देव शयनी एकादशी कब है 2025 में , पद्मा एकादशी , हरी शयनी एकादशी किसको कहते है, क्या करे देव शयनी एकादशी को सफलता के लिए, जानिए ग्रहों की स्थिति . Devshayani Ekadashi 2025: अषाढ़ शुक्ल पक्ष का ग्यारहवां दिन बहुत ख़ास होता है भारत मे विशेषतः क्यूंकि मान्यता के अनुसार इस दिन भगवान् विष्णु क्षीर सागर मे सोने के लिए चले जाते हैं. अलग अलग प्रान्तों मे अषाढ़ मास के ग्यारस को अलग लग नामो से जाना जाता है जैसे पद्मा एकादशी, प्रथमा एकादशी, हरी शयनी एकादशी आदि. इस पुरे दिन और रात भक्त गण भगवान् विष्णु की पूजा और आराधना मे लगे रहते हैं. इसी दिन चातुर्मास की शुरुआत भी होती है अर्थात इस दिन से ४ महीने तक साधू संत विशेष पूजा आराधना करते हैं और कहीं जाते आते भी नहीं है. Watch Video here वर्ष 2025 मे हरी शयनी एकादशी 6 जुलाई को है| मान्यता के अनुसार पद्मा एकादशी की शुरुआत राजा मानदाता से जुडी है. इन्होने अंगीरा ऋषि के कहने से अषाढ़ मास के ग्यारस को व्रत और विशेष पूजा की जिससे की इनके राज्य मे वर्षा हुई और सम्पन्नता आई. तभी से लोग भी इस दिन को मनाने लगे. Devshaya...
भय क्या है, क्यों लगता है डर, कैसे बाहर आयें डर से, जानिए ज्योतिषीय उपाय डर से बाहर आने के लिए.
भय हमारे जीवन में बहुत रुकावट पैदा करता है, हम बहुत से निर्णय इसीलिए नहीं ले पाते है क्यूंकि डर लगता है. भय एक ऐसा कीड़े की तरह है जो की शारीर में रहके अन्दर से खाता जाता है. डर एक धीमा जहर जैसे हमारे ऊपर असर डालता है अतः ये बहुत जरुरी है की हम इससे जल्द से जल्द बाहर आयें.
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Bhay Se Kaise Chutkaara Paaye Jyotish Ke Madhyam Se |
इस ज्योतिषीय लेख में हम जानेंगे की भय से कैसे छुटकारा पायें और कैसे जीयें बेहतरीन जीवन.
भय क्या है ?
मेरे हिसाब से भय एक प्रकार का नकारात्मक अह्सास है जो की हमे किसी काम को अच्छी तरह से करने से रोक देता है. भय के कारण व्यक्ति अंतर्मुखी हो जाता है और धीरे धीरे अवसादग्रस्त भी हो जाता है. अतः किसी भी प्रकार के भय को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.
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आइये जानते हैं की कैसे भय से छुटकारा पाया जा सकता है ज्योतिषीय उपायों द्वारा?
- डर से बाहर आने के लिए डर को समझना जरुरी होता है और फिर हमे अपने आत्मविश्वास को बढ़ाना होता है, अपने शक्तियों को जानना होता है.
- दूसरा तरीका है की हनुमान कवच धारण करके हम अपने आपको नकारात्मक उर्जा से बचा सकते हैं.
- रोज हनुमान चालीसा का पाठ बोल के करने से भी लाभ होता है.
- अमोघ शिव कवच का पाठ भी भय से मुक्त करता है.
- अगर शिव तांडव स्त्रोत को जोर से पढ़ा जाए या सुना जाए तो भी डर जाता रहता है.
- राम रक्षा स्त्रोत भी एक अच्छा तरीका है भय से मुक्ति के लिए.
- इसके अलावा कुंडली में जो ग्रह भय उत्पन्न कर रहा हो उसके हिसाब से भी ज्योतिष से उपाय करवाना चाहिए. read more bout अपने भय, डर, चिंता से कैसे मुक्ति पायें आसानी से
डर जातक के जीवन को नरक जैसा बना देता है, भय जीवन को जहन्नुम बना देता है और असफलता का एक बड़ा कारण होता है. इससे बाहर आने के लिए प्रयास अतिशीघ्र करना चाहिए.
अपने आपको शक्तिशाली बनाएं, अपने आपको निडर बनाए, बढ़ाए अपनी आत्म शक्ति को और जी लीजिये सफल जीवन.
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