हरतालिका तीज का त्यौहार कब है 2023 में , तीज पूजा का असान तरीका, hartalika teej significance in hindi, क्या फायदे है हरतालिका तीज का , हरतालिका व्रत और कथा, क्या करे मनोकामना पूर्ण करने के लिए हरतालिका तीज को.
भारत में भाद्रपद महीने के तृतीय तिथि को एक और महत्त्वपूर्ण त्यौहार मनाया जाता है जिसे हरतालिका तीज कहते है. ये त्यौहार कुंवारी और शादीसुदा महिलाए दोनों के लिए महत्त्व रखता है. कुंवारी कन्याएं और शादी सुदा महिलायें इस त्यौहार को बहुत ही उत्साह से मनाती है.
Haritalika Teej 2023 Mahurat:
हिन्दू पंचांग अनुसार हरतालिका तीज भाद्रपद शुक्लपक्ष की तृतीया तिथि को आती है | सन 2023 में हरतालिका तीज 18 september सोमवार को मनेगा | इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखकर अपने पति की लम्बी आयु होने, उनके सुखी जीवन और आरोग्यता के लिए व्रत रखती हैं.2023 हरतालिका तीज व्रत: शुभ मुहूर्त:
पंचांग के अनुसार, भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 17 तारीख रविवार को दिन में 11:11 बजे से शुरू होगी और 18 तारीख सोमवार को दोहपर 12:40 तक रहेगी |
तो उदय तिथि अनुसार 18 सितम्बर को हरतालिका तीज मनाई जाएगी |
ऐसी मान्यता है की इस पूजा को करने से परिवार में सुख और सम्पन्नता आती है, शादी शुदा महिलाए अपने पति की लम्बी उम्र के लिए ये पूजा करती है. कुंवारी कन्या मनपसंद पति के लिए ये पूजा करती है. इस पूजा में देवी पार्वती के साथ शिवजी की पूजा होती है.
हरतालिका तीज का व्रत बहुत कठिन होता है क्यूंकि इस दिन जल और अन्न दोनों ही मना रहता है, इस दिन धैर्य और शक्ति की परीक्षा होती है. जो महिलायें और कन्याएं ये उपवास करती है वो महान है और शक्तिशाली है. पूरी रात महिलायें और कन्याएं पूजा पाठ में ही समय बिताती है, मंत्र जप करती है, भजन करती है, कहानी सुनती है. पति भी अपनी पत्नी की सहायता करते हैं पूजा की तैयारी में.
क्या आप जानते हैं की हरतालिका के बाद गणेश चतुर्थी आती है.
कुछ राज्यों में लोग शिव और पार्वती जी की शोभायात्रा भी निकलते हैं , भक्त गण भजन कीर्तन करते, नाचते-गाते चलते हैं. धार्मिक नगरियों जैसे उज्जैन, महेश्वर, ओम्कारेश्वर, आदि में तो वातावरण ही बदल जाता है, हर तरफ शिव मंत्रो और भजन सुनाई देते हैं.
काफी उत्साह नजर आता है भक्तो में इस पूजा को लेके, बाजार में नै रौनक आ जाती है.
हरतालिका तीज का व्रत बहुत कठिन होता है क्यूंकि इस दिन जल और अन्न दोनों ही मना रहता है, इस दिन धैर्य और शक्ति की परीक्षा होती है. जो महिलायें और कन्याएं ये उपवास करती है वो महान है और शक्तिशाली है. पूरी रात महिलायें और कन्याएं पूजा पाठ में ही समय बिताती है, मंत्र जप करती है, भजन करती है, कहानी सुनती है. पति भी अपनी पत्नी की सहायता करते हैं पूजा की तैयारी में.
क्या आप जानते हैं की हरतालिका के बाद गणेश चतुर्थी आती है.
कुछ राज्यों में लोग शिव और पार्वती जी की शोभायात्रा भी निकलते हैं , भक्त गण भजन कीर्तन करते, नाचते-गाते चलते हैं. धार्मिक नगरियों जैसे उज्जैन, महेश्वर, ओम्कारेश्वर, आदि में तो वातावरण ही बदल जाता है, हर तरफ शिव मंत्रो और भजन सुनाई देते हैं.
काफी उत्साह नजर आता है भक्तो में इस पूजा को लेके, बाजार में नै रौनक आ जाती है.
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आइये जानते हैं हरतालिका तीज सामग्री की लिस्ट :
- भगवान शिव, माता पार्वती और गणेश जी बनाने के लिए काली मिट्टी|
- पूजा की चौकी
- पीला वस्त्र
- केला के पत्ते
- जनेऊ
- कच्चा सूत
- नए वस्त्र
- बेलपत्र, धतूरा, भांग, शमी पत्र,
- एक जोड़ी जनेऊ/यज्ञोपवीत भगवन शिव और गणेश जी के लिए
- मां पार्वती के लिए एक हरी साड़ी
- सुहाग /श्रृंगार का सामान
- कलश, अक्षत्, दूर्वा, तेल, घी, कपूर, अबीर, श्रीफल, चंदन, गाय का दूध, गंगाजल, दही, चीनी, शहद और पंचामृत चीजें भी हरियाली व्रत पूजा के लिए चाहिए.
आइये जानते हैं तीज पूजा कैसे की जाती है :
माँ पार्वती जो की महिलाओं और कन्याओं के लिए एक आदर्श है क्यूंकि उन्होंने बरसो तक तपस्या करके भागवान शिव को पाया. उन्होंने ये बता दिया की तपस्या द्वारा कुछ भी पाया जा सकता है.क्या आप जानते हैं की हरतालिका के १ दिन बाद ऋषि पंचमी आती है?
इसी कारण भक्त भी पूजा पाठ द्वारा मनोकामना पूर्ण करना चाहते हैं. पूरी रात्रि को महिलाए और कन्याएं मंदिर में एकत्रित होती हैं या फिर किसी एक जगह एकत्रित होते हैं, विशेष व्यवस्थाएं की जाती है पूजा के लिए और कुछ कुछ अंतराल में पूजाएँ की जाती है. तीज की कथा भी ब्राह्मण द्वारा या फिर किसी भक्त के द्वारा पढ़ी जाती है और सब सुनते हैं. पूरी रात दीप दान किया जाता है. फूल, फल, भोग द्वारा माताजी और शिवजी की कृपा प्राप्त करने के लिए चढ़ाएं जाते हैं.
एक और महत्त्वपूर्ण बात ये है की इस रात्रि शिवलिंग मिटटी से बनाए जाते हैं और और सुबह उन्हें पूजन के बाद विसर्जित कर दिया जाता है.
आइये जानते हैं हरतालिका तीज पूजा के फायदे:
- इस पूजा के द्वारा मनचाहा साथी मिल सकता है.
- तीज पूजा के द्वारा गंभीर बीमारियों से छुटकारा मिल सकता है.
- इस पूजा के द्वारा सम्पन्नता को लाया जा सकता है.
- जाने अनजाने किये पाप से छुटकारा मिल सकता है.
- लड़कियां कुंडली के दोषों से मुक्त हो सकती है.
अतः इस पूजा को करके सुखी और अच्छा जीवन जिया जा सकता है.
भगवान शिव को प्रसन्न करने के मंत्र:
ॐ शिवाये नमः, ॐ उमापतये नमः, ॐ हराय नमः
आइये जानते हैं 18 सितम्बर को, तीज के दिन ग्रहों की स्थिति कैसी रहेगी ?
- hartalika teej ke din सूर्य और चन्द्रमा सम राशि में रहेंगे |
- मंगल, शुक्र और राहू शत्रु राशि में रहेंगे |
- बुध , गुरु और केतु मित्र राशि में रहेंगे |
- शनि स्व राशि में रहेंगे |
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