दिवाली के पहले पुष्य नक्षत्र का महत्त्व 2025, क्या करे सुख सम्पन्नता, भाग्योदय के लिए ज्योतिष अनुसार. Pushya Nakshatra 2025 october: हर साल कार्तिक महीने की अमावस्या को दीपावली मनाई जाती है हिन्दू पंचांग अनुसार और इससे पहले एक बहुत ही महत्त्वपूर्ण दिन आता है जिसे पुष्य योग कहते हैं. पुष्य नक्षत्र जब दिवाली के पहले आता है तो अति महत्त्वपूर्ण कार्यो के लिए योग बना देता है. ये व्यापारियों, गृहस्थो, नौकरीपेशा, विद्यार्थियों आदि के लिए शुभ होता है. pushya in diwali significance विद्वानों ने इस बात को माना है की इस शक्तिशाली दिन में किसी भी चीज को खरीदना बहुत महत्त्व रखता है. इस दिन ख़रीदा सोना सम्पन्नता देता है, इस दिन खरीदी किताबे विद्याप्रप्ती में सहयोग प्रदान करती है. इसी कारण व्यापारी वर्ग इस दिन बही खाते खरीदते नजर आते हैं. महिलाए अपने लिए आभूषण खरीदती है, कुछ लोग श्री यन्त्र की स्थापना करते हैं आदि. साल 2025 में दिवाली से पहले पुष्य नक्षत्र 14 और 15 October को रहेगा | पुष्य नक्षत्र 14 अक्टूबर को दिन में लगभग 11:55 से शुरू होगा और १५ तारीख को दिन में लगभग 12 बजे तक रहे...
शाबर मंत्र प्रयोग बेल पत्र के साथ, जानिए विशेष मंत्र जिसके द्वारा पूरी कर सकते हैं मनोकामना, पूरी करे इच्छाएं शिव पूजा और शाबर मंत्र से.
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Badha Nivaran Ke Liye Shabar Mantra |
ऐसा कहा जाता है की कलयुग में शाबर मंत्र बहुत ज्यादा प्रभावशाली होते हैं, इनके द्वारा मनोकामना बहुत जल्दी और आसानी से पूरी होती है. यहाँ आपके लिए एक आसान प्रयोग दे रहे हैं जो जीवन में से समस्याओं को ख़त्म करके जीवन को सफल बनाने में मदद करती है.
किसी भी शाबर मंत्र का प्रयोग करने से पहले उसका जप ग्रहण काल में या फिर दिवाली की रात्रि को या फिर नवरात्रियो में कर लेना चाहिए. इसके अलावा शाबर सिद्धि के विधि विधानों को भी अपनाना चाहिए किसी योग्य गुरु के सानिध्य में.
शाबर मंत्र:
“ॐ ह्रीं श्रीं ठं ठं ठं नमो भगवतेमम कार्य कार्याणि साधय साधय
मां रक्ष रक्ष शीघ्रनां
धनिनं कुरु कुरु हुं
फट श्रियम देहि, प्रज्ञां देहि,
ममापत्तिम निवारय निवारय स्वाहा |”
उपर्युक्त शाबर मंत्र की प्रयोग विधि:
अपने हाथ में ३ पत्तियों वाला बेल पत्र लेके ऊपर लिखी शाबर मंत्र को ७ बार जपे और फिर शिव लिंग पर चढ़ा दे और अपनी मनोकामना सिद्धि के लिए प्रार्थना करे. इस प्रयोग को शुक्ल पक्ष के पहले सोमवार से शुरू करे और कम से कम ४० दिन जरुर करे. इस प्रयोग को नियमित भी कर सकते हैं.
इस शाबर मंत्र के प्रयोग से अदृश्य बाधाओं का नाश होता है और सफलता के रास्ते खुलते हैं शिव कृपा से.
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