Sri Venugopalashtkam Lyrics with Meaning in Hindi, श्री वेणुगोपालाष्टकम्, क्या फायदे हैं वेनुगोपक अष्टकम पाठ के. "श्री वेणुगोपालाष्टकम् (Śrī Vēṇugōpālāṣṭakam)" में भगवान श्रीकृष्ण के वेणुगोपाल रूप की स्तुति की गई है । यह स्तोत्र उनकी दिव्य लीलाओं, सौंदर्य और करुणा का वर्णन करता है और भक्तों को उनके चरणों में समर्पित होने की प्रेरणा देता है।। Sri Venugopalashtkam Lyrics with Meaning in Hindi Śrī Vēṇugōpālāṣṭakam पाठ के लाभ : श्रीवेणुगोपालाष्टकम् का पाठ करने से आध्यात्मिक, भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक लाभ मिलते हैं। इसके नियमित पाठ से भगवान कृष्ण की कृपा प्राप्त होती है. पापों से मुक्ति मिलती है आंतरिक शुद्धता आती है। ऐसा माना जाता है कि यह भक्त को अटूट भक्ति विकसित करके **मुक्ति (मोक्ष)** की ओर बढ़ने में सहायता करता है। इसके पाठ से भगवान श्री कृष्ण की कृपा से नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा होती है. शांति और स्थिरता बढती है. इसका पाठ भगवान कृष्ण के साथ भावनात्मक जुड़ाव को गहरा करता है, बिना शर्त प्यार, समर्पण और विनम्रता को बढ़ावा देता है। जीवन में खुशी और ...
गुरुनानक जयंती का महत्त्व, गुरुनानक जी के जन्म का ज्योतिष महत्त्व, जानिए गुरुनानकजी की कुछ सिखावनियां
गुरुनानक देव जी ने सिख धर्म की स्थापना की थी और वे ही इनके पहले गुरु थे. इनका जन्म अप्रैल १४६९ को ननकाना साहिब में हुआ था जो की पाकिस्तान में है, उन्होंने इस संसार से २२ सितम्बर १५३९ को को विदा लिया, आखरी समय में वे करतारपुर, पाकिस्तान में थे. गुरुनानक जी की पत्नी का नाम माता सुलखनी था और उनके बछो के नाम थे श्री चाँद और लखमी दास. उनके पिता का नाम था श्री मेहता कालू और माता का नाम था माता तृप्ता.
गुरुनानक देव जी का जन्मदिन हमेशा कार्तिक पूर्णिमा को ही मनाया जाता है. तारीख को लेके विभिन्न मतभेद रहे हैं अतः कार्तिक पूर्णिमा को सभी ने स्वीकार किया है और पूरे विश्व में इस दिन सिख समाज बहुत उत्साह के साथ इनका जन्मदिन मनाता है.
गुरुनानक जी बहुमुखी प्रतिभा के धनि थे. वे एक दार्शनिक थे, वे सिद्ध योगी थे, एक सफल गृहस्थ थे, वे एक समाजसुधारक भी थे, ओजस्वी कवि थे, देशभक्त थे आदि.
गुरुनानकजी के सिद्धांत इतने सरल और स्पष्ट हैं की सिख धर्म के अलावा अन्य धर्म के लोग भी उनके सिखावनियो को अपना कर अपने जीवन को सफल बना रहे है.
इन्होने इसी जन्म में आने तप और अभ्यास से मोक्ष की प्राप्ति की और लोगो को भी सफल जीवन जीने के लिए प्रेरित किया.
सिख धर्म के लोग इनके जन्मदिन को गुरुद्वारा में बड़े हर्ष और उल्लास के साथ मनाते हैं. इस दिन पवित्र ग्रन्थ गुरु ग्रन्थ साहेब का अध्ययन भी किया जाता है.
इस दिन प्रभातफेरी भी निकाली जाती है जिसमे की लोग निशान को लेके चलते हैं, गुरु ग्रन्थ साहिब की पालकी को भी लेके लोग चलते हैं.
लोग कीर्तन भी करते हुए चलते हैं.
बड़े स्तर पर लंगर का आयोजन किया जाता है.
इस दिन को “गुरु नानक जी के प्रकाश उत्सव” के नाम से भी जाना जाता है. सुबह करीब १:२० बजे गुरबानी गाई जाती है गुरूद्वारे में. माना जाता है की इसी समय उनका जन्म हुआ था. बच्चे, बूढ़े, जवान, सभी हर्षोल्लास से इस उत्सव को मनाते हैं. लोग कर सेवा में भी भाग लेते जिसके अंतर्गत भोजन प्रसादी खुद बनाते है और बांटते भी हैं.
नानकजी बचपन से ही बहुत दयालु थे, वे जरुरतमंदो की सहायता करते रहते थे हर समय. ऐसा भी कहा जाता है की वे कबीर जी से काफी प्रभावित थे.
गुरुनाक जी से जुड़ी कुछ कहानियां:
- ऐसा माना जाता है की एक बार उन्होंने नहाने के लिए नदी में डूबकी लगाईं और गायब हो गए, उसके ३ दिन बाद वे प्रकट हुए.
- एक बार वे मक्का गए जो मुस्लिम लोगो के लिए बहुत महत्त्व रखता है. वहां वे काबा की तरफ पैर करके सो रहे थे, काज़ी रुकान उद्द दीन ने जब ये देखा तो नाराज हो गए और उन्होंने नानकजी से पैरो को दुसरे दिशा में करने को कहा. नानक जी ने उनसे कहा की आप मेरे पैरो को उस दिशा में रख दीजिये जहा काबा न हो. काज़ी भयंकर गुस्से में आ गए और उन्होंने उनके पैरो को घुमाना शुरू किया, बहुत आश्चर्य की बात है की जैसे जैसे उनके पाँव घूमते उधर ही काबा नजर आता.
उन्होंने अपने मुख्य सिखाव्नीयो को गुरु ग्रन्थ साहिब में लिखा और लोगो को निर्देश दिया की उनकी पूजा कोई न करे परन्तु इस किताब में लिखे निर्देशों का पालन करे. इसी कारण गुरूद्वारे में गुरु ग्रन्थ साहिब का पाठ होता रहता है.
आइये जानते हैं गुरुनानक देवजी के बारे में कुछ बाते:
- गुरुनानक देवजी एक उच्च कोटि के संत थे.
- वे एक महान कवी भी थे.
- वे एक बहुत ही बड़े दार्शनिक थे.
- वे एक महान योद्धा थे.
- वे एक महान कर्मयोगी थे.
- गुरुनानक देवजी एक दृष्टा थे.
- गुरुनानक देवजी एक अध्यात्मिक गुरु थे और उनकी सिखावनियाँ सरल, शक्तिशाली और व्यवहारिक हैं. कोई भी उनके सिखावनियों को अपना के अपने जीवन को धन्य कर सकता है.
- नानकजी साहस और अध्यात्मिक शक्ति के प्रतिक है. उन्होंने बताया की हमे अपने जीवन में हर स्थिति का सामना बहादुरी से करना चाहिए.
गुरुनानक देवजी का जन्मदिन और ज्योतिष :
इनका जन्मदिन कार्तिक पूनम को मनाया जाता है. ये दिन ज्योतिष के हिसाब से भी बहुत महत्त्व रखता है. इस दिन जीवन को खुशाल बनाने के लिए बहुत से पूजा पाठ किये जाते हैं. ये दिन सकारात्मक ऊर्जा से भरा रहता है. चन्द्रमा अपने पूर्ण आभा में प्रकाशित होता है. इस दिन मंत्र सिद्धि हो सकती है. इस दिन धन की बाधा को दूर करने के लिए भी क्रियाएं होती है. इस दिन किया दान बहुत पूण्य देता है.
गुरुनानक जी के दस सिद्धांत :
गुरूनानक देव जी ने अपने अनुयायियों को जीवन के दस सिद्धांत दिए थे। यह सिद्धांत आज भी प्रासंगिक है।
- ईश्वर एक है।
- सदैव एक ही ईश्वर की उपासना करो।
- जगत का कर्ता सब जगह और सब प्राणी मात्र में मौजूद है।
- सर्वशक्तिमान ईश्वर की भक्ति करने वालों को किसी का भय नहीं रहता।
- ईमानदारी से मेहनत करके उदरपूर्ति करना चाहिए।
- बुरा कार्य करने के बारे में न सोचें और न किसी को सताएँ।
- सदा प्रसन्न रहना चाहिए। ईश्वर से सदा अपने को क्षमाशीलता माँगना चाहिए।
- मेहनत और ईमानदारी से कमाई करके उसमें से जरूरतमंद को भी कुछ देना चाहिए।
- सभी स्त्री और पुरुष बराबर हैं।
- भोजन शरीर को जिंदा रखने के लिए जरूरी है पर लोभ-लालच व संग्रहवृत्ति बुरी है।
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