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Hartalika Teej Ka Mahattwa In Hindi

हरतालिका तीज का त्यौहार कब है 2025 में , तीज पूजा का असान तरीका, hartalika teej significance in hindi, क्या फायदे है हरतालिका तीज का , हरतालिका व्रत और कथा, क्या करे मनोकामना पूर्ण करने के लिए हरतालिका तीज को. Hartalika teej 2025: भारत में भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष तृतीय तिथि को एक और महत्त्वपूर्ण त्यौहार मनाया जाता है जिसे हरतालिका तीज कहते है | ये त्यौहार कुंवारी और शादीसुदा महिलाए दोनों के लिए महत्त्व रखता है. कुंवारी कन्याएं और शादी सुदा महिलायें इस त्यौहार को बहुत ही उत्साह से मनाती है.  Hartalika Teej Ka Mahattwa In Hindi Haritalika Teej 2025 Mahurat:  हिन्दू पंचांग अनुसार हरतालिका तीज भाद्रपद शुक्लपक्ष की तृतीया तिथि को आती है | सन 2025 में हरतालिका तीज 26August मंगलवार को मनेगा | इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखकर अपने पति की लम्बी आयु होने, उनके सुखी जीवन और आरोग्यता के लिए व्रत रखती हैं. Watch Details on YouTube  2025 हरतालिका तीज व्रत: शुभ मुहूर्त: पंचांग के अनुसार, भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 25 August सोमवार को दिन में लगभग 12:...

Putrada Ekadashi Vrat Ka Jyotish Mahattw

🌼 5 अगस्त 2025 – पुत्रदा एकादशी का महत्त्व और पूजन विधि 🌼

पुत्रदा एकादशी, जो इस वर्ष 5 अगस्त 2025, मंगलवार को आ रही है, हिन्दू धर्म में अत्यंत पुण्यदायी और फलदायी मानी जाती है। यह एकादशी विशेष रूप से संतान की प्राप्ति, संतान की उन्नति, तथा पारिवारिक सुख-शांति के लिए की जाती है।

इस एकादशी का नाम ही इसके उद्देश्य को दर्शाता है – 'पुत्रदा', अर्थात ‘पुत्र देने वाली’। विशेष रूप से वे दंपत्ति जो संतान सुख से वंचित हैं या संतान की दीर्घायु, बुद्धिमत्ता एवं उन्नति के लिए चिंतित रहते हैं, उनके लिए यह व्रत अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है।

जो भी दंपत्ति स्वस्थ संतान चाहते हैं, उन्हें इस दिन विशेष रूप से पूजा करनी चाहिए। हिन्दुओं की मान्यता है कि श्राद्ध कर्म पुत्र द्वारा ही किया जाता है, परन्तु आज के समय में बेटियां भी अपनी जिम्मेदारियों को पूरी निष्ठा से निभा रही हैं।

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Putrada Ekadashi Vrat Ka Jyotish Mahattw

🌙 पुत्रदा एकादशी 2025 तिथि व समय

  • एकादशी तिथि प्रारंभ: 4 अगस्त 2025, 11:43 AM
  • एकादशी तिथि समाप्त: 5 अगस्त 2025, 01:13 PM
  • व्रत तिथि: 5 अगस्त 2025 (मंगलवार)
  • पारण समय: 6 अगस्त 2025, 05:45 AM – 08:21 AM

🔆 पूजा की कुछ खास बातें:

  • पति-पत्नी दोनों यह व्रत रख सकते हैं।
  • उपवास में पूर्ण ब्रह्मचर्य का पालन करें।
  • दिनभर व रात्रि को अन्न ग्रहण न करें।
  • भगवान विष्णु की पंचोपचार पूजा करें।
  • विष्णु सहस्त्रनाम, मंत्र जाप, भजन-कीर्तन करें।
  • संतान सुख की प्राप्ति हेतु प्रार्थना करें।

✨ पुत्रदा एकादशी का धार्मिक महत्व

  1. संतान सुख की प्राप्ति: व्रत के प्रभाव से संतान योग बनता है।
  2. संतान की उन्नति: बच्चों को स्वास्थ्य, दीर्घायु, सद्बुद्धि मिलती है।
  3. पुण्य लाभ: पापों से मुक्ति, मोक्ष की प्राप्ति होती है।
  4. पूर्व जन्म के दोषों से मुक्ति: यह व्रत पूर्व जन्म के दोषों को शांत करता है।

🛐 व्रत विधि (पूजन विधि)

  1. व्रत की पूर्व रात्रि को सात्विक भोजन करें।
  2. प्रातः स्नान कर व्रत का संकल्प लें।
  3. भगवान विष्णु की प्रतिमा पर तुलसी, पीले पुष्प, चंदन अर्पित करें।
  4. ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र या विष्णु सहस्रनाम का जाप करें।
  5. दिनभर उपवास रखें – फलाहार या निर्जल।
  6. रात्रि को जागरण करें – भजन, कथा, कीर्तन करें।
  7. द्वादशी को ब्राह्मण को दान देकर व्रत का पारण करें।

📖 पौराणिक कथा (संक्षेप में)

पद्म पुराण के अनुसार, भद्रावती के राजा Suketuman और रानी शैव्या संतानहीन थे। राजा ने पुत्र प्राप्ति के लिए वन में मुनियों से पुत्रदा एकादशी के बारे में जानकर व्रत किया और उन्हें योग्य पुत्र की प्राप्ति हुई।

🌺 विशेष टिप्स

  • भगवान विष्णु को तुलसी पत्र अर्पित अवश्य करें।
  • पूजा करते समय संतान सुख हेतु संकल्प लें।
  • पितृ दोष या संतान बाधा योग वालों के लिए यह दिन विशेष फलदायी है।

🌌 गोचर में ग्रहों की स्थिति (5 अगस्त 2025)

  • सूर्य अपने सम राशि कर्क में रहेंगे |
  • चन्द्रमा अपने नीच राशि वृश्चिक में रहेंगे |
  • मंगल अपने शत्रु राशि कन्या में रहेंगे |
  • बुध अपने शत्रु राशि कर्क में रहेंगे |
  • गुरु अपने शत्रु राशि मिथुन में रहेंगे |
  • शुक्र अपने मित्र राशि मिथुन में रहेंगे |
  • शनि अपने सम राशि मीन में रहेंगे |
  • राहु अपने मित्र राशि कुम्भ में रहेंगे |
  • केतु अपने शत्रु राशि सिंह में रहेंगे |
  • गोचर कुंडली में बुधादित्य राज योग बना रहेगा. 

🔍 क्या करें संतान सुख के लिए?

  • अपनी कुंडली किसी योग्य ज्योतिषाचार्य से दिखाएं।
  • संतान सुख हेतु विशेष पूजा, रत्न या मन्त्रों का सहारा लें।
  • पितृ दोष, संतान बाधा योग का समाधान जानें।

❓ अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

  • Q1. पुत्रदा एकादशी साल में कितनी बार आती है?
    👉 दो बार – पौष और श्रावण शुक्ल पक्ष।
  • Q2. क्या यह व्रत केवल संतानहीन लोग ही करें?
    👉 नहीं, सभी कर सकते हैं संतान की भलाई हेतु।
  • Q3. क्या व्रत में फलाहार किया जा सकता है?
    👉 हाँ, फल, दूध, साबूदाना आदि लें।
  • Q4. पुत्रदा एकादशी की पूजा किस देवता की होती है?
    👉 भगवान विष्णु की।
  • Q5. क्या महिलाएं और पुरुष दोनों यह व्रत कर सकते हैं?
    👉 हां, दोनों कर सकते हैं संतान सुख के लिए।

🙏 निष्कर्ष

5 अगस्त 2025 की पुत्रदा एकादशी एक दुर्लभ और शुभ अवसर है, जो संतान सुख की प्राप्ति और पारिवारिक समृद्धि के लिए अत्यंत फलदायी है। श्रद्धा और भक्ति के साथ भगवान विष्णु की आराधना करें और जीवन को सुखमय बनाएं।

🌸 जय श्री विष्णु 🌸

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