ज्योतिष में दिन और नक्षत्रो को जानिए हिंदी में, क्या महत्त्व है नक्षत्रो के स्वामी के बारे में जानने का, मूल नक्षत्र को जानिए.
ज्योतिष एक समुद्र हैं और इसके तह तक जितना जाने की कोशिश करेंगे उतने ही नए चीजो के बारे में ज्ञान मिलता जाएगा. इसी कारन ये एक जीवन भर सिखने योग्य विषय है. इस पाठ में हम जानेगे दिन और नक्षत्रो के बारे में. नक्षत्र वास्तव में तारा समूह को कहा जाता है जो की हमारे जीवन पर गहरा असर छोड़ते हैं. हर नक्षत्र का अपना स्वामी होता है. इस पाठ में हम नक्षत्रो के स्वामी के बारे में भी जानेंगे. साथ ही हम जानेंगे मूल नक्षत्रो के बारे में.
एक सप्ताह में ७ दिन होते हैं और ये हैं – रविवार, सोमवार, मंगलवार, बुधवार, गुरुवार, शुक्रवार, शनिवार और इनके स्वामी है सूर्य, चन्द्रमा, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र और शनि.
इसी प्रकार कुल २७ नक्षत्र होते हैं जैसे अश्विनी, भरनी, कृतिका रोहिणी आर्द्र आदि और इनके अपने स्वामी होते हैं.
ज्योतिष एक समुद्र हैं और इसके तह तक जितना जाने की कोशिश करेंगे उतने ही नए चीजो के बारे में ज्ञान मिलता जाएगा. इसी कारन ये एक जीवन भर सिखने योग्य विषय है. इस पाठ में हम जानेगे दिन और नक्षत्रो के बारे में. नक्षत्र वास्तव में तारा समूह को कहा जाता है जो की हमारे जीवन पर गहरा असर छोड़ते हैं. हर नक्षत्र का अपना स्वामी होता है. इस पाठ में हम नक्षत्रो के स्वामी के बारे में भी जानेंगे. साथ ही हम जानेंगे मूल नक्षत्रो के बारे में.
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jyotish mai din aur nakshatra ko janiye |
एक सप्ताह में ७ दिन होते हैं और ये हैं – रविवार, सोमवार, मंगलवार, बुधवार, गुरुवार, शुक्रवार, शनिवार और इनके स्वामी है सूर्य, चन्द्रमा, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र और शनि.
इसी प्रकार कुल २७ नक्षत्र होते हैं जैसे अश्विनी, भरनी, कृतिका रोहिणी आर्द्र आदि और इनके अपने स्वामी होते हैं.
आइये जानते हैं नक्षत्रो के स्वामी के बारे में जानने का महत्त्व :
एक महत्त्वपूर्ण प्रश्न हमारे दिमाग में आता है की नक्षत्रो के स्वामी के बारे में जानना क्यों जरुरी है, इसका उत्तर ये है की जब भी पूजा पाठ, कर्म काण्ड आदि किये जाते हैं तो उसके लिए महुरत निकालना होता है. अलग अलग कार्यो के लिए अलग अलग नक्षत्रो और दिन की जरुरत होती है. जैसे की अगर किसी को सूर्य की पूजा करनी हो तो उसके लिए रविवार का दिन शुभ होगा क्यूंकि सूर्य रविवार के स्वामी हैं.आइये अब जानते हैं मूल नक्षत्र के बारे में :
मूल नक्षत्रो का अपना महत्त्व हैं. ऐसा माना जाता है की इन नक्षत्रो में जन्म लेने वाले बच्चे कुछ समस्या उत्पन्न करते हैं अपने लिए या फिर अपने माता पिता के लिए. इसी कारण शांति पूजा करने की सलाह दी जाती है.
कुल ६ नक्षत्र होते हैं जिनको की मूल नक्षत्र कहा जाता है. नीचे हम इनके बारे में भी जानेंगे.
सबसे पहले जानते हैं ७ दिन और उनके स्वामी के बारे में :
कुल ७ दिन होते हैं, हर दिन की शुरुआत रात्री को १२ से होती है. हर दिन के अपने ही स्वामी होते हैं. आइये जानते हैं सबके बारे में.
दिन के नाम | स्वामी ग्रह |
---|---|
रविवार | सूर्य |
सोमवार | चन्द्रमा |
मंगलवार | मंगल |
बुधवार | बुध |
गुरुवार | गुरु |
शुक्रवार | शुक्र |
शनिवार | शनि |
आइये अब जानते हैं नक्षत्रो और उनके स्वामी के बारे में:
जैसा की मैंने ऊपर बताया की तारा समूह को नक्षत्र कहते हैं और ज्योतिष में २७ नक्षत्रो के बारे में उल्लेख मिलता है. चन्द्रमा इन २७ नक्षत्रो से गुजरता रहता है समय समय पर. चन्द्रमा करीब १ दिन में एक नक्षत्र से गुजर जाता है.
सूर्य भी इन नक्षत्रो से गुजरता है परन्तु उसे १३ से १४ दिन लगते हैं. हर नक्षत्र का अपना स्वामी है. नीचे इसकी जानकारी दी जा रही है-
नक्षत्रो के नाम | नक्षत्रो के स्वामी |
---|---|
अश्विनी | अश्विनी कुमार |
भरणी | काल |
कृतिका | अग्नि |
रोहिणी | ब्रह्मा |
मृगशिरा | चन्द्रमा |
आर्द्रा | रूद्र |
पुनर्वसु | अदिती |
पुष्य | बृहस्पति |
अश्लेशा | पितृ |
मघा | पितृ |
पूर्वाफाल्गुनी | भग |
उत्तराफाल्गुनी | अर्यमा |
हस्त | सूर्य |
चित्रा | विश्वकर्मा |
स्वाति | पवन |
विशाखा | शुक्रग्नी |
अनुराधा Anuradha | मित्र |
ज्येष्ठा | इंद्र |
मूल | नीरती |
पूर्वाशाडा | जल |
उत्तराशादा | विश्वदेव |
श्रवण | विष्णु |
धनिष्ठा | वसु |
शतभिषा | वरुण |
पूर्वाभाद्रपद | अजैक पाद |
उत्तराभाद्रपद | अहीर बुध्न्या |
रेवती | पूषा |
अभिजित | ब्रह्मा |
ऊपर मैंने २७ नक्षत्र के बारे में बताया है परन्तु हमारे ज्योतिष में एक और विशेष नक्षत्र के बारे में बताया है उसे “अभिजीत नक्षत्र ” कहते हैं.
आइये अब जानते हैं मूल नक्षत्र के बारे में :
भारतीय ज्योतिष में मूल नक्षत्र को बहुत महत्त्व प्राप्त है. अगर किसी का जन्म मूल नक्षत्र में होता है तो विशेष शान्ति पूजा करना होता है जिससे की बच्चे और माता –पिता को ग्रहों के बुरे प्रभाव से से मुक्त रखा जाए.
इए ६ नक्षत्र हैं जो की मूल नक्षत्र में आते हैं :
१. आश्लेषा
२. ज्येष्ठा
३. मूल
ऊपर के ३ नक्षत्र ज्यादा प्रभावशाली होते हैं.
४. अश्विनी
५. मघा
६. रेवती
ऊपर मैंने दिन और नक्षत्रो साथ ही उनके स्वामी के बारे में जानकारी दी है, ज्योतिष प्रेमियों के लिए अती महत्त्वपूर्ण जानकारियां हैं.
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