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Surya Ke Dhanu Rashi Mai Ane Ka Rashifal

Surya dhanu raashi me kab Pravesh Karenge 2025 में , सूर्य का धनु राशि में गोचर का राशिफल, जानिए क्या बदलाव होंगे १२ राशियों के जीवन में, लव राशिफल | 2025 में 16 दिसम्बर को तडके लगभग 4:05 पर सूर्य का गोचर धनु राशि में होगा |  ये सूर्य की मित्र राशि है और साथ ही धनु राशि के स्वामी गुरु है अतः ये गोचर बहुत अच्छे बदलाव लेके आएगा १२ राशी वालो के जीवन में.  सूर्य के धनु राशि में गोचर से खरमास भी प्रारंभ हो जाएगा | Surya ka dhanu rashi mai Gochar: सूर्य ग्रहों में राजा है और कुंडली में इसकी स्थति बहुत महत्त्व रखती है , एक अच्छा और शक्तिशाली सूर्य व्यक्ति को राजा बना सकता है वहीँ एक ख़राब सूर्य व्यक्ति को भिखारी तक बना सकता है | Surya ka dhanu rashi mai gochar kab hoga aur rashifal वैदिक ज्योतिष के अनुसार सूर्य से हम व्यक्तित्त्व देखते हैं, मान-सम्मान, जीवन में कोई लक्ष्य, , नेतृत्त्व क्षमता, पिता, स्टेटस, आत्मविश्वास, सरकारी नौकरी आदि को देखते हैं | www.jyotishsansar.com के इस लेख में हम देखेंगे की धनु संक्रांति का मेष , वृषभ, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक, धनु...

Mahavidya Stotram Ke Fayde

Mahavidya Stotram Ke Fayde , महाविद्या स्त्रोत्रम का पाठ क्यूँ करें ?, शक्ति-आत्मविश्वास और सफलता के लिए विशेष स्त्रोत पाठ, Mahavipreet pratyangira strotram |

Mahavidya Stotram: श्री मुण्ड-माला-तन्त्र में दिया गया "महा-विद्या-स्तोत्रम्" एक अद्भुत और शक्तिशाली स्त्रोत हैं जिसका पाठ करके हम देवी के विभिन्न रूपों की पूजा कर सकते हैं और उनकी कृपा प्राप्त कर सकते हैं | 

इस ब्रह्माण्ड के हर रूप और हर वस्तु में देवी की शक्ति समाहित हैं और इसीलिए इनका अस्तित्तव है | 

महाविद्या स्त्रोत्रम का पाठ करके हम देवी के विभिन्न रूपों और शक्तियों का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं |

उनके विभिन्न रूप हैं - महाकाली, माँ तारा, महा त्रिपुर सुंदरी, माता भुवनेश्वरी, माँ छिन्नमस्ता, देवी भैरवी, माँ धूमावती, माँ बगलामुखी, माँ मातंगी और माँ कमला। Mahavidya Stotram

Mahavidya Stotram Ke Fayde , महाविद्या स्त्रोत्रम का पाठ क्यूँ करें ?, शक्ति-आत्मविश्वास और सफलता के लिए विशेष स्त्रोत पाठ
Mahavidya Stotram Ke Fayde 


महाविद्या स्तोत्रम के पाठ से क्या लाभ मिलते हैं :

  1. देवी कृपा से भक्त को भौतिक और अध्यात्मिक जगत में सफलता प्राप्त होती है |
  2. शत्रुओ का नाश होता है |
  3. दुःख और दरिद्रता से छुटकारा मिलता है |
  4. रोगों से छुटकारा मिलता है | Mahavidya Stotram
  5. आत्मशक्ति का विकास होता है |
  6. जीवन और दुनिया के प्रति नई समझ प्राप्त होती है |

Lyrics of Mahavidya Stotra(महाविद्या स्तोत्र ):

नमस्ते चण्डिके । चण्डि । चण्ड-मुण्ड-विनाशिनि । नमस्ते कालिके । काल-महा-भय-विनाशिनी ।।।1।।

शिवे । रक्ष जगद्धात्रि । प्रसीद हरि-वल्लभे । प्रणमामि जगद्धात्रीं, जगत्-पालन-कारिणीम् ।।2।।

जगत्-क्षोभ-करीं विद्यां, जगत्-सृष्टि-विधायिनीम् । करालां विकटा घोरां, मुण्ड-माला-विभूषिताम् ।।3।।Mahavidya Stotram

हरार्चितां हराराध्यां, नमामि हर-वल्लभाम् । गौरीं गुरु-प्रियां गौर-वर्णालंकार-भूषिताम् ।।4।।

हरि-प्रियां महा-मायां, नमामि ब्रह्म-पूजिताम् । सिद्धां सिद्धेश्वरीं सिद्ध-विद्या-धर-गणैर्युताम् ।।5।।

मन्त्र-सिद्धि-प्रदां योनि-सिद्धिदां लिंग-शोभिताम् । प्रणमामि महा-मायां, दुर्गा दुर्गति-नाशिनीम् ।।6।।Mahavidya Stotram

उग्रामुग्रमयीमुग्र-तारामुग्र – गणैर्युताम् । नीलां नील-घन-श्यामां, नमामि नील-सुन्दरीम् ।।7।।

श्यामांगीं श्याम-घटिकां, श्याम-वर्ण-विभूषिताम् । प्रणामामि जगद्धात्रीं, गौरीं सर्वार्थ-साधिनीम् ।।8।।

विश्वेश्वरीं महा-घोरां, विकटां घोर-नादिनीम् । आद्यामाद्य-गुरोराद्यामाद्यानाथ-प्रपूजिताम् ।।9।।

श्रीदुर्गां धनदामन्न-पूर्णां पद्मां सुरेश्वरीम् । प्रणमामि जगद्धात्रीं, चन्द्र-शेखर-वल्लभाम् ।।10।।

त्रिपुरा-सुन्दरीं बालामबला-गण-भूषिताम् । शिवदूतीं शिवाराध्यां, शिव-ध्येयां सनातनीम् ।।11।।

सुन्दरीं तारिणीं सर्व-शिवा-गण-विभूषिताम् । नारायणीं विष्णु-पूज्यां, ब्रह्म-विष्णु-हर-प्रियाम् ।।12।।

सर्व-सिद्धि-प्रदां नित्यामनित्य-गण-वर्जिताम् । सगुणां निर्गुणां ध्येयामर्चितां सर्व-सिद्धिदाम् ।।13।।Mahavidya Stotram

विद्यां सिद्धि-प्रदां विद्यां, महा-विद्या-महेश्वरीम् । महेश-भक्तां माहेशीं, महा-काल-प्रपूजिताम् ।।14।।

प्रणमामि जगद्धात्रीं, शुम्भासुर-विमर्दिनीम् । रक्त-प्रियां रक्त-वर्णां, रक्त-वीज-विमर्दिनीम् ।।15।।

भैरवीं भुवना-देवीं, लोल-जिह्वां सुरेश्वरीम् । चतुर्भुजां दश-भुजामष्टा-दश-भुजां शुभाम् ।।16।।

त्रिपुरेशीं विश्व-नाथ-प्रियां विश्वेश्वरीं शिवाम् । अट्टहासामट्टहास-प्रियां धूम्र-विनाशिनीम् ।।17।।

 कमलां छिन्न-मस्तां च, मातंगीं सुर-सुन्दरीम् । षोडशीं विजयां भीमां, धूम्रां च बगलामुखीम् ।।18।।

सर्व-सिद्धि-प्रदां सर्व-विद्या-मन्त्र-विशोधिनीम् । प्रणमामि जगत्तारां, सारं मन्त्र-सिद्धये ।।19।।Mahavidya Stotram

।।फल-श्रुति।।

इत्येवं व वरारोहे, स्तोत्रं सिद्धि-करं प्रियम् । पठित्वा मोक्षमाप्नोति, सत्यं वै गिरि-नन्दिनि ।।1।।

कुज-वारे चतुर्दश्याममायां जीव-वासरे । शुक्रे निशि-गते स्तोत्रं, पठित्वा मोक्षमाप्नुयात् ।।2।।

त्रिपक्षे मन्त्र-सिद्धिः स्यात्, स्तोत्र-पाठाद्धि शंकरी । चतुर्दश्यां निशा-भागे, शनि-भौम-दिने तथा ।।3।।

निशा-मुखे पठेत् स्तोत्रं, मन्त्र-सिद्धिमवाप्नुयात् । केवलं स्तोत्र-पाठाद्धि, मन्त्र-सिद्धिरनुत्तमा । जागर्ति सततं चण्डी-स्तोत्र-पाठाद्-भुजंगिनी ।।4।।

।। श्रीमुण्ड-माला-तन्त्रे एकादश-पटले महा-विद्या-स्तोत्रम् ।।Mahavidya Stotram

पढ़िए शत्रु नाश के लिए काली स्तम्भन मंत्र कौन सा है ?

Mahavidya Stotram Ke Fayde , महाविद्या स्त्रोत्रम का पाठ क्यूँ करें ?, शक्ति-आत्मविश्वास और सफलता के लिए विशेष स्त्रोत पाठ, benefits of mahavidya strotram |

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