १२ राशियाँ होती है जो की विभिन्न ग्रहों द्वारा प्रभावित है.
  2. मेष और वृश्चिक राशि वाले कैसे करे नागपंचमी को पूजा: इन दोनों राशियों के स्वामी ग्रह है मंगल. अगर इन राशी वाले लोग दक्षिण की तरफ मूंह करके नागदेवता की पूजा करे और लाल फूल, इत्र आदि अर्पित करे तो शुभ रहेगा. इसी के साथ सर्प सूक्त और गणेश स्त्रोत का पाठ भी शुभ फल देगा.
  3. वृषभ और तुला राशी वाले कैसे करे नागपंचमी को पूजा: इन दोनों ग्रह के स्वामी है शुक्र. ऐसे लोग अगर दक्षिण-पूर्व की तरफ मूह करके पूजा करे और सफ़ेद फूल, चन्दन का इत्र आदि अर्पित करे तो विशेष लाभ ले सकते हैं. इसी के साथ मनसादेवी नाग स्त्रोत्रम का पाठ या फिर गणेश चालीसा का पाठ करे तो विशेष लाभ ले सकते हैं.
  4. मिथुन और कन्या राशि वाले कैसे करे नागपंचमी की पूजा: इन राशियों के स्वामी बुध ग्रह है. ऐसे लोगो को उत्तर की तरफ मूंह करके पूजा करनी चाहिए. साथ ही बेल पत्र, गन्ने का रस अर्पित करना चाहिए. गणेश कवच का पाठ शुभ फल देगा.
  5. कर्क राशी वाले कैसे करे नागपंचमी की पूजा: इस राशि का स्वामी चन्द्रमा है, ऐसे लोग अगर उत्तर- पश्चिम दिशा की तरफ मूंह करके पूजा करे तो लाभ होगा साथ ही दही, सफ़ेद फूल आदि अर्पित करे. गणेश अथर्वशीर्ष  का पाठ लाभदायक रहेगा.
  6. सिंह राशि वाले कैसे करे नागपंचमी की पूजा: इस राशी के स्वामी सूर्य ग्रह है. ऐसे लोगो को पूर्व की तरफ मूंह करके पूजा करनी चाहिए और लाल फूल, केसर अर्पित करना चाहिए. नाग्स्त्रोत का पाठ स्वास्थ्य और सम्पन्नता लाएगा.
  7. धनु और मीन राशि वाले कैसे करे नागपंचमी को पूजा: इस राशि के स्वामी गुरु ग्रह है. इनको उत्तर-पूर्व की तरफ मूंह करके पूजा करनी चाहिए और पूजा में पीले फूल, हल्दी, पिली मिठाई आदि का प्रयोग करना चाहिए. गणेश अष्टक और नाग सहस्त्रनामावली का पाठ करना शुभ रहेगा.
  8. मकर और कुम्भ राशि वाले कैसे करे नागपंचमी को पूजा: इन राशियों के स्वामी शनि ग्रह हैं. इनको पश्चिम दिशा की तरफ मूंह करके पूजा करनी चाहिए और पूजा में नीले फूल, कला तिल आदि प्रयोग करना चाहिए. गणेश सहस्त्र नामावली और नव नाग्स्त्रोत का पाठ शुभ फल देगा.
अतः यहाँ पर कुछ महत्त्वपूर्ण बाते बताई गई है राशि के हिसाब से नागपंचमी की पूजा करने के बारे में.
श्रद्धा और विश्वास से प्रयोग करके लाभ अवश्य ले.
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