दिवाली के पहले पुष्य नक्षत्र का महत्त्व 2024, क्या करे सुख सम्पन्नता, भाग्योदय के लिए ज्योतिष अनुसार. हर साल कार्तिक महीने की अमावस्या को दीपावली आती है हिन्दू पंचांग अनुसार और इससे पहले एक बहुत ही महत्त्वपूर्ण दिन आता है जिसे पुष्य योग कहते हैं. पुष्य नक्षत्र जब दिवाली के पहले आता है तो अति महत्त्वपूर्ण कार्यो के लिए योग बना देता है. ये व्यापारियों, गृहस्थो, नौकरीपेशा, विद्यार्थियों आदि के लिए शुभ होता है. pushya in diwali significance विद्वानों ने इस बात को माना है की इस शक्तिशाली दिन में किसी भी चीज को खरीदना बहुत महत्त्व रखता है. इस दिन ख़रीदा सोना सम्पन्नता देता है, इस दिन खरीदी किताबे विद्याप्रप्ती में सहयोग प्रदान करती है. इसी कारण व्यापारी वर्ग इस दिन बही खाते खरीदते नजर आते हैं. महिलाए अपने लिए आभूषण खरीदती है, कुछ लोग श्री यन्त्र की स्थापना करते हैं आदि. साल 2024 में दिवाली से पहले पुष्य नक्षत्र 24 और 25 October को रहेगा | पुष्य नक्षत्र 24 तारीख बृहस्पतिवार को प्रातः लगभग 6:16 से शुरू होगा और 25 तारीख को प्रातः लगभग 7:40 बजे तक रहेगा | Watch Video Here आ
भय क्या है, क्यों लगता है डर, कैसे बाहर आयें डर से, जानिए ज्योतिषीय उपाय डर से बाहर आने के लिए.
भय हमारे जीवन में बहुत रुकावट पैदा करता है, हम बहुत से निर्णय इसीलिए नहीं ले पाते है क्यूंकि डर लगता है. भय एक ऐसा कीड़े की तरह है जो की शारीर में रहके अन्दर से खाता जाता है. डर एक धीमा जहर जैसे हमारे ऊपर असर डालता है अतः ये बहुत जरुरी है की हम इससे जल्द से जल्द बाहर आयें.
Bhay Se Kaise Chutkaara Paaye Jyotish Ke Madhyam Se |
इस ज्योतिषीय लेख में हम जानेंगे की भय से कैसे छुटकारा पायें और कैसे जीयें बेहतरीन जीवन.
भय क्या है ?
मेरे हिसाब से भय एक प्रकार का नकारात्मक अह्सास है जो की हमे किसी काम को अच्छी तरह से करने से रोक देता है. भय के कारण व्यक्ति अंतर्मुखी हो जाता है और धीरे धीरे अवसादग्रस्त भी हो जाता है. अतः किसी भी प्रकार के भय को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.
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आइये जानते हैं की कैसे भय से छुटकारा पाया जा सकता है ज्योतिषीय उपायों द्वारा?
- डर से बाहर आने के लिए डर को समझना जरुरी होता है और फिर हमे अपने आत्मविश्वास को बढ़ाना होता है, अपने शक्तियों को जानना होता है.
- दूसरा तरीका है की हनुमान कवच धारण करके हम अपने आपको नकारात्मक उर्जा से बचा सकते हैं.
- रोज हनुमान चालीसा का पाठ बोल के करने से भी लाभ होता है.
- अमोघ शिव कवच का पाठ भी भय से मुक्त करता है.
- अगर शिव तांडव स्त्रोत को जोर से पढ़ा जाए या सुना जाए तो भी डर जाता रहता है.
- राम रक्षा स्त्रोत भी एक अच्छा तरीका है भय से मुक्ति के लिए.
- इसके अलावा कुंडली में जो ग्रह भय उत्पन्न कर रहा हो उसके हिसाब से भी ज्योतिष से उपाय करवाना चाहिए. read more bout अपने भय, डर, चिंता से कैसे मुक्ति पायें आसानी से
डर जातक के जीवन को नरक जैसा बना देता है, भय जीवन को जहन्नुम बना देता है और असफलता का एक बड़ा कारण होता है. इससे बाहर आने के लिए प्रयास अतिशीघ्र करना चाहिए.
अपने आपको शक्तिशाली बनाएं, अपने आपको निडर बनाए, बढ़ाए अपनी आत्म शक्ति को और जी लीजिये सफल जीवन.
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