Surya ka gochar kumbh me, सूर्य का कुम्भ राशि में गोचर कब होगा 2025 में, क्या असर होगा 12 राशियों पर, जानिए राशिफल, surya kumbh raashi mai kab pravesh karenge. Surya ka gochar kumbh me: सौर मंडल के राजा सूर्य 12 फ़रवरी, बुधवार को रात्रि में लगभग 9:39 बजे कुम्भ राशि में प्रवेश करेंगे और अगले 1 महीने इसी राशि में रहेंगे | यहाँ पर पहले से ही बुध और शनि ग्रह बैठे हुए हैं जिसके कारण सूर्य, शनि और बुध की युति होगी | अतः लोगो के जीवन में और वातावरण में बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे | सूर्य कुम्भ राशि में 14 मार्च २०25 तक रहेंगे और फिर मीन राशि में प्रवेश करेंगे | इस लेख में हम जानेंगे की सूर्य के कुम्भ राशि में गोचर का क्या असर होगा 12 राशियों पर | Surya ka Kumbh Rashi Mai gochar ka Rashifal वैदिक ज्योतिष के अनुसार सूर्य का सम्बन्ध पिता से है, मान-सम्मान से है, उच्च अधिकारियों, आत्मशक्ति, यात्रा आदि से है| कुंडली में मौजूद शुभ और शक्तिशाली सूर्य जातक को राजा बना देता है अर्थात जिस भी क्षेत्र में वो रहता है उसमे एक अलग ही पहचान बनाता है | सूर्य के कारण जातक को नेतृत्त्व...
५२ शक्ति पीठ भारत में, कहाँ मौजूद है ५२ शक्तिपीठ, कौन सी देवी की पूजा होती है ५२ शक्तिपीठो में.
भारत में शक्तिपीठो का बहुत महत्त्व है, रोज हजारो लोग शक्तिपीठो में साधना और दर्शन के लिए पहुँचते हैं. ऐसी मान्यता है भक्तो की कि शक्तिपीठो में दर्शन पूजन करने से माता की कृपा तुरंत प्राप्त होती है. महाशक्ति स्वयं शक्तिरूप में शक्तिपीठो में मौजूद है.
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52 Shaktipeeth Ke Bare Me Janiye |
पुराणों के अनुसार शक्तिपीठो में माता के अंग गिरे थे इस कारण ये सब स्थान प्रसिद्द हो गए और शक्तिशाली भी.
आइये जानते हैं ५२ शक्तिपीठो के बारे में साथ ही वहां की अधिष्ठात्री देवी और स्थान के बारे में
- हिंगुला शक्तिपीठ – बिलोचिस्थान में है और यहाँ भैरवी की पूजा होती है. यहाँ पर माता के सर का उपरी हिस्सा ब्र्हम्रंध्र गिरा था.
- किरीट शक्तिपीठ – बटनगर – हावड़ा में और यहाँ भुवनेश्वरी देवी की पूजा होती है.
- नंदिपुर शक्तिपीठ सेंथिया –हावड़ा में जहाँ नंदिनी देवी की पूजा होती है.
- अट्टहास शक्तिपीठ लाभपुर अहमदपुर, बंगाल में जहाँ फुल्लारा देवी की पूजा होती है.
- वक्त्रेश्वर शक्तिपीठ – अंडाल, हावड़ा में जहाँ पर महिषमर्दिनी की पूजा होती है.
- नलहाटी शक्तिपीठ – नलहाटी हावड़ा में जहाँ कालिका की पूजा होती है.
- बहुला शक्तिपीठ – सतवा , बंगाल में जहाँ चंडिका देवी की पूजा होती है.
- त्रिस्त्रोता शक्तिपीठ – जलपाईगुड़ी, बंगाल में जहाँ पर भ्रामरी देवी की पूजा होती है.
- कामगिरी शक्तिपीठ - गौहाटी असाम में जहां पर कामख्या की पूजा होती है.
- जयंती शक्तिपीठ – जयंतिया असाम में जहाँ पर जयंती देवी की पूजा होती है.
- कालीपीठ शक्तिपीठ – कलकत्ता में जहाँ पर कालिका की पूजा होती है.
- वृन्दावन शक्तिपीठ - वृन्दावन में जहाँ पर उमा देवी की पूजा होती है.
- करवीर शक्तिपीठ – कोल्हापुर में जहाँ पर महिषमर्दिनी की पूजा होती है.
- सुगंध शक्तिपीठ – शिकारपुर, बरिसल में जहाँ सुनंदा देवी की पूजा होती है.
- करतोय तट शक्तिपीत – भवानीपुर, बोगडा में जहाँ पर अपर्णा देवी की पूजा होती है.
- श्री पर्वत शक्तिपीठ – लद्दाख में जहाँ पर श्री सुन्दरी की पूजा होती है.
- वाराणसी शक्तिपीठ – काशी में जहाँ पर विशालाक्षी की पूजा होती है.
- गण्डकी शक्तिपीठ – राज्माहेंदरी में जहाँ पर विश्वेश्वरी की पूजा होती है.
- गोदावरी तट शक्तिपीठ – मुक्तिनाथ, नेपाल में जहाँ पर गण्डकी की पूजा होती है.
- शुची शक्तिपीठ – कन्याकुमारी में जहाँ नारायणी की पूजा होती है.
- पञ्चसागर शक्तिपीठ – अज्ञात है पर यहाँ पर वाराही की पूजा होती है.
- ज्वालामुखी शक्तिपीठ – कांगड़ा में जहाँ पर अम्बिका देवी की पूजा होती है.
- जनस्थान शक्तिपीठ – नासिक में जहाँ भ्रामरी देवी की पूजा होती है.
- कश्मीर शक्ति पीठ - अमरनाथ में जहाँ महामाया की पूजा होती है.
- श्री शैल शक्तिपीठ - श्री शैल मल्लिकार्जुन में जहाँ महालक्ष्मी की पूजा होती है.
- मिथिला शक्तिपीठ – जनकपुर जहाँ महादेवी की पूजा होती है.
- रत्नावली शक्तिपीठ - मद्रास में जहाँ कुमारी देवी की पूजा होती है.
- प्रभास शक्तिपीठ – गिरनार, गुजरात में जहाँ पर चंद्रभागा देवी की पूजा होती है.
- जालंधर शक्तिपीठ – जालंधर, पंजाब में जहाँ पर त्रिपुर्मालिनी की पूजा होती है.
- रामगिरी शक्तिपीठ - मैहर , मध्य प्रदेश में जहाँ पर शिवानी देवी की पूजा होती है.
- वैद्यनाथ शक्तिपीठ – वैद्यनाथ धाम , बिहार में जहाँ जयदुर्गे की पूजा होती है.
- कन्याकश्रम शक्तिपीठ – कन्याकुमारी में जहाँ पर शरवानी देवी की पूजा होती है.
- चटटल शक्तिपीठ - चटगाँव में जहाँ भवानी देवी की पूजा होती है.
- मणिवेदिका शक्तिपीठ - पुष्कर में जहाँ गायत्री देवी की पूजा होती है.
- मानस शक्तिपीठ – मानसरोवर में जहाँ पर दाक्षायनी की पूजा होती है.
- यशोर शक्तिपीठ – खुलना जैसौर में जहाँ पर यशोरेश्वरी की पूजा होती है.
- प्रयाग शक्तिपीठ – प्रयाग में जहाँ पर प्रयाग देवी की पूजा होती है.
- विरजा क्षेत्र शक्तिपीठ – पूरी , उड़ीसा में जहाँ पर विमला देवी की पूजा होती है.
- कांची शक्तिपीठ – कन्चिपुरी में जहाँ पर देवगर्भा की पूजा होती है.
- कालमाधव शक्तिपीठ – अज्ञात है पर यहाँ पर काली की पूजा होती है.
- शोण शक्तिपीठ – अमरकंटक में जहाँ पर नर्मदा देवी की पूजा होती है.
- नेपाल शक्तिपीठ – नेपाल में जहाँ पर महामाया की पूजा होती है.
- मगध शक्तिपीठ – पटना में जहाँ पर सर्वानन्दकरी देवी की पूजा होती है.
- त्रिपुरा शक्तिपीठ – त्रिपुरा में जहाँ पर त्रिपुरसुन्दरी की पूजा होती है.
- त्रिमाख शक्तिपीठ – मिदनापुर बंगाल में जहाँ पर कपालिनी की पूजा होती है.
- कुरुक्षेत्र शक्तिपीठ – जहाँ पर कुरुक्षेत्र में जहाँ पर सावित्री की पूजा होती है.
- लंका शक्तिपीठ - सिंहल में जहाँ पर इन्द्राक्षी की पूजा होती है.
- युगाधा शक्तिपीठ - बर्दवान में जहाँ पर भुतधात्री की पूजा होती है.
- विराट शक्तिपीठ - जयपुर में जहाँ पर अम्बिका देवी की पूजा होती है.
- कर्णाट शक्तिपीठ – कर्णाटक में जहाँ पर जयदुर्गे की पूजा होती है.
- उज्जैनी शक्तिपीठ – उज्जैन में जहाँ मंगला देवी की पूजा होती है.
- भैरव पर्वत शक्तिपीठ - उज्जैन में जहाँ पर अवंती देवी की पूजा होती है.
ये ५२ शक्तिपीठ दिव्य है और साधको को यहाँ पर अद्भुत शक्तियां प्राप्त होती है , भक्तगण भी यहाँ दर्शन और पूजन करके जीवन को सफल बनाते हैं.
माता की कृपा सब पर बनी रहे, महाशक्ति हमारी रक्षा करती रहे बुरी शक्तियों से.
५२ शक्ति पीठ भारत में, कहाँ मौजूद है ५२ शक्तिपीठ, कौन सी देवी की पूजा होती है ५२ शक्तिपीठो में.
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