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Ashadh Mahine Ki Gupt Navratri Ka Mahattw

अषाढ़ महीने की गुप्त नवरात्री की महिमा, क्या करे जीवन को सफल बनाने के लिए, कैसे करे माँ दुर्गा की पूजा गुप्त नवरात्री में, Ashad mahine ki gupt navratri 2025.  नवरात्री का अर्थ है 9 विशेष दिन जब कोई भी व्यक्ति साधना कर सकता है अपने अध्यात्मिक लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए या फिर भौतिक लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए | ज्योतिष के हिसाब से और तंत्र के हिसाब से भी नवरात्री बहुत महत्त्वपूर्ण दिन होते हैं जब हम अपने जीवन को निष्कंटक करने के लिए साधना कर सकते हैं, पूजा कर सकते हैं. इस बार    26 June, गुरुवार से 4 जुलाई, शुक्रवार तक अषाढ़ महीने की गुप्त नवरात्री रहेगी , इन दिनों तांत्रिक, सिद्धि हेतु पूजाएँ करते हैं, अध्यात्मिक जिज्ञासु ज्ञान हेतु साधनाएं करते हैं और सांसारिक लोग भौतिक इच्छाओं की पूर्ति हेतु साधना करते हैं. Ashadh Mahine Ki Gupt Navratri Ka Mahattw अनुक्रमणिका : क्या करे गुप्त नवरात्री में जीवन को सफल बनाने के लिए? क्या ना करे गुप्त नवरात्री में दुर्भाग्य को दूर रखने के लिए: आइये जानते हैं की ग्रहों की स्थिति कैसी रहेगी 2025 के गुप्त नवरात्रि में ? कौ...

Pitar Dosh Ka Smadhan In Hindi

पितृ दोष का समाधान ज्योतिष द्वारा हिंदी में, कैसे बनता है पितृ दोष, कैसे कम करे पितृ दोष के प्रभाव को, जानिए कुछ आसान तरीके पितर दोष को कम करने के. 

वैदिक ज्योतिष में कुंडली के अन्दर पाए जाने वाले दोषों में से पितर दोष भी एक महत्त्वपूर्ण दोष है जिसके कारण जीवन में बहुत सारी समस्याएं पैदा हो जाती है. पितृ का मतलब है हमारे पूर्वज अतः इस दोष का मुख्य कारण पितृ होते हैं.
पितृ दोष का समाधान ज्योतिष द्वारा हिंदी में,  pitr dosh ka kya samadhan hai, kaise dur kare pitru dosh ko, kundli me kaise banta hai pitar dosh.
Pitar Dosh Ka Smadhan In Hindi

आइये जानते हैं की पितृ दोष से सम्बंधित मान्यताएं :

पितृ का मतलब होता है हमारे पूर्वज जो अब दुनिया में नहीं है. मान्यता के अनुसार अगर हमारे पूर्वज संतुष्ट नहीं है तो हमे पितृ दोष का सामना करना होता है. अगर सही तरीके से उपाय नहीं किये जाए तो ये दोष पीढ़ी दर पीढ़ी परेशान करता रहता है.

कुछ विद्वानों का मानना ये भी है की अगर कोई आत्मा इच्छाओ से मुक्त नहीं हो पाती है तो वो अपने वंश से अपेक्षा रखते हैं और वो पूरी नहीं होने पर समस्याएं पैदा करते हैं.

ज्योतिष में सूर्य को पिता का कारक माना जाता है अतः अगर कुंडली में सूर्य ख़राब हो तो पितृ दोष बनता है.
कुछ लोग तो राहू को भी पितृ दोष का कारण मानते हैं और कुछ ज्योतिष शनि से भी पितृ दोष बताते हैं.
बहरहाल अगर पितृ दोष कुंडली में है तो ये जरुरी है की हम इसके समाधान के लिए कुछ उपाय जरुर करे जिससे जीवन निष्कंटक हो सके.

इस लेख में हम कुछ आसान उपाय जानेंगे पितृ दोष को कम करने के. अगर आप पितृ दोष से ग्रस्त है तो निचे दिए गए उपाय आपको लाभ दे सकते हैं. अगर आप पितृ दोष का फ्री समाधान चाह रहे है तो निचे दिए गए उपाय आपके लिए हैं.

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अगर आप जानना चाहते हैं की आपके कुंडली में पितर दोष है की नहीं तो ज्योतिष से संपर्क कर सकते हैं और कुंडली के अनुसार उपाय प्राप्त कर सकते हैं.


आइये जानते हैं पितर दोष से मुक्ति के लिए कुछ उपाय:

  • हम सबके ऊपर पितरो का ऋण होता है क्यूंकि हम उनके कुल में पैदा हुए है. अतः ये हमारा कर्त्तव्य है की हम उनके उन्नति, शांति , मुक्ति के लिए भी कुछ करे. अगर हमारे पितर संतुष्ट नहीं होंगे तो हम भी सफल नहीं हो पायेंगे.
  • अगर आप लगातार परेशान रह रहे हैं, अगर आपका व्यापार सही नहीं चल पा रहा है पुरी कोशिश के बाद भी, अगर तबियत साथ नहीं दे रही है, अगर संतान उत्पत्ति में समस्या आ रही है, अगर बहुत पढ़ाई करने के बाद भी परिणाम उचित नहीं मिल रहा है, अगर जॉब में तरक्की नहीं मिल रही है तो ये सब पितृ दोष के कारण भी हो सकता है.
  • अगर आप महसूस कर रहे है की हर त्यौहार में कोई न कोई दुर्घटना घट रही है, किसी भी ख़ुशी के मौके में लड़ाई झगडे होते हैं तो हो सकता है की पितृ संतुष्ट नहीं हैं. पितृ कुछ अपेक्षा रखते हैं और वो पूरी न होने पर अनायास बढ़ा उत्पन्न हो जाती है जीवन में.

पितृ दोष से मुक्ति के लिए हम निम्न उपाय कर सकते हैं –

  1. हर चौदस और अमावस्या को तर्पण जरुर करे.
  2. सही तरीके से श्राद्ध करे.
  3. नियम से शिवलिंग का अभिषेक करे और अपने पितरो की शांति के लिए प्रार्थना करे.
  4. बड़े और बूढ़े लोगो से आशीर्वाद लिया करे , इससे भी पितृ दोष से मुक्ति मिलती है.
  5. अपने माता पिता की सेवा करे साथ ही वृद्ध लोगो की जरूरतों को पूरा करे अपने सामर्थ्य के अनुसार.
  6. रोज पितरो के नाम से भोजन निकल गाय, कुत्तो, कौवों को खिलाना चाहिए.
  7. श्राद्ध पक्ष में जरुर से विशेष पूजा पाठ पितरो के निमित्त करना चाहिए.
  8. काले तिल और गुड से बने मिठाई बांटे , इससे भी लाभ होता है.
  9. चौदस और अमावस्या को केसर की धुप पितरो की शांति हेतु देनी चाहिए.
  10. चौदस और अमावस्या को ब्राहमण को भोजन करवाना चाहिए.
  11. पितृ दोष निवारण पूजा भी आप करवा सकते हैं.
अतः अगर आप जीवन को सफल बनाना चाहते हैं, निष्कंटक बनाना चाहते हैं तो पितरो का आशीर्वाद जरुर ले. 
अगर कुंडली में पितृ दोष है तो डरने के जरुरत नहीं है , विशेष सलाह के लिए आप ज्योतिष से संपर्क करे और प्राप्त करे समाधान.
ज्योतिष द्वारा पितृ दोष का समाधान, भारतीय ज्योतिष द्वारा पितृ दोष का निवारण
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