Skip to main content

Latest Astrology Updates in Hindi

Saptahik Rashifal

Saptahik Rashifal Aur Panchang, 28 जुलाई से 3 अगस्त  2024 तक की भविष्यवाणियां| प्रेम जीवन की भविष्यवाणी, आने वाले सप्ताह में किस राशि के जातकों को लाभ मिलेगा, आने वाले सप्ताह के महत्वपूर्ण दिन और राशिफल, जानें आने वाले सप्ताह में कितने सर्वार्थ सिद्धि योग और महत्वपूर्ण दिन मिलेंगे। आगामी साप्ताहिक सर्वार्थ सिद्धि योग: 28जुलाई को सूर्योदय से 3:34 दिन तक रहेगा सर्वार्थ सिद्धि योग | 30 जुलाई को सूर्योदय से 1:07 दिन तक रहेगा सर्वार्थ सिद्धी योग | 31 तारीख को सूर्योदय से रात्री अंत तक रहेगा सर्वार्थ सिद्धि योग | Saptahik Rashifal आइए अब जानते हैं कि आने वाले सप्ताह में हमें कौन से महत्वपूर्ण दिन मिलेंगे: पंचक 23 जुलाई मंगलवार को 12:07 दिन से शुरू होंगे और 27 तारीख को शाम 5:06 बजे तक रहेंगे | शीतला सप्तमी 27 को है | श्रावण सोमवार 29 को है। मंगला गौरी व्रत 30 जुलाई को है। कामिका एकादशी 31 जुलाई बुधवार को है। कृष्ण पक्ष प्रदोष व्रत 1 अगस्त गरुवार को है | शिव चतुर्दशी व्रत 2 तारीख शुक्रवार को है | आगामी सप्ताह का पूरा पंचांग और महूरत पढ़ें आइए अब जानते हैं 28 जुलाई से 03 अगस्त  २०२४  के बी

Gurunanak Jayanti Ka Mahattwa

गुरुनानक जयंती का महत्त्व, गुरुनानक जी के जन्म का ज्योतिष महत्त्व, जानिए गुरुनानकजी की कुछ सिखावनियां  

गुरुनानक देव जी ने सिख धर्म की स्थापना की थी और वे ही इनके पहले गुरु थे. इनका जन्म अप्रैल १४६९ को ननकाना साहिब में हुआ था जो की पाकिस्तान में है, उन्होंने इस संसार से २२ सितम्बर १५३९ को को विदा लिया, आखरी समय में वे करतारपुर, पाकिस्तान में थे. गुरुनानक जी की पत्नी का नाम माता सुलखनी था और उनके बछो के नाम थे श्री चाँद और लखमी दास. उनके पिता का नाम था श्री मेहता कालू और माता का नाम था माता तृप्ता.

गुरुनानक देव जी का जन्मदिन हमेशा कार्तिक पूर्णिमा को ही मनाया जाता है. तारीख को लेके विभिन्न मतभेद रहे हैं अतः कार्तिक पूर्णिमा को सभी ने स्वीकार किया है और पूरे विश्व में इस दिन सिख समाज बहुत उत्साह के साथ इनका जन्मदिन मनाता है.

गुरुनानक जी बहुमुखी प्रतिभा के धनि थे. वे एक दार्शनिक थे, वे सिद्ध योगी थे, एक सफल गृहस्थ थे, वे एक समाजसुधारक भी थे, ओजस्वी कवि थे, देशभक्त थे आदि.

गुरुनानकजी के सिद्धांत इतने सरल और स्पष्ट हैं की सिख धर्म के अलावा अन्य धर्म के लोग भी उनके सिखावनियो को अपना कर अपने जीवन को सफल बना रहे है.

इन्होने इसी जन्म में आने तप और अभ्यास से मोक्ष की प्राप्ति की और लोगो को भी सफल जीवन जीने के लिए प्रेरित किया.

सिख धर्म के लोग इनके जन्मदिन को गुरुद्वारा में बड़े हर्ष और उल्लास के साथ मनाते हैं. इस दिन पवित्र ग्रन्थ गुरु ग्रन्थ साहेब का अध्ययन भी किया जाता है.

इस दिन प्रभातफेरी भी निकाली जाती है जिसमे की लोग निशान को लेके चलते हैं, गुरु ग्रन्थ साहिब की पालकी को भी लेके लोग चलते हैं.

लोग कीर्तन भी करते हुए चलते हैं.

बड़े स्तर पर लंगर का आयोजन किया जाता है. 

इस दिन को “गुरु नानक जी के प्रकाश उत्सव” के नाम से भी जाना जाता है. सुबह करीब १:२० बजे गुरबानी गाई जाती है गुरूद्वारे में. माना जाता है की इसी समय उनका जन्म हुआ था. बच्चे, बूढ़े, जवान, सभी हर्षोल्लास से इस उत्सव को मनाते हैं. लोग कर सेवा में भी भाग लेते जिसके अंतर्गत भोजन प्रसादी खुद बनाते है और बांटते भी हैं.

नानकजी बचपन से ही बहुत दयालु थे, वे जरुरतमंदो की सहायता करते रहते थे हर समय. ऐसा भी कहा जाता है की वे कबीर जी से काफी प्रभावित थे.

गुरुनाक जी से जुड़ी कुछ कहानियां:

  • ऐसा माना जाता है की एक बार उन्होंने नहाने के लिए नदी में डूबकी लगाईं और गायब हो गए, उसके ३ दिन बाद वे प्रकट हुए.
  • एक बार वे मक्का गए जो मुस्लिम लोगो के लिए बहुत महत्त्व रखता है. वहां वे काबा की तरफ पैर करके सो रहे थे, काज़ी रुकान उद्द दीन ने जब ये देखा तो नाराज हो गए और उन्होंने नानकजी से पैरो को दुसरे दिशा में करने को कहा. नानक जी ने उनसे कहा की आप मेरे पैरो को उस दिशा में रख दीजिये जहा काबा न हो. काज़ी भयंकर गुस्से में आ गए और उन्होंने उनके पैरो को घुमाना शुरू किया, बहुत आश्चर्य की बात है की जैसे जैसे उनके पाँव घूमते उधर ही काबा नजर आता. 
गुरुनानक जी को सभी धर्मो का ज्ञान था और इसी कारण वे अपना समय पंडितो, मुल्लाहो, और अन्य विद्वानों के साथ बिताते थे. 

उन्होंने अपने मुख्य सिखाव्नीयो को गुरु ग्रन्थ साहिब में लिखा और लोगो को निर्देश दिया की उनकी पूजा कोई न करे परन्तु इस किताब में लिखे निर्देशों का पालन करे. इसी कारण गुरूद्वारे में गुरु ग्रन्थ साहिब का पाठ होता रहता है.

आइये जानते हैं गुरुनानक देवजी के बारे में कुछ बाते:

  • गुरुनानक देवजी  एक उच्च कोटि के संत थे. 
  • वे एक महान कवी भी थे. 
  • वे एक बहुत ही बड़े दार्शनिक थे.
  • वे एक महान योद्धा थे. 
  • वे एक महान कर्मयोगी थे.
  • गुरुनानक देवजी  एक दृष्टा थे.
  • गुरुनानक देवजी एक अध्यात्मिक गुरु थे और उनकी सिखावनियाँ सरल, शक्तिशाली और व्यवहारिक हैं. कोई भी उनके सिखावनियों को अपना के अपने जीवन को धन्य कर सकता है. 
  • नानकजी साहस और अध्यात्मिक शक्ति के प्रतिक है. उन्होंने बताया की हमे अपने जीवन में हर स्थिति का सामना बहादुरी से करना चाहिए. 

गुरुनानक देवजी का जन्मदिन और ज्योतिष :

इनका जन्मदिन कार्तिक पूनम को मनाया जाता है. ये दिन ज्योतिष के हिसाब से भी बहुत महत्त्व रखता है. इस दिन जीवन को खुशाल बनाने के लिए बहुत से पूजा पाठ किये जाते हैं. ये दिन सकारात्मक ऊर्जा से भरा रहता है. चन्द्रमा अपने पूर्ण आभा में प्रकाशित होता है. इस दिन मंत्र सिद्धि हो सकती है. इस दिन धन की बाधा को दूर करने के लिए भी क्रियाएं होती है. इस दिन किया दान बहुत पूण्य देता है.

गुरुनानक जी के दस सिद्धांत :

गुरूनानक देव जी ने अपने अनु‍यायियों को जीवन के दस सिद्धांत दिए थे। यह सिद्धांत आज भी प्रासंगिक है।
  1. ईश्वर एक है।
  2. सदैव एक ही ईश्वर की उपासना करो।
  3. जगत का कर्ता सब जगह और सब प्राणी मात्र में मौजूद है।
  4. सर्वशक्तिमान ईश्वर की भक्ति करने वालों को किसी का भय नहीं रहता।
  5. ईमानदारी से मेहनत करके उदरपूर्ति करना चाहिए।
  6.  बुरा कार्य करने के बारे में न सोचें और न किसी को सताएँ।
  7. सदा प्रसन्न रहना चाहिए। ईश्वर से सदा अपने को क्षमाशीलता माँगना चाहिए।
  8. मेहनत और ईमानदारी से कमाई करके उसमें से जरूरतमंद को भी कुछ देना चाहिए।
  9. सभी स्त्री और पुरुष बराबर हैं।
  10. भोजन शरीर को जिंदा रखने के लिए जरूरी है पर लोभ-लालच व संग्रहवृत्ति बुरी है।
आइये मनाये गुरुनानक देव के जन्मदिन को साथ में मिलके और अपनाएँ उनके शिक्षाओं को.

गुरुनानक जयंती का महत्त्व, गुरुनानक जी के जन्म का ज्योतिष महत्त्व, जानिए गुरुनानकजी की कुछ सिखावनियां

Comments

Popular posts from this blog

84 Mahadev Mandir Ke Naam In Ujjain In Hindi

उज्जैन मंदिरों का शहर है इसिलिये अध्यात्मिक और धार्मिक महत्त्व रखता है विश्व मे. इस महाकाल की नगरी मे ८४ महादेवो के मंदिर भी मौजूद है और विशेष समय जैसे पंचक्रोशी और श्रवण महीने मे भक्तगण इन मंदिरों मे पूजा अर्चना करते हैं अपनी मनोकामना को पूरा करने के लिए. इस लेख मे उज्जैन के ८४ महादेवो के मंदिरों की जानकारी दी जा रही है जो निश्चित ही भक्तो और जिज्ञासुओं के लिए महत्त्व रखती है.  84 Mahadev Mandir Ke Naam In Ujjain In Hindi आइये जानते हैं उज्जैन के ८४ महादेवो के मंदिरों के नाम हिंदी मे : श्री अगस्तेश्वर महादेव मंदिर - संतोषी माता मंदिर के प्रांगण मे. श्री गुहेश्वर महादेव मंदिर- राम घाट मे धर्मराज जी के मंदिर मे के पास. श्री ढून्देश्वर महादेव - राम घाट मे. श्री अनादी कल्पेश्वर महादेव- जूना महाकाल मंदिर के पास श्री दम्रुकेश्वर महादेव -राम सीढ़ियों के पास , रामघाट पे श्री स्वर्ण ज्वालेश्वर मंदिर -धुंधेश्वर महादेव के ऊपर, रामघाट पर. श्री त्रिविश्तेश्वर महादेव - महाकाल सभा मंडप के पास. श्री कपालेश्वर महादेव बड़े पुल के घाटी पर. श्री स्वर्न्द्वार्पलेश्वर मंदिर- गढ़ापुलिया

om kleem kaamdevay namah mantra ke fayde in hindi

कामदेव मंत्र ओम क्लीं कामदेवाय नमः के फायदे,  प्रेम और आकर्षण के लिए मंत्र, शक्तिशाली प्रेम मंत्र, प्रेम विवाह के लिए सबसे अच्छा मंत्र, सफल रोमांटिक जीवन के लिए मंत्र, lyrics of kamdev mantra। कामदेव प्रेम, स्नेह, मोहक शक्ति, आकर्षण शक्ति, रोमांस के देवता हैं। उसकी प्रेयसी रति है। उनके पास एक शक्तिशाली प्रेम अस्त्र है जिसे कामदेव अस्त्र के नाम से जाना जाता है जो फूल का तीर है। प्रेम के बिना जीवन बेकार है और इसलिए कामदेव सभी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। उनका आशीर्वाद जीवन को प्यार और रोमांस से भरा बना देता है। om kleem kaamdevay namah mantra ke fayde in hindi कामदेव मंत्र का प्रयोग कौन कर सकता है ? अगर किसी को लगता है कि वह जीवन में प्रेम से वंचित है तो कामदेव का आह्वान करें। यदि कोई एक तरफा प्रेम से गुजर रहा है और दूसरे के हृदय में प्रेम की भावना उत्पन्न करना चाहता है तो इस शक्तिशाली कामदेव मंत्र से कामदेव का आह्वान करें। अगर शादी के कुछ सालों बाद पति-पत्नी के बीच प्यार और रोमांस कम हो रहा है तो इस प्रेम मंत्र का प्रयोग जीवन को फिर से गर्म करने के लिए करें। यदि शारीरिक कमजोरी

Mrityunjay Sanjeevani Mantra Ke Fayde

MRITYUNJAY SANJEEVANI MANTRA , मृत्युंजय संजीवनी मन्त्र, रोग, अकाल मृत्यु से रक्षा करने वाला मन्त्र |  किसी भी प्रकार के रोग और शोक से बचाता है ये शक्तिशाली मंत्र |  रोग, बुढ़ापा, शारीरिक कष्ट से कोई नहीं बचा है परन्तु जो महादेव के भक्त है और जिन्होंने उनके मृत्युंजय मंत्र को जागृत कर लिए है वे सहज में ही जरा, रोग, अकाल मृत्यु से बच जाते हैं |  आइये जानते हैं mrityunjaysanjeevani mantra : ऊं मृत्युंजय महादेव त्राहिमां शरणागतम जन्म मृत्यु जरा व्याधि पीड़ितं कर्म बंधनः।। Om mriyunjay mahadev trahimaam sharnagatam janm mrityu jara vyadhi peeditam karm bandanah || मृत्युंजय संजीवनी मंत्र का हिंदी अर्थ इस प्रकार है : है कि हे मृत्यु को जीतने वाले महादेव मैं आपकी शरण में आया हूं, मेरी रक्षा करें। मुझे मृत्यु, वृद्धावस्था, बीमारियों जैसे दुख देने वाले कर्मों के बंधन से मुक्त करें।  Mrityunjay Sanjeevani Mantra Ke Fayde आइये जानते हैं मृत्युंजय संजीवनी मंत्र के क्या क्या फायदे हैं : भोलेनाथ दयालु है कृपालु है, महाकाल है अर्थात काल को भी नियंत्रित करते हैं इसीलिए शिवजी के भक्तो के लिए कु