Skip to main content

Latest Astrology Updates in Hindi

Suraya grahan Mai Kya kare Jyotish Anusar

surya grahan Date and time, 21 september 2025 surya grahan, कहाँ कहाँ दिखेगा सूर्य  ग्रहण, जानिए ज्योतिषीय प्रभाव,surya grahan ke upay.  Surya Grahan September 2025: इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण 21 सितंबर को लगेगा इस दिन सर्वपितृ अमावस्या भी है । यह आंशिक सूर्यग्रहण कुछ खास देशों में ही दिखाई देगा।  भारत में ये सूर्य ग्रहण दिखाई नहीं देगा इसीलिए यहाँ सूतक मान्य  नहीं होगा.   21 सितंबर के सूर्य ग्रहण के दौरान चंद्रमा सूर्य को आंशिक रूप से ढक लेगा।  ज्योतिष के अनुसार सूर्य ग्रहण का समय किसी भी प्रकार की साधना के लिए सबसे श्रेष्ठ समय होता है अतः जो लोग मंत्र साधना, तंत्र साधना, कुंडलिनी साधना करते हैं उनके लिए सिद्धि प्राप्त करने का सुनहरा अवसर होगा |  कब लगता है सूर्य ग्रहण ? जब पृथ्वी और सूर्य के बीच में चंद्रमा आ जाता है तब सूर्य का प्रकाश कुछ समय के लिए पृथ्वी पर नहीं पंहुच पाता है धरती पर अँधेरा छा जाता है | इसी को कहते हैं सूर्य ग्रहण |   Surya Grahan 2025 Suraya grahan Mai Kya kare Jyotish Anusar क्या 21 September का सूर्य ग्रहण भ...

Mangal Aur Shani Ka Samsaptak Yoga Ka Prabhav

Mangal Aur Shani Ka Samsaptak Yoga Ka Prabhav, मंगल और शनि के बीच समसप्तक योग का प्रभाव, बरती जाने वाली सावधानियां, 12 राशियों पर प्रभाव, ज्योतिष अपडेट, गोचर राशिफल ।

🔴 28 जुलाई से 13 सितंबर 2025 तक मंगल कन्या में और शनि मीन राशि में—समसप्तक योग का 12 राशियों पर प्रभाव

28 जुलाई से 13 सितंबर 2025 तक आकाश में एक विशेष ग्रह योग बना रहेगा जिसे समसप्तक योग कहा जाता है। इस दौरान मंगल ग्रह कन्या राशि में स्थित रहेगा और शनि ग्रह मीन राशि में—यानि ये दोनों एक-दूसरे के ठीक सामने (7वें भाव) में होंगे।

इस योग में दो विपरीत प्रकृति वाले ग्रह आमने-सामने रहेंगे —

  • 👉 मंगल: ऊर्जा, जोश, क्रोध और तीव्र निर्णय का प्रतिनिधि।
  • 👉 शनि: संयम, अनुशासन, धीमी गति और कर्मफल का कारक।

जब ये दोनों एक-दूसरे की दृष्टि में आते हैं, तो जीवन के कई क्षेत्रों में तनाव, टकराव या संघर्ष की स्थिति बनती है। लेकिन यह योग कर्म, साहस और आत्म-नियंत्रण के माध्यम से प्रगति का द्वार भी खोल सकता है।

Mangal Aur Shani Ka Samsaptak Yoga Ka Prabhav, मंगल और शनि के बीच समसप्तक योग का प्रभाव, बरती जाने वाली सावधानियां, 12 राशियों पर प्रभाव,
Mangal Aur Shani Ka Samsaptak Yoga Ka Prabhav

Watch Rashifal on Youtube in Hindi

🌟 आइए जानते हैं, इस समसप्तक योग का 12 राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा:

मेष राशि (Aries):

मंगल षष्ठ भाव में और शनि द्वादश में—यह समय स्वास्थ्य और शत्रु-विजय का है। हालांकि मानसिक तनाव और नींद में कमी हो सकती है। खर्च भी बढ़ सकते हैं।

नियमित व्यायाम करें, विदेश यात्रा और स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें।

वृषभ राशि (Taurus):

मंगल पंचम और शनि लाभ भाव में—प्रेम संबंधों में खटास, संतान से जुड़ी चिंता, लेकिन कार्यक्षेत्र में लाभ के संकेत।

भावनाओं पर नियंत्रण रखें और अति-उत्साह से बचें।

मिथुन राशि (Gemini):

मंगल चतुर्थ और शनि दशम भाव में—पारिवारिक और प्रोफेशनल जीवन में टकराव संभव। काम का दबाव अधिक रहेगा।

माता के स्वास्थ्य और संपत्ति पर ध्यान दें। संतुलन बनाये रखें।

कर्क राशि (Cancer):

मंगल तृतीय और शनि भाग्य भाव में—साहस और आत्मबल बढ़ेगा लेकिन भाग्य का साथ थोड़ा कम मिलेगा। यात्राएं थकाऊ हो सकती हैं।

बुजुर्गों और गुरुजनों की सलाह लेना शुभ रहेगा।

सिंह राशि (Leo):

मंगल द्वितीय और शनि अष्टम भाव में—वाणी में कटुता से रिश्तों में खटास आ सकती है। धन हानि की संभावना।

बोलने से पहले सोचें, निवेश से बचें।

कन्या राशि (Virgo):

मंगल लग्न में और शनि सप्तम में—रिश्तों और आत्म-विश्लेषण के लिए विशेष समय। जीवनसाथी या पार्टनर से तनाव संभव।

गुस्से और अहंकार पर नियंत्रण रखें, संवाद में पारदर्शिता रखें।

तुला राशि (Libra):

मंगल द्वादश और शनि षष्ठ भाव में—छिपे हुए शत्रु, कोर्ट-कचहरी और स्वास्थ्य समस्याएं उभर सकती हैं।

गलत संगती से बचें, दिनचर्या नियमित रखें।

वृश्चिक राशि (Scorpio):

मंगल आय और शनि पंचम भाव में—लव लाइफ और करियर में अस्थिरता। कार्यों में देर लेकिन सफलता मिलेगी।

धैर्य रखें, जल्दबाजी से बचें।

धनु राशि (Sagittarius):

मंगल दशम और शनि चतुर्थ भाव में—काम और पारिवारिक जीवन में तालमेल की कमी। ज़िम्मेदारियाँ बढ़ेंगी।

विवाद से बचें, शांतिपूर्वक निर्णय लें।

मकर राशि (Capricorn):

मंगल नवम और शनि तृतीय भाव में—साहस और बदलाव की इच्छा, लेकिन भाई-बहनों से मतभेद संभव।

छोटे भाई-बहनों को उपहार दें, संबंधों को मधुर बनाएं।

कुंभ राशि (Aquarius):

मंगल अष्टम और शनि द्वितीय भाव में—आर्थिक तनाव और पारिवारिक कलह संभव है। स्वास्थ्य पर ध्यान दें।

आवश्यक सावधानी बरतें।

मीन राशि (Pisces):

मंगल सप्तम और शनि लग्न में—रिश्तों में द्वंद्व, आत्म-संयम की परीक्षा।

शांत रहें, खुद पर भरोसा रखें।

पढ़िए अगस्त के ग्रह गोचर 


🔚 निष्कर्ष:

मंगल और शनि का समसप्तक योग ऊर्जा और अनुशासन के टकराव का प्रतीक है। यह काल चुनौतियों से भरा होगा, लेकिन यदि आप संयम और कर्म के साथ चलें, तो यह जीवन को नई दिशा देगा।

“जहाँ मंगल की तेज़ी और शनि की स्थिरता का संतुलन बैठ जाए, वहीं से उन्नति की असली शुरुआत होती है।”

🔮 क्या करें:

  • ❖ प्रतिदिन हनुमान चालीसा या शनि मंत्र का पाठ करें
  • ❖ मंगलवार व शनिवार व्रत रखें
  • ❖ लाल और काले रंग से जुड़ी वस्तुओं का दान करें

Mangal Aur Shani Ka Samsaptak Yoga Ka Prabhav, मंगल और शनि के बीच समसप्तक योग का प्रभाव, बरती जाने वाली सावधानियां, 12 राशियों पर प्रभाव, ज्योतिष अपडेट, गोचर राशिफल, Samsaptak Yoga between Mars and Saturn.

Comments

Popular posts from this blog

Kuldevi Strotram Lyrics

Kuldevi Strotram Lyrics, कुलदेवी स्त्रोत्रम पाठ के फायदे, कुलदेवी का आशीर्वाद कैसे प्राप्त करें, कुलदेवी को प्रसन्न करने का शक्तिशाली उपाय, Hindi Meanings of Lyrics | हिन्दुओं में कुलदेवी या कुलदेवता किसी भी परिवार के मुख्य देवी या देवता के रूप में पूजे जाते हैं और ये उस परिवार के मुख्य रक्षक भी होते हैं | किसी भी विशेष कार्य को करने से पहले कुलदेवी या कुलदेवता को पूजने की मान्यता है |  आज के समय में बहुत से परिवारों को उनके कुलदेवी या कुलदेवता का पता नहीं होता है अतः ऐसे में चिंता की बात नहीं है| कुलदेवी स्त्रोत्रम का पाठ करके और सुनके हम अपने कुलदेवी की कृपा प्राप्त कर सकते हैं |  Kuldevi Strotram Lyrics सुनिए YouTube में कुलदेवी स्त्रोत्रम  Lyrics of Kuldevi Strotram:  ॐ नमस्ते श्री  शिवाय  कुलाराध्या कुलेश्वरी।   कुलसंरक्षणी माता कौलिक ज्ञान प्रकाशीनी।।1   वन्दे श्री कुल पूज्या त्वाम् कुलाम्बा कुलरक्षिणी।   वेदमाता जगन्माता लोक माता हितैषिणी।।2   आदि शक्ति समुद्भूता त्वया ही कुल स्वामिनी।   विश्ववंद्यां महाघोरां त्राहिमाम्...

Mahakal Kawacham || महाकाल कवच

महाकाल कवच के बोल, महाकाल कवचम के क्या फायदे हैं। Mahakal Kavacham || Mahakaal Kavach || महाकाल कवच || इस लेख में अति गोपनीय, दुर्लभ, शक्तिशाली कवच के बारे में बता रहे हैं जिसे की विश्वमंगल कवच भी कहते हैं। कवच शब्द का शाब्दिक अर्थ है सुरक्षा करने वाला | जिस प्रकार एक योद्धा युद्ध में जाने से पहले ढाल या कवच धारण करता है, उसी प्रकार रोज हमारे जीवन में नकारात्मक्क शक्तियों से सुरक्षा के लिए महाकाल कवच ढाल बना देता है | जब भी कवच का पाठ किया जाता है तो देविक शक्ति दिन भर हमारी रक्षा करती है |  कवच के पाठ करने वाले को अनैतिक कार्यो से बचना चाहिए, मांसाहार नहीं करना चाहिए, किसी भी प्रकार की हिंसा नहीं करना चाहिए | Mahakal Kavach का विवरण रुद्रयामल तंत्र में दिया गया है और ये अमोघ रक्षा कवच है | Mahakal Kawacham || महाकाल कवच  किसी भी प्रकार के रोग, शोक, परेशानी आदि से छुटकारा दिला सकता है महाकाल कवच का पाठ | इस शक्तिशाली कवच के पाठ से हम बुरी शक्तीयो से बच सकते हैं, भूत बाधा, प्रेत बाधा आदि से बच सकते हैं | बच्चे, बूढ़े, जवान सभी के लिए ये एक बहुत ही फायदेमंद है | बाबा महाकाल ...

Bank Account kab khole jyotish anusar

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बैंक खाता कब खोलें, बैंक खाता खोलने के लिए सबसे अच्छा दिन चुनकर सौभाग्य कैसे बढ़ाएं,  when to open bank account as per astrology ,  ज्योतिष के अनुसार बैंक खाता खोलने का शुभ दिन, नक्षत्र और समय, ज्योतिष के अनुसार बचत कैसे बढ़ाएं? बैंक खाता खोलने का निर्णय एक बहुत ही महत्वपूर्ण निर्णय है और इसलिए इसे खोलने के लिए सबसे अच्छा दिन, सर्वश्रेष्ठ नक्षत्र, सर्वश्रेष्ठ महुरत चुनना अच्छा होता है । शुभ समय पर खोला गया बैंक खाता व्यक्ति को आसानी से संपन्न बना देता है |  बिना प्रयास के सफलता नहीं मिलती है अतः अगर हमे सफल होना है ,धनाढ्य बनना है, अमीर बनना है तो हमे सभी तरफ से प्रयास करना होगा, हमे स्मार्ट तरीके से काम करना होगा |  प्रत्येक व्यवसाय या कार्य में बैंक खाता आवश्यक है। चाहे आप एक कर्मचारी या उद्यमी हों चाहे आप एक व्यवसायी हों या एक गैर-कामकाजी व्यक्ति, बैंक खाता आमतौर पर हर एक के पास होता है। बैंक खाता हर एक के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि हम इस पर अपनी बचत रखते हैं, यह इसीलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि प्रत्येक लेनदेन बैंक खाते के माध्यम...